Tuesday, December 5, 2017

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी कुआलालुम्पुर में आयोजित हुई इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ पदाधिकारियों की कड़ी फटकार के बाद काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की पहली मीटिंग बुलाने के लिए मजबूर तो हुए हैं, लेकिन क्या वह अपने रवैये और व्यवहार को भी सुधारेंगे ?

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी को आखिरकार काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग करने की सुध आई और उन्होंने अपने गवर्नर-काल के छठे महीने में यह मीटिंग करने/बुलाने की जहमत उठाई है । हालाँकि एक पूर्व गवर्नर ने भेद खोला और बताया कि रवि चौधरी को यह सुध खुद से नहीं आई है, बल्कि कुआलालुम्पुर में आयोजित हुई रोटरी इंस्टीट्यूट में पड़ी कड़ी फटकार के बाद वह यह मीटिंग बुलाने के लिए मजबूर हुए हैं । कुआलालुम्पुर से लौटे कुछेक अन्य पूर्व गवर्नर्स ने भी बताया कि वहाँ विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के तथा रोटरी इंटरनेशनल के वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा नेताओं के बीच रवि चौधरी की कारस्तानियों की खासी चर्चा थी; पूर्व गवर्नर्स ने बताया कि वह यह देख कर हैरान थे कि रवि चौधरी के पहुँचने से पहले तो वहाँ रवि चौधरी की कारस्तानियों की (कु)ख्याति पहुँची हुई थी । दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के लोगों ने रवि चौधरी की हरकतों का जिक्र करते हुए चुस्कियाँ लीं, तो रोटरी इंटरनेशनल के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने यह कहते हुए उनकी 'क्लास' ली कि वही एक अकेले गवर्नर हैं जिनके कार्य-व्यवहार को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं और जिनकी हरकतों से रोटरी की बदनामी हो रही है । रवि चौधरी ने अपनी तरफ से भी डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स की तथा अन्य कुछेक लोगों की शिकायत की और कहा कि यह लोग उन्हें बदनाम करते/करवाते रहते हैं । रोटरी इंटरनेशनल के वरिष्ठ पदाधिकारियों तथा नेताओं ने लेकिन उनकी शिकायतों को यह कहते हुए तवज्जो देने से बचने की कोशिश की कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर होने के कारण उनकी जिम्मेदारी है कि वह लोगों को साथ लेकर चलें और किसी को शिकायत करने का मौका न दें । 
कुआलालुम्पुर में रवि चौधरी की आभा झा चौधरी के मामले में भी खासी फजीहत हुई । वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना रहा कि आभा झा चौधरी उनसे पहले के गवर्नर्स के साथ काम कर चुकीं हैं, और उनसे पहले के किसी गवर्नर के साथ उनका कोई विवाद नहीं हुआ - बल्कि सभी गवर्नर्स ने उनके कामकाज की प्रशंसा ही की है, और उन्हें महत्त्वपूर्ण सम्मानों से सम्मानित ही किया है । रवि चौधरी से कहा/पूछा गया कि उनकी प्रतिभा और उनकी कार्य-क्षमताओं को देखते/समझते हुए ही आपने उन्हें अपनी डिस्ट्रिक्ट-टीम में महत्त्वपूर्ण पद देने का फैसला किया होगा - फिर ऐसा क्या हो गया कि आभा झा चौधरी को उनके व्यवहार और रवैये की शिकायत करते हुए रोटरी इंटरनेशनल को एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखना पड़ा । कुआलालुम्पुर से लौटे पूर्व गवर्नर्स के अनुसार, वहाँ वरिष्ठ पदाधिकारियों की तरफ से रवि चौधरी को साफ शब्दों में कहा/बताया गया कि उन्हें स्वयं इस बात पर विचार करना चाहिए कि दूसरे गवर्नर्स की तुलना में एक अकेले उनके ही खिलाफ इतनी शिकायतें क्यों हैं, और उनके डिस्ट्रिक्ट के कई पूर्व गवर्नर्स भी उनके कार्य-व्यवहार को लेकर असंतुष्ट और शिकायती क्यों हैं ? रवि चौधरी की इस बात के लिए बहुत फजीहत हुई कि वह अपने डिस्ट्रिक्ट में पूर्व गवर्नर्स को साथ लेकर क्यों नहीं चल पा रहे हैं, और क्यों पूर्व गवर्नर्स उनके गवर्नर-काल में अपने आप को उपेक्षित व अपमानित महसूस कर रहे हैं । इन्हीं बातों के