Monday, November 27, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में ग्लोबल ग्रांट्स हड़प कर उससे अपनी राजनीति साधने तथा मौज-मजा करने की पोल खुलती देख राजा साबू ने मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से निकलवाने के लिए कमर कसने के जरिए क्या अपनी ही कमजोरी को साबित नहीं किया है ?

चंडीगढ़ । राजा साबू - पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू ने एक बार फिर मोहिंदर पॉल गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उन्हें डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से हटाने के लिए मुहिम छेड़ दी है । राजा साबू के करीबियों का कहना/बताना है कि राजा साबू ने अब पक्की तरह से ठान लिया है कि वह मोहिंदर पॉल गुप्ता को तीन सदस्यीय डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में नहीं रहने देंगे और इसके लिए यदि जरूरत पड़ी तो इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम पर भी दबाव डालेंगे कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी से मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से हटाने के लिए कहें । उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही बासकर चॉकलिंगम की मौजूदगी में चंडीगढ़ में संपन्न हुई कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स ने डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में मोहिंदर पॉल गुप्ता को सदस्य बनाने पर आपत्ति की थी । उक्त आपत्ति के लिए उन्होंने मोहिंदर पॉल गुप्ता के पूर्व गवर्नर न होने के तथ्य को बहाना बनाया था । उनका कहना था कि डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में पूर्व गवर्नर्स ही सदस्य हो सकते हैं । उक्त मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स को आईना दिखाते हुए बताया था कि पिछले रोटरी वर्ष में उन्होंने ही यह नियम बनाया था कि डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी में एक सदस्य कोई रोटेरियन भी हो सकता है; इस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्होंने तो उसी नियम का पालन करते हुए मोहिंदर पॉल गुप्ता को सदस्य बनाया है । टीके रूबी के इस जबाव के बाद राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स को बासकर चॉकलिंगम के सामने फजीहत का शिकार होना पड़ा था - और मोहिंदर पॉल गुप्ता के खिलाफ उनकी मुहिम औंधे मुँह गिर पड़ी थी ।
राजा साबू को मोहिंदर पॉल गुप्ता का बुखार लेकिन एक बार फिर चढ़ आया है, जिसके फलस्वरूप उन्होंने मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से हटवाने के लिए फिर से कमर कस ली है । राजा साबू के करीबियों के अनुसार, मोहिंदर पॉल गुप्ता के खिलाफ राजा साबू का गुस्सा एक बार फिर दरअसल इसलिए फूटा है, क्योंकि मोहिंदर पॉल गुप्ता ने हाल ही दिनों में डिस्ट्रिक्ट में ग्लोबल ग्रांट्स के नाम पर मची धाँधली को बेनकाब किया है - जिसके चलते राजा साबू की देखरेख में ग्लोबल ग्रांट्स की होने वाली बंदरबाँट की पोल खुली है । अभी हाल ही में मोहिंदर पॉल गुप्ता ने क्लब्स के प्रेसीडेंट्स और सेक्रेटरीज को पत्र लिख कर ग्लोबल ग्रांट्स से संबंधित तथ्यों और नियमों से परिचित करवाया और राजा साबू के क्लब का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह अपनी तरफ से मामूली रकम देकर ग्लोबल ग्रांट्स के नाम पर मोटी रकम ली जा सकती है । अपने पत्र में मोहिंदर पॉल गुप्ता ने इस तथ्य को उद्घाटित किया कि कैसे राजा साबू के क्लब ने कुल करीब तीस हजार डॉलर देकर ग्रांट्स के नाम पर दस लाख डॉलर से अधिक की रकम जुटा ली । मोहिंदर पॉल गुप्ता ने पिछले दिनों निरंतरता के साथ जो जो तथ्य उद्घाटित किये हैं, उनसे डिस्ट्रिक्ट के लोगों को पता चला है कि राजा साबू और उनके करीबी पूर्व गवर्नर्स ने किस किस तरीके से विभिन्न ग्रांट्स को इधर से उधर करके मोटी मोटी रकमें जुटा लीं, और उनसे सेवा के नाम पर अपनी राजनीति तथा अपने मौज-मजे के लिए मौके बनाए हैं । राजा साबू के क्लब ने कुछेक ग्रांट्स तो ऐसी जुगाड़ लीं, जिनमें क्लब ने इकन्नी भी नहीं दी और ग्रांट के रूप में मिले लाखों रुपए से राजा साबू, मधुकर मल्होत्रा और कमल बेदी तथा क्लब के दूसरे कुछेक सदस्यों ने मौज/मस्ती की और या कमाई की । मोहिंदर पॉल गुप्ता की कोशिशों के चलते ही राजा साबू की चेयरमैनी में चल रहे रोटरी उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ ट्रस्ट के अकाउंट्स को छिपा कर रखने के प्रयास फेल हुए और उसके अकाउंट्स सामने आ सके, और उसमें बेहद चालाकी से 'ठिकाने' लगाई जा रही दो करोड़ 83 लाख रुपए की रकम 'पकड़ी' जा सकी ।
