Saturday, March 24, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू में अजय डैंग की उम्मीदवारी के पक्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद तथा अन्य गवर्नर्स को दबाव में लेकर श्याम निगम व वंदना निगम ने डिस्ट्रिक्ट में अपनी चौधराहट 'दिखाई'

कानपुर । अजय डैंग की उम्मीदवारी के जरिए डिस्ट्रिक्ट में अपनी चौधराहट दिखाने/जमाने के श्याम निगम और वंदना निगम के प्रयास के तहत नवीन गुप्ता को उम्मीदवारी वापस लेने के लिए जिस तरह से घेरा जा रहा है, उससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच बदमजगी-सी पैदा होने लगी है । नवीन गुप्ता के कुछेक समर्थक नेताओं को तरह तरह के ऑफर/लालच लेकर निगम दंपति जिस तरह से अपनी तरफ मिला ले रहे हैं, उससे लगता तो है कि नवीन गुप्ता अपनी उम्मीदवारी पर टिके न रह पाएँ - लेकिन जो हो रहा है, उससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच पूर्व गवर्नर्स नेताओं के खिलाफ असंतोष जरूर पनप रहा है । हालाँकि नवीन गुप्ता की उम्मीदवारी को वापस करवाने के लिए जो तर्क दिया जा रहा है, उससे सिद्धांततः किसी को भी ऐतराज नहीं है - लेकिन बात तर्क के पीछे छिपे 'उद्देश्य' और नीयत की है । तर्क दिया जा रहा है कि डिस्ट्रिक्ट में जब पिछले कुछ वर्षों से सौहार्द बना हुआ है और सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का चुनाव/चयन सर्वसम्मति से हो रहा है, तब फिर इस वर्ष चुनाव के लिए युद्धभूमि क्यों सजाई जा रही है - और इसके जरिये डिस्ट्रिक्ट के सौहार्दपूर्ण माहौल को क्यों बिगाड़ा जा रहा है ? डिस्ट्रिक्ट में कई एक लोगों का कहना है कि सुनने में तो यह तर्क बहुत ही वाजिब और अच्छा लग रहा है; और वास्तव में हर कोई चाहता है कि चुनाव के नाम पर डिस्ट्रिक्ट में बदमजगी न फैले और पैसों की बर्बादी न हो - लेकिन सवाल और देखने की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट में चुनाव थोपने की कोशिश की किसने है और डिस्ट्रिक्ट में सौहार्द बनाये रखने के नाम पर नवीन गुप्ता की उम्मीदवारी की ही बलि लेने की कोशिश आखिर क्यों की जा रही है ? इस सवाल से दो-चार होते ही निशाने पर निगम दंपति आ जाते हैं ।
दरअसल सर्वसम्मति से सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुनवा कर डिस्ट्रिक्ट में सौहार्द बनाए रखने की 'इच्छा' यदि वास्तव में होती तो इस वर्ष महेंद्रनाथ गुप्ता सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर चुने जा रहे होते । उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष महेंद्रनाथ गुप्ता की उम्मीदवारी को इसी आश्वासन के भरोसे वापस करवाया गया था कि वह अगले वर्ष सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुन/चुनवाए जा सकते हैं । महेंद्रनाथ गुप्ता बेचारे सीधे/शरीफ व्यक्ति हैं, वह नेताओं के झाँसे में आ गए । मौजूदा वर्ष में भी उन्हें विश्वास रहा कि जिन नेताओं ने आश्वासन देकर उनसे उनकी उम्मीदवारी वापस करवाई थी, वह अपना वायदा निभायेंगे - और इसी विश्वास के भरोसे उन्होंने एक उम्मीदवार के रूप में लोगों के बीच अपनी सक्रियता को संयोजित किया । लेकिन जल्दी ही उन्होंने देखा/पाया कि पिछले वर्ष उनकी उम्मीदवारी को वापस करवाने तथा अगले वर्ष के लिए आश्वासन देने को लेकर आगे आगे रहने वाले निगम दंपति अजय डैंग को उम्मीदवार बना रहे हैं । निगम दंपति ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद के कुछेक 'स्वार्थों' को अजय डैंग से पूरा करवा कर उन्हें महेंद्रनाथ गुप्ता के साथ किए गए वायदे को भूलने तथा अजय डैंग की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए राजी कर लिया । दीपक राज आनंद पिछले लायन वर्ष में मल्टीपल की राजनीति में अपने 'स्वार्थों' को पूरा करने के लिए जब पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किरण सिंह को धोखा देने से नहीं चूके, तब बेचारे महेंद्रनाथ गुप्ता ही उनके धोखे से कैसे बच पाते ? नवीन गुप्ता ने जब देखा/पाया कि महेंद्रनाथ गुप्ता के साथ धोखा करते हुए अजय डैंग की उम्मीदवारी लाई जा रही है, तो उन्होंने भी अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत कर दी ।
नवीन गुप्ता का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने वाले पूर्व गवर्नर्स नेताओं ने कुछेक वर्ष उनके साथ भी वायदा किया हुआ है, जिस पर भरोसा करते हुए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी । नवीन गुप्ता लेकिन इस बात को भूल रहे हैं कि लायन लीडर्स वास्तव में वायदा करते ही इसलिए हैं, ताकि उसे भूल सकें और तोड़ सकें । महेंद्रनाथ गुप्ता की तरह नवीन गुप्ता भी पूर्व गवर्नर्स नेताओं की वायदाखिलाफी के शिकार इसलिए भी हुए हैं, क्योंकि उनकी वकालत करने के लिए कोई दमदार गवर्नर आगे नहीं आया है । मजे की बात यह हुई है कि अजय डैंग की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं ने कानपुर/झाँसी का झगड़ा और खड़ा कर दिया है, जिसके तहत कहा जा रहा है कि झाँसी से लगातार गवर्नर कैसे बन सकते हैं ? यह तर्क अपने आप में धोखेभरा इसलिए है कि जब कानपुर से लगातार गवर्नर बन सकते हैं, तो झाँसी से क्यों नहीं बन सकते हैं ? जाहिर है कि बात तर्क की और वायदा निभाने की है ही नहीं, बात तो अपनी मनमानी चलाने की है । निगम पति-पत्नी ने अजय डैंग की उम्मीदवारी के संदर्भ में जिस तरह से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद तथा दूसरे पूर्व गवर्नर्स को दबाव में ले लिया है, उससे यह तो हो सकता है कि वह अजय डैंग को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुनवा लें - लेकिन उनकी इस वायदाखिलाफीपूर्ण कार्रवाई से डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच पूर्व गवर्नर्स नेताओं के प्रति बदमजगी तो पैदा हो ही जा रही है ।