Sunday, November 25, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के मामले में रवि चौधरी से पीछा छुड़ाने की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी संजीव राय मेहरा की कोशिशों से बिगड़ी स्थिति को सँभालने के लिए राजेश बत्रा के प्रयास सचमुच सफल हो सकेंगे क्या ?

नई दिल्ली । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी ने वर्ष 2020-21 में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के लिए उस वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार संभालने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी संजीव राय मेहरा को घेरना और उन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि संजीव राय मेहरा के गवर्नर-वर्ष के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद को लेकर रवि चौधरी पहले तो आश्वस्त थे, लेकिन इस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनाव में अशोक कंतूर की हुई हार के चलते बदले हालात में रवि चौधरी को संजीव राय मेहरा के तेवर बदले बदले से नजर आ रहे हैं । दरअसल अशोक कंतूर की हार के लिए, खुद अशोक कंतूर के नजदीकी व समर्थक ही रवि चौधरी की हरकतों तथा उन हरकतों के चलते डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच घर कर बैठी उनकी बदनामी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय अग्रवाल का दावा था कि अशोक कंतूर को अस्सी प्रतिशत वोट मिलेंगे; पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल बताते थे कि उम्मीदवार के रूप में अशोक कंतूर जिस ऊँचाई पर हैं, वहाँ अनूप मित्तल उन्हें छू भी नहीं सकते हैं; रवि चौधरी ही नहीं, मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया और उनकी कैबिनेट के पप्पूजीत सिंह सरना व अजीत जालान जैसे प्रमुख लोग भी अशोक कंतूर को वोट दिलवाने के लिए प्रेसीडेंट्स को फुसलाने, पटाने, डराने, धमकाने के काम में लगे थे, एक क्लब के प्रेसीडेंट का तो 'अपहरण' करके उसका वोट डलवाने का प्रयास किया गया । बड़े लोगों के खुले समर्थन और बड़ी घेराबंदी के बावजूद आशोक कंतूर के खाते में लेकिन जब पराजय दर्ज हुई, तब हर किसी ने रवि चौधरी को कोसा । अशोक कंतूर ने कई लोगों के सामने रोना रोया कि उन्होंने तो रवि चौधरी की 'छाया' से बचते हुए 'दिखने' की खूब कोशिश की, लेकिन पता नहीं कैसे वह उस छाया के प्रकोप से बच नहीं सके । इस तरह की बातों से संजीव राय मेहरा ने समझ लिया कि उन्होंने यदि रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया, तो रवि चौधरी की हरकतें व बदनामी उनका गवर्नर-वर्ष खराब कर देंगी और गवर्नर के रूप में उनका नाम खराब करेंगी ।
रवि चौधरी ने भी महसूस किया कि अशोक कंतूर की चुनावी हार के बाद बदले माहौल में संजीव राय मेहरा का उनके प्रति रवैया बदला बदला सा है । रवि चौधरी के नजदीकियों का ही बताना/कहना है कि संजीव राय मेहरा के बदले बदले से रवैये में रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद 'छिनता' हुआ दिख रहा है । डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद 'बचाने' के लिए रवि चौधरी ने संजीव राय मेहरा की घेराबंदी शुरू कर दी है; तथा कुछेक लोगों से संजीव राय मेहरा पर दबाव बनवाना शुरू किया है कि उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि रवि चौधरी ने उन्हें गवर्नर नॉमिनी चुनवाने के लिए किस किस तरह की हरकतें व बेईमानियाँ कीं है, और इसलिए उन्हें रवि चौधरी को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाना चाहिए । इस मामले में, रवि चौधरी के क्लब में चल रहे एक 'खेल' से भी थोड़ा ट्विस्ट आया है - रवि चौधरी जिसके सहारे डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद कब्जाने की तथा संजीव राय मेहरा जिसके पीछे 'छिपने' की कोशिश करते बताए/सुने जा रहे हैं । असल में, अशोक कंतूर के संगी/साथियों ने इस बात को अच्छी तरह समझ लिया है कि अशोक कंतूर की उम्मीदवारी को यदि रवि चौधरी की 'छाया' से 'सचमुच में' दूर