Saturday, September 23, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में राजा साबू व यशपाल दास तथा उनके साथी गवर्नर्स सीधे-सीधे हिसाब-किताब देने के नाम पर अपनी छवि खराब होने/करने का रोना क्यों रो रहे हैं ?

चंडीगढ़ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने डिस्ट्रिक्ट और डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चल रही संस्थाओं के हिसाब-किताब सँभालने की छोटी-सी कोशिश क्या की, कि डिस्ट्रिक्ट के बड़े बड़े महारथी 'नंगे' होते चले जा रहे हैं । टीके रूबी ने निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा से 'रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3080 ट्रस्ट' के अकाउंट के बारे में पत्र लिख कर पूछा, तो रमन अनेजा की तरफ से उन्हें जबाव मिला कि उक्त ट्रस्ट का काम पूर्व गवर्नर शाजु पीटर देखते हैं और उसका अकाउंट उन्हीं से मिलेगा । तब टीके रूबी ने शाजु पीटर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन शाजु पीटर से यह सुन  कर वह अवाक् रह गए कि उक्त ट्रस्ट से उनका कोई वास्ता नहीं है और इसलिए उसके अकाउंट से भी उनका कोई लेना-देना नहीं है । अपनी जिम्मेदारी से बचने/भागने और दूसरे पर थोपने का यह सर्कस मजेदार है - करीब तीन महीने पहले तक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर रहे रमन अनेजा ने क्या अपने आप को या किसी और को बचाने के लिए झूठे ही शाजु पीटर का नाम लिया है, या शाजु पीटर झूठ बोल रहे हैं ? 'रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3080 ट्रस्ट' के अकाउंट में आखिर ऐसा क्या झोलझाल है कि डिस्ट्रिक्ट के इन दोनों बड़े लोगों को इस तरह से सच्चाई छिपाना पड़ रहा है - और कोई माई का लाल अभी तक सामने नहीं आया है जो कहे कि ट्रस्ट का हिसाब-किताब मेरे पास है, और मैं उसका अकाउंट देता हूँ । डिस्ट्रिक्ट ट्रस्ट का हिसाब-किताब किसके पास है, यह पता लगाने का काम क्या अब सीबीआई को सौंपना पड़ेगा ?
इस तरह के मामलों में चटक मजेदारी का तड़का पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर यशपाल दास ने यह कहते हुए लगाया है कि टीके रूबी लोगों के बीच पूर्व गवर्नर्स की छवि खराब करने तथा उन्हें बदनाम करने का काम कर रहे हैं । किसी की भी समझ में नहीं आ रहा है कि पूर्व गवर्नर्स का जो नंगापन सामने आ रहा है, उसके लिए टीके रूबी को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी तो डिस्ट्रिक्ट का हिसाब/किताब व्यवस्थित करते हुए विभिन्न कमेटियों और ट्रस्टों के अकाउंट माँग रहे हैं, अब इसके जबाव में सीधे सीधे एकाउंट देने की बजाए कमेटियों और ट्रस्टों पर कुंडली मारे बैठे पूर्व गवर्नर्स यदि अपने या दूसरे के कपड़े उतारने में जुट गए हैं तो इसके लिए टीके रूबी को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है ? वह तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अपना काम कर रहे हैं । ऐसे में, टीके रूबी पर पूर्व गवर्नर्स की छवि खराब करने का यशपाल दास का आरोप ही संदेह के घेरे में आ जाता है - और लोगों को लगता है कि यशपाल दास अपनी और अपने साथी गवर्नर्स की कारस्तानियों पर पर्दा डालने के लिए टीके रूबी को निशाना बना रहे हैं । लोगों को याद नहीं है कि यशपाल दास ने कभी दिलीप पटनायक पर सवाल उठाया हो, जिन्हें अपने गवर्नर-काल के हिसाब/किताब की गड़बड़ियों पर पर्दा डालने के लिए दो दो बैलेंसशीट तैयार करवाना पड़ी थीं; रमन अनेजा की कारस्तानी पर भी यशपाल दास चुप बने