Thursday, September 24, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 के चुनावी झगड़े में राजा साबू ने इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई को भी फँसाया

चंडीगढ़ । राजेंद्र उर्फ राजा साबू ने टीके रूबी द्वारा इलेक्शन कम्प्लेंट फाइल करने के कारण बनी परिस्थिति में मनोज देसाई के 27 सितंबर के इंटरसिटी कार्यक्रम में आने से बचने की कोशिशों को लेकर डेविड हिल्टन को चिंता न करने का आश्वासन दिया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन के नजदीकियों के अनुसार, राजा साबू ने डेविड हिल्टन को आश्वस्त किया है कि मनोज देसाई 27 सितंबर के इंटरसिटी कार्यक्रम में अवश्य ही आयेंगे । राजा साबू की तरफ से डेविड हिल्टन को जो संदेश मिला है उसमें कहा/बताया गया है कि मनोज देसाई सिद्धांतों व आदर्शों की ऊँची-ऊँची बातें भले ही करते हों, और अपनी इन बातों के चलते 27 सितंबर के कार्यक्रम में आने से बचने की कोशिश वह भले ही कर रहे हों, लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3080 के कार्यक्रम में आने से इंकार करने का साहस वह नहीं कर पायेंगे । राजा साबू की तरफ से इस बात को एक फिर रेखांकित किया गया है कि मनोज देसाई को इंटरनेशनल डायरेक्टर बनवाने में राजा साबू के जो अहसान हैं, उन्हें मनोज देसाई भूले नहीं होंगे - और उसी अहसान को याद करते हुए वह 27 सितंबर के कार्यक्रम में आने से इंकार नहीं करेंगे । उल्लेखनीय है कि मनोज देसाई डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर फैले झमेले के कारण 27 सितंबर के कार्यक्रम में नहीं आना चाहते हैं । उन्होंने बहुत पहले ही डेविड हिल्टन को बता दिया था कि 27 सितंबर तक उनके डिस्ट्रिक्ट का चुनावी झमेला यदि सुलझा नहीं, तो वह कार्यक्रम में नहीं आयेंगे । मनोज देसाई के इस अल्टीमेटम के बाद ही आनन-फानन में तीन सितंबर को टीके रूबी की अनुपस्थिति के बावजूद चुनावी नतीजा निकालने की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया था । टीके रूबी ने अपने प्रोफेशनल काम के चलते विदेश में होने को हवाला देते हुए उक्त प्रक्रिया को अगली किसी तारीख में संपन्न करने का अनुरोध किया था, लेकिन उनके अनुरोध को अनसुना कर दिया गया था । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन तथा पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रूपी उनके 'आकाओं' ने इस तरह 27 सितंबर तक मनोज देसाई के लिए रास्ता साफ करने का काम अपनी तरफ से तो कर दिया था । 
मनोज देसाई को लेकिन दिल्ली स्थिति रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय से टीके रूबी द्वारा इलेक्शन कम्प्लेंट फाइल करने की सूचना मिली, तो मामला फिर जहाँ का तहाँ पहुँच गया है । मनोज देसाई ने दरअसल डिस्ट्रिक्ट्स में होने वाले चुनावी झगड़ों को लेकर बहुत सख्त रवैया अपनाया हुआ है; और कुछेक डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी तक दी हुई है कि झगड़ों/विवादों वाले माहौल में वह उनके यहाँ किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे । ऐसे में, मनोज देसाई के सामने संकट यह खड़ा हो गया है कि वह लोगों को क्या अपना डबल स्टैंडर्ड दिखाएँ कि झगड़ों/विवादों को लेकर वह दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स को तो अपने तेवर दिखाएँ तथा चेतावनी दें, किंतु राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट के मामले में भीगी बिल्ली बन जाएँ ? राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में पिछले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव का झगड़ा द्रोपदी के चीर की तरह न सिर्फ बढ़ता जा रहा है, बल्कि और ज्यादा संगीन भी होता जा रहा है । इस चुनावी झगड़े में चूँकि पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा साबू तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर यशपाल दास समेत डिस्ट्रिक्ट के कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एक पार्टी बन गए हैं, इसलिए यह झगड़ा रोटरी में एक बड़ा मामला बन गया है ।जिन लोगों पर झगड़ों को सुलझाने की जिम्मेदारी है, वही लोग यदि झगड़े की जमीन तैयार करने का काम करेंगे और फिर झगड़े में पार्टी बन जायेंगे - तो रोटरी के मौजूदा पदाधिकारियों के लिए मामला खासा टेढ़ा तो हो ही जाता है । राजा साबू की उनके डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने भले ही मिट्टी कूट दी हो, लेकिन रोटरी के पदाधिकारियों के सामने अपने पूर्व प्रेसीडेंट के प्रति लिहाज दिखाने की मजबूरी तो है ही । इसी मजबूरी के चलते राजा साबू की करतूत पर और करतूत के चलते हो रही उनकी फजीहत पर मजा लेने वाले रोटरी के बड़े नेता और पदाधिकारी औपचारिक रूप से कुछ कहने से बचते/छिपते हैं । बचने/छिपने की इसी मजबूरी के चलते इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन ने राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में आने के मौके को चतुराई से टाल दिया था । इसी मजबूरी के चलते मनोज देसाई 27 सितंबर के इंटरसिटी कार्यक्रम में आने से बचने की कोशिश कर रहे हैं । 
