नई
दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट 3011 की डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में मुख्य अतिथि के
रूप में आ रहे पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर विनय भाटिया तथा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर विनोद बंसल द्वारा घेरे रखने और
अन्य किसी से ज्यादा न मिलने देने की 'तैयारी' करने की चर्चाओं ने
डिस्ट्रिक्ट असेम्बली को लेकर पारा चढ़ा दिया है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट
असेम्बली में आ रहे केआर रवींद्रन के दिल्ली में 36 घंटे से भी ज्यादा
रुकने की सूचना मिलने पर कुछेक लोगों ने उनसे दिल्ली में मिलने के लिए समय
माँगा, तो वह केआर रवींद्रन से यह सुन कर हैरान रह गए कि दिल्ली में उनके
कार्यक्रम कुछ इस तरह आयोजित हैं, कि ज्यादातर समय वह विनोद बंसल और या
विनय भाटिया के साथ ही रहेंगे । केआर रवींद्रन से अलग से मिलने की इच्छा
रखने व कोशिश करने वालों को यह जान कर निराशा हुई है, और उन्हें लगा है कि
विनोद बंसल और विनय भाटिया ने जानबूझ कर ऐसे कार्यक्रम बनाये हैं, जिनमें
व्यस्तता के चलते केआर रवींद्रन डिस्ट्रिक्ट के अन्य लोगों से मिल ही न
सकें । इस तरह की चर्चा ने डिस्ट्रिक्ट की राजनीति तथा नेताओं के रवैये
से मिलने वाले घावों के साथ-साथ वर्ष 2015-16 के आरोपपूर्ण घटनाचक्र को भी
हरा और ताजा कर दिया है । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015-16 में केआर
रवींद्रन इंटरनेशनल प्रेसीडेंट थे, और उसी वर्ष डिस्ट्रिक्ट 3011 में हुए
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में विनय भाटिया चुनाव जीते थे ।
विनय भाटिया को चुनाव जितवाने में जिस स्तर की धाँधली हुई थी, उसकी गूँज
रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय तक पहुँची थी; और रोटरी इंटरनेशनल के इतिहास में
पहली बार यह हुआ था कि बिना किसी औपचारिक शिकायत के इंटरनेशनल बोर्ड में
चुनावी धाँधली के आरोपों पर चर्चा हुई थी - जिसमें पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक तलवार, सुशील खुराना व विनोद बंसल की भूमिका की आलोचना की गई थी । पप्पूजीत सिंह सरना की भूमिका को लेकर तो बहुत ही नाराजगी व्यक्त की गई थी ।
दिलचस्प
इत्तिफाक है कि विनय भाटिया को चुनाव जितवाने में धाँधलीपूर्ण सक्रियता
निभाने के लिए केआर रवींद्रन के कोपभाजन बने विनोद बंसल और पप्पूजीत सिंह
सरना करीब दो वर्ष बाद केआर रवींद्रन के सामने होंगे । समझा जाता है कि
डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में केआर रवींद्रन को आमंत्रित करके विनोद बंसल ने
डिस्ट्रिक्ट 3011 व केआर रवींद्रन के बीच जमी बर्फ को पिघलाने की पहल की है
। दरअसल 2015-16 में रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने जो किया था, उसकी
डिस्ट्रिक्ट में भी बड़ी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी, और काउंसिल ऑफ गवर्नर्स
की मीटिंग में प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन को एक बड़ी सख्त चिट्ठी भेजने पर
सहमति बनी थी और उसका ड्राफ्ट भी तैयार हुआ था । लेकिन बाद में फिर यह सोच
कर उक्त चिट्ठी न भेजने का ही फैसला किया गया कि इससे रोटरी इंटरनेशनल के
साथ टकराव बढ़ेगा ही । सोचा/माना यह गया था कि केआर रवींद्रन का
प्रेसीडेंट-काल पूरा हो जायेगा, तो उनसे स्वतः छुटकारा मिल जायेगा । लेकिन
