Friday, November 17, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी का नामांकन भरने के बाद भी मुनीश गौड़ को कार्यक्रम करने देने तथा उसमें बढ़चढ़ कर शिरकत करने की रवि चौधरी की हरकत डॉक्टर सुब्रमणियन से क्लीन चिट पाने के लिए हुई डील का नतीजा है क्या ?

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी को जिस दिन वरिष्ठ रोटेरियन आभा झा चौधरी से बदतमीजी करने के मामले में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉक्टर सुब्रमणियन की तरफ से क्लीन चिट मिली, उसी दिन डॉक्टर सुब्रमणियन के उम्मीदवार के रूप में देखे/पहचाने जा रहे मुनीश गौड़ के एक सरकारी कार्यक्रम में चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए रवि चौधरी का उपस्थित होना मात्र एक संयोग है - या यह दोनों के बीच हुई किसी 'डील' का सुबूत है ? रवि चौधरी और मुनीश गौड़ कार्यक्रम के दौरान जहाँ बैठे, वहाँ लगे हुए बैकड्रॉप की इबारत बता रही है कि वह एक सरकारी कार्यक्रम था, जिसके आयोजक मुनीश गौड़ थे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी के पास उसके तीन दिन पहले तक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के लिए मुनीश गौड़ का नामांकन आ चुका था - इस नाते रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा तथा चुनावी आचार संहिता का ध्यान रखते हुए उक्त कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था; किंतु डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी ने चूँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा तथा रोटरी के नियमों के पालन को तिलांजली देते हुए साजिशों, तिकड़मों, बेईमानियों व बदतमीजियों को ही अपना ध्येय/लक्ष्य बनाया हुआ है - इसलिए रवि चौधरी ने जो किया, वह उनकी हरकतों के अनुरूप ही था । रवि चौधरी की इस हरकत ने लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के एक दूसरे उम्मीदवार संजीव राय मेहरा को तगड़ा झटका दिया है । संजीव राय मेहरा और उनके साथी उम्मीद कर रहे थे कि चुनावी लड़ाई में रवि चौधरी उनका सहयोग और समर्थन करेंगे, इसलिए रवि चौधरी को मुनीश गौड़ की तरफ झुका देख कर उन्हें लगा है कि रवि चौधरी ने उनके साथ धोखा कर दिया है । संजीव राय मेहरा के कुछेक नजदीकियों का हालाँकि यह भी कहना है कि रवि चौधरी अंततः मुनीश गौड़ के साथ भी ज्यादा देर नहीं टिकेंगे और धोखेबाजीभरा अपना असली वाला रंग दिखाते हुए उन्हें भी धोखा ही देंगे ।
संजीव राय मेहरा के नजदीकियों का ही विश्वास है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा और चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए रवि चौधरी ने मुनीश गौड़ के एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होना डॉक्टर सुब्रमणियन के साथ हुई एक डील के तहत ही स्वीकार किया होगा । वरिष्ठ रोटेरियन आभा झा चौधरी के साथ बदतमीजी करने के मामले में फँसी अपनी गर्दन को बाहर निकालने के लिए रवि चौधरी को डॉक्टर सुब्रमणियन की मदद की जरूरत थी ही, और इस जरूरत को पूरा करने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा तथा चुनावी आचार संहिता को ठेंगे पर रखना रवि चौधरी के लिए कोई मुश्किल बात नहीं थी । मजे की बात यह देखने को मिली है कि रवि चौधरी की डिस्ट्रिक्ट टीम की प्रमुख पदाधिकारी के रूप में आभा झा चौधरी द्वारा वर्ल्ड पोलियो डे पर कार्यक्रम आयोजित करना और उसमें प्रेसीडेंट्स की भागीदारी को सुनिश्चित करना तो रवि चौधरी को नागवार गुजरा था, और इसके