मेरठ
। रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों की तरफ से मिले कड़े 'संदेशों' के कारण
वोटों की खरीद-फरोख्त के भरोसे चुनाव जीतने की तैयारी कर रहे दीपक जैन की
योजना को थोड़ा धक्का तो लगा है, लेकिन उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स उन्हें
भरोसा दे रहे हैं कि वोटों की खरीद-फरोख्त को इतनी होशियारी से अंजाम दिया
जायेगा कि कोई पकड़ ही नहीं पायेगा । दीपक जैन के कुछेक नजदीकी लेकिन
उन्हें सलाह दे रहे हैं कि वोटों की खरीद-फरोख्त के आरोपों को रोटरी
इंटरनेशनल ने यदि कहीं गंभीरता से ले लिया, और चुनाव के नतीजे को ही रद्द
कर दिया - तो वोटों को खरीदने में खर्च हुए पैसे बेकार ही जायेंगे, इसलिए
भलाई इसी में है कि चुनाव ईमानदारी से ही लड़ो । दीपक जैन के इन्हीं
नजदीकियों का कहना है कि उन्होंने दीपक जैन को सलाह दी है कि कुछेक
बदनाम पूर्व गवर्नर्स की बातों में आकर उन्होंने नाहक ही अपनी बदनामी करवा
ली है; उन्हें सबसे पहले तो उन पूर्व गवर्नर्स की 'गिरफ्त' से बाहर निकलना
चाहिए और अपनी एक स्वतंत्र पहचान बनानी चाहिए तथा गंभीरता के साथ अपनी
उम्मीदवारी को लोगों के बीच रखना चाहिए - इससे निश्चित ही उन्हें फायदा
होगा; उन्हें गौर करना चाहिए कि वह यदि इस बार के चुनाव में सफल नहीं
भी हो पाते हैं तो अभी के क्लब-प्रेसीडेंट्स को ही एक या दो गवर्नर अभी और
चुनने का मौका मिलेगा ।
नजदीकियों के ही दावे के अनुसार, उनकी समझाइस का दीपक जैन पर कुछ असर होता हुआ तो उन्हें दिखा है - लेकिन
पक्के तौर पर वह नहीं कह सकते हैं कि दीपक जैन ने वोटों की खरीद-फरोख्त के
जरिए जीत हासिल करने के कुछेक पूर्व गवर्नर्स के सुझाव से पूरी तरह किनारा
कर लिया है। दरअसल, दीपक जैन को बताया गया है कि डिस्ट्रिक्ट में करीब
आठ/दस क्लब्स तो अपने अपने वोट बेचने के लिए तैयार ही रहते हैं; चर्चा है
कि दीपक जैन के साथ उन क्लब्स का 'सौदा' करवा भी दिया गया है - सौदा
करवाने वाले पूर्व गवर्नर्स ने दीपक जैन को साफ साफ बता भी दिया है कि
'सौदे' पर यदि वह आगे नहीं बढ़े, तो फिर उनकी विश्वसनीयता संकट में
पड़ेगी । दीपक जैन ने मुजफ्फरनगर के कुछेक क्लब्स को प्रोजेक्ट्स में
'सहयोग' करने तथा उनके ड्यूज चुकाने का ऑफर देकर, उनके वोट खरीदने का जो
प्रयास किया था - उसका भी उल्टा असर हुआ है, और दीपक जैन की इस तरह की तरकीबों ने अच्छे क्लब्स के पदाधिकारियों को नाराज करने का ही काम किया है ।
दीपक
जैन ने अपनी बढ़ती बदनामी से निपटने के लिए दूसरों पर आरोप लगाने का तरीका
अपनाया - पर उनकी बदकिस्मती यह रही कि उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स पहले से
ही खासे बदनाम रहे हैं, और रोटरी इंटरनेशनल से फटकार खा चुके हैं और उनकी
कारस्तानियों के कारण ही डिस्ट्रिक्ट मौजूदा दुर्गति का शिकार है । इसलिए दूसरों पर आरोप लगा कर अपने 'अपराधों' पर पर्दा डालने की दीपक जैन की कोशिश कामयाब नहीं हो पा रही है ।
दीपक जैन की इस फजीहत का फायदा श्रीहरी गुप्ता को हो सकता है, लेकिन मेरठ
के अधिकतर पूर्व गवर्नर्स ने चूँकि श्रीहरी गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खोला
हुआ है - इसलिए श्रीहरी गुप्ता को अपने ही क्षेत्र में गंभीर चुनौती का
सामना करना पड़ रहा है । इस स्थिति में चक्रेश लोहिया ने अपने समर्थन-आधार
को बढ़ाने का जो प्रयास किया है, उन्हें उसका फायदा मिलता दिख रहा है । मुरादाबाद
में आज हुई इंटरसिटी में चक्रेश लोहिया के समर्थकों की जैसी जो उपस्थिति
रही, और रजिस्ट्रेशन व उपस्थिति के आधार पर उनके क्लब को जो अवॉर्ड मिला -
उसके कारण चुनावी मुकाबले में चक्रेश लोहिया को बढ़त मिलने का आभास लोगों ने
महसूस किया । दरअसल, आज हुई इंटरसिटी में चारों उम्मीदवारों ने अपना
अपना जो शक्ति-प्रदर्शन किया, उसमें बाजी चक्रेश लोहिया ने जीती और उनकी इस
जीत ने उन्हें बाकी तीनों उम्मीदवारों से आगे 'दिखाने' का काम किया ।
देखना दिलचस्प होगा कि आज की इस 'जीत' को वह चुनावी जीत में बदल पाते हैं
या नहीं ?