Wednesday, November 8, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में बदतमीजी मामले में रोटरी इंटरनेशनल की जाँच में फँसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी की डॉक्टर सुब्रमणियन के सहारे बचने की उम्मीद टूट रही है क्या ?

नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन के हाल ही में संपन्न हुए एक कार्यक्रम में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉक्टर सुब्रमणियन के शामिल होने को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी बुरी तरह भड़के हुए हैं । रवि चौधरी ने अपने नजदीकियों के बीच बताया कि उन्होंने डॉक्टर सुब्रमणियन से इस बात को लेकर नाराजगी व्यक्त की है कि वह एक ऐसे कार्यक्रम में क्यों शामिल हुए, जिसमें आभा झा चौधरी भी उपस्थित थीं । रवि चौधरी ने रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन के पदाधिकारियों से भी यह कहते हुए नाराजगी व्यक्त की कि उन्होंने आभा झा चौधरी को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित क्यों किया - जबकि आभा झा चौधरी अब डिस्ट्रिक्ट टीम की सदस्य नहीं रही हैं । रवि चौधरी दरअसल यह देख कर बुरी तरह बौखलाए हुए हैं कि वह और उनके नजदीकी तो क्लब्स के प्रेसीडेंट्स से आभा झा चौधरी के खिलाफ चिट्ठियाँ लिखवा कर आभा झा चौधरी को डिस्ट्रिक्ट में अलग-थलग करने की जो कोशिशें कर रहे हैं, उस पर रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन के पदाधिकारियों ने पानी फेर दिया है । रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन का पाँच नवंबर को हुआ कार्यक्रम खास मेहमानों की उपस्थिति के लिहाज से महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम था । इसमें कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स उपस्थित थे, तथा डिस्ट्रिक्ट के कुछेक प्रमुख रोटेरियन थे । मजे की बात यह है कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मंजीत साहनी के क्लब के इस कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी नहीं थे - यह बात हालाँकि कंफर्म नहीं हो पाई है कि रवि चौधरी को इस कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं दिया, या निमंत्रण के बावजूद उन्होंने कार्यक्रम में पहुँचने की जरूरत नहीं समझी । इस मामले में सच्चाई चाहे जो हो, साऊथ मेट्रोपोलिटन के कार्यक्रम की जो रिपोर्ट रवि चौधरी को मिली है - वह उन्हें झटका देने वाली साबित हुई है । 
रवि चौधरी के लिए सबसे तेज झटके की बात तो यह हुई कि इस कार्यक्रम में आभा झा चौधरी को खासी तवज्जो मिली । कार्यक्रम के आयोजक, रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन के पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने तो आभा झा चौधरी को महत्ता दी ही - कार्यक्रम में पहुँचे अन्य प्रमुख रोटेरियंस ने भी उन्हें खास सम्मान दिया । रवि चौधरी के लिए जले पर नमक छिड़कने वाली बात यह हुई कि इस कार्यक्रम में शामिल हुए निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉक्टर सुब्रमणियन ने आभा झा चौधरी के साथ सहानुभूतिपूर्वक बातचीत की । डॉक्टर सुब्रमणियन रोटरी इंटरनेशनल में रवि चौधरी द्वारा की गई बदतमीजी की आभा झा