रोहतक
। प्रवीन राजगढ़िया के साथ हरियाणा के लीडर्स की रोहतक में होने वाली
मीटिंग के लगातार स्थगित होते जाने से प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों और
समर्थकों के बीच पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर केएल खट्टर के प्रति नाराजगी और
विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है । प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों की
तरफ से केएल खट्टर पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए जा रहे हैं । रोहतक में पूर्व
गवर्नर राजिंदर बंसल के क्लब के अधिष्ठापन समारोह का निमंत्रण न मिलने के
बाद से तो प्रवीन राजगढ़िया और उनके समर्थक बुरी तरह भड़के हुए हैं ।
उल्लेखनीय है कि उक्त समारोह में हरियाणा के चारों-पाँचों लीडर्स उपस्थित
हुए थे । प्रवीन राजगढ़िया ने प्रयास किया था कि जब सभी लीडर्स रोहतक में आ
ही रहे हैं, तो समारोह से पहले प्रस्तावित मीटिंग हो सकती है । केएल
खट्टर ने मीटिंग हो पाने में तो असमर्थता व्यक्त कर ही दी; प्रवीन राजगढ़िया
को अधिष्ठापन समारोह का निमंत्रण तक नहीं मिला । प्रवीन राजगढ़िया के लिए
यह घटना काफी झटके वाली रही । उनकी तरफ से लोगों के बीच माहौल तो यह
बनाया/दिखाया गया था कि हरदीप सरकारिया को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
पद के लिए उम्मीदवार चुनने के तरीके पर उनकी तरफ से नाराजगी व्यक्त किए
जाने से हरियाणा की लीडरशिप बुरी तरह से 'हिल' गई है, लेकिन देखने में यह
आया कि उनकी नाराजगी के बावजूद लीडरशिप के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी है ।
प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों का कहना है कि रोहतक में होने वाली मीटिंग
को लेकर केएल खट्टर जिस तरह से टालमटोल करते नजर आ रहे हैं, और बार-बार तरह
तरह की बहानेबाजी करके मीटिंग के दिन को आगे बढ़ाते नजर आ रहे हैं - उससे
अब लगने लगा है कि केएल खट्टर सिर्फ टाइम पास कर रहे हैं, और प्रवीन
राजगढ़िया को बेवकूफ बना रहे हैं ।
प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों और समर्थको को अब महसूस हो रहा है कि केएल खट्टर की बातों में आकर उन्होंने बड़ी गलती कर दी और डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच अपनी जगहँसाई और फजीहत करवा ली है । प्रवीन राजगढ़िया के कुछेक नजदीकियों की तरफ से हालाँकि अभी भी दावा किया जा रहा है कि उनके चैप्टर को अभी बंद हुआ नहीं समझा जाए, और प्रवीन राजगढ़िया अपने साथ हुए 'खेल' का उचित समय पर बदला जरूर लेंगे । नजदीकियों का कहना है कि प्रवीन राजगढ़िया लीडर्स को पूरा समय देना चाहते हैं, ताकी बाद में वह यह न कह सकें कि वह तो बात करना चाहते थे - प्रवीन राजगढ़िया ने ही जल्दी मचा दी थी । इस मामले में केएल खट्टर भी खुद को बुरी तरह घिरा हुआ महसूस कर रहे हैं । दरअसल इस मामले में हरियाणा के बाकी लीडर्स ने केएल खट्टर को अकेला छोड़ दिया है । बाकी लीडर्स अभी हरदीप सरकारिया को और उनके बाद पुनीत बंसल को समर्थन देने के मुद्दे पर पुनर्विचार करने के मूड में बिलकुल भी नहीं हैं । उनकी तरफ से केएल खट्टर को बता दिया गया है कि प्रवीन राजगढ़िया से उन्होंने जो कहा है, उसे वह खुद ही देखें । बाकी लीडर्स के इसी रवैये के चलते, प्रवीन राजगढ़िया से रोहतक में मीटिंग करने के वायदे को निभा पाना केएल खट्टर के लिए मुश्किल हो रहा है । केएल खट्टर के लिए मुसीबत की बात यह है कि बाकी लीडर्स की तरफ से उन्हें यह और सुनने को मिल रहा है कि प्रवीन राजगढ़िया को उन्होंने नाहक ही ज्यादा तवज्जो दे दी है, और मामले को थोड़ा टेढ़ा कर दिया है - अन्यथा प्रवीण राजगढ़िया कुछ दिन शोर मचा कर खुद ही शांत हो जाते । बाकी लीडर्स की नसीहत सुनते हुए केएल खट्टर ने लगता है कि उन्हीं का फार्मूला अपना लिया है और प्रवीन राजगढ़िया को कभी इग्नोर करने तो कभी 'चिंता मत करो' का झाँसा देकर लटकाए हुए हैं । केएल खट्टर की इस झाँसेबाजी से प्रवीन राजगढ़िया और उनके नजदीकी व समर्थक भड़के हुए तो बहुत हैं, लेकिन उनकी समझ में आ नहीं रहा है कि इस स्थिति में वह करें, तो आखिर क्या करें ?
