चंडीगढ़
। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी के कार्यकाल में हुए डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप
सेमीनार में रोटेरियंस पदाधिकारियों तथा सदस्यों की जैसी जोशपूर्ण
भागीदारी रही, उसने डिस्ट्रिक्ट 3080 के इतिहास में एक अनोखा रिकॉर्ड तो
बनाया ही है - साथ ही साथ डिस्ट्रिक्ट में अपने आप को तुर्रमखाँ समझने वाले
पूर्व गवर्नर्स की नींद भी उड़ा दी है । ऐसे ही पूर्व गवर्नर्स
यमुनानगर में पूर्व गवर्नर सुभाष गर्ग के यहाँ जुटे और उन्होंने इस बात को
लेकर घंटों माथापच्ची की कि डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच टीके रूबी की बढ़ती
लोकप्रियता और स्वीकार्यता से कैसे मुकाबला किया जाए ? अपने आप को
तुर्रमखाँ समझने वाले इन पूर्व गवर्नर्स के लिए मुसीबत और चुनौती की बात
वास्तव में यह है कि यह लोग तो टीके रूबी के गवर्नर-काल को फेल करने, बताने
और दिखाने की जीतोड़ कोशिशों में लगे हैं - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोग टीके
रूबी के साथ ऐसे जुड़ते जा रहे हैं, जैसे टीके रूबी के रूप में वह रोटरी और
डिस्ट्रिक्ट का कोई मसीहा पा गए हैं । सुभाष गर्ग के यहाँ जुटे पूर्व
गवर्नर्स के लिए फजीहत की बात यह भी रही कि वह तो टीके रूबी के गवर्नर-काल
में कोई भी सहयोग करने और या भूमिका निभाने से पीछे हट रहे हैं, लेकिन उनके
क्लब के पदाधिकारी और वरिष्ठ सदस्य टीके रूबी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर
चल रहे हैं ।
इस संदर्भ में सबसे ज्यादा फजीहत शाजु
पीटर को झेलना पड़ रही है । शाजु पीटर ने तो टीके रूबी के विरोध का झंडा
उठाया हुआ है और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी के हर फैसले व
कदम का विरोध करने का ठेका लिया हुआ है, लेकिन उनके क्लब के वरिष्ठ सदस्य
रवि तुलसी ने टीके रूबी के गवर्नर-काल की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के
चेयरमैन पद की जिम्मेदारी संभाली हुई है । शाजु पीटर ने बहुत प्रयास किए
कि रवि तुलसी इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने से इंकार कर दें, रवि तुलसी
को उन्होंने क्लब से निकलवाने तक की धमकी भी दी - लेकिन शाजु पीटर को अंततः
मनमसोस कर ही रह जाना पड़ा । शाजु पीटर के लिए इससे भी बड़े झटके वाली
बात यह हुई कि उनके क्लब के साप्ताहिक बुलेटिन के नए अंक में मुख्य पृष्ठ
पर ही टीके रूबी के साथ क्लब के पदाधिकारियों की तस्वीरें प्रमुखता से
प्रकाशित की गईं हैं । टीके रूबी के गवर्नर-काल में सहयोग करने और भूमिका
निभाने से इंकार करने वाले - किसी भी तरह से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में
टीके रूबी को फेल साबित करने के चक्कर में लगे पूर्व गवर्नर्स के अपने
अपने क्लब में अलग-थलग पड़ जाने का इससे बड़ा सुबूत और भला क्या होगा कि टीके
रूबी के दिशा-निर्देशन में हुए डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप सेमीनार में
डिस्ट्रिक्ट के 77 क्लब्स में से 71 क्लब्स का प्रतिनिधित्व हुआ और सेमीनार
में एक हजार से ज्यादा रोटेरियंस शामिल हुए । इससे पहले, इतनी बड़ी संख्या
में रोटेरियंस की भागीदारी तो डिस्ट्रिक्ट के अवॉर्ड फंक्शन और या डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस तक में देखने/सुनने
को कभी नहीं मिली है ।
डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों का मानना और
कहना है कि टीके रूबी के गवर्नर-काल में सक्रिय होने और दिखने को लेकर
डिस्ट्रिक्ट के लोगों में जो उत्साह है, वह वास्तव में राजा साबू और उनके
गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के प्रति लोगों की नाराजगी की अभिव्यक्ति भी है ।
राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की हरकतों और कारस्तानियों से
लोग दुःखी और परेशान तो थे ही, उससे भी बड़ी मुसीबत उनके लिए यह थी कि
अपने दुःख व अपनी परेशानी से पैदा होने वाली अपनी नाराजगी को जताने का उनके
पास कोई मौका नहीं था । टीके रूबी के गवर्नर-काल के रूप में उन्हें यह
मौका मिला है, तो इसका वह भरपूर फायदा उठा लेना चाहते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी ने जिस तरह से पूर्व गवर्नर्स
द्वारा कब्जा जमाये ट्रस्टों के हिसाब-किताब में दिलचस्पी लेना शुरू किया
है, उससे भी पूर्व गवर्नर्स हड़बड़ाए हुए हैं । उन्हें डर हुआ है कि टीके
रूबी की यह दिलचस्पी ट्रस्टों की आड़ में हो रही बेईमानियों और लूट-खसोट की
पोल खोलेगी । ऐसे में, पूर्व गवर्नर्स को लग रहा है कि टीके रूबी के विरोध
का झंडा उठाए रख कर वह ट्रस्टों के हिसाब-किताब में दिलचस्पी लेने से टीके
रूबी को रोक सकेंगे - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से, यहाँ तक
कि पूर्व गवर्नर्स के क्लब्स तक के लोगों की तरफ से मिल रहे समर्थन को
देख कर टीके रूबी ने भी पूर्व गवर्नर्स के विरोधी रवैये की परवाह न करने का
तेवर दिखाया हुआ है । दरअसल उन्होंने पाया/समझा है कि डिस्ट्रिक्ट में
मनमानी करते और थोपते रहे पूर्व गवर्नर्स के वह जितना ज्यादा 'विरोध' में
रहेंगे और दिखेंगे, लोगों के बीच उतना ही ज्यादा समर्थन और सहयोग वह
पायेंगे । डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप सेमीनार की अपार और रिकॉर्ड बनाती सफलता तो बस एक झलक भर है ।