मोहिंदर पॉल गुप्ता की इन कोशिशों से लोगों को पहली बार तथ्यों और सुबूतों के साथ पता चला कि राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स किस तरह ग्लोबल ग्रांट्स हड़पने का खेल खेलते रहे हैं । अपने इस खेल को बचाने के लिए राजा साबू को मोहिंदर पॉल गुप्ता का मुँह बंद करना जरूरी लगा है; और इसीलिए वह कुछ भी करके मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से हटवा देना चाहते हैं । मजे की बात यह है कि राजा साबू के गिरोह के ही कुछेक पूर्व गवर्नर्स को लगता है कि ऐसा करने के जरिए राजा साबू अपने लिए मुसीबतों को कम करने की बजाए बढ़ाने का ही काम करेंगे - क्योंकि मोहिंदर पॉल गुप्ता ने हिसाब/किताब में पारदर्शिता तथा ईमानदारी लाने/बरतने के लिए जो अभियान छेड़ा हुआ है, वह डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी के सदस्य के रूप में नहीं बल्कि एक रोटेरियन के रूप में छेड़ा हुआ है । ऐसे में, मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से राजा साबू हटवा भी देते हैं, तो उससे मोहिंदर पॉल गुप्ता के अभियान पर भला क्या असर पड़ेगा ? ऐसा मानने और कहने वाले पूर्व गवर्नर्स ने याद दिलाया कि पिछले रोटरी वर्ष में करनाल में हुई रमन अनेजा की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में हार्टलैंड प्रोजेक्ट की फंडिंग को लेकर पूछे गए मोहिंदर पॉल गुप्ता के सवाल पर राजा साबू ने बौखला कर जो नाटक किया था और जिसके चलते लोगों के बीच उनकी भारी फजीहत हुई थी, उस समय मोहिंदर पॉल गुप्ता किसी कमेटी के सदस्य नहीं थे । इन पूर्व गवर्नर्स का हालाँकि कहना यह भी है कि राजा साबू अपने सामने किसी की सुनते/मानते तो हैं नहीं, और अपने मन की ही करते हैं और इसीलिए लगातार अपनी किरकिरी करवा रहे हैं । राजा साबू को स्वीकार करना और समझना चाहिए कि समय अब उनके अनुकूल नहीं रह गया है, और लोगों के बीच बना उनका ऑरा(आभामंडल) अब धूमिल पड़ गया है - इसलिए उन्हें मनमाने और तानाशाहीभरे रवैये से नहीं, बल्कि थोड़े उदार रवैये से हालात को अनुकूल बनाने का प्रयास करना चाहिए ।
राजा साबू के नजदीकियों का ही कहना है कि बदले हुए हालात और माहौल में राजा साबू को मोहिंदर पॉल गुप्ता को हल्के में नहीं लेना चाहिए और समझना चाहिए कि मोहिंदर पॉल गुप्ता एक वरिष्ठ व अनुभवी रोटेरियन हैं, जिन्होंने कई डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ नजदीकियत रखते हुए काम किया है और महत्त्वपूर्ण अवॉर्ड प्राप्त किए हैं । सतीश सलूजा के गवर्नर-काल में उन्हें 'मोस्ट रेस्पॉन्सिबिल प्रेसीडेंट ऑफ द ईयर' का अवॉर्ड मिला था; मधुकर मल्होत्रा ने अपने गवर्नर-काल में उन्हें 'मोस्ट आउटस्टैंडिंग चेयरमैन' के अवॉर्ड के लिए चुना था, और जो खुद राजा साबू ने उन्हें दिया था । मनप्रीत सिंह और डेविड हिल्टन के गवर्नर-काल में भी उन्हें उल्लेखनीय काम करने के लिए सम्मानित किया गया था । मोहिंदर पॉल गुप्ता के कामकाज के तथा पिछले वर्षों में लगातार सम्मानित होते रहे उनके रिकॉर्ड को देखते हुए टीके रूबी ने अपने गवर्नर-काल में उन्हें कई कमेटियों में शामिल किया है । पिछले दिनों पानीपत में आयोजित हुए रोटरी फाउंडेशन सेमीनार में हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें सम्मानित किया । अपने लंबे अनुभव और अपनी निरंतर सक्रियता के बल पर ही मोहिंदर पॉल गुप्ता ने जब डिस्ट्रिक्ट के हिसाब-किताब में ईमानदारी और पारदर्शिता लाने/बरतने के लिए अभियान छेड़ा, तो उनके अभियान पर लोगों ने विश्वास तो किया ही - साथ ही साथ उनके अभियान के प्रति समर्थन भी व्यक्त किया । इसीलिए राजा साबू के करीबियों को भी लगता है कि मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से निकलवाने का अभियान छेड़ कर राजा साबू ने अपनी कमजोरी को खुद ही साबित करने के साथ-साथ जैसे अपना 'अपराध' भी क़ुबूल कर लिया है; ऐसे में राजा साबू यदि इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम से दबाव डलवा कर मोहिंदर पॉल गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस कमेटी से निकलवा भी देते हैं - तो यह 'जीत' वास्तव में उनकी हार ही होगी ।