नई दिल्ली । विजय गुप्ता के दखल के चलते
पंकज पेरिवाल ने कमेटियों के पुनर्गठन का आदेश देकर नितिन कँवर को झटका तो
तगड़ा दिया है, लेकिन नितिन कँवर ने भी अपने लोगों के बीच स्पष्ट कर दिया है
कि दोबारा उनका ऐसा अपमान हुआ तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगे - और यदि जरूरत पड़ी तो वह वाइस चेयरमैन का पद छोड़ देंगे । नॉर्दर्न
इंडिया रीजनल काउंसिल की नई बनी टीम की पहली ही मीटिंग में नई बनी
कमेटियों को लेकर खासा बबाल हो गय । नई बनी कमेटियों में हालाँकि विरोधी
खेमे के सदस्यों को भी शामिल तो किया गया, और कुछेक कमेटियों में उन्हें
प्रमुख पद भी दिए गए - लेकिन कमेटियों का गठन कुछ इस तरह से किया गया कि
उन्हें सिर्फ सजावटी सदस्य/पदाधिकारी बन कर ही रहना पड़ता । यह देख/समझ कर विरोधी खेमे के सदस्य खासे भड़के हुए थे । उन्होंने
चेयरमैन पंकज पेरिवाल को उलाहना भी दिया कि बातें तो सभी को साथ लेकर चलने
की कर रहे हो, लेकिन रवैया पक्षपातपूर्ण है । पंकज पेरिवाल ने उन्हें
समझाने की कोशिश भी की कि वह उनकी शिकायतों को सुनेंगे और आवश्यक कार्रवाई
करेंगे, लेकिन चूँकि वह कुछ करते हुए नजर नहीं आ रहे थे - इसलिए विरोधी
सदस्य भड़के ही रहे । विरोधी सदस्यों के भड़कने पर वाइस चेयरमैन नितिन कँवर ने पूर्व
की भाँति अपना बदतमीजी भरा व्यवहार प्रदर्शित किया, तो मामला और ज्यादा गरमा गया ।
राजिंदर नारंग ने तो कमेटियों से इस्तीफा दे देने तक की घोषणा कर दी ।
मामले को बढ़ता और गंभीर रूप लेता देख मीटिंग में मौजूद सेंट्रल काउंसिल
सदस्य विजय गुप्ता ने हस्तक्षेप किया और मोर्चा संभाला ।
विजय गुप्ता ने पहले तो नितिन कँवर को हड़काया । उन्होंने साफ कहा कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में जो होता रहा है, उससे काउंसिल और इंस्टीट्यूट और प्रोफेशन की बहुत बदनामी हुई है; इसलिए काउंसिल के पदाधिकारियों को अपने व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए, और अपने पद की गरिमा के साथ-साथ इंस्टीट्यूट व प्रोफेशन की गरिमा को भी बनाए रखने पर गौर करना चाहिए । इसके बाद, विजय गुप्ता ने चेयरमैन पंकज पेरिवाल को सुझाव दिया कि काउंसिल के सदस्यों की यदि कोई शिकायत है, तो उन्हें उन शिकायतों को सुनना चाहिए और उन्हें दूर करने के लिए तुरंत ही कार्रवाई करना चाहिए । विजय गुप्ता ने जिस ढृढ़ता और स्पष्टता से अपनी बात कही, उसे सुन कर नितिन कँवर को मन मार कर चुप होना पड़ा और पंकज पेरिवाल ने भी तुरंत ही कमेटियों को पुनर्गठित करने का फैसला सुना दिया । नितिन कँवर के लिए यह बड़ी झटके वाली बात हुई । दरअसल कमेटियों में सदस्यों का नामांकन करने का काम उन्होंने ही किया था, और इस मनमानी के साथ किया था - जिससे कि उनकी चौधराहट तथा बदतमीजियाँ पिछले वर्ष की तरह बदस्तूर चलती रहें । नितिन कँवर को शिकायत रही है कि कुछेक बड़ी ब्रांचेज के पदाधिकारी उनकी लाख कोशिशों के बावजूद उन्हें कोई तवज्जो ही नहीं देते हैं, इस कारण से उन्होंने ऐसा जुगाड़ किया कि बड़ी ब्रांचेज में भी उन्हें मुँह दिखाने का मौका मिल जाए । नितिन कँवर के लिए लेकिन बदकिस्मती की बात यह रही कि रीजनल काउंसिल की इस वर्ष की पहली ही मीटिंग में उनके सारे जुगाड़ पर पानी फिर गया है ।
नितिन कँवर ने अपनी इस बदकिस्मती के लिए विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है । उल्लेखनीय है कि नितिन कँवर एक बार पहले भी विजय गुप्ता से सार्वजनिक रूप से लताड़ खा चुके हैं । कुछ ही दिन पहले दिल्ली में हुए इंस्टीट्यूट के कॉन्वोकेशन समारोह में नितिन कँवर की बदतमीजीपूर्ण हरकत पर विजय गुप्ता ने समारोह के बीच में ही उन्हें फटकारा था । पिछली बार फटकार खाकर नितिन कँवर हालाँकि चुप लगा गए थे; अबकी बार लेकिन वह गर्मी खाते नजर आ रहे हैं । विजय गुप्ता के सामने तो यद्यपि उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन अपने नजदीकियों के सामने उन्होंने विजय गुप्ता के प्रति भड़ास निकाली । नितिन कँवर के ही नजदीकियों का कहना है कि नितिन कँवर इस बात पर बुरी तरह निराश और फ्रस्ट्रेशन में हैं कि पंकज पेरिवाल ने भी विजय गुप्ता का साथ दिया और उनकी बात मान कर कमेटियों को पुनर्गठित करने का फैसला सुना दिया । दरअसल पिछले वर्ष के चेयरमैन राकेश मक्कड़ ने नितिन कँवर की बदतमीजीपूर्ण हरकतों को पूरा पूरा संरक्षण दिया हुआ था, लेकिन वैसा संरक्षण उन्हें पंकज पेरिवाल से मिलता नहीं दिख रहा है - उनके लिए फजीहत की बात यह और हुई कि विरोधी खेमे के सदस्यों की शिकायत को विजय गुप्ता ने तवज्जो देकर उनका हौंसला और बढ़ा दिया । इससे नितिन कँवर को लगने लगा है कि इस वर्ष उनके लिए अपनी हरकतों को जारी रख पाना मुश्किल ही होगा । नितिन कँवर इस स्थिति के लिए विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । अपने नजदीकियों के सामने उन्होंने विजय गुप्ता के खिलाफ अपनी भड़ास तो निकाल ली, और यह घोषणा भी कर दी कि दोबारा ऐसा अपमान होने पर वह वाइस चेयरमैन पद छोड़ देंगे - लेकिन नितिन कँवर के लिए सचमुच ऐसा कर पाना संभव होगा क्या ?
