गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल को 'काबू' में करने के लिए मुकेश गोयल ने उन्हें पंकज बिजल्वान के जरिये पुलिस में फँसाने की जो कोशिश की है, उसने हर किसी को हैरान किया है । हर किसी का यही मानना/कहना है कि मुकेश गोयल से उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि डिस्ट्रिक्ट की व्यवस्था व राजनीति में अपनी प्रमुखता बनाए रखने के लिए वह इस हद तक जायेंगे । डिस्ट्रिक्ट की व्यवस्था व राजनीति तथा उसमें मुकेश गोयल की ऊपर/नीचे होती रही स्थिति से परिचित रहे लोगों का कहना/बताना है कि एक लायन नेता के रूप में मुकेश गोयल के सामने बहुत बड़ी बड़ी चुनौतियाँ आईं हैं, लेकिन मुकेश गोयल ने अपने राजनीतिक कौशल से ही उन चुनौतियों का सामना किया है । यह पहली बार देखने में आया है कि विनय मित्तल से मिल रही चुनौती से निपटने में उन्हें जैसे अपने राजनीतिक कौशल पर भरोसा नहीं रह गया है, और उन्हें विनय मित्तल को पुलिस केस में फँसा/फँसवा कर विनय मित्तल को 'काबू' में करने का हथकंडा अपनाना पड़ा । मजे की बात यह रही कि मुकेश गोयल ने विनय मित्तल को फँसवाने के लिए जिन पंकज बिजल्वान का इस्तेमाल किया, विनय मित्तल की प्रतिउत्तर में की जाने वाली पुलिस कार्रवाई की धमकी में वह पंकज बिजल्वान भी फँसते हुए नजर आए; और तब पंकज बिजल्वान ने हापुड़ की बजाये देहरादून में ही समझौता कर लेने में अपनी खैर समझी और मुकेश गोयल की योजना फेल हो गई । मुकेश गोयल के लिए झटके की बात यह भी रही कि मामले को ज्यादा बिगड़ने से बचाने तथा मुकेश गोयल की योजना को फेल करने का श्रेय पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुनील जैन को मिल गया - जिन्होंने अपनी सूझबूझ व अपने प्रभाव से दोनों पक्षों को सम्मानजनक समझौते के लिए राजी कर लिया ।
मामला पंकज बिजल्वान का हस्तारक्षित एक कोरा कागज विनय मित्तल के पास होने से जुड़ा था । दरअसल डिस्ट्रिक्ट में बहुत दिनों से लोगों के बीच यह चर्चा चल ही रही थी कि विनय मित्तल, पंकज बिजल्वान को जोन चेयरमैन के पद से हटायेंगे । लोगों के बीच जारी चर्चा में कुछेक लोग पंकज बिजल्वान को जोन चेयरमैन पद से हटाने के कारण के रूप में पंकज बिजल्वान को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी से रोकने की रणनीति के रूप में देख रहे थे; तो कुछेक लोग पंकज बिजल्वान की लोगों के साथ फोन पर होने वाली बातचीत को टेप करने तथा फिर उस रिकॉर्डेड बातचीत के आधार पर लोगों को बदनाम करने तथा उनसे राजनीतिक सौदेबाजी करने की शिकायतों पर की जाने वाली कार्रवाई के रूप में देख रहे थे । कई लोगों ने विनय मित्तल से शिकायत की हुई थी कि पंकज बिजल्वान उनसे डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति पर तथा डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख लोगों के बारे में बातेँ करते हैं, और उस बातचीत को उनकी जानकारी के बिना रिकॉर्ड कर लेते हैं - और फिर वह बातचीत मुकेश गोयल तथा शिव कुमार चौधरी को सुनाते/सुनवाते हैं । यह शिकायत करने वाले लोग विनय मित्तल से माँग कर रहे थे कि इस तरह की हरकतें करने तथा डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच वैमनस्य व झगड़ा पैदा करने वाले पंकज बिजल्वान को वह जोन चेयरमैन के पद से हटाएँ । इस तरह की चर्चाओं के बीच पंकज बिजल्वान दीवाली मिलने के बहाने गाजियाबाद में विनय मित्तल से उनके ऑफिस में मिले, जहाँ फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीवा अग्रवाल संयोगवश पहले से मौजूद थे । विनय मित्तल ने उन्हें स्पष्ट कर दिया कि फोन पर बातचीत को रिकॉर्ड करने तथा फिर उसका दुरुपयोग करने को लेकर उन पर जो आरोप हैं, उनके कारण वह अपनी टीम में उन्हें बनाए नहीं रख पायेंगे । तब पंकज बिजल्वान ने उनसे अनुरोध किया कि वह उन्हें जोन चेयरमैन पद से हटाएँ न, क्योंकि तब लोगों के बीच उनकी फजीहत होगी और वह खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देंगे । विनय मित्तल से एक कोरा कागज लेकर और उस पर अपने हस्ताक्षर करके पंकज बिजल्वान ने वह कागज विनय मित्तल को यह कहते हुए दे दिया कि कोई सम्मानपूर्ण सा तर्क देकर वह इस्तीफे की इबारत इस पर लिख लें । कुछ अपनी प्रोफेशनल व्यस्तता और कुछ अपने सीधे स्वभाव के कारण विनय मित्तल ने इस्तीफे की इबारत लिखने पर उस समय जोर नहीं दिया और सीधे/सरल स्वभाव में पंकज बिजल्वान द्वारा हस्ताक्षरित कागज अपने पास रख लिया ।