चौधरी की शिकायत की जाँच/पड़ताल के लिए बनी कमेटी के मुखिया हैं । रवि चौधरी दावा करते रहे हैं कि डॉक्टर सुब्रमणियन तो उनके ही 'आदमी' हैं, और जाँच कमेटी के मुखिया के रूप में वह आभा झा चौधरी की शिकायत तथा उनके तथ्यों को रद्दी की टोकरी में ही डालेंगे और मुझे क्लीन चिट देंगे । डिस्ट्रिक्ट में लोगों ने डॉक्टर सुब्रमणियन और रवि चौधरी की दोस्ती को चूँकि देखा भी है, इसलिए लोगों ने रवि चौधरी के दावे पर विश्वास भी कर लिया - और मान लिया कि डॉक्टर सुब्रमणियन की मुखियागिरी में आभा झा चौधरी को न्याय नहीं ही मिल पायेगा । लोगों ने देखा/पाया भी कि इसी भरोसे, आभा झा चौधरी के गंभीर आरोपों - और रोटरी इंटरनेशनल द्वारा उनके आरोपों को प्रथम दृष्टया सही मान लेने के चलते जाँच कराने के फैसले के बावजूद रवि चौधरी बेशर्मी का प्रदर्शन करते रहे हैं, और 'चोरी व सीनाजोरी' वाले मुहावरे को चरितार्थ करते चले आ रहे हैं । लेकिन रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन के कार्यक्रम में आभा झा चौधरी के साथ सहानुभूतिपूर्वक बातचीत करने की डॉक्टर सुब्रमणियन की 'हरकत' पर रवि चौधरी का माथा लेकिन ठनका है ।
दरअसल रवि चौधरी भी जानते हैं और समझ रहे हैं कि तथ्यों को यदि ईमानदारी से देखा गया तो वह पक्के ही दोषी साबित होंगे । अपने समर्थन में रवि चौधरी ने जिन कुछेक लोगों से चिट्ठियाँ लिखवाई हैं, उनमें जिस तरह की बेमतलब और बेसिरपैर की बातें कहीं गई हैं - उनसे ही साबित है कि रवि चौधरी के पास घटना-क्रम में अपने बचाव को लेकर कहने के लिए कुछ है ही नहीं, इसीलिए वह फिजूल की बातों का शोर मचा कर मामले को डायवर्ट करने का प्रयास कर रहे हैं । रवि चौधरी ने अपने समर्थन में जो चिट्ठियाँ लिखवाई हैं, उनमें अधिकतर में एक ही बात कही गई है और वह यह कि रवि चौधरी एक बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं, जिन्होंने उनके साथ कभी भी दुर्व्यवहार नहीं किया है । मान लेते हैं कि जिन्होंने भी यह कहा है, सच ही कहा है - लेकिन इससे रवि चौधरी अपराधमुक्त कैसे हो जाते हैं ? कोई भी व्यक्ति पहला अपराध करने - या पहली बार पकड़े जाने से पहले सज्जन ही होता है और उसके खिलाफ दुर्व्यवहार की कोई शिकायत नहीं हुई होती है । कई बार उसके परिचितों और मुहल्लेवालों को विश्वास भी नहीं होता है कि यह ऐसा अपराध कर सकता है । दिल्ली में हुए कुख्यात निर्भया कांड को याद करें, तो उसमें अपराधियों के परिचितों और पास-पड़ोस वालों के लिए विश्वास करना मुश्किल हुआ था कि यह लोग ऐसा घिनौना काम कर सकते हैं । आजकल सुर्ख़ियों में बने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में एक मासूम बच्चे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार स्कूल के ही ग्यारहवीं में पढ़ने वाले छात्र को लेकर भी स्कूल के लोग और उसकी कालोनी में रहने वाले लोग हैरान हैं कि यह एक मासूम की हत्या कैसे कर सकता है ? इसीलिए इस आधार पर कि डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोग ऐसे सौभाग्यशाली हैं जिनके साथ रवि चौधरी ने कभी कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है - आभा झा चौधरी के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले से रवि चौधरी बरी नहीं हो जाते हैं ।
