नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी ने
अनूप मित्तल को रोटरी से बाहर करने के लिए उनके क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली
प्राइड को बंद करवाने के लिए चार महीने जो मेहनत की, अनूप मित्तल ने उनकी
उस मेहनत पर चार दिन में पानी फेर दिया है । अनूप मित्तल ने रोटरी क्लब
दिल्ली चाणक्यपुरी जैसे डिस्ट्रिक्ट के प्रतिष्ठित क्लब में प्रवेश लेकर न
सिर्फ रवि चौधरी की सारी योजना को ध्वस्त कर दिया, बल्कि यह भी दिखा/जता
दिया कि रवि चौधरी के विरोध के बावजूद डिस्ट्रिक्ट के बड़े और प्रतिष्ठित
क्लब्स में उनके लिए जोरदार समर्थन है । मजे की बात यह रही कि रवि चौधरी और
उनके 'कमांडर-इन-चीफ' की पदवी सँभाले बैठे अशोक कंटूर ने उन क्लब्स को कड़ी
निगरानी में रखा हुआ था, जिनमें अनूप मित्तल के जाने की आशंका या संभावना
थी - और उनके प्रेसीडेंट्स तथा अन्य पदाधिकारियों व प्रमुख लोगों पर इस
बात के लिए दबाव बनाया हुआ था कि अनूप मित्तल को अपने क्लब में प्रवेश नहीं
देंगे । रवि चौधरी और अशोक कंटूर ने अनूप मित्तल के प्रवेश को रोकने के
लिए कई क्लब्स में बाड़ लगाई हुई थी, उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि
अनूप मित्तल का चाणक्यपुरी जैसे प्रतिष्ठित क्लब में इंडक्शन हो जाएगा ।
पिछले करीब पंद्रह दिनों की घटनाओं को देखें तो समझ सकते हैं कि अनूप मित्तल ने डिस्ट्रिक्ट के कई क्लब्स के साथ मिल कर रवि चौधरी और अशोक कंटूर का पोपट बना दिया । कई क्लब्स के पदाधिकारियों की तरफ से रवि चौधरी को 'लीक' मिलीं कि अनूप मित्तल अपने साथियों के साथ उनका क्लब ज्वाइन करने की तैयारी कर रहे हैं - जिसके बाद अशोक कंटूर को साथ ले जा कर रवि चौधरी वहाँ 'छापेमारी' करते और अपनी पीठ थपथपाते कि यहाँ से तो उन्होंने अनूप मित्तल का पत्ता साफ कर दिया है । उनके लिए फजीहत की बात यह भी रही कि अपनी इस वीरता की कहानी वह लोगों को सुनाते, तो कई बार उन्हें लोगों से सुनना पड़ता कि इस तरह की हरकतों से वह क्लब्स की कार्रवाईयों में गैरजरूरी हस्तक्षेप कर रहे हैं, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा को नीचे गिरा रहे हैं । इस बात को लेकर कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने भी रवि चौधरी को समझाया/हड़काया - हालाँकि गवर्नरी के नशे में धुत रवि चौधरी पर इसका असर नहीं हुआ । उनका नशा 'उतारने' का काम अनूप मित्तल ने ही किया । अनूप मित्तल ने कई क्लब्स के पदाधिकारियों के साथ मिल कर रवि चौधरी को दूसरी जगहों पर उलझाए रखा, और चुपचाप तरीके से चाणक्यपुरी में अपने और अपने साथियों के इंडक्शन की कार्रवाई को पूरा किया/करवाया - जिसकी भनक तक रवि चौधरी और उनके 'कमांडर' अशोक कंटूर को नहीं लगी ।
अनूप मित्तल की रणनीति के चलते रवि चौधरी का जो पोपट बना, रवि चौधरी उसके लिए अब पूर्व गवर्नर विनोद बंसल और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय भाटिया को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । रवि चौधरी का कहना है कि विनोद बंसल ने पहले तो उन्हें अनूप मित्तल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन बाद में फिर वह पीछे हट गए और उन्हें अकेला छोड़ दिया । रवि चौधरी को शक है कि रोटरी क्लब दिल्ली चाणक्यपुरी की सदस्यता के लिए अनूप मित्तल और उनके साथियों ने जिस तरह की गुपचुप तैयारी की, उसकी जानकारी विनोद बंसल को तो निश्चित रूप से होगी ही - और विनोद बंसल के जरिए विनय भाटिया को भी उक्त जानकारी पक्के तौर पर होगी; लेकिन दोनों ने ही उन्हें धोखा दिया ।
