Wednesday, March 15, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को सुशील गुप्ता की चेतावनी के चलते डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए मजबूत समझे/देखे जा रहे उम्मीदवारों को लगे झटके से फायदा अनूप मित्तल को मिलता दिख रहा है

नई दिल्ली । सुशील गुप्ता द्धारा कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को चुनावी राजनीति में दिलचस्पी लेने के लिए लगाई फटकार ने संजीव राय मेहरा तथा रवि दयाल की मुसीबत बढ़ाने का काम किया, तो उनकी इस मुसीबत में अनूप मित्तल को अपनी दाल गलाने का मौका मिल गया । उल्लेखनीय है कि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता को जब यह पता चला कि कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स अपने अपने उम्मीदवारों को समर्थन दिलवाने के लिए सक्रिय हैं, तो वह बुरी तरह नाराज हुए और उन्होंने उन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से अपनी नाराजगी व्यक्त की; सुशील गुप्ता का कहना रहा कि राजनीतिक खेमेबाजी के कारण रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों के बीच डिस्ट्रिक्ट 3011 की पहले से ही बहुत बदनामी है, और निवर्तमान इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रविंद्रन पता नहीं किस 'दुश्मनी' के चलते डिस्ट्रिक्ट पर निगाह लगाए हुए हैं, इसलिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी राजनीति में दिलचस्पी लेना डिस्ट्रिक्ट के लिए भी और खुद उनके लिए भी आत्मघाती साबित हो सकता है । सुशील गुप्ता की चेतावनी रही कि जिन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के बारे में प्रतिकूल रिपोर्ट्स 'ऊपर' गईं, उन्हें रोटरी इंटरनेशनल के असाइनमेंट्स मिलना मुश्किल हो जायेंगे । काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में भी सुशील गुप्ता ने अपनी इस चेतावनी को दोहराया । सुशील गुप्ता की इस चेतावनी का असर होता हुआ दिखा भी, और जो पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स 'छिप-छिपा' कर भी इस या उस उम्मीदवार के समर्थन में कुछ करने के लिए सक्रिय होते देखे/सुने जा रहे थे, वह पीछे हटते देखे/सुने गए ।
इस स्थिति ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के दो उम्मीदवारों - संजीव राय मेहरा तथा रवि दयाल पर बहुत ही बुरा असर डाला है । संजीव राय मेहरा तो पूरी तरह दो-तीन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स पर निर्भर हैं, जिनके पीछे हटने से संजीव राय मेहरा का पूरा अभियान ही ठहर-सा गया है । रवि दयाल ने उम्मीदवार के रूप में अपनी तरफ से यूँ तो काफी मेहनत की है, किंतु उनकी मेहनत को स्वीकार्यता पाने के लिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के समर्थन की दरकार है । दरअसल पिछले रोटरी वर्ष में चुनावी मुकाबले में पिछड़ जाने पर उन्होंने जिस तरह से कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा कर उन्हें निशाना बनाया था, उसके कारण पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स उनके खिलाफ रहे हैं । रवि दयाल के सामने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की इस खिलाफत और नाराजगी को दूर करने की गंभीर चुनौती है । सभी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की नाराजगी दूर करने की बजाए रवि दयाल की तरफ से आसान रास्ता यह निकाला गया कि उनके पक्के वाले समर्थक समझे जाने वाले दो-तीन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में सक्रिय होंगे, तो उनके प्रति नाराजगी और खिलाफत वाला परसेप्शन खत्म हो जायेगा और उनकी उम्मीदवारी के प्रति स्वीकार्यता का भाव पैदा होगा । किंतु सुशील गुप्ता की चेतावनी के चलते सब गुड़ गोबर हो गया लगता है ।
संजीव राय मेहरा और रवि दयाल की इस मुसीबत में अनूप मित्तल को अपनी दाल गलाने का मौका मिल गया । यूँ तो अनूप मित्तल की उम्मीदवारी को भी सात-आठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का सहयोग और समर्थन मिल रहा है, लेकिन वह पूरी तरह उन्हीं के समर्थन के भरोसे नहीं हैं । अनूप मित्तल की तरफ से होशियारी यह की गई कि समर्थक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से उन्हें जो फायदा हो सकता है, वह फायदा उनका नाम लेकर लेने का प्रयास अनूप मित्तल ने खुद किया, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनके समर्थक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स कहीं सीन में भी नहीं आए - और इस कारण वह बदनामी से तथा सुशील गुप्ता की फटकार खाने से भी बचे और उन्होंने काम भी 'कर लिया' । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से मिले सहयोग और समर्थन को अपनी सक्रियता तथा अपने प्रबंधन से अनूप मित्तल ने जिस तरह संयोजित किया, उसी का नतीजा रहा कि फरीदाबाद और रोहतक में जो प्रमुख होली मिलन कार्यक्रम हुए, उनमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में एक अकेले अनूप मित्तल ही आमंत्रित किए गए । दिल्ली में तीन-चार बड़े और प्रमुख क्लब्स ने सदगुरु का जो कार्यक्रम आयोजित किया, उसमें भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में एक अकेले अनूप मित्तल ही आमंत्रित हुए और पहुँचे ।
फरीदाबाद, रोहतक और दिल्ली के बड़े व प्रमुख क्लब्स के आयोजनों में जिस तरह से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में एक अकेले अनूप मित्तल को ही उपस्थित देखा/पाया गया - और यह जाना गया कि इन आयोजनों में आमंत्रित ही एक अकेले उन्हीं को किया गया है; उससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अनूप मित्तल की उम्मीदवारी का महत्त्व बढ़ गया । इसके अलावा, एक बड़ा काम यह और हुआ कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के दूसरे उम्मीदवारों - खासकर संजीव राय मेहरा, रवि दयाल और सुरेश भसीन ने जिस तरह फरीदाबाद व रोहतक के वोटरों पर निर्भरता दिखाई, उससे दिल्ली में इनके प्रति विरोध का भाव बना - और इसका फायदा अनूप मित्तल को मिलता नजर आ रहा है । दिल्ली के छह/सात प्रमुख क्लब्स ने पिछले दिनों एक मीटिंग की, जिसमें करीब 25/26 क्लब्स के प्रेसीडेंट्स उपस्थित हुए - जिसमें इस बात पर नाराजगी व्यक्त की गई कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार समझने लगे हैं कि वह फरीदाबाद व रोहतक के वोटों से ही गवर्नर चुन लिए जायेंगे और इस तरह वह दिल्ली के क्लब्स की ताकत को कम करके देखते हैं । इस मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों में एक अकेले अनूप मित्तल को ही आमंत्रित किया गया था । इससे अनुमान लगाया गया है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवारों द्धारा अपनी उपेक्षा को लेकर दिल्ली के क्लब्स के प्रेसीडेंट्स के बीच जो नाराजगी है, वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में अनूप मित्तल की उम्मीदवारी के लिए जैसे वरदान का काम कर रही है ।
डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में हाल-फिलहाल के दिनों में जो घटना-चक्र रहा है, और कुछेक घटनाओं के कारण जिस तरह पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता को पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के लिए चेतावनी घोषित करना पड़ी है, उसके कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए मजबूत समझे/देखे जा रहे उम्मीदवारों को तगड़ा झटका लगा है - और इसका फायदा अनूप मित्तल को मिलता हुआ दिखा है । इस स्थिति ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी परिदृश्य को खासा दिलचस्प बना दिया है ।