बीच काउंसिल और गवर्नर्स की मीटिंग की बात आई - और रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी यह जान कर हैरान रह गए कि गवर्नर-काल के पाँच महीने पूरे होने के बाद तक भी रवि चौधरी के एक बार भी काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग नहीं की/बुलाई है । इस बात पर रवि चौधरी की कड़ी फटकार लगी और कहा गया कि यह इस बात का सुबूत है कि पूर्व गवर्नर्स को उपेक्षित किए हुए हैं और उन्हें साथ लेकर नहीं चल रहे हैं - और जिसके कारण वह रोटरी के आदर्शों व नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं । वरिष्ठ पदाधिकारियों की तरफ से रवि चौधरी को सख्त हिदायत दी गई कि वह काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग जल्द बुलाएँ और डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के कामकाज को पटरी पर लाने का प्रयास करें ।
'मरता, क्या न करता' वाली तर्ज पर, वरिष्ठ पदाधिकारियों से फटकार खाने के बाद रवि चौधरी ने कुआलालुम्पुर से लौट कर पहला काम काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने का ही किया । आठ दिसंबर को काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने की घोषणा करने के बाद रवि चौधरी की चिंता लेकिन यह है कि उक्त मीटिंग में वह अपनी कारस्तानियों तथा उलटे-सीधे फैसलों व कार्रवाइयों को पूर्व गवर्नर्स के बीच कैसे उचित ठहरायेंगे ? रवि चौधरी के गवर्नर-काल में सबसे बड़ी बेवकूफी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव की प्रक्रिया की टाइमिंग को लेकर हुई है । रवि चौधरी ने इस बात की बिलकुल भी चिंता/परवाह नहीं की कि चुनावी प्रक्रिया के बारे में नियम-कानून क्या कहते हैं, और पूरी प्रक्रिया को मनमाने तरीके से चलाया है । डिस्ट्रिक्ट में कई कमेटियाँ बननी होती हैं, जिन्हें बनाने को लेकर रवि चौधरी ने कोई रुचि नहीं दिखाई - इलेक्शन कमेटी ही अभी हाल ही में तब बनी है, जब इलेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो गई । उल्लेखनीय है कि रोटरी में होशियार गवर्नर्स यह करते हैं कि अपनी बेवकूफियों और कमजोरियों पर पर्दा डालने के लिए शुरू में ही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग कर लेते हैं, जिसमें सभी फैसले करने के अधिकार वह खुद ले लेते हैं - और फिर मनमानियाँ करते रहते हैं । लेकिन जैसा कि कहा गया है कि होशियार गवर्नर्स ऐसा करते हैं - रवि चौधरी जैसे लोग ऐसा नहीं करते । सामान्य समझ की बात है कि रवि चौधरी यदि अपने गवर्नर-काल के शुरू में ही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग कर लेते और सभी अधिकार अपने जिम्मे कर लेते, तब फिर वह जो कुछ भी करते - उस पर विवाद और या शिकायत नहीं होती और वह बदनामी से बच जाते ।
काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाए जाने की कार्रवाई पर संतुष्ट दिख रहे पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि कुआलालुम्पुर में रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों से मिली कड़ी फटकार के बाद रवि चौधरी यह मीटिंग करने/बुलाने के लिए जिस तरह तैयार हो गए हैं, उससे लग रहा है कि उक्त फटकार का उन पर असर हुआ है । कुछेक पूर्व गवर्नर्स को तो यह तक उम्मीद बँधी है कि कुआलालुम्पुर में रवि चौधरी को इस बात का पता चल ही गया है कि अपने डिस्ट्रिक्ट के बाहर के रोटेरियंस के बीच और खासकर वरिष्ठ व प्रमुख रोटरी पदाधिकारियों के बीच उनकी कितनी बदनामी है, इससे सबक लेकर रवि चौधरी शायद अपने व्यवहार और रवैये को सुधारें और आगे ऐसा कुछ न करें - जिससे कि डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के साथ-साथ खुद उनकी भी बदनामी हो । कुछेक पूर्व गवर्नर्स की यह उम्मीद सचमुच पूरी होगी या सिर्फ खामख्याली ही साबित होगी - इसका संकेत आठ दिसंबर को होने वाली काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में भी हालाँकि मिल जायेगा ।