Friday, March 30, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी के सामने राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की पतली हुई हालत को देखते हुए ही कपिल गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए चैलेंज करने से पीछे हट रहे हैं क्या ?

चंडीगढ़ । कपिल गुप्ता को चैलेंजिंग उम्मीदवार बनने से पीछे हटता देख राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए और ज्यादा फजीहत की स्थिति पैदा हो गई है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार को चेलैंज करने की समय-सीमा समाप्त होने को आ रही है, लेकिन कपिल गुप्ता और या उनके क्लब की तरफ से चेलैंज करने को लेकर कोई हलचल ही नहीं सुनाई/दिखाई दे रही है । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में और नोमीनेटिंग कमेटी का नतीजा आने के तुरंत बाद कपिल गुप्ता और उनके भाई कमल गुप्ता तथा उनके क्लब के लोगों ने 'गर्मी' तो बहुत दिखाई थी, जिससे लगा था कि कपिल गुप्ता नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले को अवश्य ही चेलैंज करेंगे; लेकिन फिर जल्दी ही उनकी गर्मी उतर गई लगी । हालाँकि इस बीच राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने हर संभव कोशिश की कि कपिल गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए चुने गए अधिकृत उम्मीदवार रमेश बजाज को चेलैंज करें और चुनाव लड़ें, लेकिन उन्होंने पाया कि कपिल गुप्ता की चुनाव लड़ने की हिम्मत ही नहीं हो पा रही है । कपिल गुप्ता लगता है कि समझ रहे हैं कि राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स डीसी बंसल की तरह उन्हें पहले तो झाड़ पर चढ़ा देंगे और फिर उन्हें बलि का बकरा बना देंगे ।  इसी समझ के चलते कपिल गुप्ता अपने क्लब के सदस्य पूर्व गवर्नर सुभाष गर्ग की भी नहीं 'सुन' रहे हैं । कपिल गुप्ता ने टीके रूबी के गवर्नर-काल की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स की डिस्ट्रिक्ट के लोगों के जरिये जो एकतरफा फजीहत होती हुई देखी, उससे भी वह सावधान हो गए हैं ।
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स को डर दरअसल यह भी है कि कपिल गुप्ता कहीं टीके रूबी खेमे के साथ न मिल जाएँ । डिस्ट्रिक्ट में इस समय जो राजनीतिक माहौल है, उसमें टीके रूबी खेमे का पलड़ा भारी नजर आ रहा है; और हर किसी को लग रहा है कि राजा साबू खेमे के लिए अपने उम्मीदवार को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनवा पाना निकट भविष्य में तो संभव नहीं है । वास्तव में यही कारण है कि राजा साबू खेमे के भरोसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी बनने की तैयारी कर रहे उम्मीदवार एकदम पीछे हट गए हैं । ऐसे में, राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स को डर हुआ है कि कहीं कपिल गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (नॉमिनी) बनने के लिए टीके रूबी खेमे के साथ न जा मिलें । कपिल गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों को यह कहते और सलाह देते हुए सुना भी गया है कि कपिल गुप्ता को यदि सचमुच डिस्ट्रिक्ट गवर्नर (नॉमिनी) बनना है, तो उन्हें राजा साबू खेमे का साथ छोड़ कर टीके रूबी खेमे के साथ मिल जाना चाहिए । कपिल गुप्ता के कुछेक नजदीकी और शुभचिंतक टीके रूबी और उनके खेमे के दूसरे नेताओं के नजदीक भी हैं, जिनकी मदद से कपिल गुप्ता की टीके रूबी खेमे में एंट्री और स्वीकार्यता आसानी से हो भी जाएगी । यह 'काम' कोशिश करेंगे, तो कपिल गुप्ता के क्लब के सदस्य पूर्व गवर्नर सतीश सलूजा ही करवा देंगे । सतीश सलूजा का टीके रूबी खेमे में अच्छा सम्मान है । बल्कि पिछले रोटरी वर्ष में जब वर्ष 2018-19 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब प्रस्तुत हुई कपिल गुप्ता की उम्मीदवारी को टीके रूबी खेमे का समर्थन दिलवाने के लिए सतीश सलूजा की तरफ से कोशिश हुई भी थी, जिस पर मधुकर मल्होत्रा ने आपत्ति की थी और नाराजगी दिखाई थी - जिसकी शिकायत सतीश सलूजा ने राजा साबू से भी की थी ।
उसके बाद भी, कुछेक मौकों पर ऐसा लगा तो था कि कपिल गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में टीके रूबी खेमे के उम्मीदवार हो सकते हैं । दरअसल एक उम्मीदवार के रूप में रमेश बजाज की कोई सक्रियता ही नहीं बन सकी थी, और खुद टीके रूबी खेमे में ही उन्हें एक 'बोझ' की तरह देखा जा रहा था । ऐसे में, कपिल गुप्ता के नजदीकियों और शुभचिंतकों को लगा भी था कि कपिल गुप्ता यदि थोड़ा सा भी प्रयास करें - तो वह रमेश बजाज की जगह टीके रूबी खेम के उम्मीदवार हो सकते हैं । कपिल गुप्ता लेकिन पता नहीं किस गलतफहमी में रहे कि हाथ में आए सुनहरे मौके को गवाँ बैठे । उनके नजदीकियों और शुभचिंतकों को लग रहा है कि अभी तक जो हुआ सो हुआ, कपिल गुप्ता अब तो लेकिन हालात की सच्चाई को समझें और टीके रूबी खेमे का समर्थन जुगाड़ने का प्रयास करें । मजे की बात यह है कि टीके रूबी खेमे के पास उम्मीदवारों का टोटा भी दिख रहा है । खेमे के नेताओं की तरफ से अगले रोटरी वर्ष में अजय मदान को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा सुनी गई है, हालाँकि अजय मदान उम्मीदवार बनने से अभी इंकार कर रहे हैं । ऐसे में, कपिल गुप्ता के नजदीकियों और शुभचिंतकों को कपिल गुप्ता के लिए अच्छा मौका 'दिख' रहा है । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को डर और शक है कि चैलेंज न करके कपिल गुप्ता कहीं इस 'अच्छे' मौके का फायदा उठाने के लिए ही जमीन तैयार तो नहीं कर रहे हैं ? वह समझ रहे हैं कि कपिल गुप्ता ने यदि सचमुच ऐसा कर लिया, तो यह उनके लिए बड़ी फजीहत की बात होगी । इसीलिए राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स कपिल गुप्ता को तरह तरह से उकसा रहे हैं कि वह अधिकृत उम्मीदवार रमेश बजाज को चेलैंज करें । लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, लग नहीं रहा है कि कपिल गुप्ता उनके झाँसे में आ रहे हैं । जल्दी ही यह स्पष्ट हो जायेगा कि कपिल गुप्ता को राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स पर भरोसा रह गया है या नहीं ?