Saturday, December 16, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी लड़ाई में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट शशि शर्मा के प्री-पेट्स कार्यक्रम को इस्तेमाल करने की भरत पांड्या और उनके समर्थकों की योजना गुलाम वहनवती व विजय जालान से मिले धोखे तथा अशोक गुप्ता की निगरानी-व्यवस्था के चलते फेल हुई

मुंबई/जयपुर । भरत पांड्या और उनके समर्थक नेताओं ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने के उद्देश्य से अपने डिस्ट्रिक्ट की प्री-पेट्स जयपुर में करवा कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट शशि शर्मा के लिए तो दोहरी मुसीबत खड़ी कर ही दी - साथ ही वह राजनीतिक फायदा भी नहीं उठा सके, जिसके लिए उन्होंने यह तिकड़म की थी । भरत पांड्या और उनके समर्थकों ने अपनी तिकड़म के असफल हो जाने के लिए गुलाम वहनवती और विजय जालान को जिम्मेदार ठहराया है । उधर प्री-पेट्स जयपुर में करने को लेकर शशि शर्मा से एक तरफ तो प्रेसीडेंट्स इलेक्ट्स तथा प्री-पेट्स के अन्य आमंत्रित जयपुर की सर्दी में फँसा देने के लिए नाराज हैं, और दूसरी तरफ रोटरी इंटरनेशनल के बड़े नेता प्री-पेट्स जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को राजनीति का जरिया बना देने को लेकर खिलाफ हुए हैं । प्री-पेट्स में शामिल होने के लिए मुंबई से जयपुर पहुँचे डिस्ट्रिक्ट 3141 के रोटेरियंस का जयपुर की सर्दी ने जिस तरह 'स्वागत' किया, उससे कई रोटेरियंस के जयपुर घूमने के प्रोग्राम चौपट हो गए - और तब उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट शशि शर्मा को जयपुर में प्री-पेट्स का आयोजन करने के लिए कोसा । लोगों के लिए यह समझना मुश्किल रहा कि जब सभी को यह पता है कि मध्य दिसंबर में जयपुर में कड़ाके की ठंड पड़ रही होती है, तब प्री-पेट्स का आयोजन यहाँ करने की क्या जरूरत थी ? लोगों का कहना है कि यदि किसी ठंडी जगह पर ही कार्यक्रम करना था तब फिर किसी पर्वतीय स्थान को चुनना चाहिए था ! उल्लेखनीय है कि पिछले वर्षों में डिस्ट्रिक्ट के प्री-पेट्स कार्यक्रम प्रायः महाराष्ट्र के दर्शनीय और या पर्वतीय शहरों में होते रहे हैं । पिछले रोटरी वर्ष में यह महाराष्ट्र के पर्वतीय शहर महाबालेश्वर में हुआ था । इसलिए आम रोटेरियंस के लिए जयपुर में प्री-पेट्स आयोजित करने का कारण समझना मुश्किल रहा । रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3141 के खास लोगों के लिए हालाँकि इसके पीछे की राजनीतिक चालबाजी पूरी तरह स्पष्ट थी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट शशि शर्मा के प्री-पेट्स के आयोजन के जरिए दरअसल भरत पांड्या और उनके समर्थक नेताओं ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की चुनावी लड़ाई के संदर्भ में प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार अशोक गुप्ता के गढ़ और घर पर धावा बोला है ।
भरत पांड्या और उनके समर्थक नेताओं की इस हरकत पर रोटरी इंटरनेशनल के बड़े नेताओं और जोन 4 के डिस्ट्रिक्ट्स के नेताओं के बीच तीखी प्रतिक्रिया हुई है । बड़े नेताओं ने हालाँकि सार्वजनिक रूप से कुछ कहा तो नहीं है, लेकिन कुछेक लोगों के साथ निजी बातचीत में इस बात पर नाराजगी दिखाई है कि भरत पांड्या और उनके समर्थक अशोक गुप्ता के कहीं के भी कार्यक्रमों में शामिल होने पर आपत्ति व शिकायत करते रहते हैं, लेकिन खुद कार्यक्रम करने के नाम पर अशोक गुप्ता के 'घर' में ही आ पहुँचे हैं । मजे की बात यह रही कि जयपुर में हो रहे अपने कार्यक्रम में सौजन्यतावश भी जयपुर में रह रहे किसी (पूर्व) गवर्नर्स को - एक अकेले अनिल अग्रवाल को छोड़ कर - आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि ऐसा करना रोटरी में आम प्रथा है । अगले रोटरी वर्ष में शशि शर्मा के साथ गवर्नर होने वाले नीरज सोगानी तक को शशि शर्मा ने 'अपने' कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया । अनिल अग्रवाल को चूँकि रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3054 