रवि चौधरी के पक्ष में एक अकेले अरविंद कनौजिया ने तथ्यों के हवाले से बात करने की कोशिश की है, लेकिन उनके तर्क इतने लचर हैं कि वह रवि चौधरी को बचाने से ज्यादा फँसाने का काम करते हैं । रोटरी क्लब दिल्ली वसंत वैली के सदस्य अरविंद कनौजिया ने लिखा/बताया है कि उन्होंने रोटरी इंटरनेशनल की साईट देखी है और पाया है कि आभा झा चौधरी जिस 'डब्ल्यूजीमील' नाम के प्रोजेक्ट के लिए काम करती हैं, वह रोटरी इंटरनेशनल का प्रोजेक्ट नहीं है । अरविंद कनौजिया ने यह बात बताते हुए जताने की कोशिश तो यह की है कि लोगों, देखो मैं कितनी अक्ल की बात कर रहा हूँ और मैंने आभा झा चौधरी की बेईमानी पकड़ ली है; लेकिन वह यह नहीं देख पा रहे हैं कि यह जताने की कोशिश में वह कितने बड़े वाले बेवकूफ साबित हो रहे हैं । वह रोटरी की यह छोटी सी बुनियादी बात नहीं समझ सके हैं कि रोटरी जैसे सामाजिक व सेवा संगठन को नए नए क्षेत्रों में नई नई संभावनाओं को प्रेरित करने से बल मिलता है, और रोटरी यदि आज सौ वर्षों के बाद भी दुनिया भर में जगमगा रही है तो इसलिए ही क्योंकि यहाँ लकीर के फ़कीर बन कर काम नहीं किया जाता है । अरविंद कनौजिया को रोटरी इंटरनेशनल की साईट देखने का बहुत शौक है, तो उन्होंने उस साईट में कहाँ उन पदों को देखा है, जिन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी ने अपनी टीम बनाते हुए सृजित किया है । अरविंद कनौजिया के तर्क से ही यदि बात करें, तो रवि चौधरी ने अपनी टीम में करीब तीन सौ लोगों की जो फौज खड़ी की है - उसमें करीब नब्बे प्रतिशत पद फर्जी हैं । अरविंद कनौजिया को ही जो 'डिस्ट्रिक्ट आईटी एंड रोटरी क्लब सेंट्रल चेयर' मिली हुई है, वह रोटरी इंटरनेशनल की साईट में उन्हें कहीं दिख रही है क्या ? और यदि नहीं दिख रही है, तो क्या वह फर्जी पद लिए हुए बैठे हैं और कोई बेईमानी कर रहे हैं ? रोटरी को सचमुच जानने/समझने वाला ऐसा नहीं कहेगा, और इसी तर्क से रोटरी को सचमुच जानने/समझने वाला 'डब्ल्यूजीमील' प्रोजेक्ट पर सवाल नहीं उठा सकता है - यह काम रवि चौधरी की भक्ति में लीन कोई अरविंद कनौजिया ही कर सकता है ।
जाहिर तौर पर अपने समर्थकों से अपने बचाव में चिट्ठियाँ लिखवाने के बावजूद रवि चौधरी अपने बचने की कोई संभावना नहीं देख रहे हैं, और ऐसे में उनकी सारी उम्मीद डॉक्टर सुब्रमणियन के रवैये पर टिकी हुई है । अभी तक, डॉक्टर सुब्रमणियन के साथ अपने संबंधों के भरोसे रवि चौधरी आश्वस्त थे और मानने के साथ साथ दावा भी कर रहे थे कि आभा झा चौधरी की शिकायत पर बनी जाँच टीम का मुखिया पद डॉक्टर सुब्रमणियन को मिलना उनके लिए तो वरदान बना है; लेकिन रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ मेट्रोपोलिटन के कार्यक्रम में डॉक्टर सुब्रमणियन के आभा झा चौधरी के साथ सहानुभूतिपूर्वक बात करने की मिली सूचनाओं के बाद से रवि चौधरी को लगने लगा है कि डॉक्टर सुब्रमणियन तथ्यों की अनदेखी शायद नहीं करेंगे । इसीलिए डॉक्टर सुब्रमणियन भी अब रवि चौधरी के निशाने पर आ गए हैं । यह देखना दिलचस्प होगा कि डॉक्टर सुब्रमणियन तथ्यों पर गौर करते हुए आभा झा चौधरी की शिकायत के साथ न्याय करेंगे, और या रवि चौधरी की धमकी में आकर उनसे अपनी दोस्ती निभायेंगे ?