Sunday, November 4, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के सेंट्रल काउंसिल चुनाव में अमरजीत चोपड़ा से मिले धोखे से झटका खाए हंसराज चुग और उनके समर्थकों ने अमरजीत चोपड़ा के खिलाफ मोर्चा खोला

नई दिल्ली । हंसराज चुग और उनके नजदीकी इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रेसीडेंट अमरजीत चोपड़ा के 'दलबदलू' व्यवहार से इस कदर खफा हैं कि उनकी तरफ से अमरजीत चोपड़ा की पोल खोलने का अभियान ही शुरू हो गया है । हंसराज चुग की तरफ से अभी हाल ही में जालंधर व लुधियाना में सेमीनार के नाम पर जो पार्टियाँ हुईं, उनमें जुटे लोगों के बीच होने वाली अनौपचारिक बातचीत में हंसराज चुग तथा उनके नजदीकियों ने अमरजीत चोपड़ा को जमकर निशाना बनाया और कोसा । हंसराज चुग और उनके नजदीकी अमरजीत चोपड़ा से दरअसल इसलिए खफा हैं, क्योंकि अमरजीत चोपड़ा ने सेंट्रल काउंसिल चुनाव में मदद करने का उनसे वायदा तो किया था, लेकिन जब मदद करने की बारी आई तो अमरजीत चोपड़ा ने दलबदल कर उनकी बजाये संजीव सिंघल की उम्मीदवारी का झंडा उठा लिया - और हंसराज चुग ठगे से खड़े देखते रह गए । हालाँकि ऐसा नहीं है कि अमरजीत चोपड़ा ने हंसराज चुग की कोई मदद ही नहीं की; उन्होंने हंसराज चुग की उम्मीदवारी का समर्थन करने के लिए 'अपने' कुछेक लोगों से कहा है - लेकिन हंसराज चुग और उनके नजदीकियों के अनुसार, उनका यह कहना महज खानापूर्ति की तरह ही रहा और इससे हंसराज चुग की उम्मीदवारी को सचमुच में कोई फायदा नहीं मिला । हंसराज चुग के लिए झटके की बात यह रही कि जालंधर और लुधियाना में अमरजीत चोपड़ा के नजदीकी समझे जाने वाले लोगों ने हंसराज चुग की पार्टियों से पूरी तरह दूरी बना कर रखी, जिसके चलते हंसराज चुग की पार्टियाँ चुनावी नजरिये से फ्लॉप रहीं । हंसराज चुग और उनके नजदीकी पंजाब की ब्रांचेज में अपने चुनाव अभियान के कमजोर पड़ने के लिए अमरजीत चोपड़ा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । उनकी तरफ से साफ आरोप सुना जा रहा है कि अमरजीत चोपड़ा ने उन्हें धोखा दिया है ।
अमरजीत चोपड़ा की तरफ से मिले धोखे ने हंसराज चुग के सारे चुनावी समीकरणों को चूँकि खासा गड़बड़ा दिया है, इसलिए उससे पैदा हुई निराशा में हंसराज चुग व उनके नजदीकियों का गुस्सा अमरजीत चोपड़ा पर फूट फूट रहा है । उनके बीच होने वाली अनौपचारिक चर्चाओं में कहा/बताया जा रहा है कि बिग फोर एकाउंटिंग फर्म ईवाई में प्रोफेशनल लाभ उठाने के लालच में अमरजीत चोपड़ा ने यह दलबदल किया है और हंसराज चुग के साथ वायदाखिलाफी की है । हंसराज चुग और उनके नजदीकियों के लिए ही नहीं, बल्कि अमरजीत चोपड़ा को जानने वाले अन्य लोगों के लिए भी ईवाई के प्रतिनिधि के रूप में संजीव सिंघल की उम्मीदवारी को अमरजीत चोपड़ा का समर्थन मिलना हैरानी की बात बना हुआ है । अमरजीत चोपड़ा इंस्टीट्यूट के प्रेसीडेंट के रूप में भी और उसके बाद भी बिग फोर फर्म्स के खिलाफ रहे हैं, और उन्हें भारतीय फर्म्स तथा भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के हितों के खिलाफ कहते/बताते रहे हैं । वास्तव में, बिग फोर फर्म्स के तौर-तरीकों के खिलाफ निरंतर सक्रियता बनाये रखने के चलते ही अमरजीत चोपड़ा को आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच अच्छी पहचान और प्रभावी समर्थन मिला है । वास्तव में इसी कारण से इंस्टीट्यूट से जुड़े हर किसी व्यक्ति को हैरानी है कि अमरजीत चोपड़ा का अचानक से यह हृदय परिवर्तन कैसे और क्यों हो गया है और अभी कल तक बिग फोर फर्म्स के खिलाफ बातें करते रहने वाले अमरजीत चोपड़ा ने बिग फोर फर्म के प्रतिनिधि को इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल में भेजने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर आखिर क्यों उठा ली है ?
अमरजीत चोपड़ा के चुनावी रवैये में आए बदलाव के चलते धोखा खाए हंसराज चुग और उनके साथियों के बीच होने वाली चर्चाओं में सुनने को यही मिल रहा है कि अमरजीत चोपड़ा ने अपने निजी स्वार्थ में राजनीतिक पाला बदला है और हंसराज चुग को धोखा दिया है । चर्चाओं में कहा/सुना जा रहा है कि अमरजीत चोपड़ा ने लगता है कि ईवाई फर्म से कुछ बड़ा काम लेने और या फर्म में बड़ी पोजीशन लेने का जुगाड़ बैठा लिया है, और उसके ऐवज में उन्होंने फर्म के उम्मीदवार संजीव सिंघल को सेंट्रल काउंसिल चुनाव जितवाने का 'ठेका' ले लिया है । सेंट्रल काउंसिल की चुनावी राजनीति में सक्रिय रहे लोगों का कहना/बताना है कि अमरजीत चोपड़ा हालाँकि पिछले चुनाव में बिग फोर फर्म के उम्मीदवार संजीव चौधरी के लिए भी वोट जुटाने का काम कर चुके हैं, लेकिन तब यह काम उन्होंने बहुत छोटे स्तर पर तथा दबे-छिपे रूप में ही किया था । संजीव चौधरी की मदद के पीछे उनकी 'दोस्ती' को कारण के रूप में देखा/पहचाना गया था, इसलिए तब बिग फोर फर्म के उम्मीदवार को उनकी मदद पर कोई बबाल नहीं हुआ था । इस बार लेकिन अमरजीत चोपड़ा ने बिग फोर फर्म के उम्मीदवार के रूप में संजीव सिंघल की उम्मीदवारी का झंडा जिस 'मजबूती' के साथ उठाया है, और इसके चलते वह हंसराज चुग से किए गए वायदे को भी भूल गए हैं - उसके कारण वह लोगों के निशाने पर आ गए हैं । अमरजीत चोपड़ा के निजी स्वार्थ में बदले रवैये ने चूँकि सेंट्रल काउंसिल चुनाव में हंसराज चुग की उम्मीदवारी के अभियान को तगड़ा झटका दिया है, इसलिए अमरजीत चोपड़ा उनके निशाने पर ज्यादा हैं ।