Tuesday, December 19, 2017

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए टू में जेपी सिंह के क्लब के साथ हरियाणा के तीन क्लब्स को भी संयुक्त अधिष्ठापन समारोह में शामिल देख मदन बत्रा की उम्मीदवारी का अभियान विवाद, फजीहत और मुसीबत में फँसा

नई दिल्ली । मदन बत्रा की चेयरमैनशिप में दिल्ली में 23 दिसंबर को आयोजित हो रहा बीस क्लब्स का संयुक्त अधिष्ठापन समारोह - होने से पहले ही गंभीर विवाद में फँस कर आयोजकों के लिए फजीहत का सबब बन गया है । हो रही फजीहत को देखते हुए आयोजकों को भी अब लग रहा है कि संयुक्त अधिष्ठापन कार्यक्रम में पंचकुला, अंबाला और जगाधरी के क्लब्स शामिल करना उनके लिए गलत और मुसीबतभरा साबित हुआ है । उल्लेखनीय है कि अधिष्ठापित हो रहे बीस क्लब्स में 16 क्लब्स दिल्ली के हैं, और बाकी चार क्लब्स हरियाणा के अलग अलग शहरों के हैं । यह देख/जान कर ही लोगों को कहने का मौका मिला है कि इससे लग रहा है कि मदन बत्रा की उम्मीदवारी को हरियाणा में कुल चार क्लब्स का - और डिस्ट्रिक्ट के कुल बीस क्लब्स का ही समर्थन प्राप्त है । दरअसल संयुक्त रूप से क्लब्स के अधिष्ठापन करने के पीछे कारण यह होता/रहता है कि एक ही शहर और या क्षेत्र के क्लब अकेले अच्छे और प्रभावी तरीके से कार्यक्रम करने में सक्षम नहीं होते हैं, तो आपस में मिल कर कार्यक्रम कर लेने के लिए प्रेरित होते हैं । इसलिए संयुक्त रूप से होने वाले अधिष्ठापन में प्रायः एक ही शहर और या क्षेत्र के क्लब्स ही दिखते हैं । पिछले दिनों ही रमन गुप्ता की चेयरमैनशिप में अंबाला में जो संयुक्त अधिष्ठापन समारोह हुआ था, उसमें अंबाला के ही ग्यारह क्लब्स शामिल थे । वास्तव में इसीलिए दिल्ली में मदन बत्रा की चेयरमैनशिप में आयोजित हो रहे संयुक्त अधिष्ठापन समारोह में पंचकुला, अंबाला और जगाधरी के क्लब्स को शामिल किए जाने पर आश्चर्य किया जा रहा है । किसी के लिए भी यह समझना मुश्किल हो रहा है कि पंचकुला, अंबाला और जगाधरी के क्लब्स के अधिष्ठापन समारोह दिल्ली में करने की भला क्या तुक है ?
यह बात पहेली और सवाल इसलिए भी बना है, क्योंकि अगले ही दिन उन रमिंदर बावा की चेयरमैनशिप में सोलन में लायंस क्लब सोलन वैली का अधिष्ठापन कार्यक्रम हो रहा है - जो मदन बत्रा की उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले जेपी सिंह खेमे के ही समझे जाते हैं । पंचकुला, अंबाला और जगाधरी के क्लब्स के अधिष्ठापन यदि सोलन वैली के साथ हो जाते तो फिर सवाल नहीं उठते - तब मान लिया और बता दिया जाता कि इन चार क्लब्स के लोगों के बीच अच्छी ट्यूनिंग है और उसी के कारण यह मिलजुल कर अपना अधिष्ठापन कर रहे हैं । लेकिन पंचकुला, अंबाला और जगाधरी के क्लब्स के अधिष्ठापन दिल्ली में होने के कारण लोगों के बीच सीधा संदेश यह गया है कि पंचकुला, अंबाला और जगाधरी में यह क्लब्स अकेले पड़ गए हैं, और इनके साथ हिमाचल के क्लब ने भी जुड़ना स्वीकार नहीं किया है - और इसलिए इन्हें मजबूरी में दिल्ली के क्लब्स के साथ अधिष्ठापित होना पड़ रहा है । ऐसा बेमेल और खिचड़ी सा अधिष्ठापन यूँ ही सामान्य तरीके से हो रहा होता, तो कोई बतंगड़ नहीं बनता; लेकिन यह संयुक्त अधिष्ठापन समारोह चूँकि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए मदन बत्रा की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से हो रहा है - इसलिए इस अधिष्ठापन समारोह के बेमेल और खिचड़ी से होने को लेकर राजनीतिक बबाल मच गया है, जिसमें मदन बत्रा की उम्मीदवारी और उनके समर्थक खेमे के नेता निशाने पर और दबाव में आ गए हैं ।
23 दिसंबर को दिल्ली में हो रहे संयुक्त अधिष्ठापन समारोह में लायंस क्लब न्यू दिल्ली साऊथ के शामिल होने को लेकर भी चटखारेभरी चर्चाओं का शोर है । दरअसल न्यू दिल्ली साऊथ डिस्ट्रिक्ट का एक प्रतिष्ठित क्लब है, जिसने डिस्ट्रिक्ट को कई गवर्नर दिए हैं । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गुरचरण सिंह भोला इसी क्लब के सदस्य हैं, और इसी क्लब के जेपी सिंह इंटरनेशनल डायरेक्टर एंडॉर्सी हैं । ऐसे में लोगों के बीच यही सवाल है कि इस क्लब की ऐसी स्थिति क्यों है कि इसे अपना अधिष्ठापन दूसरे उन्नीस क्लब्स के साथ मिलकर और उम्मीदवार के पैसे पर करना पड़ रहा है ? लोगों का मानना और कहना है कि इस क्लब को तो डिस्ट्रिक्ट के दूसरे क्लब्स के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए तथा एक मिसाल बनना चाहिए और - भव्य न सही - एक व्यवस्थित व प्रभावी तरीके से अपने नए पदाधिकारियों को अधिष्ठापित करना चाहिए । अपने अकेले के अधिष्ठापन समारोह में वह मदन बत्रा को खास तवज्जो देते और तब मदन बत्रा की उम्मीदवारी और भी ज्यादा प्रभावी तरीके से प्रमोट होती ! लेकिन न्यू दिल्ली साऊथ का भी अधिष्ठापन मदन बत्रा के पैसों पर हो रहे संयुक्त अधिष्ठापन समारोह में होता देख - लोगों को कहने का मौका मिला है कि न्यू दिल्ली साऊथ जैसे प्रतिष्ठित क्लब का भी उद्देश्य और ध्यान जब उम्मीदवार बने मदन बत्रा को इस्तेमाल करने में लगा है, तब मदन बत्रा की उम्मीदवारी का अभियान विवाद, फजीहत और मुसीबत में फँसने से भला कैसे बचेगा ?