मनोज देसाई को डर दरअसल यह है कि इंटरसिटी कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने उनसे यदि अपने डिस्ट्रिक्ट के चुनावी झगड़े में राजा साबू की खुली संलग्नता को लेकर सवाल पूछ लिए, तो वह क्या जबाव देंगे ? नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार टीके रूबी को 'हराने' के लिए राजा साबू के दिशा-निर्देशन में जो पहली कार्रवाई की गई थी, उसे रोटरी इंटरनेशनल निरस्त कर चुका है; जिसके बाद राजा साबू और उनका गिरोह चुनाव कराने के लिए मजबूर हुआ । डिस्ट्रिक्ट के लोगों के मूड को समझते/पहचानते हुए भी, अपनी चौधराहट दिखाने के चक्कर में राजा साबू और उनके गिरोह ने जिस तरह से चुनाव में खुली भागीदारी की और पक्षपात किया - उससे मामला और ज्यादा बिगड़ गया है । न्याय पाने के लिए टीके रूबी के एक बार फिर रोटरी इंटरनेशनल की शरण में जाने की खबर है; डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच चर्चा है कि टीके रूबी ने रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित कार्यालय में इलेक्शन कम्प्लेंट दर्ज कर दी है । मामला सिर्फ कम्प्लेंट दर्ज करवाने तक का नहीं है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी झगड़े में राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों ने जैसी जो हरकतें कीं, उनके प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है - जिसका इजहार पंचकुला में 13 सितंबर को आयोजित 'स्वच्छ RID 3080' कार्यक्रम में देखने को मिला । रोटरी में चुनावी झगड़े आमतौर पर एक उम्मीदवार का रोना-धोना बन कर रह जाते हैं; लेकिन राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों की हरकतों के प्रति नाराजगी के चलते राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट का चुनावी झगड़ा एक बड़ा मामला बन गया है । 13 सितंबर को पंचकुला में आयोजित 'स्वच्छ RID 3080' कार्यक्रम में राजा साबू और उनके गिरोह की करतूतों के खिलाफ लोगों का जो गुस्सा फूटा है, उसने 27 सितंबर को उसी पंचकुला में आयोजित होने वाले मनोज देसाई के कार्यक्रम को अलग अलग कारणों से उल्लेखनीय बना दिया है ।
राजा साबू और उनके गिरोह के लोगों की कारस्तानियों से निराश और नाराज लोगों के लिए मनोज देसाई की उपस्थिति इसलिए उल्लेखनीय है, ताकि वह अपनी नाराजगी को और बड़े स्तर तक पहुँचा सकें; राजा साबू एण्ड कंपनी मनोज देसाई की उपस्थिति के जरिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों को और दूसरे डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह 'दिखाना' चाहती है कि रोटरी के पदाधिकारियों की गर्दन अभी भी उनकी मुट्ठी में है । मनोज देसाई इन दोनों पक्षों से अपनी जान बचाने के लिए 27 सितंबर के कार्यक्रम में शामिल होने से बचने का प्रयास कर रहे हैं । मनोज देसाई यह देख/जान कर और असमंजस में फँस गए हैं कि राजा साबू ने तो उक्त कार्यक्रम से दूर रहने की व्यवस्था कर ली है, लेकिन उन्हें फँसा दिया है । डिस्ट्रिक्ट इंटरसिटी जैसे महत्वपूर्ण आयोजन से खुद को अलग रख कर राजा साबू ने लोगों की नाराजगी से बचने का जो प्रयास किया है, उसने मनोज देसाई के लिए मामले को और उलझनभरा बना दिया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन के नजदीकियों के अनुसार, मनोज देसाई ने टीके रूबी द्वारा इलेक्शन कम्प्लेंट फाइल करने का हवाला देते हुए डेविड हिल्टन से 27 सितंबर के कार्यक्रम में अपने शामिल होने को लेकर अगर-मगर करने का प्रयास किया, तो डेविड हिल्टन ने उन्हें राजा साबू से बात करने का सुझाव दिया । समझा जाता है कि डेविड हिल्टन ने अगर-मगर करते मनोज देसाई को राजा साबू रूपी छड़ी से धमकाया है । मनोज देसाई ने इस बारे में राजा साबू से बात की है या नहीं, यह तो पता नहीं चल पाया है; लेकिन डेविड हिल्टन के नजदीकियों के हवाले से यह जरूर पता चला है कि राजा साबू ने डेविड हिल्टन को 27 सितंबर के कार्यक्रम में मनोज देसाई की उपस्थिति को लेकर आश्वस्त किया है । राजा साबू की तरफ से कहा गया है कि मनोज देसाई दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों को झगड़ों-टंटों के कारण उनके डिस्ट्रिक्ट में न आने की चेतावनी भले ही देते हों, लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3080 के मामले में वह न आने का 'खतरा' नहीं उठायेंगे । इसी पृष्ठभूमि में, 27 सितंबर के आयोजन में मनोज देसाई के आने या न आने को लेकर डिस्ट्रिक्ट में गहमागहमी मची हुई है । मजे की बात यह है कि चुनावी राजनीति के चक्कर में डिस्ट्रिक्ट में बने दोनों पक्षों के लोग चाहते हैं कि मनोज देसाई उक्त कार्यक्रम में आएँ; मनोज देसाई लेकिन आने से बचना चाहते हैं । यह देखना दिलचस्प होगा कि इंटरनेशनल डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठे मनोज देसाई क्या सचमुच यह दिखा पाने में सफल होते हैं कि वह कोई डबल स्टैंडर्ड नहीं रखते हैं; या राजा साबू के सामने समर्पण करते हुए नजर आते हैं ?