Monday, October 2, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 के गवर्नर के रूप में टीके रूबी को 'बेस्ट क़्वालीफाइड' घोषित करते हुए रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने पूर्व प्रेसीडेंट राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के जले पर जैसे नमक ही रगड़ दिया है

चंडीगढ़ । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अरुण होनी और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी जितेंद्र ढींगरा के बीच रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले को लेकर सोशल मीडिया में चले संक्षिप्त वाक्-युद्ध ने रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड द्वारा राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के मुँह पर पड़े झन्नाटेदार 'थप्पड़' से पैदा हुए फ्रस्ट्रेशन को सामने लाने का काम किया है । राजा साबू गिरोह के एक सक्रिय सदस्य के रूप में देखे/पहचाने जाने वाले अरुण होनी ने रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के एक फैसले से परिचित कराते इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इआन रिसले के पत्र को सोशल मीडिया में शेयर करने के जितेंद्र ढींगरा के कदम पर ऐतराज करते हुए टिप्पणी की कि डिस्ट्रिक्ट के आने वाले पदाधिकारी को ऐसा नहीं करना चाहिए । जितेंद्र ढींगरा ने उनकी टिप्पणी के जबाव में उन्हें बताया कि उक्त पत्र को पहले तो आपके ही लोगों ने सोशल मीडिया में शेयर किया है । जितेंद्र ढींगरा के इस जबाव से बेचारे अरुण होनी तो चुप हो गए - लेकिन लोगों के बीच यह सवाल जरूर पैदा हो गया कि राजा साबू गिरोह के 'बड़े लोग' रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले को डिस्ट्रिक्ट के लोगों से छिपाना क्यों चाहते हैं ? राजा साबू गिरोह के बड़े नेताओं के लिए बदकिस्मती की बात यह रही कि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इआन रिसले के जिस पत्र को वह डिस्ट्रिक्ट के लोगों से छिपाना चाहते थे, उसे उनके ही 'कार्यकर्ताओं' ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुँचा दिया । वैसे इसमें कार्यकर्ताओं की भी कोई गलती नहीं थी - बड़े नेताओं ने अपने ही कार्यकर्ताओं के बीच इस बात का दावा किया कि रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने टीके रूबी से अंडरटेकिंग ली है और इस तरह उनके खिलाफ फैसला दिया है; कार्यकर्ता बेचारे मासूमियत से भरे मूर्ख किस्म के लोग हैं; उन्होंने अपने बड़े नेताओं की 'बात' पर भरोसा किया और जोश में आकर इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इआन रिसले के पत्र को सोशल मीडिया में चिपका दिया । जितेंद्र ढींगरा ने जब देखा कि उक्त पत्र को चिपकाने की गंगा बह ही रही है, तो उन्होंने भी उसमें हाथ 'धो' लिए ।
राजा साबू गिरोह के गवर्नर्स के लिए उक्त पत्र सार्वजनिक होने से समस्या की बात यह हुई है कि टीके रूबी से अंडरटेकिंग लिए जाने की बात को लेकर गवर्नर्स के लिए मनमाना झूठ बोलने का मौका अब नहीं बचा है । इआन रिसले के पत्र के अनुसार, टीके रूबी ने इंटरनेशनल बोर्ड को लिख कर दिया है कि वह डिस्ट्रिक्ट में सभी को लेकर काम करेंगे और कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलायेंगे तथा उसमें इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम को भी आमंत्रित करेंगे । इसमें भला ऐसी  क्या बात है जो टीके रूबी अभी तक नहीं कर रहे थे, या जिसे करने से वह इंकार कर रहे थे ? उल्लेखनीय है कि गवर्नर के रूप में काम करना शुरू करते ही टीके रूबी ने सबसे पहले पूर्व गवर्नर्स से विभिन्न जिम्मेदारियों में शामिल होने के लिए अनुरोध किया - लेकिन किसी ने उनके अनुरोध का जबाव तक नहीं दिया, और किसी ने बहानेबाजी से अनुरोध स्वीकार करने से इंकार कर दिया । राजा साबू के क्लब के पदाधिकारी तो अभी तक डिस्ट्रिक्ट के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए हैं, और इस कारण से क्लब के पदाधिकारी के रूप में अधिकृत रूप से मान्य