Thursday, March 14, 2019

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तेजपाल खिल्लन के खिलाफ कार्रवाई करने/करवाने से नरेश अग्रवाल को बचता देख, जेपी सिंह ने भी केएम गोयल को अधर में छोड़ा और फजीहत का शिकार बनाया

नई दिल्ली । इंटरनेशनल डायरेक्टर जेपी सिंह के ऐन मौके पर 'पीछे हटने' के कारण डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की कॉल को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर तेजपाल खिल्लन को घेरने/फँसाने की पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर केएम गोयल की कोशिशों में पलीता लग गया लगता है । केएम गोयल के नजदीकियों का कहना है कि तेजपाल खिल्लन को फँसाने के लिए जेपी सिंह ने पहले तो केएम गोयल को इस्तेमाल किया, लेकिन फिर लगता है कि उन्होंने तेजपाल खिल्लन से कोई 'सौदा' कर लिया है - और केएम गोयल के साथ मिलकर की जा रही कार्रवाई से अपने आपको अलग कर लिया है । कुछेक लोगों को इस मामले में पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल की भूमिका भी नजर आ रही है, जिसके चलते जेपी सिंह के लिए भी कुछ कर सकना असंभव हुआ है । केएम गोयल के कुछेक नजदीकियों को यह भी लग रहा है कि जेपी सिंह के बस की कुछ करना/करवाना है नहीं; और केएम गोयल नाहक ही उनकी बातों में आ गए । केएम गोयल के नजदीकियों को यह भी शक है कि जेपी सिंह चूँकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव से जुड़ी अदालती कार्रवाई से परेशान हैं, और इस परेशानी से मुक्त होना चाहते हैं - और उन्हें लगता है कि तेजपाल खिल्लन उन्हें उक्त झमेले से मुक्ति दिला सकते हैं, इसलिए वह तेजपाल खिल्लन से कभी 'गर्म' तो कभी 'सर्द' संबंध बनाते रहते हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की कॉल को लेकर तेजपाल खिल्लन ने लायंस इंटरनेशनल व मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के नियम-कानूनों की जैसी जो ऐसीतैसी की, उसमें जेपी सिंह को तेजपाल खिल्लन की 'गर्दन मरोड़ने' का मौका दिखा, और इस मौके का इस्तेमाल करने की कार्रवाई में उन्होंने केएम गोयल को शामिल कर लिया । एक ही डिस्ट्रिक्ट में होने के बावजूद केएम गोयल और तेजपाल खिल्लन के बीच वर्षों से चलती रहने वाली उठापटक लायन समाज में जगजाहिर है ही; लिहाजा केएम गोयल को जेपी सिंह के 'खेल' में शामिल होने में गुरेज नहीं हुआ । 
जेपी सिंह की योजना थी कि केएम गोयल डिस्ट्रिक्ट के किसी लायन से कॉल को लेकर हुए नियमों के उल्लंघन की शिकायत लायंस इंटरनेशनल में दर्ज करवाएँ/भिजवाएँ - लायंस इंटरनेशनल से कार्रवाई वह करवायेंगे । शिकायत दर्ज होने के बाद जेपी सिंह की तरफ से तेजपाल खिल्लन के खिलाफ लायंस इंटरनेशनल की कार्रवाई का भरोसा केएम गोयल को लगातार मिलता रहा, लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है - उससे केएम गोयल और उनके नजदीकियों को लग रहा है कि जेपी सिंह ने उनका पोपट बना दिया है - और तेजपाल खिल्लन से हाथ मिला लिया है ।  