की राजनीति और व्यवस्था में अशोक गुप्ता के खिलाफ देखा/पहचाना जाता है, इसलिए उनसे फायदा उठाने की नीयत से उन्हें भरत पांड्या और उनके समर्थक नेताओं की तरफ से डिस्ट्रिक्ट 3141 के जयपुर में हो रहे प्री-पेट्स कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया और अनिल अग्रवाल कार्यक्रम में कुछ समय के लिए देखे भी गए - इस बात ने डिस्ट्रिक्ट 3141 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट शशि शर्मा के प्री-पेट्स कार्यक्रम को जयपुर में करने के पीछे छिपे राजनीतिक एजेंडा को और स्पष्ट कर दिया ।
भरत पांड्या और उनके समर्थक नेताओं के लिए हालाँकि बदकिस्मती की बात यह रही कि स्पष्ट राजनीतिक एजेंडा रखने और उस पर अमल करने की तैयारी के बावजूद उनके हाथ कुछ लगा नहीं - और उन्हें खाली हाथ लौटने के लिए ही मजबूर होना पड़ रह है । भरत पांड्या और उनके समर्थकों ने इस असफलता का ठीकरा गुलाम वहनवती और विजय जालान के सिर यह कहते/बताते हुए फोड़ा है कि ऐन मौके पर इन दोनों के धोखा देने के कारण पूरी योजना फेल हो गई । भरत पांड्या और उनके समर्थकों को दरअसल यह देख कर तगड़ा झटका लगा कि ऐन मौके पर रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों की नाराजगी का वास्ता देकर गुलाम वहनवती और विजय जालान ने भरत पांड्या और उनके समर्थकों की राजनीति करने से बचने की ही कोशिश की । उल्लेखनीय है कि भरत पांड्या और उनके समर्थकों की कोशिश और तैयारी थी कि रोटरी में बड़े मुकाम पर पहुँचे इन पदाधिकारियों से वह जयपुर के कुछेक आम और खास रोटेरियंस को मिलवाएँ और जो उन्हें भरत पांड्या की उम्मीदवारी के समर्थन के लिए प्रेरित करें; लेकिन भरत पांड्या के नजदीकियों के अनुसार ही, इन दोनों ने यह कहते हुए इस खेल में शामिल होने से इंकार कर दिया कि रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत होने पर उनके लिए शर्मिंदगी की स्थिति बनेगी - इनका यह भी कहना रहा कि रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों ने जयपुर में हो रही प्री-पेट्स को अपनी निगरानी में लिया हुआ है और ऐसे में यहाँ कोई राजनीति करना अपने को मुसीबत में डालना हो सकता है । इसके अलावा, अशोक गुप्ता के समर्थकों ने भी भरत पांड्या और उनके समर्थकों की चालबाजी को फेल करने की पूरी तैयारी की हुई थी, और उनकी निगाह बराबर यह देखने पर थी कि जयपुर का कौन रोटेरियन भरत पांड्या और या उनके लोगों से मिलता है । इस कारण अनिल अग्रवाल के लिए भी कुछ कर पाना संभव नहीं हो सका और वह जयपुर में भरत पांड्या और उनके समर्थकों के मददगार की भूमिका नहीं निभा सके ।   
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार अशोक गुप्ता के गढ़ और घर - जयपुर में अपने डिस्ट्रिक्ट की प्री-पेट्स करने की योजना बनाने और योजना के क्रियान्वयन में फेल हो जाने के लिए भरत पांड्या और उनके समर्थकों की खासी किरकिरी हुई है । राजनीति करने और समझने वाले लोगों का कहना है कि वास्तव में यह योजना ही बेबकूफीभरी है और यह कुलमिलाकर भरत पांड्या और उनके समर्थकों की निराशा, हताशा और बौखलाहट को प्रकट करती है; तिस पर इसके बुरी तरह से फेल होने पर यह और साबित हो गया कि भरत पांड्या और उनके समर्थक कोई काम ढंग से कर ही नहीं सकते हैं । अशोक गुप्ता के समर्थकों और शुभचिंतकों ने अपने 'घर' पर हुए राजनीतिक हमले को जिस होशियारी के साथ फेल किया है, उसके बारे में सुन/जान कर जोन 4 के डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों और नेताओं ने महसूस किया और जाना है कि अशोक गुप्ता के पास/साथ काम करने वाले प्रतिबद्ध लोगों की अच्छी टीम है । भरत पांड्या और उनके समर्थकों की योजना ने जिस तरह उनके अपने लोगों के बीच आरोपों/प्रत्यारोपों के साथ कलह और नाराजगी पैदा कर दी है और उनके जयपुर से खाली हाथ लौटने की स्थितियाँ बना दी हैं - वह इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव के संदर्भ में भरत पांड्या की उम्मीदवारी के लिए एक बड़े झटके की बात है ।