नहीं हैं । टीके रूबी ने पिछले वर्षों में डिस्ट्रिक्ट तथा अन्य प्रोजेक्ट्स में हिसाब-किताब में गड़बड़ी के आरोपों के चलते हुई डिस्ट्रिक्ट और रोटरी की बदनामी को देखते हुए हिसाब-किताब दुरुस्त करने के प्रयास शुरू किए -  तो राजा साबू से लेकर यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा, रमन अनेजा तक उनके प्रयासों को सफल करने में सहयोग करने की बजाए विफल करने में जुट गए और लोगों को बरगलाने वाली बयानबाजी करने लगे । ऐसे में, इआन रिसले के पत्र के अनुसार टीके रूबी को जो काम सौंपे गए हैं, या जिन कामों को करने के लिए टीके रूबी ने अंडरटेकिंग दी है - उससे तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी के ही हाथ मजबूत हुए हैं, और उनके लिए बेईमान गवर्नर्स की गर्दन दबोचना और आसान हो गया है ।
गौर करने की बात यह है कि निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा के नेतृत्व में राजा साबू सहित पूर्व गवर्नर्स ने तथा छह क्लब्स के प्रेसीडेंट्स ने रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड को जो पत्र भेजा था, उसमें निवर्त्तमान इंटरनेशनल प्रेसीडेंट जोन जर्म द्वारा टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नियुक्त करने के फैसले को चुनौती दी गयी थी । इन्हीं लोगों द्वारा पिछले दिनों डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच इस बात को जोरशोर से प्रचारित किया गया कि टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नियुक्त करके जोन जर्म ने रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड द्वारा पहले लिए गए फैसले का उल्लंघन किया है, इसलिए अपनी शिकायत में उन्होंने इसी तथ्य को मुद्दा बनाया है - और लोगों को बताया कि देखियेगा, इंटरनेशनल बोर्ड जोन जर्म के फैसले को पलट देगा, यानि टीके रूबी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद से हटा देगा । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने लेकिन जो फैसला दिया है, वह वास्तव में राजा साबू तथा उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के मुँह पर ऐसा झन्नाटेदार तमाचा है जिसकी गूँज सिर्फ डिस्ट्रिक्ट 3080 के लोगों के बीच ही नहीं, बल्कि पूरे रोटरी जगत में सुनी गई है । रोटरी के कई बड़े नेताओं ने इन पँक्तियों के लेखक से बात करते हुए कहा है कि टीके रूबी के मामले में इंटरनेशनल बोर्ड की तरफ से इस बार राजा साबू की जैसी फजीहत हुई है, इससे पहले किसी पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट की नहीं हुई है ।
मजे की बात यह हुई है कि राजा साबू गिरोह की तरफ से की गई शिकायत पर इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले से अवगत करवाते हुए दो पत्र सामने आये हैं - 29 सितंबर के पत्र में तो शिकायतकर्ताओं के जले पर नमक रगड़ते हुए बताया है कि जोन जर्म ने टीके रूबी के रूप में एक 'बेस्ट क़्वालीफाइड' व्यक्ति को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनाया है । समझा जाता है कि पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होने का वास्ता देकर राजा साबू ने जले पर नमक रगड़ते उक्त पत्र पर  रोना-धोना मचाया होगा, जिसके बाद 30 सितंबर को दूसरा संशोधित पत्र सामने आया - जिसमें लीपापोती-सी करते हुए राजा साबू और उनके गिरोह के सदस्यों को थोड़ी राहत देने की कोशिश तो की गई है, लेकिन इस कोशिश ने वास्तव में टीके रूबी को राजा साबू गिरोह के गवर्नर्स की गर्दन और ज्यादा सख्ती से दबोचने का मौका दे दिया है । राजा साबू और उनके गिरोह के गवर्नर्स के लिए मुसीबत को लगातार बढ़ाने वाली बात यह हुई है कि वह जितना ही टीके रूबी को दबाने की कोशिश करते हैं, टीके रूबी उतने ही और ज्यादा ताकतवर 'बन' जाते हैं । सोशल मीडिया में इंटरनेशनल बोर्ड के फैसले को लेकर पूर्व गवर्नर अरुण होनी को एक घुड़की में ही जितेंद्र ढींगरा ने जिस तरह से चुप कर दिया, उससे राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की बेचारगी को पहचाना जा सकता है ।