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नई दिल्ली । केएल खट्टर पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर तथा डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डीनेटर केएम गोयल के आक्रामक रवैये के कारण एक अलग तरह की फजीहत के दरवाजे पर पहुँच गए हैं । केएल खट्टर के लिए यह फजीहत पूर्व गवर्नर हर्ष बंसल द्वारा केएम गोयल पर लगाए एक आरोप के चलते पैदा हुई है । हर्ष बंसल ने डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डीनेटर के रूप में केएम गोयल पर डिस्ट्रिक्ट के हिसाब-किताब में हेराफेरी करने की आशंका व्यक्त करते हुए अकाउंट्स समय से न देने का आरोप लगाया है । हर्ष बंसल का कहना है कि केएम गोयल की इस हरकत पर उनकी तरफ से यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं आया, तो वह इस मामले को आगे ले जायेंगे । केएम गोयल ने अधिकृत रूप से तो इस आरोप का जबाव नहीं दिया है, लेकिन अलग अलग मौकों पर कुछेक लोगों के बीच उन्होंने अपने आक्रामक तेवर दिखाए और कहा कि हर्ष बंसल को समय से अकाउंट्स लेने/पाने का इतना शौक है तो पहले राकेश त्रेहन और केएल खट्टर से अकाउंट्स माँगे, जो अभी तक नहीं मिले हैं । केएम गोयल की तरफ से यहाँ तक कहा गया कि हर्ष बंसल की हिम्मत केएल खट्टर से अकाउंट्स माँगने की नहीं होगी, जिनसे वह एक बार पिट चुके हैं । केएम गोयल की यह बात हर्ष बंसल और केएल खट्टर, दोनों के लिए चुनौती की तरह है । हर्ष बंसल भले ही एक बार केएल खट्टर से पिट चुके हैं, लेकिन वह इतने बेशर्म किस्म के व्यक्ति के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं कि दोबारा भी पिटने के लिए तैयार हो जायेंगे । केएल खट्टर के लिए मुसीबत की बात यह है कि हर्ष बंसल यदि बेशर्मी पर सचमुच उतर ही आए तो उन्हें नाहक एक बार फिर फिजूल के विवाद और झगड़े में पड़ना पड़ेगा - और हो सकता है कि वह विवाद और झगड़ा खुद उनके लिए भी फजीहत का कारण बने, क्योंकि यदि अपने गवर्नर-काल के अकाउंट्स न देने का उन पर लगा केएम गोयल का आरोप सच है तो यह उनके लिए फजीहत का कारण तो बन ही जाएगा ।
प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों और समर्थको को अब महसूस हो रहा है कि केएल खट्टर की बातों में आकर उन्होंने बड़ी गलती कर दी और डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच अपनी जगहँसाई और फजीहत करवा ली है । प्रवीन राजगढ़िया के कुछेक नजदीकियों की तरफ से हालाँकि अभी भी दावा किया जा रहा है कि उनके चैप्टर को अभी बंद हुआ नहीं समझा जाए, और प्रवीन राजगढ़िया अपने साथ हुए 'खेल' का उचित समय पर बदला जरूर लेंगे । नजदीकियों का कहना है कि प्रवीन राजगढ़िया लीडर्स को पूरा समय देना चाहते हैं, ताकी बाद में वह यह न कह सकें कि वह तो बात करना चाहते थे - प्रवीन राजगढ़िया ने ही जल्दी मचा दी थी । इस मामले में केएल खट्टर भी खुद को बुरी तरह घिरा हुआ महसूस कर रहे हैं । दरअसल इस मामले में हरियाणा के बाकी लीडर्स ने केएल खट्टर को अकेला छोड़ दिया है । बाकी लीडर्स अभी हरदीप सरकारिया को और उनके बाद पुनीत बंसल को समर्थन देने के मुद्दे पर