पानीपत । पानीपत में आज आयोजित हुए रमेश बजाज के फेलिसिटेशन कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट के कई क्लब्स का प्रतिनिधित्व करते जुटे लोगों ने अजय मदान को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाने की जो माँग रखी, उसमें राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के साथ बड़ा क्रूर मजाक होता हुआ नजर आया । दरअसल
जितेंद्र ढींगरा, रमेश बजाज, अजय मदान उन बारह रोटेरियंस में हैं, जिन्हें
करीब दो/ढाई वर्ष पहले राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के
निशाने पर रहे टीके रूबी के पक्ष में हुई एक मीटिंग में शामिल होने के
'अपराध' में राजा साबू के निर्देश पर डिस्ट्रिक्ट टीम में मिले उनके पदों से हटा दिया
गया था । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स पूरी ताकत लगा
लेने/देने के बावजूद टीके रूबी का तो कुछ नहीं ही बिगाड़ पाए, टीके रूबी का
साथ देने वाले जितेंद्र ढींगरा और रमेश बजाज को भी गवर्नर चुने जाने से
नहीं रोक पाए । राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के लिए फजीहत का
सिलसिला जारी रखते हुए डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने अब अजय मदान को गवर्नर के
रूप में 'चुनने' का ऐलान और कर दिया है । डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच
मजाक में कही जा रही यह बात अब सीरियसली ली जाने लगी है कि टीके रूबी का
साथ देने के लिए राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने जिन बारह
रोटेरियंस को डिस्ट्रिक्ट टीम के पदों से हटवाया था, वह एक एक करके
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनेंगे - और राजा साबू तथा उनके गिरोह के पूर्व
गवर्नर्स लाख कोशिशों के बावजूद कुछ नहीं कर पायेंगे । टीके रूबी और
जितेंद्र ढींगरा के बाद, रमेश बजाज के मामले में भी राजा साबू तथा उनके
गिरोह के पूर्व गवर्नर्स की इस बेचारगी को देखा गया है ।
रमेश बजाज को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुने जाने से रोकने के लिए राजा साबू तथा उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने हर मौके पर प्रयास किया, लेकिन हर मौके पर उन्हें मुँहकी ही खानी पड़ी । नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग में रमेश बजाज को अधिकृत उम्मीदवार चुने जाने से रोकने के लिए पूर्व गवर्नर मधुकर मल्होत्रा ने हर हथकंडा आजमाया, लेकिन नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्यों ने उनकी किसी भी चालबाजी को कामयाब नहीं होने दिया । राजा साबू गिरोह के लिए झटके की दूसरी बात यह रही कि कपिल गुप्ता ने उन पर भरोसा करने से इंकार कर दिया, और उनके भरोसे अधिकृत उम्मीदवार के रूप में रमेश बजाज को चेलैंज करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए । कपिल गुप्ता ने जान/समझ लिया कि राजा साबू गिरोह के झाँसे में फँस कर वह अपनी फजीहत ही करवायेंगे, सो उन्होंने सदाशयता दिखाते हुए नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले को स्वीकार करते हुए अपने आप को राजा साबू गिरोह की गंदी राजनीति से दूर कर लिया । राजा साबू गिरोह ने तब सुरेश सबलोक के कंधे पर अपनी राजनीति का बोझ टिकाया । सुरेश सबलोक से उन्होंने चेलैंज तो करवा दिया, और कुछेक पूर्व गवर्नर्स उनके चेलैंज को स्वीकृत करवाने के लिए क्लब्स का समर्थन जुटाने में भी लगे - लेकिन वह खुद पर ही भरोसा नहीं कर सके, और इस कारण राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने अपने अपने क्लब का समर्थन सुरेश सबलोक को नहीं दिया/दिलवाया । राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने दूसरे क्लब्स के पदाधिकारियों से तरह तरह के झूठ बोल कर और उन्हें झाँसा देकर उनका समर्थन जुटाने का भरसक प्रयास तो किया, लेकिन पर्याप्त क्लब्स का समर्थन जुटाने में वह फेल हो गए - और इस तरह सुरेश सबलोक का चेलैंज स्वतः ही निरस्त हो गया और रमेश बजाज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी घोषित हो गए ।
राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स इसके बाद भी अपनी चालबाजियों से लेकिन बाज नहीं आए । उन्होंने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच प्रचारित किया कि वह सुरेश सबलोक की तरफ से रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करवायेंगे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी ने बेईमानीपूर्ण तरीके से सुरेश सबलोक के चेलैंज को निरस्त किया है । सुरेश सबलोक के क्लब की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यालय को इस संबंध में शिकायती पत्र भेज भी दिया गया । राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने इस बीच एक और हरकत की, जिसके तहत उन्होंने कोशिश की कि प्रेसीडेंट्स इलेक्ट व सेक्रेटरीज इलेक्ट सेमीनार में रमेश बजाज का फेलिसिटेशन न हो । तर्क दिया गया कि चूँकि रमेश बजाज के चुने जाने की रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत हो सकती है, इसलिए अभी उनका फेलिसिटेशन करना उचित नहीं होगा । यह तर्क लेकिन रमेश बजाज के समर्थकों के तर्क के सामने टिक नहीं सका, जिनका कहना रहा कि आगे क्या होगा यह आगे देखा जायेगा, आज का सच यह है कि रमेश बजाज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी हैं और इस सच्चाई को अभी कोई चेलैंज नहीं है - इसलिए उनका फेलिसिटेशन होना चाहिए । इस तर्क पर निरुत्तर होने के बावजूद राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स मनमानी करना तो चाहते थे, लेकिन सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम की उपस्थिति को देखते हुए उनकी मनमानी करने की हिम्मत हुई नहीं - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के विजेता के रूप में वह रमेश बजाज का फेलिसिटेशन करने के लिए मजबूर हुए । राजा साबू गिरोह के लिए सबसे बड़े झटके की बात यह रही कि सुरेश सबलोक की तरफ से रोटरी इंटरनेशनल में जो शिकायत दर्ज करने/करवाने की तैयारी की जा रही थी, उसके लिए तय समय सीमा के भीतर जरूरी संख्या के क्लब्स का समर्थन नहीं जुटाया जा सका - और इस तरह रमेश बजाज के रास्ते में खड़ी की जा सकने वाली अंतिम बाधा का मौका भी राजा साबू गिरोह से छूट/छिन गया ।
सभी बाधाओं से मुक्त होने के बाद, रमेश बजाज के समर्थकों व शुभचिंतकों ने पानीपत में आज उनका जोरदार तरीके से फेलिसिटेशन किया । कार्यक्रम में मौजूद डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स के प्रतिनिधियों का उत्साह देखने लायक था । वरिष्ठ रोटेरियंस का कहना रहा कि इस तरह का स्वागत समारोह तो टीके रूबी और जितेंद्र ढींगरा का भी नहीं हो सका था । टीके रूबी की जीत में तो राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने मट्ठा डालने की हर संभव कोशिश की ही थी, जितेंद्र ढींगरा और रमेश बजाज की जीत को भी वह आसानी से हजम नहीं कर सके - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों का इन्हें जो समर्थन और सहयोग मिला है, वह राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के लिए एक कड़ा संदेश है । इस संदेश को और कड़ा करने का काम डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने अजय मदान को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाने की माँग करके किया है । अजय मदान के अगले रोटरी वर्ष में उम्मीदवार हो सकने की चर्चा तो हालाँकि पहले से थी, लेकिन अजय मदान अपनी निजी व्यस्तता का वास्ता देकर 'बचने' की कोशिश करते सुने जा रहे थे । पर अब जब डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से ही माँग उठी है, तो माना/समझा जा रहा है कि अजय मदान को उम्मीदवार बनने के लिए राजी कर ही लिया जायेगा । इन घटनाओं से जाहिर है कि राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स डिस्ट्रिक्ट में पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए हैं, और डिस्ट्रिक्ट में उनकी भूमिका नकारात्मक किस्म के टुच्चे षड्यंत्र करने और उनमें फेल होते रहने तक ही बची रह गई है । इसी से जुड़ी एक खास बात आज पानीपत में हुए रमेश बजाज के फेलिसिटेशन कार्यक्रम में देखने को मिली, और वह यह कि पानीपत में रह रहे तीन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रंजीत भाटिया, प्रमोद विज और रमन अनेजा निमंत्रण पाने के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होने का साहस नहीं दिखा सके ।