हुए हैं, जिन्होंने अपने गवर्नर-काल के हिसाब/किताब को लेकर गजब किस्म की नाटकबाजी की हुई है - उल्लेखनीय है कि रमन अनेजा को मौजूदा रोटरी वर्ष की फाइनेंस कमेटी को अपने गवर्नर-काल का हिसाब/किताब देना है; रमन अनेजा ने लेकिन फाइनेंस कमेटी को हिसाब/किताब न देकर सुभाष गर्ग को दे दिया - सुभाष गर्ग ने उसे हेमंत अरोड़ा को भेज दिया, हेमंत अरोड़ा पूछ रहे हैं कि यह मुझे क्यों दे दिया, मेरा इससे क्या मतलब, मैं इसका क्या करूँ ? लोगों के बीच पूर्व गवर्नर्स की छवि खराब करने वाली रमन अनेजा की इस हरकत पर तो यशपाल दास चुप बने हुए हैं, और आरोप टीके रूबी पर लगा रहे हैं ।
हिसाब/किताब को लेकर नाटकबाजी करने के मामले में तो यशपाल दास ने रमन अनेजा को भी पछाड़ दिया है । उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में खुद यशपाल दास ने लोगों के बीच घोषणा की कि रोटरी उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ ट्रस्ट के अकाउंट वह या तो ईमेल के जरिए लोगों को भेजेंगे और या जीएमएल में प्रकाशित करवायेंगे । उनकी इसी घोषणा का उल्लेख करते हुए टीके रूबी ने जीएमएल के अगले अंक के लिए उनसे उक्त ट्रस्ट के अकाउंट भेजने का अनुरोध किया । टीके रूबी ने तो उम्मीद की थी कि उनके अनुरोध पर यशपाल दास की तरफ से उन्हें खुशी खुशी अकाउंट मिल जायेंगे, लेकिन यशपाल दास को तो नाटक दिखाना था - सो उन्होंने टीके रूबी को लंबा/चौड़ा पत्र लिख मारा जिसमें विस्तार से बताया कि राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू की चेयरमैनी वाले उक्त ट्रस्ट में कौन कौन हैं और ट्रस्ट ने क्या क्या किया है; यशपाल दास ने यह भी बताया कि ट्रस्ट की हर वर्ष बैलेंसशीट तैयार होती है जिसे ट्रस्टियों को भेजा जाता है; उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट के अकाउंट जल्दी ही रोटरी न्यूज में प्रकाशित किए/करवाए जायेंगे; यशपाल दास ने और भी बहुत कुछ बताया, पर जीएमएल के लिए अकाउंट नहीं दिए - अपने पत्र में उन्होंने टीके रूबी पर आरोप और मढ़ दिया कि वह लोगों के बीच उनकी छवि खराब कर रहे हैं । उक्त ट्रस्ट का हिसाब/किताब जीएमएल में प्रकाशित करने का आईडिया यशपाल दास का ही था, अपना यह आईडिया उन्होंने खुद ही लोगों के सामने जाहिर किया था - टीके रूबी तो उनके ही आईडिया को अमल में लाने का प्रयास कर रहे थे । ऐसे में यशपाल दास का भड़कना किसी को भी समझ में नहीं आया - 'चोर की दाढ़ी में तिनका' वाली कहावत लोगों को लेकिन जरूर याद आई है ।
इस बीच मेडीकल मिशन टीम के साथ वॉलिंटियर के रूप में मंगोलिया गए राजा साबू और मधुकर मल्होत्रा की तस्वीरें लोगों को देखने को मिली हैं, जिनमें यह दोनों पर्यटन करते और मौज-मजा करते देखे गए हैं । लोगों के लिए हमेशा ही यह उत्सुकता का विषय रहा है कि मेडीकल मिशन में वॉलिंटियर के रूप में यह दोनों करते क्या होंगे ? तस्वीरों को देख कर भेद खुला है कि यह वास्तव में क्या करते हैं । इनके क्लब के कई लोगों का कहना है कि उनका भी मन है कि वह भी वॉलिंटियर के रूप में मेडीकल मिशन में जाएँ - पर राजा साबू और मधुकर मल्होत्रा के होते हुए हुए 'सेवा' और कोई कैसे कर सकता है ? लेकिन खबरदार, राजा साबू और मधुकर मल्होत्रा की इस सेवा में किसी ने भी 'मेवा' 'देखने' की कोशिश की - और यह सवाल उठाया कि मंगोलिया मेडीकल मिशन में कितनी रकम खर्च हुई है और कैसे-कैसे खर्च हुई है; ऐसा हुआ तो यही समझा जायेगा कि वह इन बेचारों की छवि खराब करने तथा इन्हें बदनाम करने का काम कर रहा है ।