रवि चौधरी ने अनूप मित्तल के क्लब को बंद करवाने के लिए पहले तो केस को मजबूत 'बनाया', और फिर मामले को लोगों के बीच प्रचारित करने में गैरजरूरी दिलचस्पी दिखाई । रोटरी में क्लब बंद होने तथा उनके चार्टर वापस होने की घटना कोई ऐसी 'घटना' नहीं है, जिसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच प्रचारित करने की कोई जरूरत हो । इससे पहले क्या क्लब बंद नहीं हुए हैं ? इससे पहले किस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को किसी क्लब के बंद होने की सूचना - और वह भी दो दो बार दी है ? वास्तव में यह एक सामान्य प्रशासनिक कार्रवाई होती है, जो संबंधित पदाधिकारियों तक ही सीमित होती है । किंतु रवि चौधरी ने रोटरी क्लब दिल्ली प्राइड के बंद होने की बात को जिस तरह से प्रचारित किया, उससे यही साबित हुआ है कि इस मामले में उनकी दिलचस्पी उनकी बदनीयतभरी छोटी सोच का नतीजा है । रवि चौधरी के लिए बदकिस्मती की बात यह हुई है कि उन्होंने जाल बिछाया तो था अनूप मित्तल को फाँसने के लिए, लेकिन उस जाल में वह फँस खुद गए ।
रवि चौधरी की चार महीनों से चली आ रही हरकतों का उद्देश्य तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव से अनूप मित्तल की उम्मीदवारी को हटाने का था, लेकिन रवि चौधरी की हरकतों ने काम किया अनूप मित्तल की उम्मीदवारी को मजबूत करने का । दरअसल एक तरफ तो रवि चौधरी की हरकतों के चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच अनूप मित्तल के प्रति सहानुभूति पैदा हुई है; और दूसरी तरफ अनूप मित्तल ने जिस रणनीति से रवि चौधरी की योजना को फेल किया - उससे उन्होंने एक कुशल रणनीतिकार व एक प्रभावी लीडर होने का सुबूत दिया और इसके चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता में वृद्धि हुई । अनूप मित्तल की इस दोहरी उपलब्धि पर रवि चौधरी बुरी तरह बौखला गए हैं, और बौखलाहट में वह पूर्व गवर्नर दीपक तलवार को भी कोसने लगे हैं । उनकी बौखलाहट को देख कर डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है कि रवि चौधरी अभी चुप नहीं बैठेंगे और अनूप मित्तल के खिलाफ वह अवश्य ही कोई और षड्यंत्र रचेंगे - इसलिए उम्मीद की जा रही है कि रवि चौधरी का अभी और घटियापन देखने को मिलेगा ।
पिछले करीब पंद्रह दिनों की घटनाओं को देखें तो समझ सकते हैं कि अनूप मित्तल ने डिस्ट्रिक्ट के कई क्लब्स के साथ मिल कर रवि चौधरी और अशोक कंटूर का पोपट बना दिया । कई क्लब्स के पदाधिकारियों की तरफ से रवि चौधरी को 'लीक' मिलीं कि अनूप मित्तल अपने साथियों के साथ उनका क्लब ज्वाइन करने की तैयारी कर रहे हैं - जिसके बाद अशोक कंटूर को साथ ले जा कर रवि चौधरी वहाँ 'छापेमारी' करते और अपनी पीठ थपथपाते कि यहाँ से तो उन्होंने अनूप मित्तल का पत्ता साफ कर दिया है । उनके लिए फजीहत की बात यह भी रही कि अपनी इस वीरता की कहानी वह लोगों को सुनाते, तो कई बार उन्हें लोगों से सुनना पड़ता कि इस तरह की हरकतों से वह क्लब्स की कार्रवाईयों में गैरजरूरी हस्तक्षेप कर रहे हैं, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा को नीचे गिरा रहे हैं । इस बात को लेकर कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने भी रवि चौधरी को समझाया/हड़काया - हालाँकि गवर्नरी के नशे में धुत रवि चौधरी पर इसका असर नहीं हुआ । उनका नशा 'उतारने' का काम अनूप मित्तल ने ही किया । अनूप मित्तल ने कई क्लब्स के पदाधिकारियों के साथ मिल कर रवि चौधरी को दूसरी जगहों पर उलझाए रखा, और चुपचाप तरीके से चाणक्यपुरी में अपने और अपने साथियों के इंडक्शन की कार्रवाई को पूरा किया/करवाया - जिसकी भनक तक रवि चौधरी और उनके 'कमांडर' अशोक कंटूर को नहीं लगी ।
