नई दिल्ली । इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल में संजीव चौधरी की जगह लेने के प्रयास में जुटे संजीव सिंघल ने अपनी चुनावी मुश्किलों के लिए संजीव चौधरी को जिम्मेदार ठहराने/बताने की बातें शुरू करके उन चर्चाओं को सार्वजनिक कर दिया है, जो अभी तक पर्दे के पीछे फुसफुसाहटों के रूप में चल रही थीं । संजीव सिंघल इस बात से काफी निराश रहे हैं कि बिग फोर की तरफ से उन्हें वैसा एकजुट समर्थन नहीं मिल पा रहा है, जैसा कि बिग फोर के उम्मीदवार के रूप में उन्हें मिलना ही चाहिए । बिग फोर की तरफ से मिले झटके से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए उन्हें आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच स्टडी सर्किल्स तथा ब्रांचेज में भटकना पड़ा । संजीव सिंघल के लिए खुशकिस्मती की बात यह रही कि उनकी उम्मीदवारी को गिरीश आहुजा तथा अमरजीत चोपड़ा जैसे प्रोफेशन के बड़े लोगों का खुल्ला समर्थन मिला । इनके समर्थन के बावजूद हालाँकि संजीव सिंघल को अपनी उम्मीदवारी की नाव किनारे पहुँचती नहीं दिखी, तो उन्हें बिग फोर के समर्थन की तरफ लौटने की जरूरत महसूस हुई । दरअसल गिरीश आहुजा और अमरजीत चोपड़ा के सक्रिय समर्थन के बावजूद, माथे पर लगी बिग फोर के उम्मीदवार की पट्टी के कारण संजीव सिंघल आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच अपने लिए स्वीकार्यता नहीं बना सके हैं । इसलिए उन्हें लगा कि उन्हें वापस अपने 'घर/परिवार' में ही लौट चलना चाहिए और घर/परिवार के सदस्यों के बीच ही अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाना चाहिए । संजीव सिंघल ने अपने घर/परिवार में समर्थन जुटाने के लिए की गई इस नई और दूसरी कोशिश में संजीव चौधरी को निशाने पर लेने की रणनीति अपनाई ।
संजीव सिंघल के नजदीकियों के अनुसार, बिग फोर में संजीव सिंघल की उम्मीदवारी के खिलाफ माहौल बनाने का काम वास्तव में संजीव चौधरी ने ही किया हुआ था । संजीव चौधरी ने अपनी उम्मीदवारी का भ्रम बनाए रखते हुए पहले तो संजीव सिंघल की उम्मीदवारी के पक्ष में बिग फोर फर्म्स को एकजुट नहीं होने दिया, और फिर तरह तरह से यह दिखाने/जताने का प्रयास किया कि संजीव सिंघल को गंभीर उम्मीदवार के रूप में नहीं देखा/पहचाना जा रहा है, इसलिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करके बिग फोर अपने लिए ही फजीहत व मुसीबत पैदा करेंगे । संजीव सिंघल के रवैये ने संजीव चौधरी के 'अभियान' को और आसान कर दिया । दरअसल संजीव सिंघल यह समझने में असफल रहे कि संजीव चौधरी के अभियान से वह कैसे निपटें ? संजीव चौधरी के अभियान से निपटने में समय/समझ/एनर्जी लगाने की बजाये संजीव सिंघल ने सेंट्रल काउंसिल में पहुँचने के लिए दूसरे वैकल्पिक रास्तों की तलाश की । दरअसल संजीव चौधरी से सीधे भिड़ने से बचने के लिए संजीव सिंघल ने यह उपाय सोचा और अपनाया । उन्हें लगा कि स्टडी सर्किल्स व ब्रांचेज के पदाधिकारियों को 'पटा' कर उनके सेमिनार्स में वक्ता बन कर वह आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स तक सीधी पहुँच बना लेंगे - और संजीव चौधरी के 'अभियान' को फेल कर देंगे । लेकिन कई सेमिनार्स में वक्ता बनने के बावजूद, आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटा पाने में उन्हें सफलता मिलती नहीं दिखी । संजीव सिंघल की उम्मीदवारी का समर्थन करने के चक्कर में गिरीश आहुजा और अमरजीत चोपड़ा को आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच जिस तरह से फजीहत झेलना पड़ी, उसे देख कर संजीव सिंघल तथा उनके समर्थकों को समझ में आ गया कि आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच समर्थन प्राप्त कर पाना उनके लिए मुश्किल ही नहीं - बल्कि असंभव ही होगा ।
इस नजारे को देख कर संजीव सिंघल को समझ में आ गया कि उन्हें आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की बजाये बिग फोर के लोगों पर ही भरोसा करना होगा, और उनके बीच ही अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन तलाश करना व बनाना होगा । संजीव सिंघल के नजदीकियों के अनुसार, इसके साथ ही संजीव सिंघल को यह भी समझ में आ गया कि इसके लिए उन्हें संजीव चौधरी से सीधे सीधे भिड़ना ही पड़ेगा - जिससे कि वह अभी तक बचने की कोशिश कर रहे थे । संजीव सिंघल के नजदीकियों से बातचीत में इन पँक्तियों के लेखक को पता चला है कि पिछले एक सप्ताह में संजीव सिंघल ने बिग फोर की अलग अलग फर्म्स के लोगों से अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन को लेकर बात की है, और संजीव चौधरी के रवैये की शिकायत करते हुए उनके व्यवहार का रोना रोया है । नजदीकियों के अनुसार, संजीव सिंघल ने पूछने वाले अंदाज में कहा/बताया है कि संजीव चौधरी पता नहीं क्यों उनके साथ निजी खुन्नस रखते हैं व दिखा रहे हैं; और आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच उनकी नकारात्मक छवि/पहचान बनाते रहे हैं । संजीव सिंघल लोगों को बता रहे हैं कि संजीव चौधरी अभी तक भी लोगों के बीच यह प्रचार कर रहे हैं कि बिग फोर ने उम्मीदवार चुनने में गलती कर दी है, और एक कमजोर व्यक्तित्व को उम्मीदवार बना दिया है । संजीव सिंघल यह तर्क देते हुए बिग फोर फर्म्स के लोगों को अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में सक्रिय करने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी उम्मीदवारी बिग फोर फर्म्स का प्रतिनिधित्व कर रही है, और उनकी हार सिर्फ उनकी हार नहीं होगी - बल्कि बिग फोर फर्म्स की हार होगी; इसलिए बिग फोर के लोगों को उनकी उम्मीदवारी को गंभीरता से लेना चाहिए तथा संजीव चौधरी के दुष्प्रचार में नहीं फँसना चाहिए । अभी तक संजीव चौधरी से सीधे भिड़ने से बचने की कोशिश करते रहे संजीव सिंघल के इस पैंतरे ने बिग फोर के लोगों के बीच कुछ हलचल तो मचाई है, लेकिन यह अभी देखने/समझने की बात होगी कि इस पैंतरे से संजीव सिंघल को वास्तव में कोई फायदा होगा या नहीं ?