प्रेसीडेंट पद से हटने के बाद केआर रवींद्रन की रोटरी इंटरनेशनल में मजबूत
हैसियत चूँकि बनी रही, इसलिए डिस्ट्रिक्ट 3011 के नेताओं को उनसे अच्छे
संबंध बना कर रखने की जरूरत महसूस हुई । डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में उन्हें
मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने तथा उनके साथ कुछ अतिरिक्त आकर्षक
कार्यक्रम रखने के पीछे वास्तव में वही जरूरत काम कर रही है । मुसीबत
की बात लेकिन यह भी है कि केआर रवींद्रन और डिस्ट्रिक्ट 3011 के संबंधों
में टकराहट पैदा करने के लिए जो लोग मुख्य रूप से जिम्मेदार रहे - विनय
भाटिया, विनोद बंसल और पप्पूजीत सिंह सरना; वही तीनों डिस्ट्रिक्ट असेम्बली
के मुख्य कर्ताधर्ता हैं - और इस नाते यह केआर रवींद्रन के लगातार सामने
रहेंगे ।
केआर रवींद्रन संभवतः यह जानते ही होंगे कि उनके
प्रेसीडेंट वर्ष में डिस्ट्रिक्ट 3011 के नेताओं को दी गई सख्त चेतावनी का
डिस्ट्रिक्ट के नेताओं पर रत्ती भर का भी असर नहीं पड़ा है, और इस वर्ष हुए
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी
द्वारा निभाई गई पक्षपातपूर्ण भूमिका को विनय भाटिया व पप्पूजीत सिंह सरना का प्रत्यक्ष तथा विनोद बंसल का अप्रत्यक्ष सहयोग रहने/मिलने के आरोप लगे हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी की मनमानी व बद्तमीजीपूर्ण कारस्तानियों को विनय भाटिया का खुल्ला समर्थन तथा कई पूर्व गवर्नर्स की शह मिलती दिखी
- जिनके चलते रोटरी के आयोजन सड़कछाप कार्यक्रम बने और वरिष्ठ पूर्व गवर्नर
सुरेश जैन से लेकर वरिष्ठ व अत्यंत सक्रिय रोटेरियन आभा झा चौधरी तक को
अपमानित होना पड़ा । अगले रोटरी वर्ष के लिए उम्मीदवारी घोषित करने वाले
अशोक कंतूर को विनय भाटिया की टीम में महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलती देख
विनय भाटिया और विनोद बंसल को अगले रोटरी वर्ष की चुनावी राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाने की तैयारी करते देखा जा रहा है । केआर
रवींद्रन के चूँकि डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व गवर्नर्स से बहुत ही नजदीकी
संबंध हैं, और वह अत्यंत सक्रिय व अपडेट रहने वाले नेता/पदाधिकारी भी हैं,
इसलिए माना/समझा जा रहा है कि डिस्ट्रिक्ट 3011 में जो भी गुलगपाड़ा हो रहा
है और उसमें शीर्ष नेताओं की जैसी मिलीभगत है, केआर रवींद्रन उससे परिचित
ही होंगे । केआर रवींद्रन चूँकि सख्त मिजाज के व्यक्ति माने जाते हैं,
इसलिए विनोद बंसल और विनय भाटिया की जोड़ी को यह डर भी है कि केआर रवींद्रन
अपने भाषण (या भाषणों) में कहीं कोई ऐसी बात न कह दें, जो उनके लिए फजीहत वाली साबित हो ।
लोगों को लग रहा है कि शायद इसीलिए विनोद बंसल और विनय भाटिया को ऐसी
व्यवस्था करने की जरूरत पड़ी है कि केआर रवींद्रन दिल्ली में जितना समय
रहें, वह उनके आसपास ही रहें - ताकि कोई अन्य उनसे न मिल सके और
डिस्ट्रिक्ट में क्या कुछ चल रहा है, उससे उन्हें मौके पर अवगत न करा सके । इस तरह मजेदार सीन बना हुआ है, जिसमें
कि केआर रवींद्रन को डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में आमंत्रित करने वाले और
डिस्ट्रिक्ट असेम्बली के प्रमुख कर्ताधर्ता उनसे डरे हुए भी हैं; उन्हें डर
है कि रोटरी इंटरनेशनल में बड़ी हैसियत रखने वाले केआर रवींद्रन से संबंध सुधारने की उनकी चाल कहीं उल्टी न पड़ जाए ।