Saturday, November 3, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के रूप में आरके शाह के सबसे बड़े विरोधी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस अपनी हरकतों के चलते उनके सबसे बड़े मददगार साबित हो रहे हैं

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस की भारी बदनामी और हर किसी के उनके खिलाफ होने की स्थिति ने आरके शाह को बड़ी राहत दी है, और उन्हें विश्वास हो चला है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के बावजूद वीके हंस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पायेंगे और उन्हें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने से नहीं रोक सकेंगे । डिस्ट्रिक्ट में बड़ा मजेदार सीन बना हुआ है - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के अकेले उम्मीदवार आरके शाह से बुरी तरह नाराज हैं, जिसके चलते उन्होंने ठाना हुआ है कि वह आरके शाह को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बनने देंगे; और इसके लिए वह बड़ी सक्रियता से एक उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं । अभी तक ओंकार सिंह रेनु को उनके उम्मीदवार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था; वीके हंस को जहाँ कहीं मौका मिलता/दिखता था, वह वहाँ ओंकार सिंह रेनु को आगे बढ़ाते व प्रमोट करते नजर आते थे - लेकिन पिछले कुछ दिनों से वीके हंस महसूस कर रहे हैं कि ओंकार सिंह रेनु चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं होंगे और पीछे हट जायेंगे, इसलिए वीके हंस ने एक नए उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी और कुछेक लोगों को उम्मीदवार बनने के लिए तैयार करने का काम किया । वीके हंस को अभी अपने इस 'काम' में हालाँकि सफलता नहीं मिली है, किंतु उन्हें विश्वास है कि उन्हें जल्दी ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए एक उम्मीदवार मिल जायेगा ।
वीके हंस के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि अपनी बातों और अपनी हरकतों से उन्होंने डिस्ट्रिक्ट में हर किसी को अपना दुश्मन और या विरोधी बना लिया है । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स में डीके अग्रवाल और अजय बुद्धराज हालाँकि उनके शुभचिंतक बने हुए हैं, लेकिन उम्मीदवार के 'खोज-अभियान' में वह भी कोई मदद करते हुए नहीं दिख रहे हैं । दरअसल वीके हंस ने डिस्ट्रिक्ट में अपनी ऐसी हालत बना ली है, कि कोई भी न तो उन पर भरोसा करने को तैयार है और न उनके साथ मिलकर कोई राजनीति करने को उत्सुक है । वास्तव में इसीलिए डीके अग्रवाल और अजय बुद्धराज भी उनके साथ 'ज्यादा आगे' नहीं जाना चाहते हैं, और सीमित रूप में ही उनके साथ जुड़े रहने में अपनी भलाई देख रहे हैं । डीके अग्रवाल और अजय बुद्धराज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के साथ रहने के फायदे तो उठाना चाहते हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की राजनीति के साथ जुड़ कर कोई नुकसान उठाने के लिए तैयार नहीं हैं । फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजीव अग्रवाल के साथ भी संबंधों के बिगड़ जाने से वीके हंस की हालत और पतली हो गयी है । राजीव अग्रवाल ने हालाँकि काफी समय तक तो वीके हंस की हरकतों और उनकी हरकतों के चलते उनकी होने वाली बदनामी को अनदेखा किया, लेकिन फिर उनके साथ उन्होंने दूरी बना ली है । दरअसल राजीव अग्रवाल ने समझ लिया कि वीके हंस के वह ज्यादा चक्कर में रहे, तो उनकी हरकतों व उनकी बदनामी के चलते वह डिस्ट्रिक्ट में अपने दुश्मन व विरोधी और बना लेंगे और तब उनके लिए गवर्नरी कर पाना मुश्किल हो जायेगा । 
वीके हंस से डिस्ट्रिक्ट में जिस तरह से लोग दूर होते जा रहे हैं, उससे आरके शाह को बड़ी राहत मिल रही है । आरके शाह के लिए खुशकिस्मती की बात यह हो रही है कि डिस्ट्रिक्ट में हालाँकि उनके विरोधियों की संख्या भी कम नहीं है, और डिस्ट्रिक्ट में बहुत से लोग हैं जो उन्हें (सेकेंड वाइस) डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनते नहीं देखना चाहते हैं - लेकिन वीके हंस के कारण उनके विरोधियों के बीच कोई एकता नहीं हो पा रही है; और उनके लिए रास्ता साफ होता जा रहा है । इस तरह, डिस्ट्रिक्ट में उनके सबसे बड़े विरोधी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वीके हंस ही उनके सबसे बड़े मददगार साबित हो रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट में आरके शाह के विरोधियों का कहना यही है कि आरके शाह को जिस तरह से अधिकतर पूर्व गवर्नर्स की तरफ से समर्थन का आश्वासन मिल गया है, उसके चलते उन्होंने अपने आपको (सेकेंड वाइस) डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मान लिया है, और इस कारण उनके व्यवहार व रवैये में भी परिवर्तन आ गया है । आरके शाह के व्यवहार व रवैये में आए परिवर्तन के कारण कई लोग उनके विरोधी हो गए हैं, और इसके चलते उनके लिए चुनावी मुकाबले की स्थिति बनाई जा सकती थी और उन्हें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने से रोका जा सकता था - लेकिन वीके हंस के कारण आरके शाह को अभयदान मिलता दिख रहा है । आरके शाह का जो विरोध - आरके शाह के विरोधियों के बीच एकता का कारण बन सकता था, वीके हंस की हरकतों के वह एकता लेकिन नहीं बन पा रही है - और इसके चलते आरके शाह तमाम विरोध व विरोधियों के होने के बावजूद मजे में हैं ।