पंकज बिजल्वान ने लेकिन दो-तीन दिन बाद ही रंग बदल लिया । उन्होंने विनय मित्तल पर आरोप लगाया कि विनय मित्तल ने उन्हें दबाव में लेकर एक कोरे कागज पर उनसे हस्ताक्षर करवा लिए हैं और उस कागज का पता नहीं वह क्या दुरुपयोग करेंगे । समझा जाता है और लोगों के बीच चर्चा है कि पंकज बिजल्वान के इस रंग बदलने में मुकेश गोयल का हाथ है । लोगों को लगता है कि पंकज बिजल्वान ने कोरे कागज पर हस्ताक्षर करके देने की बात मुकेश गोयल को बताई होगी, और उस बात में मुकेश गोयल को विनय मित्तल को दबोच लेने का मौका नजर आया । लोगों के बीच चर्चा है कि मुकेश गोयल की सलाहानुसार ही पंकज बिजल्वान पुलिस में गए । मुकेश गोयल को लगता था कि मामला पुलिस में जायेगा, तो विनय मित्तल दौड़े हुए उनकी शरण में आ जायेंगे । पुलिस ने मामले को सुना/जाना तो यह समझ लिया कि मामला किसी आपराधिक श्रेणी में नहीं आता है, इसलिए रिपोर्ट दर्ज किए बिना उसने दोनों पक्षों को सलाह दी कि आप लोग आपस में बातचीत करके मामले को हल कर लो । पुलिस भी जानती/समझती है कि सामाजिक/राजनीतिक संस्थाओं में होने वाली उठापटक में इस्तीफे लेने/देने और फिर उन्हें वापस लेने के 'नाटक' होते रहते हैं और यह किसी आपराधिक श्रेणी में नहीं आते हैं । आपस में बातचीत करके मामले को हल करने की बात आई, तो विनय मित्तल ने साफ कहा कि पंकज बिजल्वान जो कागज उन्हें दे गए थे, वह वैसा का वैसा ही उनके पास रखा है लेकिन उक्त कागज वापस मिलने की पावती पंकज बिजल्वान को लिख कर उन्हें देनी होगी । कागज वापस करने की प्रक्रिया को लेकर काफी नाटकबाजी तो हुई, लेकिन अंततः देहरादून के कुछेक प्रमुख लायन लीडर्स के बीच कागज वापस करने की प्रक्रिया को अंजाम देना तय हुआ । देहरादून के कुछेक प्रमुख लायन लीडर्स के बीच हो रही बातचीत के दौरान मामले में मुकेश गोयल की संलग्नता खुलकर सामने आई, क्योंकि मुकेश गोयल बार बार फोन करके पंकज बिजल्वान को निर्देश दे रहे थे, जिस कारण पंकज बिजल्वान बार बार अपनी ही बात से पलट रहे थे । एक मौके पर पंकज बिजल्वान ने यह कहते हुए उस मीटिंग को निरर्थक करने का प्रयास किया कि उक्त कागज वापस करने/लेने की प्रक्रिया हापुड़ में मुकेश गोयल के घर पर होगी । इस पर विनय मित्तल उखड़ गए और उन्होंने साफ कह दिया कि उक्त कागज वापस होने की प्रक्रिया यहीं होगी और अभी होगी, अभी यह यदि नहीं हुई तो वह गाजियाबाद लौट रहे हैं और वह वहाँ एफआईआर दर्ज करवायेंगे और फिर मामला पुलिस और अदालत में ही तय होगा । विनय मित्तल के यह तेवर देख कर पंकज बिजल्वान सकपका गए और फिर बड़े आराम से वहीं उक्त कागज के वापस होने की प्रक्रिया पूरी हुई और एक नाटकीय घटनाचक्र का पटापेक्ष हुआ ।
पंकज बिजल्वान को जोन चेयरमैन के पद से हटाने की तैयारी विनय मित्तल की थी, और विनय मित्तल ने उन्हें उक्त पद से हटा ही दिया है । इस्तीफा देकर पद छोड़ने की पेशकश पंकज बिजल्वान ने ही की थी, और अपनी ही पेशकश की उन्होंने भ्रूण हत्या कर दी । मुकेश गोयल ने पंकज बिजल्वान का इस्तेमाल करके विनय मित्तल को काबू करने की कोशिश की थी, लेकिन विनय मित्तल और सुनील जैन ने उनकी कोशिश को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया । इस किस्से के सामने आने के बाद डिस्ट्रिक्ट में हर कोई पंकज बिजल्वान और मुकेश गोयल को कोस रहा है कि पुलिस में झूठी शिकायत का भय दिखा कर यह लोग अब अपनी अपनी राजनीति के स्वार्थ पूरे करेंगे क्या ? इस किस्से से कुछेक लोगों की विनय मित्तल को वह अभिमन्यु बताने की बात भी सच साबित हो गई है जिसे चक्रव्यूह में घुसना भी आता है, और उससे निकलना भी । इस मामले में विनय मित्तल ने जिस तरह से मुकेश गोयल की रणनीति को फेल किया है, सुनील जैन को विनय मित्तल का संकट मोचक बनकर हीरो बनने का मौका मिला है, और मुकेश गोयल को इस मामले में जिस तरह से हर किसी की आलोचना सुनने को मिल रही है - उसमें डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति को बड़ी करवट लेते देखा/पहचाना जा रहा है ।