Thursday, November 23, 2017

रोटरी इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने के लिए ही सुशील गुप्ता इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी को धोखा देने और रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी की बलि चढ़ाने के रास्ते पर बढ़े हैं क्या ?

नई दिल्ली । रोटरी जोन 4 में इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अपने चेलैंज को अधिकृत करवाने के लिए रंजन ढींगरा और उनके समर्थकों को जिस तरह की मशक्कत करना पड़ रही है, उसके चलते पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता की अपने ही खेमे के लोगों के बीच भारी फजीहत हो रही है । सुशील गुप्ता के ही नजदीकयों का कहना है कि पहले तो उन्हें यही समझ नहीं आ रहा है कि सुशील गुप्ता ने क्यों तो रंजन ढींगरा से इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए चेलैंज करवा दिया, और फिर जब चेलैंज करवा ही दिया है - तो अब उनके चेलैंज को अधिकृत करवाने के लिए न्यूनतम सक्रियता दिखलाने से भी क्यों बच रहे हैं ? खेमे के पूर्व गवर्नर्स नेताओं का कहना है कि उन्होंने सुझाव दिया था कि सुशील गुप्ता की मौजूदगी में संभावित समर्थक पूर्व गवर्नर्स की एक मीटिंग कर लेना चाहिए, ताकि रंजन ढींगरा के समर्थन में एकजुटता को 'दिखाया' जा सके; किंतु ऐसी कोई मीटिंग तो नहीं ही हो सकी है - बल्कि रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी के पक्ष में क्लब्स से कॉन्करेंस जुटाने का काम कुछेक अनजान से रोटेरियंस को सौंप दिया गया है । खेमे के नेताओं का ही कहना है कि डिस्ट्रिक्ट से रंजन ढींगरा चूँकि अकेले ही चेलैंज कर रहे हैं, इसलिए उन्हें जरूरी कॉन्करेंस तो मिल ही जायेंगी - लेकिन जिस तरह से उनके पक्ष में कॉन्करेंस जुटाने का काम हो रहा है, उसे देखते हुए उनकी उम्मीदवारी एक मजाक बन जा रही है और इसके लिए सुशील गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है । दरअसल सुशील गुप्ता और रंजन ढींगरा के खास नजदीकी महत्त्वपूर्ण लोगों को भी यह नहीं पता है कि रंजन ढींगरा इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए चेलैंज कर क्यों रहे हैं ? रंजन ढींगरा की इस प्रस्तावित उम्मीदवारी के पीछे चूँकि सुशील गुप्ता को देखा/पहचाना जा रहा है, इसलिए हर किसी के निशाने पर सुशील गुप्ता ही हैं । 
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में सुशील गुप्ता का व्यवहार अचानक से पहेलीभरा इसलिए भी हो गया है, क्योंकि उन्हें तो अशोक गुप्ता की प्रस्तावित उम्मीदवारी के समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जाता रहा है; और अशोक गुप्ता अपनी प्रस्तावित उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने वास्ते ज्यादा गंभीरता और योजना के साथ तैयारी करते हुए सुने जा रहे हैं । ऐसे में हर किसी को यह सवाल परेशान कर रहा है कि सुशील गुप्ता ने अशोक गुप्ता की तैयारी में सहयोग करना छोड़ कर रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी को झंडा क्यों उठा लिया है - और अब जब उठा ही लिया है, तब फिर वह रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी के पक्ष में गंभीरता और योजना के साथ काम करते हुए 'नजर' क्यों नहीं आ रहे हैं ? उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 3011 में और जोन 4 के नेताओं के बीच रंजन ढींगरा के चेलैंज का जिक्र पहली बार तब सुना गया था, जब डिस्ट्रिक्ट 3011 में ही दीपक कपूर के चेलैंज की चर्चा थी । दीपक कपूर को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए चुने गए अधिकृत उम्मीदवार भरत पांड्या के समर्थक खेमे के 'आदमी' के रूप में देखा/पहचाना जाता है । माना/समझा गया था कि चूँकि डिस्ट्रिक्ट 3011 और उसके ' जुड़वाँ भाई' डिस्ट्रिक्ट 3012 में अशोक गुप्ता के लिए अच्छा समर्थन है, इसलिए उनके समर्थन-आधार को तोड़ने के लिए दीपक कपूर की उम्मीदवारी को लाया जा रहा है । इस तरकीब की काट के लिए रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी की बात सामने आई थी । अशोक गुप्ता के