लिए उन्होंने आभा झा चौधरी के साथ बदतमीजी तक कर डाली थी; लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवारी का नामांकन प्रस्तुत कर देने के बाद मुनीश गौड़ द्वारा एक सरकारी कार्यक्रम की आड़ में रोटेरियंस को लेकर आयोजन करने, उसमें रोटरी क्लब्स को शामिल करने तथा प्रेसीडेंट्स को आमंत्रित करने पर रवि चौधरी को कोई आपत्ति नहीं हुई । चुनावी आचार संहिता के संबंध में रोटरी इंटरनेशनल के नियमों व दिशा-निर्देशों के पालन को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी को यदि जरा सी भी समझ और तमीज होती, तो वह यह कार्यक्रम नहीं होने देते - लेकिन समझ व तमीज के मामले में लगातार फेल साबित होते रहे रवि चौधरी एक बार फिर फेल हो गए, और उन्होंने न सिर्फ यह कार्यक्रम होने दिया बल्कि बढ़चढ़ कर इसमें भाग भी लिया ।
चुनावी आचार संहिता के संबंध में रोटरी इंटरनेशनल के नियमों व दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा को छिन्न-भिन्न करती रवि चौधरी की इस हरकत के पूरा होते ही कुछ घंटों के अंदर ही रवि चौधरी को चूँकि डॉक्टर सुब्रमणियन की तरफ से क्लीन चिट मिल गई - इससे लोगों को डॉक्टर सुब्रमणियन व रवि चौधरी के बीच डील होने का शक हुआ है । मुनीश गौड़ और डॉक्टर सुब्रमणियन एक ही क्लब के सदस्य हैं, तथा मुनीश गौड़ को डॉक्टर सुब्रमणियन के उम्मीदवार के रूप में ही देखा/पहचाना जा रहा है । एक उम्मीदवार के रूप में मुनीश गौड़ की सक्रियता का कोई खास नोटिस अभी तक नहीं लिया जा सका था । लोगों को लगता है कि आभा झा चौधरी के साथ बदतमीजी करने के मामले में रवि चौधरी की गर्दन फँसी, और मामले की जाँच कमेटी का मुखिया पद डॉक्टर सुब्रमणियन को मिला - तो मुनीश गौड़ और डॉक्टर सुब्रमणियन को रवि चौधरी को अपने 'पक्ष' में लाने का मौका नजर आया । रवि चौधरी वैसे तो घोषणा करते रहते हैं कि उम्मीदवारों की गतिविधियों पर उनकी पूरी निगाह है, और कोई भी उम्मीदवार उन्हें यदि चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करता हुआ दिखा तो वह उसका नामांकन रद्द कर देंगे - लेकिन मुनीश गौड़ के मामले में 14 नवंबर के कार्यक्रम में उन्हें चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ नहीं नजर आया; तो इसका कारण यही समझा जा रहा है कि उनकी डॉक्टर सुब्रमणियन के साथ यही डील हुई होगी कि वह मुनीश गौड़ के कार्यक्रम को न सिर्फ होने देंगे बल्कि उसमें बढ़चढ़ कर शिरकत भी करेंगे, और इसके बदले में डॉक्टर सुब्रमणियन उन्हें आभा झा चौधरी के साथ बदतमीजी करने के मामले में तमाम साक्ष्य होने के बावजूद क्लीन चिट दे देंगे । यह दोनों 'काम' एक ही दिन में कुछ घंटों के अंतराल पर जिस तरह संपन्न हुए, उससे भी डील होने की बात विश्वसनीय लगती है ।
डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों के बीच सवाल उठा है कि डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ पूर्व गवर्नर और पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता वैसे तो डिस्ट्रिक्ट व रोटरी की छवि को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं, लेकिन चुनावी आचार संहिता के खुल्लमखुल्ला उल्लंघन में भागीदार बनने की रवि चौधरी की हरकत पर उन्होंने क्या किया है ? इसका एक ही जबाव सुनने को मिल रहा है कि उन्होंने न कुछ किया है और न वह कुछ करेंगे; वह तो बस धृतराष्ट्र की तरह आँखों पर पट्टी बाँध कर रवि चौधरी को दुर्योधन और दुःशासन की भूमिका एक साथ निभाने का मौका देते रहेंगे ।
कार्यक्रम के बैकड्रॉप की तस्वीर :