विजय गुप्ता ने पहले तो नितिन कँवर को हड़काया । उन्होंने साफ कहा कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में जो होता रहा है, उससे काउंसिल और इंस्टीट्यूट और प्रोफेशन की बहुत बदनामी हुई है; इसलिए काउंसिल के पदाधिकारियों को अपने व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए, और अपने पद की गरिमा के साथ-साथ इंस्टीट्यूट व प्रोफेशन की गरिमा को भी बनाए रखने पर गौर करना चाहिए । इसके बाद, विजय गुप्ता ने चेयरमैन पंकज पेरिवाल को सुझाव दिया कि काउंसिल के सदस्यों की यदि कोई शिकायत है, तो उन्हें उन शिकायतों को सुनना चाहिए और उन्हें दूर करने के लिए तुरंत ही कार्रवाई करना चाहिए । विजय गुप्ता ने जिस ढृढ़ता और स्पष्टता से अपनी बात कही, उसे सुन कर नितिन कँवर को मन मार कर चुप होना पड़ा और पंकज पेरिवाल ने भी तुरंत ही कमेटियों को पुनर्गठित करने का फैसला सुना दिया । नितिन कँवर के लिए यह बड़ी झटके वाली बात हुई । दरअसल कमेटियों में सदस्यों का नामांकन करने का काम उन्होंने ही किया था, और इस मनमानी के साथ किया था - जिससे कि उनकी चौधराहट तथा बदतमीजियाँ पिछले वर्ष की तरह बदस्तूर चलती रहें । नितिन कँवर को शिकायत रही है कि कुछेक बड़ी ब्रांचेज के पदाधिकारी उनकी लाख कोशिशों के बावजूद उन्हें कोई तवज्जो ही नहीं देते हैं, इस कारण से उन्होंने ऐसा जुगाड़ किया कि बड़ी ब्रांचेज में भी उन्हें मुँह दिखाने का मौका मिल जाए । नितिन कँवर के लिए लेकिन बदकिस्मती की बात यह रही कि रीजनल काउंसिल की इस वर्ष की पहली ही मीटिंग में उनके सारे जुगाड़ पर पानी फिर गया है ।
नितिन कँवर ने अपनी इस बदकिस्मती के लिए विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है । उल्लेखनीय है कि नितिन कँवर एक बार पहले भी विजय गुप्ता से सार्वजनिक रूप से लताड़ खा चुके हैं । कुछ ही दिन पहले दिल्ली में हुए इंस्टीट्यूट के कॉन्वोकेशन समारोह में नितिन कँवर की बदतमीजीपूर्ण हरकत पर विजय गुप्ता ने समारोह के बीच में ही उन्हें फटकारा था । पिछली बार फटकार खाकर नितिन कँवर हालाँकि चुप लगा गए थे; अबकी बार लेकिन वह गर्मी खाते नजर आ रहे हैं । विजय गुप्ता के सामने तो यद्यपि उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन अपने नजदीकियों के सामने उन्होंने विजय गुप्ता के प्रति भड़ास निकाली । नितिन कँवर के ही नजदीकियों का कहना है कि नितिन कँवर इस बात पर बुरी तरह निराश और फ्रस्ट्रेशन में हैं कि पंकज पेरिवाल ने भी विजय गुप्ता का साथ दिया और उनकी बात मान कर कमेटियों को पुनर्गठित करने का फैसला सुना दिया । दरअसल पिछले वर्ष के चेयरमैन राकेश मक्कड़ ने नितिन कँवर की बदतमीजीपूर्ण हरकतों को पूरा पूरा संरक्षण दिया हुआ था, लेकिन वैसा संरक्षण उन्हें पंकज पेरिवाल से मिलता नहीं दिख रहा है - उनके लिए फजीहत की बात यह और हुई कि विरोधी खेमे के सदस्यों की शिकायत को विजय गुप्ता ने तवज्जो देकर उनका हौंसला और बढ़ा दिया । इससे नितिन कँवर को लगने लगा है कि इस वर्ष उनके लिए अपनी हरकतों को जारी रख पाना मुश्किल ही होगा । नितिन कँवर इस स्थिति के लिए विजय गुप्ता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । अपने नजदीकियों के सामने उन्होंने विजय गुप्ता के खिलाफ अपनी भड़ास तो निकाल ली, और यह घोषणा भी कर दी कि दोबारा ऐसा अपमान होने पर वह वाइस चेयरमैन पद छोड़ देंगे - लेकिन नितिन कँवर के लिए सचमुच ऐसा कर पाना संभव होगा क्या ?