अनूप मित्तल की रणनीति के चलते रवि चौधरी का जो पोपट बना, रवि चौधरी उसके लिए अब पूर्व गवर्नर विनोद बंसल और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय भाटिया को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । रवि चौधरी का कहना है कि विनोद बंसल ने पहले तो उन्हें अनूप मित्तल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित किया, लेकिन बाद में फिर वह पीछे हट गए और उन्हें अकेला छोड़ दिया । रवि चौधरी को शक है कि रोटरी क्लब दिल्ली चाणक्यपुरी की सदस्यता के लिए अनूप मित्तल और उनके साथियों ने जिस तरह की गुपचुप तैयारी की, उसकी जानकारी विनोद बंसल को तो निश्चित रूप से होगी ही - और विनोद बंसल के जरिए विनय भाटिया को भी उक्त जानकारी पक्के तौर पर होगी; लेकिन दोनों ने ही उन्हें धोखा दिया ।
रवि चौधरी ने अनूप मित्तल के क्लब को बंद करवाने के लिए पहले तो केस को मजबूत 'बनाया', और फिर मामले को लोगों के बीच प्रचारित करने में गैरजरूरी दिलचस्पी दिखाई । रोटरी में क्लब बंद होने तथा उनके चार्टर वापस होने की घटना कोई ऐसी 'घटना' नहीं है, जिसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच प्रचारित करने की कोई जरूरत हो । इससे पहले क्या क्लब बंद नहीं हुए हैं ? इससे पहले किस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को किसी क्लब के बंद होने की सूचना - और वह भी दो दो बार दी है ? वास्तव में यह एक सामान्य प्रशासनिक कार्रवाई होती है, जो संबंधित पदाधिकारियों तक ही सीमित होती है । किंतु रवि चौधरी ने रोटरी क्लब दिल्ली प्राइड के बंद होने की बात को जिस तरह से प्रचारित किया, उससे यही साबित हुआ है कि इस मामले में उनकी दिलचस्पी उनकी बदनीयतभरी छोटी सोच का नतीजा है । रवि चौधरी के लिए बदकिस्मती की बात यह हुई है कि उन्होंने जाल बिछाया तो था अनूप मित्तल को फाँसने के लिए, लेकिन उस जाल में वह फँस खुद गए ।
रवि चौधरी की चार महीनों से चली आ रही हरकतों का उद्देश्य तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव से अनूप मित्तल की उम्मीदवारी को हटाने का था, लेकिन रवि चौधरी की हरकतों ने काम किया अनूप मित्तल की उम्मीदवारी को मजबूत करने का । दरअसल एक तरफ तो रवि चौधरी की हरकतों के चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच अनूप मित्तल के प्रति सहानुभूति पैदा हुई है; और दूसरी तरफ अनूप मित्तल ने जिस रणनीति से रवि चौधरी की योजना को फेल किया - उससे उन्होंने एक कुशल रणनीतिकार व एक प्रभावी लीडर होने का सुबूत दिया और इसके चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता में वृद्धि हुई । अनूप मित्तल की इस दोहरी उपलब्धि पर रवि चौधरी बुरी तरह बौखला गए हैं, और बौखलाहट में वह पूर्व गवर्नर दीपक तलवार को भी कोसने लगे हैं । उनकी बौखलाहट को देख कर डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है कि रवि चौधरी अभी चुप नहीं बैठेंगे और अनूप मित्तल के खिलाफ वह अवश्य ही कोई और षड्यंत्र रचेंगे - इसलिए उम्मीद की जा रही है कि रवि चौधरी का अभी और घटियापन देखने को मिलेगा ।