Monday, September 21, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत अपनी उम्मीदवारी के लिए अमेरिका से कैम्पेन करके दीपक गुप्ता ने लोगों को चर्चा का जो मसाला दिया, उसके चलते अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली मनोज लाम्बा की उम्मीदवारी की चुनावी तैयारी का 'उद्घाटन' कार्यक्रम बुरी तरह फेल हो गया

नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली रिवरसाइड के लोगों ने यह देख/जान कर अपने आप को बहुत लुटा हुआ पाया कि जिस कार्यक्रम को उन्होंने मनोज लाम्बा की अगले रोटरी वर्ष की उम्मीदवारी को लॉन्च करने के लिए आयोजित किया था, उस कार्यक्रम में मनोज लाम्बा 'की तरफ' तो किसी ने देखा तक नहीं और कार्यक्रम में मौजूद लोगों की चर्चाओं के केंद्र में सुभाष जैन और दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी ही रही । उल्लेखनीय है कि मनोज लाम्बा अगले वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने की बात कर रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट के चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों का कहना है कि मनोज लाम्बा अपनी उम्मीदवारी की बात तो कर रहे हैं, लेकिन अपनी उम्मीदवारी की तैयारी को लेकर उन्हें जितना गंभीर होना/दिखना चाहिए - वह उतने गंभीर हो/दिख नहीं रहे हैं । सिर्फ इतना ही नहीं, मनोज लाम्बा की तरफ से डिस्ट्रिक्ट के पदाधिकारियों तथा नेताओं की जिस तरह की शिकायतें लोगों को सुनने को मिलीं, उससे भी खुद मनोज लाम्बा की ही कमजोरियाँ सामने आईं हैं । इस पृष्ठभूमि में, मनोज लाम्बा के क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली रिवरसाइड ने सामान्य कार्यक्रमों से हट कर एक अलग तरह का कार्यक्रम रखा और डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों को आमंत्रित किया । क्लब के लोगों ने इस बात को छिपाने की कोई बहुत कोशिश भी नहीं की कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली मनोज लाम्बा की उम्मीदवारी की गंभीरता से परिचित कराना है । लेकिन कार्यक्रम में जो माहौल बना, उसने कार्यक्रम के इस मुख्य उद्देश्य को तार तार ही कर दिया - और इस तरह अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत हो सकने वाली मनोज लाम्बा की उम्मीदवारी के अभियान को मैनेज करने की कमजोरी ही सामने आई । 
कार्यक्रम में चर्चा सुभाष जैन और दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी की रही । यह बहुत स्वाभाविक भी था । अभी जब इसी वर्ष के चुनाव को लेकर लोगों के बीच गर्मी बनी हुई है, तो किसी का भी ध्यान अगले रोटरी वर्ष की चुनावी संभावनाओं पर भला क्यों जायेगा ? रोटरी क्लब दिल्ली रिवरसाइड के लोगों ने भी बाद में महसूस किया है कि मनोज लाम्बा की उम्मीदवारी को लोगों के बीच लॉन्च करने की उनकी टाइमिंग सही नहीं रही, और उनका कार्यक्रम करना फिजूल ही साबित हुआ है । उनका कार्यक्रम उनके लिए भले ही फिजूल साबित हुआ हो, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की इस वर्ष की चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों के लिए वह बड़ा मुफीद साबित हुआ । कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बीच की चर्चाओं में सुभाष जैन और दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी का ही संदर्भ रहा, और सबसे ज्यादा चर्चा अमेरिका से किए गए दीपक गुप्ता के फोन-कॉल्स के प्रसंग की रही । कार्यक्रम में मौजूद लोगों में शायद ही कोई हो जिसे दीपक गुप्ता की फोन-कॉल न मिली हो, कइयों को तो यह एक से अधिक बार मिली; और हरेक ने इस बात का भी जिक्र किया कि दीपक गुप्ता ने उनसे पूछा है कि आपके लिए गिफ्ट क्या लाऊँ ?