पुनर्विचार करने के मूड में बिलकुल भी नहीं हैं । उनकी तरफ से केएल खट्टर को बता दिया गया है कि प्रवीन राजगढ़िया से उन्होंने जो कहा है, उसे वह खुद ही देखें । बाकी लीडर्स के इसी रवैये के चलते, प्रवीन राजगढ़िया से रोहतक में मीटिंग करने के वायदे को निभा पाना केएल खट्टर के लिए मुश्किल हो रहा है । केएल खट्टर के लिए मुसीबत की बात यह है कि बाकी लीडर्स की तरफ से उन्हें यह और सुनने को मिल रहा है कि प्रवीन राजगढ़िया को उन्होंने नाहक ही ज्यादा तवज्जो दे दी है, और मामले को थोड़ा टेढ़ा कर दिया है - अन्यथा प्रवीण राजगढ़िया कुछ दिन शोर मचा कर खुद ही शांत हो जाते । बाकी लीडर्स की नसीहत सुनते हुए केएल खट्टर ने लगता है कि उन्हीं का फार्मूला अपना लिया है और प्रवीन राजगढ़िया को कभी इग्नोर करने तो कभी 'चिंता मत करो' का झाँसा देकर लटकाए हुए हैं । केएल खट्टर की इस झाँसेबाजी से प्रवीन राजगढ़िया और उनके नजदीकी व समर्थक भड़के हुए तो बहुत हैं, लेकिन उनकी समझ में आ नहीं रहा है कि इस स्थिति में वह करें, तो आखिर क्या करें ?
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नई दिल्ली । केएल खट्टर पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर तथा डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डीनेटर केएम गोयल के आक्रामक रवैये के कारण एक अलग तरह की फजीहत के दरवाजे पर पहुँच गए हैं । केएल खट्टर के लिए यह फजीहत पूर्व गवर्नर हर्ष बंसल द्वारा केएम गोयल पर लगाए एक आरोप के चलते पैदा हुई है । हर्ष बंसल ने डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डीनेटर के रूप में केएम गोयल पर डिस्ट्रिक्ट के हिसाब-किताब में हेराफेरी करने की आशंका व्यक्त करते हुए अकाउंट्स समय से न देने का आरोप लगाया है । हर्ष बंसल का कहना है कि केएम गोयल की इस हरकत पर उनकी तरफ से यदि उचित स्पष्टीकरण नहीं आया, तो वह इस मामले को आगे ले जायेंगे । केएम गोयल ने अधिकृत रूप से तो इस आरोप का जबाव नहीं दिया है, लेकिन अलग अलग मौकों पर कुछेक लोगों के बीच उन्होंने अपने आक्रामक तेवर दिखाए और कहा कि हर्ष बंसल को समय से अकाउंट्स लेने/पाने का इतना शौक है तो पहले राकेश त्रेहन और केएल खट्टर से अकाउंट्स माँगे, जो अभी तक नहीं मिले हैं । केएम गोयल की तरफ से यहाँ तक कहा गया कि हर्ष बंसल की हिम्मत केएल खट्टर से अकाउंट्स माँगने की नहीं होगी, जिनसे वह एक बार पिट चुके हैं । केएम गोयल की यह बात हर्ष बंसल और केएल खट्टर, दोनों के लिए चुनौती की तरह है । हर्ष बंसल भले ही एक बार केएल खट्टर से पिट चुके हैं, लेकिन वह इतने बेशर्म किस्म के व्यक्ति के रूप में देखे/पहचाने जाते हैं कि दोबारा भी पिटने के लिए तैयार हो जायेंगे । केएल खट्टर के लिए मुसीबत की बात यह है कि हर्ष बंसल यदि बेशर्मी पर सचमुच उतर ही आए तो उन्हें नाहक एक बार फिर फिजूल के विवाद और झगड़े में पड़ना पड़ेगा - और हो सकता है कि वह विवाद और झगड़ा खुद उनके लिए भी फजीहत का कारण बने, क्योंकि यदि अपने गवर्नर-काल के अकाउंट्स न देने का उन पर लगा केएम गोयल का आरोप सच है तो यह उनके लिए फजीहत का कारण तो बन ही जाएगा ।