कानपुर । डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को लेकर पैदा हुए झगड़े का ठीकरा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद के सिर फोड़ने की फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम की कोशिशों ने दीपक राज आनंद व उनके नजदीकियों को बुरी तरह भड़का दिया है । दीपक
राज आनंद के नजदीकियों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस तथा सेकेंड
वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के चुनाव को लेकर दीपक राज आनंद जो कुछ भी कर रहे
थे, उस सब में वंदना निगम की पूरी पूरी सहमति और संलग्नता थी, लेकिन अब
लोगों के सामने वह ऐसी भोली-भाली बन रही हैं, जैसे उन्हें तो कुछ पता ही
नहीं था - और जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए एक अकेले दीपक राज आनंद ही
जिम्मेदार हैं । दरअसल डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को लेकर जो कुछ भी हुआ है,
उससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच भारी नाराजगी है और इस नाराजगी के चलते
लोग डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को बुरी तरह कोस
रहे हैं । कई क्लब्स के पदाधिकरियों और वरिष्ठ सदस्यों ने सार्वजनिक रूप
से घोषणा की है कि मनमानी और लूट-खसोटपूर्ण हरकतों को देखते हुए वह अपने
अपने क्लब्स के कार्यक्रमों में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर व उनके साथियों को
आमंत्रित नहीं करेंगे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों
के बीच इस तरह की खुल्ली नाराजगी और विरोध के तेवर इससे पहले कभी नहीं देखे
गए । लोगों की इस नाराजगी और विरोध को देख वंदना निगम बुरी तरह बौखला गई
हैं । अपनी हरकतों पर पश्चाताप करने तथा जो हुआ उसके लिए अफसोस प्रकट
करने और लोगों से माफी माँगने की बजाए वंदना निगम ने लोगों के साथ यह कहते
हुए बदतमीजी करना और शुरू कर दिया है कि जो कुछ हुआ है, उसके लिए गवर्नर से
कहो जो कहना है - मुझ पर क्यों आरोप लगा रहे हो । इस तर्क पर हालाँकि कई लोगों से उन्हें सुनने को मिला है कि जो कुछ हुआ है, फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर होने के नाते उसकी जिम्मेदारी से वह बच नहीं सकती हैं ।
वंदना निगम के इस तर्क पर डिस्ट्रिक्ट के लोग तो हैरान हुए ही हैं, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद और उनके नजदीकी भी चक्कर खा गए हैं । उनका कहना है कि अपने आपको मुसीबत से बचाने के लिए लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारियों के सामने वह यदि इस तरह की दलील दें, तो फिर भी समझ में आता है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों को वह यदि अपनी निर्दोषता बताने की कोशिश करेंगी और सारी जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के सिर डालने की कोशिश करेंगी, तो अपनी ही खिल्ली उड़वायेंगी । और यही हो भी रहा है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस होने से पहले तक जो कुछ भी होता हुआ दिख रहा था, उसमें सभी को साफ साफ नजर आ रहा था कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अजय डंग को चुनाव जितवाने के लिए जो भी कारस्तानियाँ हो रही हैं - उनमें वंदना निगम की पूरी पूरी मिलीभगत है । चाहें षड्यंत्रपूर्ण तरीके से कॉन्फ्रेंस की जगह बदलने का मामला हो, और चाहें क्लब्स को क्रिडेंशियल देने में पक्षपात करने का विवाद हो - वंदना निगम हर मौके पर दीपक राज आनंद के फैसले के पक्ष में थीं । अजय डंग की उम्मीदवारी को प्रमोट करने तथा उन्हें समर्थन दिलवाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के कई एक मामलों में तो लोगों को लगता था कि 'मास्टर माइंड' वंदना निगम हैं, और दीपक राज आनंद उन्हें फॉलो कर रहे हैं । इसीलिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के साथ-साथ दीपक राज आनंद व उनके साथियों को भी आश्चर्य हो रहा है कि जब सब कुछ साफ साफ है तब वंदना निगम अब इतनी भोली बनने की कोशिश क्यों कर रही हैं ?