नहीं किया गया, तो अगले रोटरी वर्ष में भी उनका चुनाव जीतना मुश्किल ही होगा । रवि चौधरी और अशोक कंतूर चूँकि एक ही क्लब के सदस्य हैं, इसलिए रवि चौधरी की छाया से अशोक कंतूर की अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली उम्मीदवारी को बचाने के लिए एक बड़ा फार्मूला सोचा गया है । क्लब के सदस्यों के अनुसार, अशोक कंतूर के रास्ते का काँटा दूर करने के लिए फार्मूला तैयार किया गया है कि रवि चौधरी मौजूदा क्लब की सदस्यता से इस्तीफा दे कर कोई दूसरा क्लब ज्वाइन करेंगे - और इस तरह से लोगों को 'दिखाया' जायेगा कि अशोक कंतूर, रवि चौधरी के 'आदमी' नहीं हैं और उनकी उम्मीदवारी से रवि चौधरी का कोई वास्ता नहीं है । क्लब के सदस्यों का कहना है कि रवि चौधरी इस फार्मूले पर अमल करने के लिए तैयार तो हो गए हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने शर्त रख दी है कि संजीव राय मेहरा से उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर घोषित करवाया जाए । संजीव राय मेहरा का मानना और कहना है कि अपने क्लब से इस्तीफा देने की स्थिति में डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच रवि चौधरी की बदनामी का दाग और गहरा होगा - और तब रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाना उनके लिए तथा उनके गवर्नर-वर्ष के लिए और भी फजीहत करवाने वाला फैसला होगा । 
अशोक कंतूर की उम्मीदवारी को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से तैयार किए गए फार्मूले ने जिस तरह से रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से और दूर करने के हालात बनाए हैं, उससे रवि चौधरी और भड़क गए हैं । रवि चौधरी की भड़भड़ाहट को नियंत्रित करने के लिए वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजेश बत्रा को सामने आना पड़ा है । उल्लेखनीय है कि रवि चौधरी, संजीव राय मेहरा व अशोक कंतूर का कनेक्ट राजेश बत्रा से है और समझा जाता है कि राजेश बत्रा पर्दे के पीछे रहते हुए इनके हितों को बनाए रखने का प्रयास करते रहे हैं । तीनों के बीच लेकिन अब मामला जिस तरह से उलझ गया है, उसे सुलझाने के लिए राजेश बत्रा को अब पर्दे के पीछे से पर्दे के सामने आने के लिए मजबूर होना पड़ा है । संजीव राय मेहरा के नजदीकियों का कहना/बताना है कि राजेश बत्रा ने संजीव राय मेहरा को समझाने का प्रयास किया है कि अशोक कंतूर के फायदे के लिए उन्हें रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना लेना चाहिए । संजीव राय मेहरा का कहना लेकिन यह है कि रवि चौधरी अपनी हरकतें तो छोड़ेंगे नहीं; अगले वर्ष, आने वाले वर्ष के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में उन्हें चुनावी सक्रियता दिखाने का और मौका मिल जायेगा और तब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में उनके लिए फजीहत की स्थिति बनेगी और अशोक कंतूर को भी कोई फायदा नहीं होगा । राजेश बत्रा को और भी कई लोगों ने सुझाव दिया है कि यदि संजीव राय मेहरा के गवर्नर-वर्ष को बदनामी व फजीहत से बचाना है तथा अशोक कंतूर को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुनवाना है - तो रवि चौधरी को इनसे दूर रखना होगा । हालाँकि यह सुझाव देने वाले भी जानते हैं, और राजेश बत्रा भी समझते हैं कि रवि चौधरी को संजीव राय मेहरा व अशोक कंतूर से दूर रखना मुश्किल काम है । मजे की बात यह है कि रवि चौधरी के साथ के लोग ही कह रहे हैं कि रवि चौधरी को समझना चाहिए कि लोगों के बीच उनकी हरकतों को लेकर बेहद नाराजगी और बदनामी है, इसलिए उनकी भलाई इसमें हैं कि वह अपने व्यवहार को सुधारें और कुछ समय सीन से दूर रहे; लेकिन किसी को भी नहीं लगता है कि रवि चौधरी इस सच्चाई को स्वीकार करेंगे - फिलहाल तो वह किसी भी तरह से संजीव राय मेहरा के गवर्नर-वर्ष में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के जुगाड़ में लगे हैं । संजीव राय मेहरा भी लेकिन जिस तरह से उनसे बचने की कोशिश कर रहे हैं, उससे मामला खासा गंभीर और दिलचस्प हो गया है ।