रोहतक । हरदीप सरकारिया को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार चुनने के तरीके को लेकर बबाल करने वाले वरिष्ठ लायन प्रवीन राजगढ़िया अचानक से चुप्पी साध कर अब खुद ही बबाल का कारण बन गए हैं । उनकी चुप्पी को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं, जिन्हें भड़काने का काम लीडरशिप की तरफ से आने वाली उन बातों ने भी किया है - जिनमें दावा किया गया है कि प्रवीन राजगढ़िया को समझा लिया गया है और मामला सेटल हो गया है । इन बातों से लोगों के बीच सवाल पैदा हुआ है कि प्रवीन राजगढ़िया को आखिर क्या समझाया गया है और मामला किस शर्त पर सेटल हुआ है ? लोगों का कहना/पूछना है कि प्रवीन राजगढ़िया और लीडरशिप के नेताओं के बीच आखिर क्या सौदा/समझौता हुआ है, यह बात तो पता चलना चाहिए ? प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों ने यह तो बताया था कि हरदीप सरकारिया को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार चुनने के तरीके पर प्रवीन राजगढ़िया द्वारा आपत्ति करने और नाराजगी दिखाने के बाद पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर केएल खट्टर ने प्रवीन राजगढ़िया को फोन किया था । उनके बीच क्या बात हुई, यह तो पता नहीं चल सका - लेकिन देखने में यह आया कि उसके बाद प्रवीन राजगढ़िया ने पूरी तरह चुप्पी साध ली । उनके चुप्पी साध लेने के साथ-साथ ही लीडरशिप की तरफ से सुनने को मिला कि प्रवीन राजगढ़िया को मना लिया गया है और मामला सेटल हो गया है । इससे लीडरशिप को निशाना बनाने वाले प्रवीन राजगढ़िया खुद लोगों के निशाने पर आ गए और उनके बीच सवाल उठे कि उन्होंने लीडरशिप से सौदेबाजी करने के लिए ही बबाल खड़ा किया था क्या ?
प्रवीन राजगढ़िया को लोगों की आलोचना का शिकार बनता देख उनके नजदीकियों ने कहा/बताया है कि वह पारिवारिक फंक्शन में शामिल होने के लिए बाहर गए हैं और वहाँ व्यस्त हैं, इसलिए उनकी तरफ से कुछ कहा/सुना नहीं जा पा रहा है; और इसलिए उनकी चुप्पी के कोई मनमाने अर्थ नहीं निकाले जाने चाहिए । नजदीकियों की तरफ से यह दावा भी किया गया है कि प्रवीन राजगढ़िया कोई छिप कर सौदेबाजी करने वाले व्यक्ति नहीं हैं, वह जो कुछ भी करेंगे सभी को बता कर और सभी को विश्वास में लेकर करेंगे । नजदीकियों ने यह भी बताया है कि केएल खट्टर से फोन पर उनकी जो बात हुई है, उसमें अभी यही तय हुआ है कि पारिवारिक फंक्शन से लौट कर उनकी लीडरशिप के नेताओं से रोहतक में मीटिंग होगी, जिसमें मामले पर विस्तृत विचार होगा । उल्लेखनीय है कि प्रवीन राजगढ़िया की मुख्य आपत्ति इस बात पर थी कि लीडरशिप के नाम पर पाँच लोग हरियाण के लायन सदस्यों की तरफ से फैसला नहीं ले सकते हैं, और सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार का फैसला हरियाणा फोरम की मीटिंग में होना चाहिए । दरअसल हरदीप सरकारिया को उम्मीदवार चुने जाने पर लोग भड़के इसीलिए क्योंकि हरदीप सरकारिया की लोगों के बीच कोई सक्रियता ही