डिस्ट्रिक्ट के लोगों का ही कहना/बताना है कि वंदना निगम को वास्तव में यह अनुमान ही नहीं था कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अजय डंग को चुनवाने का जो मनमाना खेल वह खेल रही हैं, या जिस मनमाने खेल में वह शामिल हैं - वह उन्हें ही फजीहत व मुसीबत में फँसा देगा । वास्तव में यह अनुमान किसी भी सत्ताधारी को नहीं होता है; सत्ता में बैठा व्यक्ति अपने आपको ईश्वर से कम नहीं समझता है और सोचता है कि वह अपनी मनमानी कर लेगा; कई बार उसकी मनमानी चल भी जाती है - लेकिन कई बार उसकी मनमानी उसे ही लपेटे में ले लेती है । डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू के सत्ताधारियों के साथ इस बार ऐसा ही हुआ । सत्ताधारियों में सबसे ज्यादा नुकसान वंदना निगम का ही होता हुआ दिख रहा है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में वोट देने का अधिकार न मिल पाने से, वोट के बदले नोट पाने की उनकी उम्मीद तो ध्वस्त हुई ही है - साथ ही लायंस इंटरनेशनल के खर्चे पर अमेरिका जाने का मिलने वाला मौका भी उनसे छिनता हुआ नजर आ रहा है । इतने बड़े नुकसानों के बाद, डिस्ट्रिक्ट में भी हर किसी के निशाने पर वंदना निगम ही हैं - जिसके चलते वह बुरी तरह बौखला गई हैं । बौखलाहट में वह अपने आपको बचाने के लिए सारा दोष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के सिर मढ़ने की कोशिश कर रही हैं । उनकी इस कोशिश ने लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उन्हें मजाक का पात्र बना दिया है । लोगों का कहना है कि यदि वह सचमुच इतनी भोली हैं कि उन्हें यह पता ही नहीं चला कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गड़बड़ियाँ कर रहा है, तो उन्हें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक़ नहीं है, और उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने का विचार छोड़ देना चाहिए ।
वंदना निगम के इस तर्क पर डिस्ट्रिक्ट के लोग तो हैरान हुए ही हैं, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद और उनके नजदीकी भी चक्कर खा गए हैं । उनका कहना है कि अपने आपको मुसीबत से बचाने के लिए लायंस इंटरनेशनल के पदाधिकारियों के सामने वह यदि इस तरह की दलील दें, तो फिर भी समझ में आता है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों को वह यदि अपनी निर्दोषता बताने की कोशिश करेंगी और सारी जिम्मेदारी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के सिर डालने की कोशिश करेंगी, तो अपनी ही खिल्ली उड़वायेंगी । और यही हो भी रहा है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस होने से पहले तक जो कुछ भी होता हुआ दिख रहा था, उसमें सभी को साफ साफ नजर आ रहा था कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अजय डंग को चुनाव जितवाने के लिए जो भी कारस्तानियाँ हो रही हैं - उनमें वंदना निगम की पूरी पूरी मिलीभगत है । चाहें षड्यंत्रपूर्ण तरीके से कॉन्फ्रेंस की जगह बदलने का मामला हो, और चाहें क्लब्स को क्रिडेंशियल देने में पक्षपात करने का विवाद हो - वंदना निगम हर मौके पर दीपक राज आनंद के फैसले के पक्ष में थीं । अजय डंग की उम्मीदवारी को प्रमोट करने तथा उन्हें समर्थन दिलवाने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के कई एक मामलों में तो लोगों को लगता था कि 'मास्टर माइंड' वंदना निगम हैं, और दीपक राज आनंद उन्हें फॉलो कर रहे हैं । इसीलिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के साथ-साथ दीपक राज आनंद व उनके साथियों को भी आश्चर्य हो रहा है कि जब सब कुछ साफ साफ है तब वंदना निगम अब इतनी भोली बनने की कोशिश क्यों कर रही हैं ?
डिस्ट्रिक्ट के लोगों का ही कहना/बताना है कि वंदना निगम को वास्तव में यह अनुमान ही नहीं था कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अजय डंग को चुनवाने का जो मनमाना खेल वह खेल रही हैं, या जिस मनमाने खेल में वह शामिल हैं - वह उन्हें ही फजीहत व मुसीबत में फँसा देगा । वास्तव में यह अनुमान किसी भी सत्ताधारी को नहीं होता है; सत्ता में बैठा व्यक्ति अपने आपको ईश्वर से कम नहीं समझता है और सोचता है कि वह अपनी मनमानी कर लेगा; कई बार उसकी मनमानी चल भी जाती है - लेकिन कई बार उसकी मनमानी उसे ही लपेटे में ले लेती है । डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू के सत्ताधारियों के साथ इस बार ऐसा ही हुआ । सत्ताधारियों में सबसे ज्यादा नुकसान वंदना निगम का ही होता हुआ दिख रहा है । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में वोट देने का अधिकार न मिल पाने से, वोट के बदले नोट पाने की उनकी उम्मीद तो ध्वस्त हुई ही है - साथ ही लायंस इंटरनेशनल के खर्चे पर अमेरिका जाने का मिलने वाला मौका भी उनसे छिनता हुआ नजर आ रहा है । इतने बड़े नुकसानों के बाद, डिस्ट्रिक्ट में भी हर किसी के निशाने पर वंदना निगम ही हैं - जिसके चलते वह बुरी तरह बौखला गई हैं । बौखलाहट में वह अपने आपको बचाने के लिए सारा दोष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के सिर मढ़ने की कोशिश कर रही हैं । उनकी इस कोशिश ने लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उन्हें मजाक का पात्र बना दिया है । लोगों का कहना है कि यदि वह सचमुच इतनी भोली हैं कि उन्हें यह पता ही नहीं चला कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गड़बड़ियाँ कर रहा है, तो उन्हें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक़ नहीं है, और उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने का विचार छोड़ देना चाहिए ।