Friday, October 6, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री को 'बेहोशी' की हालत से बाहर लाने की लीडरशिप की कोशिशों में, वीके हंस को डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी की कुर्सी मिलने का संकेत भी छिपा है क्या ?

नई दिल्ली । विक्रम शर्मा के क्लब को फिर से 'जिंदा' करने के लीडरशिप के फैसले को देखते/'पढ़ते' हुए डिस्ट्रिक्ट के लोगों को वीके हंस को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की 'गद्दी' मिलने के सपने दिखने लगे हैं । विक्रम शर्मा के क्लब का फिर से 'जिंदा' होना यूँ तो कोई बड़ी बात नहीं है; लेकिन विक्रम शर्मा की जो 'राजनीति' रही और जिसके चलते उनके क्लब को बंद किया गया और तमाम कोशिशों के बावजूद जिसे पुनर्जीवन न मिलता देख विक्रम शर्मा को डिस्ट्रिक्ट 321 ए वन के एक क्लब में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा - उन सब बातों को याद करें तो पायेंगे कि विक्रम शर्मा के क्लब के 'जिंदा' होने की बात कोई साधारण बात नहीं है; और वास्तव में यह बात किसी बड़ी हलचल की आहट है । इस आहट का महत्त्व अगले महीने होने वाली इंटरनेशनल बोर्ड की मीटिंग के एजेंडे में डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के मामले के शामिल होने से बढ़ जाता है । वीके हंस और उनके समर्थकों व शुभचिंतकों को लग रहा है कि अगले महीने हो रही इंटरनेशनल बोर्ड की मीटिंग में उन्हें अपने लिए अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है ।
वीके हंस और उनके समर्थकों को ऐसा इसलिए भी लग रहा है, क्योंकि डिस्ट्रिक्ट के नेताओं के बीच वीके हंस के विरोध के स्वर काफी धीमे हुए हैं । उल्लेखनीय है कि पिछले लायन वर्ष में भी डिस्ट्रिक्ट की 'बेहोशी' को दूर करने की बात चली थी, लेकिन उस समय वीके हंस को गवर्नर बनाने के मुद्दे पर कई पूर्व गवर्नर्स के रवैये को देखते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था । उससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच संदेश यह गया है कि लीडरशिप वीके हंस के साथ 'न्याय' करना चाहती है, और पूर्व गवर्नर्स यदि वीके हंस के साथ न्याय करने में सहयोग नहीं करते हैं - तो लीडरशिप डिस्ट्रिक्ट को फिर बेहोशी की हालत में ही पड़े रहने देगी । समझा जाता है कि लीडरशिप की तरफ से यह संकेत मिलने पर वीके हंस को गवर्नरी 'मिलने' का विरोध कर रहे अधिकतर पूर्व गवर्नर्स ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और अब वह वीके हंस को गवर्नरी 'देने' को लेकर विरोध करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं । वीके हंस के विरोध को लेकर हर्ष बंसल अब पूरी तरह अकेले पड़ गए दिख रहे हैं । केएम गोयल की खिलाफत के मुद्दे पर हर्ष बंसल जिस तरह से अलग-थलग पड़े हैं, उससे भी लगता है कि हर्ष बंसल की नकारात्मक राजनीति को डिस्ट्रिक्ट में अब कोई समर्थन नहीं रह गया है । दरअसल अधिकतर लोग डिस्ट्रिक्ट की बेहोशी की हालत से अब उकता गए हैं और जल्दी से जल्दी डिस्ट्रिक्ट को बेहोशी की हालत से बाहर निकालना/निकलवाना चाहते हैं - और इसलिए अब ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते हैं कि जिससे लीडरशिप को डिस्ट्रिक्ट को बेहोशी की हालत में ही डाले रखने का बहाना मिले ।
वीके हंस को अगले लायन वर्ष की गवर्नरी देने के मुद्दे पर लीडरशिप के बीच हालाँकि इसे लेकर जरूर असमंजस है कि उन्हें नोमीनेट किया/करवाया जाए, और या इलेक्ट करवाया जाए । कुछेक को लगता है कि वीके हंस को इलेक्ट करवाने के प्रयासों पर कोई बबाल कर सकता है, जिसे लेकर खामखाँ का बखेड़ा होगा; इसलिए मामले को अभी लटकाए रखा जाए - और जून की इंटरनेशनल बोर्ड मीटिंग में वीके हंस को नोमीनेट किया/करवाया जाए । लीडरशिप के कुछेक लोगों की राय लेकिन यह है कि अगले माह होने वाली बोर्ड की मीटिंग में ही वीके हंस के लिए 'रास्ता' खोला जाए - और उन्हें अगले लायन वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में इलेक्ट करवाने की तैयारियाँ शुरू की जाएँ; और देखा जाए कि कौन विरोध करता है और उसके विरोध को डिस्ट्रिक्ट में कितना समर्थन मिलता है ? इससे यह तय करने में भी आसानी होगी कि डिस्ट्रिक्ट की बेहोशी को अभी बनाए रखा जाए - या उसे बेहोशी से बाहर लाया/निकाला जाए । लीडरशिप के रवैये को देखते हुए लग रहा है कि जैसे वीके हंस को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की गद्दी सौंपने को उसने भी अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया है । ऐसे में, डिस्ट्रिक्ट के कई लोग वीके हंस को गवर्नरी की कुर्सी की तरफ बढ़ता देख रहे हैं - तो यह बहुत स्वाभाविक सी बात है ।