नहीं थी । मजे की बात यह रही कि हरदीप सरकारिया को चुनने के पहले भी उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स ने उन्हें सक्रिय करने तथा लोगों से मिल-जुल कर माहौल बनाने के लिए प्रेरित नहीं किया । इससे लोगों ने महसूस किया कि पूर्व गवर्नर्स ने मनमानी करते/दिखाते हुए एक ऐसा व्यक्ति उम्मीदवार के रूप में उनके सिर पर थोप दिया है, जो उन्हें तवज्जो देने की कोई जरूरत ही नहीं समझता है । प्रवीन राजगढ़िया ने लोगों की इसी भावना को अभिव्यक्त करते हुए लीडरशिप के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया ।
प्रवीन राजगढ़िया के मोर्चा खोलने के बाद लीडरशिप ने एक काम यह तो किया कि उन्होंने हरदीप सरकारिया को सक्रिय किया है, जिसके चलते हरदीप सरकारिया ने हरियाणा में लोगों से बात/मुलाकात करना शुरू किया है और वह दिल्ली के पूर्व गवर्नर्स से भी मिल गए हैं । इसी के साथ-साथ लीडरशिप की तरफ से यह कहना भी शुरू किया गया है कि उम्मीदवार का फैसला तो लीडरशिप को ही करना था, हरियाणा फोरम की मीटिंग में यह फैसला नहीं हो सकता है । प्रवीन राजगढ़िया तथा अन्य लोगों की हालाँकि माँग ही यह है कि उम्मीदवार का फैसला हरियाणा फोरम की मीटिंग में हो । हरदीप सरकारिया को उम्मीदवार चुनने वाले पूर्व गवर्नर्स भी जानते/समझते हैं कि हरियाणा फोरम की मीटिंग में यदि उम्मीदवार चुनने की बात हुई तो हरदीप सरकारिया कतई उम्मीदवार नहीं चुने जा सकेंगे । इसीलिए उनकी कोशिश है कि उम्मीदवार तो उन्होंने चुन लिया है, अब हरियाणा फोरम में उनके फैसले पर मोहर लगा दी जाए । समझा जाता है कि प्रवीन राजगढ़िया को इसी बात के लिए राजी करने का प्रयास किया जायेगा । हरदीप सरकारिया के समर्थक पूर्व गवर्नर्स को विश्वास है कि प्रवीण राजगढ़िया को बहला/फुसला कर और या अगली बार उम्मीदवार बनाने का लालच देकर चुप करा लिया गया, तो फिर हरियाणा में और कोई उनके फैसले का विरोध नहीं करेगा । समस्या की बात लेकिन यह है कि हरदीप सरकारिया के समर्थक पूर्व गवर्नर्स अगली बार की उम्मीदवारी के लिए पुनीत बंसल के साथ वायदा कर चुके हैं; इसलिए सार्वजनिक रूप से उनके लिए प्रवीन राजगढ़िया से अगली बार का वायदा कर पाना तो संभव नहीं होगा - यह काम गुपचुप रूप से ही होगा । गुपचुप रूप से किए वायदे पर प्रवीन राजगढ़िया कितना भरोसा करेंगे, यह एक अलग सवाल है ।
प्रवीन राजगढ़िया के नजदीकियों के अनुसार, रोहतक में प्रवीन राजगढ़िया की पूर्व गवर्नर्स के साथ जो मीटिंग होनी है - लोगों की नजर अब उसके नतीजे पर है । हरदीप सरकारिया को उम्मीदवार चुनने के तरीके पर प्रवीण राजगढ़िया ने जो आपत्ति और नाराजगी जाहिर की है तथा उम्मीदवार चुनने के लिए हरियाणा फोरम की मीटिंग बुलाने की जो माँग की हुई है - उसके पीछे उनका वास्तविक इरादा क्या है; क्या वह सचमुच हरियाणा के लायन सदस्यों की आवाज को सुनने की वकालत कर रहे हैं या अपने लिए कोई सौदेबाजी करने का मौका बना रहे हैं - यह जल्दी ही स्पष्ट हो जायेगा ।