Monday, November 19, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के सेंट्रल काउंसिल चुनाव अभियान में फरीदाबाद में आयोजित हुए सुधीर अग्रवाल के आयोजन को फेल करने की कोशिश में राजेश शर्मा खुद ही फजीहत का शिकार हो गए

फरीदाबाद । सुधीर अग्रवाल की उम्मीदवारी के लिए समर्थन दिखाने/जुटाने के उद्देश्य से फरीदाबाद में आयोजित होने वाले आयोजन में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को जाने से रोकने के इरादे से राजेश शर्मा ने चाल तो अच्छी चली थी, लेकिन उनकी चाल उन्हें ही उल्टी पड़ गई और उनकी ही फजीहत करा बैठी । उल्लेखनीय है कि सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली नॉर्दर्न इंडिया सीए फेडरेशन ने अभी हाल ही में फरीदाबाद के जिमखाना क्लब में एक प्रोफेशनल मीटिंग का आयोजन किया, जिसमें इंस्टीट्यूट के पूर्व प्रेसीडेंट वेद जैन तथा फरीदाबाद के वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट केके गुप्ता को चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के साथ बातचीत की । कहने के लिए तो बातचीत इनकम टैक्स नियमों में हुए संशोधनों पर हुई, लेकिन लोगों के बीच यह कोई दबी/छिपी बात नहीं थी कि इस मीटिंग का वास्तविक उद्देश्य सेंट्रल काउंसिल के लिए प्रस्तुत सुधीर अग्रवाल की उम्मीदवारी को फरीदाबाद के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच समर्थन जुटाने के लिए प्रमोट करना था । मीटिंग के बाद डिनर के आयोजन की बात तो निमंत्रण पत्र में दर्ज थी ही, निमंत्रण पाने वाले लोगों का कहना था कि 'ड्रिंक' की बात मुँहजबानी बताई गई थी । सुधीर अग्रवाल और उनके समर्थकों ने इस मीटिंग में फरीदाबाद के ज्यादा से ज्यादा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को इकट्ठा करने की तैयारी की थी । उनकी तैयारी को देख कर सेंट्रल काउंसिल की अपनी सीट बचाने के लिए प्रयास कर रहे राजेश शर्मा को फरीदाबाद में अपना समर्थन-आधार खिसकता और घटता हुआ नजर आया, जिसे बचाने के लिए उन्होंने सुधीर अग्रवाल के इस आयोजन को फेल करने की योजना बनाई ।
राजेश शर्मा को अपनी योजना को सफल बनाने में फरीदाबाद ब्रांच के पदाधिकारी अमित पुनिआनी व जितेंद्र चावला का समर्थन भी मिल गया । सुधीर अग्रवाल की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से होने वाली मीटिंग को फेल करने के लिए इन्होंने आनन-फानन में उसी दिन और उसी समय ब्रांच में एक सेमीनार के आयोजन की तैयारी कर ली । राजेश शर्मा, अमित पुनिआनी, जितेंद्र चावला की तिकड़ी ने सोचा था कि सुधीर अग्रवाल की मीटिंग के समय पर ब्रांच में सेमीनार होगा, तो चार्टर्ड एकाउंटेंट्स उसमें शामिल होंगे और सुधीर अग्रवाल की मीटिंग कम उपस्थिति का शिकार होकर फेल हो जायेगी । राजेश शर्मा, अमित पुनिआनी, जितेंद्र चावला की तिकड़ी अपनी उक्त सोच को सफल बनाने में तो कामयाब हो गई - और सुधीर अग्रवाल की मीटिंग में उतने लोग नहीं जुट सके, जितने लोगों को उनकी तरफ से जुटाने की तैयारी की गई थी । लेकिन तिकड़ी की हरकत की हुई आलोचना ने उनके किए-धरे पर पानी फेर दिया । फरीदाबाद में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच राजेश शर्मा की इस बात के लिए जोरदार आलोचना हो रही है कि चुनावी मुकाबले में वह इतना नीचे गिर कर व्यवहार कर रहे हैं, और इंस्टीट्यूट के चुनाव को वह अपनी ओछी हरकतों से सड़कछाप स्तर का बना दे रहे हैं । पिछले वर्ष सीए डे पर दिल्ली में हुए आयोजन में राजेश शर्मा द्वारा की गईं हरकतों को याद करते हुए कई लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया कि उन हरकतों के कारण हुई बदनामी व फजीहत से राजेश शर्मा ने कोई सबक आखिर क्यों नहीं लिया ? कुछेक लोगों ने तो कहा भी कि जैसे कुत्ते की पूँछ लाख कोशिशों के बाद भी सीधी नहीं की जा सकती है, वैसे ही लाख लानत-मलानत के बाद भी राजेश शर्मा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ सकते हैं । 
फरीदाबाद के कुछेक वरिष्ठ लोगों ने राजेश शर्मा की हरकत को फरीदाबाद के वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स केके गुप्ता के अपमान से जोड़ कर भी देखने/दिखाने की कोशिश की है । केके गुप्ता चुनावी राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं, इसलिए फरीदाबाद में अपनी वरिष्ठता के चलते वह हर किसी के लिए सम्मान के पात्र हैं । उनकी वरिष्ठता के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए फरीदाबाद के कुछेक चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि राजेश शर्मा ने अपनी ओछी राजनीति के चक्कर में फरीदाबाद के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को केके गुप्ता से मिलने और बात करने के अवसर से वंचित कर दिया - और इस तरह फरीदाबाद के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के साथ तो नाइंसाफी की ही, साथ ही केके गुप्ता को भी अपमानित करने का प्रयास किया है । राजेश शर्मा के प्रति नाराजगी दिखाते हुए लोगों का कहना है कि राजेश शर्मा यदि यह समझते हैं कि दूसरे उम्मीदवारों के आयोजनों को फेल करने के षड्यंत्रों के जरिये वह सेंट्रल काउंसिल की अपनी सीट बचा लेंगे, तो वह बड़े भ्रम में हैं और इसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ेगा । इस किस्से में मजे की बात यह सुनी जा रही है कि सुधीर अग्रवाल की मीटिंग में लोगों को जाने से रोकने के लिए राजेश शर्मा की योजनानुसार सेमीनार आयोजित करने वाले अमित पुनिआनी व जितेंद्र चावला खुद सुधीर अग्रवाल की मीटिंग के अंत में होने वाले ड्रिंक व डिनर कार्यक्रम में जा पहुँचे थे, और इसके लिए उन्होंने ब्रांच में हो रहे सेमीनार के खत्म होने का भी इंतजार नहीं किया । कुछेक लोगों का अनुमान है कि वह वहाँ यह देखने पहुँचे थे कि लोगों को जाने से रोकने की उनकी तैयारी के बावजूद कौन और कितने लोग सुधीर अग्रवाल के आयोजन में पहुँचे हैं, तो कईयों का कहना रहा कि और लोगों को तो सुधीर अग्रवाल के आयोजन में जाने से रोकने के लिए उन्होंने सेमीनार का आयोजन कर दिया, लेकिन ड्रिंक व डिनर के लालच में वह खुद को वहाँ पहुँचने से नहीं रोक सके । लोगों का कहना है कि ऐसे लोगों के भरोसे/सहारे राजेश शर्मा सिर्फ इंस्टीट्यूट व प्रोफेशन को गंदा कर सकते हैं, लोगों का समर्थन व वोट नहीं पा सकेंगे - और इस तरह सुधीर अग्रवाल के आयोजन में अड़ंगा डाल कर राजेश शर्मा ने अपनी स्वयं की फजीहत करवा ली है ।