Saturday, March 11, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में संजीव राय मेहरा के चक्कर में विनय भाटिया की फरीदाबाद में हुई फजीहत अनूप मित्तल के लिए वरदान बन गई

फरीदाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी विनय भाटिया ने फरीदाबाद में संजीव राय मेहरा की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने की मुहिम के बुरी तरह फेल हो जाने के लिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहरा कर डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में खासी गर्मी पैदा कर दी है । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के संदर्भ में फरीदाबाद के रोटेरियंस का नेता बनने और 'दिखने' की विनय भाटिया की कोशिश जिस तरह उन्हें ही उल्टी पड़ी है, और फरीदाबाद में वह जिस तरह अलग-थलग पड़े हैं - और अपनी इस फजीहत को छिपाने के लिए उन्होंने जिस तरह विनोद बंसल के पीछे छिपने की कोशिश की है, उससे मामला दिलचस्प भी हो उठा है । फरीदाबाद में विनोद बंसल के जो दूसरे नजदीकी हैं, उनका साफ आरोप है कि विनय भाटिया ने अपने स्वार्थ में विनोद बंसल का नाम इस्तेमाल करते हुए उनका नाम और खराब करने की कोशिश की है । उल्लेखनीय है कि विनोद बंसल ने इस वर्ष अपने आप को डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति से दूर रखा हुआ है - इतना दूर कि उन्होंने सीओएल के लिए अपनी उम्मीदवारी को सफल बनाने के लिए कोई हाथ-पैर नहीं मारे । ऐसे में, लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हुआ कि जिन विनोद बंसल ने अपनी खुद की उम्मीदवारी हेतु समर्थन जुटाने के लिए 'राजनीति' नहीं की, वह विनोद बंसल किसी दूसरे के लिए राजनीति भला क्यों करेंगे ? लोगों की इसी समझ के चलते विनय भाटिया का झूठ आसानी से पकड़ा गया ।
विनय भाटिया की फजीहत लेकिन अनूप मित्तल के लिए वरदान बन गई । फरीदाबाद के लोगों ने अपने आप को विनय भाटिया की मुहिम से अलग और दूर दिखाने की कोशिश में जो मीटिंग की, उसमें उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में एक अकेले अनूप मित्तल को आमंत्रित किया । इस 'घटना' से सुरेश भसीन और रवि दयाल को तगड़ा झटका लगा । यह दोनों फरीदाबाद में कुछ कुछ समर्थन मिलने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन विनय भाटिया से निपटने के चक्कर में फरीदाबाद के लोगों ने जो सक्रियता दिखाई - उसका फायदा उठाने में यह और फरीदाबाद के इनके समर्थक चूक गए, और तात्कालिक रूप से सारा फायदा अनूप मित्तल के हिस्से में आ गिरा । अनूप मित्तल के लिए सारा मामला 'विंडफॉल गेन' की तरह रहा ।
विनय भाटिया ने जिस अचानक तरीके से संजीव राय मेहरा की उम्मीदवारी का झंडा उठाया, उससे फरीदाबाद के लोगों को घोर आश्चर्य हुआ - किसी के लिए भी यह समझना मुश्किल हुआ कि फरीदाबाद में संजीव राय मेहरा के लिए जब कोई समर्थन ही नहीं है, तो विनय भाटिया ने क्या सोच कर उनकी उम्मीदवारी का झंडा उठा लिया है । चर्चा चली कि संजीव राय मेहरा से चार्टर्ड एकाउंटेंसी से संबंधित प्रोफेशनल काम मिलने के लालच में विनय भाटिया ने उन्हें फरीदाबाद में समर्थन दिलवाने का सौदा कर लिया है । इस चर्चा से फरीदाबाद के लोगों के बीच तीखी प्रतिक्रिया हुई; खासकर क्लब्स के अध्यक्षों के बीच इस बात पर नाराजगी पैदा हुई कि विनय भाटिया अपने निजी स्वार्थ में उनके नाम और उनके अधिकार की सौदेबाजी कैसे कर सकते हैं ? क्लब्स के अध्यक्षों की नाराजगी के चलते फरीदाबाद के जो नेता लोग हैं, वह भी सावधान हुए और उन्होंने संजीव राय मेहरा के पक्ष में शुरू किए जाने वाले विनय भाटिया के अभियान से खुद को दूर कर लिया । इस स्थिति ने विनय भाटिया को फरीदाबाद में बुरी तरह अलग-थलग कर दिया । अपनी इस स्थिति के लिए विनय भाटिया ने विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहरा दिया । उनका आरोप रहा कि उन्हें इस मामले में विनोद बंसल से मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मौके पर विनोद बंसल पीछे हट गए और वह अकेले पड़ गए ।
विनोद बंसल को मामले में लपेटने के कारण विनय भाटिया और मुसीबत में फँस गए । फरीदाबाद में कई लोगों ने इस बात के लिए विनय भाटिया को कोसा कि अपनी हरकत को जस्टीफाई करने के लिए वह विनोद बंसल को मामले में नाहक ही घसीट रहे हैं । लोगों का कहना है कि विनय भाटिया ने जब अपने आप को फँसा हुआ और अकेला पाया तो उन्होंने विनोद बंसल से मदद की गुहार की । विनोद बंसल को तब तक अपने दूसरे नजदीकियों से पता चल चुका था कि संजीव राय मेहरा को समर्थन दिलवाने की विनय भाटिया की मुहीम पूरी तरह पिट चुकी है - इसलिए उन्होंने विनय भाटिया की गुहार को अनसुना करने में ही अपनी भलाई देखी । विनय भाटिया की हरकत से सावधान हुए फरीदाबाद के क्लब्स के अध्यक्षों ने यह स्पष्ट करने और संदेश देने की जरूरत समझी कि उनके वोट का फैसला कोई और नहीं - बल्कि वह स्वयं करेंगे ! यह स्पष्ट करने और संदेश देने के लिए उन्होंने एक मीटिंग की, जिसमें फरीदाबाद के 16 में से 14 क्लब्स के अध्यक्ष जुटे - इस मीटिंग में उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में से एक अकेले अनूप मित्तल को ही अपने बीच बुलाया । इस घटना ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के दूसरे उम्मीदवारों को बेचैन कर दिया है और डरा दिया है । उनकी चिंता यह सोच कर खासी बढ़ी है कि फरीदाबाद में अनूप मित्तल को यदि इतना बम्पर समर्थन है, तो फिर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अनूप मित्तल के मुकाबले में वह कैसे टिकेंगे ?