उल्लेखनीय है कि तेजपाल खिल्लन की तरफ से पहले 5 जनवरी को ऑफिशियल कॉल निकाली गई, जिसमें 8 मार्च को डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस करने की बात कही गई थी । उक्त कॉल में रही/बनी खामियों की शिकायत लायंस इंटरनेशनल कार्यालय तक जा पहुँची, तब तेजपाल खिल्लन ने आनन/फानन में दूसरी कॉल निकाल दी, जिसके अनुसार डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के लिए 30 मार्च की नई तारीख और फरीदाबाद के रूप में नई जगह का ऐलान किया गया । तेजपाल खिल्लन द्वारा निकाली गई दूसरी कॉल को लेकर आरोप यह लगा कि इसके लिए तेजपाल खिल्लन ने डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट की मंजूरी नहीं ली है, और मनमाने तरीके से इसे जारी कर दिया है । लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों के अनुसार, ऑफिशियल कॉल के लिए डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होती है; और ऑफिशियल कॉल में बाद में यदि कोई संशोधन/परिवर्तन करने की जरूरत होती है तो उसके लिए भी कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होती है । तेजपाल खिल्लन ने ऑफिशियल कॉल में संशोधन/परिवर्तन ही नहीं किया है, बल्कि पूरी कॉल ही बदल दी है - और एक तरीके से दूसरी नई कॉल जारी की है, और इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी ही नहीं ली है । इस तरह, इस दूसरी ऑफिशियल कॉल को भी अवैधानिक माना/बताया गया । इस पर लायंस इंटरनेशनल से कार्रवाई करवाने के लिए ही जेपी सिंह ने केएम गोयल से हाथ मिलाया था - केएम गोयल के नजदीकियों का कहना है कि जेपी सिंह ने अपना मतलब निकालने के लिए अपना दूसरा हाथ तेजपाल खिल्लन से मिला लिया और इस तरह लायंस इंटरनेशनल की तरफ से तेजपाल खिल्लन के खिलाफ हो सकने वाली कार्रवाई अधर में लटक गई है ।
लायन लीडर्स के नजदीकियों का इस मामले में यह भी कहना है कि पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल के हस्तक्षेप के कारण जेपी सिंह और केएम गोयल की तेजपाल खिल्लन को फँसाने की योजना में पंक्चर हुआ है । नरेश अग्रवाल दरअसल चेन्नई व मुंबई के कुछेक लायंस द्वारा लायंस को-ऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इंडिया एसोसिएशन के खिलाफ छेड़ी गई 'लड़ाई' से ही परेशान हैं, और वह अभी दिल्ली में कोई और लड़ाई का माहौल नहीं बनाना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने तेजपाल खिल्लन की 'हरकत' को लायंस इंटरनेशनल द्वारा नजरअंदाज करने/करवाने का काम किया है । नरेश अग्रवाल को डर हुआ कि कॉल के मामले में नियमों का उल्लंघन करने को लेकर तेजपाल खिल्लन के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई, तो तेजपाल खिल्लन चेन्नई व मुंबई के विरोधी बने लायन नेताओं से तार जोड़ लेंगे और दिल्ली में उनके खिलाफ मोर्चा खोल देंगे, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई को टाल दिए जाने में ही भलाई है । लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारी भी 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' वाले अंदाज में फैसले करते हैं, इसलिए तेजपाल खिल्लन की नियम विरुद्ध हरकत पर वह चुप्पी मार कर बैठ गए हैं । नरेश अग्रवाल के रवैये को देख/जान कर जेपी सिंह ने भी मामले से अपने हाथ खींच लिए हैं । मजे की बात यह हुई है कि केएम गोयल के साथ मिल कर तेजपाल खिल्लन की गर्दन दबोचने की तैयारी कर रहे जेपी सिंह अब इस जुगाड़ में लग गए हैं कि तेजपाल खिल्लन उनके मामले में चल रही अदालती कार्रवाई के मसले को निपटवाएँ - ताकि इंटरनेशनल डायरेक्टरी वह चैन से कर सकें । जेपी हालाँकि अभी केएम गोयल को तेजपाल खिल्लन के खिलाफ कार्रवाई होने का झाँसा भी दे रहे हैं, जिसके चलते लेकिन केएम गोयल को फजीहत का शिकार होना पड़ रहा है ।