Monday, December 18, 2017

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की बोर्ड ऑफ स्टडीज कमेटी के चेयरमैन अतुल गुप्ता निकासा के साथ मिल कर स्टूडेंट कन्वेंशन करने की कोशिशों के चलते नितिन कँवर द्वारा की गई बदतमीजी की बात को भूल कर उन्हें 'पटाने' में लगे

नई दिल्ली । चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट की बोर्ड ऑफ स्टडीज कमेटी के चेयरमैन अतुल गुप्ता को आजकल नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में निकासा चेयरमैन नितिन कँवर की खुशामद में जिस तरह से जुटना पड़ रहा है, उसने नॉर्दर्न रीजन के काउंसिल सदस्यों तथा आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स सदस्यों के बीच मजेदार नजारा प्रस्तुत किया हुआ है । नजारा मजेदार इसलिए बना है क्योंकि अभी कुछ ही दिन पहले नितिन कँवर ने अतुल गुप्ता के साथ जमकर बदतमीजी की थी, जिसके बाद से अतुल गुप्ता उनसे बुरी तरह खफा चल रहे थे - किंतु अब अचानक से अतुल गुप्ता ने पलटी मारी है और वह नितिन कँवर की खुशामद में लगे दिख रहे हैं । नितिन कँवर स्वाभाविक रूप से इस स्थिति को एंज्यॉय कर रहे हैं, और अपने साथियों के बीच अतुल गुप्ता के बदले व्यवहार और रवैये को लेकर चटखारे ले रहे हैं । नितिन कँवर द्वारा की गई बदतमीजी को भूलने तथा उनके प्रति अपना रवैया बदलने के लिए अतुल गुप्ता को मजबूर करने का कारण बना है - स्टूडेंट कन्वेंशन का स्थगित होना । उल्लेखनीय है कि स्टूडेंट कन्वेंशन के नाम पर निकासा चेयरमैन के रूप में नितिन कँवर और नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन के रूप में राकेश मक्कड़ द्वारा अनाप-शनाप खर्चे का हिसाब बना लेने के कारण रीजनल काउंसिल में स्टूडेंट कन्वेंशन का बजट पास नहीं हो सका और कन्वेंशन होने का मामला लटक गया । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के वाइस चेयरमैन विवेक खुराना ने इस मुद्दे पर विरोधी खेमे के सदस्यों का समर्थन करके चेयरमैन राकेश मक्कड़ और उनके गिरोह के सदस्यों को जो जोरदार पटखनी दी, उसकी 'चोट' बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन अतुल गुप्ता तक पर पड़ी है ।
मजे की बात यह रही कि पहले तो बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन के रूप में अतुल गुप्ता ने भी अनाप-शनाप बजट को लेकर राकेश मक्कड़ व नितिन कँवर की गर्दन दबोचने में विवेक खुराना व विरोधी खेमे के सदस्यों की मदद की थी; किंतु अब अतुल गुप्ता को राकेश मक्कड़ व नितिन कँवर की खुशामद में लगना पड़ रहा है । हद की बात यह हुई कि इंस्टीट्यूट के मुख्यालय में छात्रों के लिए हुए टेलैंट हंट कार्यक्रम में अतुल गुप्ता ने राकेश मक्कड़ व नितिन कँवर तथा उनके साथियों को ही विश्वास में लिया, तथा विवेक खुराना और विरोधी खेमे के सदस्यों को पूछा तक नहीं । नितिन कँवर ने ही लोगों को बताया है कि अतुल गुप्ता स्टूडेंट कन्वेंशन करने के लिए जुगाड़ बैठाने हेतु उनकी खुशामद में लगे हुए हैं । दरअसल इंस्टीट्यूट के पाँचों रीजंस में नॉर्दर्न रीजन ही अकेला रीजन बचा रह गया है, जहाँ स्टूडेंट कन्वेंशन नहीं हो सकी है । इंस्टीट्यूट में अतुल गुप्ता इसी नॉर्दर्न रीजन का प्रतिनिधित्व करते हैं । स्टूडेंट कन्वेंशन बोर्ड ऑफ स्टडीज का एक महत्त्वपूर्ण आयोजन होता है । ऐसे में, अतुल गुप्ता के लिए शर्मनाक स्थिति यह बनी है कि बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन होते हुए उनके अपने ही रीजन में स्टूडेंट कन्वेंशन नहीं हो पा रही है । नितिन कँवर के अनुसार, इस शर्मिंदगी से बचने के लिए अतुल गुप्ता इस जुगाड़ में हैं कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल को किनारे रख कर - बोर्ड ऑफ स्टडीज व निकासा मिल कर स्टूडेंट कन्वेंशन का आयोजन कर लें । नितिन कँवर के अनुसार, अतुल गुप्ता ने तो स्टूडेंट कन्वेंशन के लिए 19/20 जनवरी की तारीख भी तय कर ली है । इसी चक्कर में, इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के सदस्य अतुल गुप्ता पिछले दिनों नितिन कँवर द्वारा की गई बदतमीजी की बात को भूल कर आजकल उन्हीं को 'पटाने' में लगे हुए हैं ।
अतुल गुप्ता के स्टूडेंट कन्वेंशन के लिए जुगाड़ लगाने की कोशिशों ने काउंसिल सदस्यों के बीच एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया है । उल्लेखनीय है कि नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन राकेश मक्कड़ और उनके संगी-साथियों ने जब रीजनल काउंसिल की संस्तुति के बिना स्टूडेंट कन्वेंशन करने की तैयारी की थी, तब इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के सदस्य संजीव चौधरी ने बड़ा बबाल मचाया था और तर्क दिया था कि रीजनल काउंसिल की संस्तुति के बिना स्टूडेंट कन्वेंशन करना इंस्टीट्यूट के नियमों का मजाक बनाना होगा । संजीव चौधरी द्वारा मचाए गए बबाल के कारण इंस्टीट्यूट के सेक्रेटरी वी सागर को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और तब राकेश मक्कड़ व नितिन कँवर को अपनी मनमानी छोड़कर रीजनल काउंसिल की मीटिंग बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसमें उनके द्वारा तय किये गए बजट के अनुसार स्टूडेंट कन्वेंशन करने का प्रस्ताव पास नहीं हो सका - और स्टूडेंट कन्वेंशन की आड़ में लूट/खसोट करने की राकेश मक्कड़ व नितिन कँवर की योजना फेल हो गई । ऐसे में, सवाल यह खड़ा हुआ है कि रीजनल काउंसिल की संस्तुति के बिना यदि पहले स्टूडेंट कन्वेंशन नहीं हो सकती थी - तो अब अतुल गुप्ता के प्रयासों से वह कैसे हो सकती है ? संजीव चौधरी की एक और आपत्ति थी और वह यह कि खुद बोर्ड ऑफ स्टडीज के नियमों के अनुसार, स्टूडेंट कन्वेंशन के लिए छात्रों के बीच प्रचार व अन्य तैयारी के लिए कम-से-कम तीन महीने का समय होना चाहिए । तो क्या, आनन/फानन में किसी भी तरह स्टूडेंट कन्वेंशन करने पर आमादा अतुल गुप्ता अपनी की कमेटी के नियम को ठेंगा दिखा देंगे - जिसके पालन के लिए सेंट्रल काउंसिल के ही सदस्य संजीव चौधरी ने पिछले दिनों खासा जोर दिया था ? स्टूडेंट कन्वेंशन करने के जुगाड़ में लगे अतुल गुप्ता के प्रयासों ने इस तरह नॉर्दर्न रीजन के काउंसिल सदस्यों तथा आम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स सदस्यों के बीच दिलचस्प चर्चाओं का माहौल बनाया हुआ है ।