उल्लेखनीय है कि दीपक गुप्ता अपने पारिवारिक काम से इन दिनों अमेरिका गए हुए हैं । दिल्ली/गाजियाबाद से करीब तेरह हजार किलोमीटर दूर होते हुए भी दीपक गुप्ता ने यहाँ के लोगों के साथ जो संपर्क बनाया हुआ है, उसने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में खासी खलबली मचा दी है । हालाँकि दीपक गुप्ता के अतिरेक ने उनके 'अभियान' को मजाक का विषय भी बना दिया है । रोटरी क्लब दिल्ली रिवरसाइड के कार्यक्रम में इकट्ठा हुए लोगों के बीच की चर्चा में यह बात सुनी भी गई कि अमेरिका से दीपक गुप्ता का जब पहला फोन आया, तो अच्छा लगा था - लेकिन जब दोबारा/तिबारा आया और पता चला कि बहुतों को उन्होंने फोन किया है, तो मामला मजाक का विषय बनता गया । कार्यक्रम में इकट्ठा हुए लोगों के बीच ही यह भी सुना गया कि दीपक गुप्ता ने तीन सौ से ज्यादा लोगों को फोन किए, और शायद ही कोई उनका फोन पाने से छूटा हो । लोगों ने मजाक में यह भी कहा/सुना कि दीपक गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों के सामने एक नया स्टैंडर्ड रख दिया है कि उम्मीदवार लोग पहले अमेरिका जाएँ, और फिर वहाँ से फोन करें तथा हालचाल पूछने के साथ-साथ गिफ्ट की च्वाइस भी पूछें ।
दीपक गुप्ता के इस 'व्यवहार' को होशियारीभरे राजनीतिक मूव के रूप में पहचानते हुए लोगों ने लेकिन इस तथ्य को रेखांकित किया कि दीपक गुप्ता ने अपने अतिरिक्त उत्साह में इससे मिल सकने वाले फायदे को सीमित कर लिया है । लोगों के बीच हुई चर्चा में इस बात का भी जिक्र रहा कि ज्यादा जोश दिखाने के चक्कर में दीपक गुप्ता ने गिफ्ट की जो बात की, उसने लोगों को हर्ट किया है, और लोगों ने इसे अपने स्वाभिमान पर चोट की तरह देखा/महसूस किया है । यूँ तो रोटरी की प्रशासनिक व्यवस्था में भी और रोटरी की चुनावी राजनीति में भी गिफ्ट की एक महत्वपूर्ण उपस्थिति है; कुछेक लोग माँग कर गिफ्ट 'लेने' के लिए यहाँ बदनाम भी हैं - लेकिन च्वाइस पूछ पूछ कर गिफ्ट देने का उदाहरण प्रस्तुत करने का श्रेय दीपक गुप्ता को दिया जा रहा है । कुछेक लोगों को लेकिन यह भी लग रहा है कि इस श्रेय के चक्कर में दीपक गुप्ता ने मुसीबत भी मोल ले ली है । इस मुसीबत के साथ दीपक गुप्ता को चर्चा भी खूब मिली है । रोटरी क्लब दिल्ली रिवरसाइड के कार्यक्रम में दीपक गुप्ता मौजूद नहीं थे, लेकिन फिर भी वहाँ बातें उनकी ही हो रही थीं । अमेरिका में बैठे दीपक गुप्ता ने वहाँ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए जिस तरह से कैम्पेन किया, उसे लेकर यहाँ डिस्ट्रिक्ट में प्रतिक्रियाएँ भले ही मिलीजुली सामने आईं हैं - लेकिन रोटरी क्लब दिल्ली रिवरसाइड के कार्यक्रम में हुई चर्चा से यह जरूर दिखा कि उनके कैम्पेन ने हलचल पूरी मचाई है । इस हलचल के चलते लोगों का सारा ध्यान सुभाष जैन और दीपक गुप्ता के बीच होते दिख रहे चुनाव पर केंद्रित होने ने लेकिन मनोज लाम्बा का काम बिगाड़ दिया, और अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली उनकी उम्मीदवारी की चुनावी तैयारी के 'उद्घाटन' कार्यक्रम को पूरी तरह फेल कर दिया ।