समर्थन-आधार को बचाने के लिए रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी को ढाल के रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी को एक अच्छी और जबावी कार्रवाई के रूप में देखा/पहचाना गया था और इससे अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी को मनोवैज्ञानिक फायदा मिलता 'दिखा' था । इस जबावी कार्रवाई से भरत पांड्या खेमे को झटका लगा था और तब दीपक कपूर का चेलैंज करने का फैसला वापस ले लिया गया । ऐसी स्थिति में रंजन ढींगरा का चेलैंज करने का कार्यक्रम भी स्वतः ही स्थगित होना था - और वह हो भी गया था । लेकिन एक शाम अचानक पता चला कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में रंजन ढींगरा के क्लब ने उनके चेलैंज के पेपर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यालय में जमा करवा दिए हैं ।
इस अप्रत्याशित घटनाचक्र पर सभी का सिर चकराया । सुशील गुप्ता के नजदीकियों से उस समय हालाँकि यह सुनने को मिला कि सुशील गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट 3011 के गवर्नर रवि चौधरी पर भरोसा नहीं है और उन्हें आशंका है कि रवि चौधरी बाद में दीपक कपूर के चेलैंज के पेपर आए/मिले बता देने की धोखाधड़ी कर सकता है, इसलिए ऐहतियातन रंजन ढींगरा के चेलैंज के पेपर भी जमा करवा दिए जाने चाहिए । ऐसे में भी, जब यह बात रिकॉर्ड पर आ गई कि डिस्ट्रिक्ट 3011 में एक अकेले रंजन ढींगरा का चेलैंज हुआ है, और दीपक कपूर का चेलैंज धोखाधड़ी से भी आ सकने का रास्ता बंद हो चुका है - तब रंजन ढींगरा की प्रस्तावित उम्मीदवारी का नाटक बंद हो जाना चाहिए था, और उनके लिए कॉन्करेंस जुटाने की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए थी । इससे रंजन ढींगरा का चेलैंज अपने आप निरस्त हो जाता और अशोक गुप्ता के लिए हालात पहले जैसे ही हो जाते । मजे की बात यह देखने में आ रही है कि रंजन ढींगरा के चेलैंज के मामले को न तो ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है, और न इस मामले में कोई खास सक्रियता दिखाई जा रही है । इससे लग रहा है कि सुशील गुप्ता की मंशा रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी को बनाए रखने में भी है, लेकिन वह उसके लिए कुछ करने को लेकर भी उत्सुक नहीं हैं । चूँकि यह स्थिति अशोक गुप्ता को नुकसान पहुँचाने वाली है, इसलिए सुशील गुप्ता की राजनीतिक नीयत सवालों के घेरे में आ गई है । लोगों को हैरानी है कि अशोक गुप्ता के लिए बैटिंग करते करते सुशील गुप्ता आखिर भरत पांड्या के लिए बैटिंग कैसे और क्यों करने लगे ?
लोगों को लग रहा है कि सुशील गुप्ता यह सब नाटक इंटरनेशनल प्रेसीडेंट पद की लाइन में लगने के लिए कर रहे हैं । अशोक गुप्ता के समर्थक के रूप में उनका नाम तेजी से सामने आया तो उन्होंने इससे बचने के उपाय के रूप में रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी की बलि चढ़ाने की तैयारी कर ली है । लोगों को लग रहा है कि अशोक गुप्ता के समर्थक का टैग हटाने के लिए ही उन्होंने रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी को सचमुच ले आने का फैसला किया है; इससे रोटरी इंटरनेशनल प्रेसीडेंट का 'चुनाव' करवाने वाले बड़े खिलाड़ियों के सामने उन्हें यह दिखाने और साबित करने में आसानी होगी कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में वह अशोक गुप्ता के साथ नहीं थे - यदि होते तो अपने ही डिस्ट्रिक्ट से वह किसी को उम्मीदवार क्यों बनने देते ? अशोक गुप्ता की उम्मीदवारी को धोखा देकर, रंजन ढींगरा की उम्मीदवारी की बलि चढ़ा कर और भरत पांड्या की उम्मीदवारी की मदद करने का नाटक जमा कर सुशील गुप्ता इंटरनेशनल प्रेसीडेंट पद के लिए अपनी राह को आसान बना सकेंगे या नहीं - यह तो बाद में पता चलेगा, अभी लेकिन सुशील गुप्ता दूसरों के साथ साथ अपनों के निशाने पर भी हैं । उनके अपनों का ही कहना है कि दूसरों को खुश करने के नाम पर सुशील गुप्ता जिस तरह से अपनों को धोखा दे रहे हैं तथा उन्हें बलि का बकरा बना रहे हैं, इससे वह दूसरों के साथ साथ अपनों के बीच भी अपनी फजीहत करवा रहे हैं ।