रमेश बजाज को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी चुने जाने से रोकने के लिए राजा साबू तथा उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने हर मौके पर प्रयास किया, लेकिन हर मौके पर उन्हें मुँहकी ही खानी पड़ी । नोमीनेटिंग कमेटी की मीटिंग में रमेश बजाज को अधिकृत उम्मीदवार चुने जाने से रोकने के लिए पूर्व गवर्नर मधुकर मल्होत्रा ने हर हथकंडा आजमाया, लेकिन नोमीनेटिंग कमेटी के सदस्यों ने उनकी किसी भी चालबाजी को कामयाब नहीं होने दिया । राजा साबू गिरोह के लिए झटके की दूसरी बात यह रही कि कपिल गुप्ता ने उन पर भरोसा करने से इंकार कर दिया, और उनके भरोसे अधिकृत उम्मीदवार के रूप में रमेश बजाज को चेलैंज करने की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए । कपिल गुप्ता ने जान/समझ लिया कि राजा साबू गिरोह के झाँसे में फँस कर वह अपनी फजीहत ही करवायेंगे, सो उन्होंने सदाशयता दिखाते हुए नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले को स्वीकार करते हुए अपने आप को राजा साबू गिरोह की गंदी राजनीति से दूर कर लिया । राजा साबू गिरोह ने तब सुरेश सबलोक के कंधे पर अपनी राजनीति का बोझ टिकाया । सुरेश सबलोक से उन्होंने चेलैंज तो करवा दिया, और कुछेक पूर्व गवर्नर्स उनके चेलैंज को स्वीकृत करवाने के लिए क्लब्स का समर्थन जुटाने में भी लगे - लेकिन वह खुद पर ही भरोसा नहीं कर सके, और इस कारण राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने अपने अपने क्लब का समर्थन सुरेश सबलोक को नहीं दिया/दिलवाया । राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने दूसरे क्लब्स के पदाधिकारियों से तरह तरह के झूठ बोल कर और उन्हें झाँसा देकर उनका समर्थन जुटाने का भरसक प्रयास तो किया, लेकिन पर्याप्त क्लब्स का समर्थन जुटाने में वह फेल हो गए - और इस तरह सुरेश सबलोक का चेलैंज स्वतः ही निरस्त हो गया और रमेश बजाज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी घोषित हो गए ।
राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स इसके बाद भी अपनी चालबाजियों से लेकिन बाज नहीं आए । उन्होंने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच प्रचारित किया कि वह सुरेश सबलोक की तरफ से रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत करवायेंगे कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी ने बेईमानीपूर्ण तरीके से सुरेश सबलोक के चेलैंज को निरस्त किया है । सुरेश सबलोक के क्लब की तरफ से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर कार्यालय को इस संबंध में शिकायती पत्र भेज भी दिया गया । राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने इस बीच एक और हरकत की, जिसके तहत उन्होंने कोशिश की कि प्रेसीडेंट्स इलेक्ट व सेक्रेटरीज इलेक्ट सेमीनार में रमेश बजाज का फेलिसिटेशन न हो । तर्क दिया गया कि चूँकि रमेश बजाज के चुने जाने की रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत हो सकती है, इसलिए अभी उनका फेलिसिटेशन करना उचित नहीं होगा । यह तर्क लेकिन रमेश बजाज के समर्थकों के तर्क के सामने टिक नहीं सका, जिनका कहना रहा कि आगे क्या होगा यह आगे देखा जायेगा, आज का सच यह है कि रमेश बजाज डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी हैं और इस सच्चाई को अभी कोई चेलैंज नहीं है - इसलिए उनका फेलिसिटेशन होना चाहिए । इस तर्क पर निरुत्तर होने के बावजूद राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स मनमानी करना तो चाहते थे, लेकिन सेमीनार में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम की उपस्थिति को देखते हुए उनकी मनमानी करने की हिम्मत हुई नहीं - और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के विजेता के रूप में वह रमेश बजाज का फेलिसिटेशन करने के लिए मजबूर हुए । राजा साबू गिरोह के लिए सबसे बड़े झटके की बात यह रही कि सुरेश सबलोक की तरफ से रोटरी इंटरनेशनल में जो शिकायत दर्ज करने/करवाने की तैयारी की जा रही थी, उसके लिए तय समय सीमा के भीतर जरूरी संख्या के क्लब्स का समर्थन नहीं जुटाया जा सका - और इस तरह रमेश बजाज के रास्ते में खड़ी की जा सकने वाली अंतिम बाधा का मौका भी राजा साबू गिरोह से छूट/छिन गया ।
सभी बाधाओं से मुक्त होने के बाद, रमेश बजाज के समर्थकों व शुभचिंतकों ने पानीपत में आज उनका जोरदार तरीके से फेलिसिटेशन किया । कार्यक्रम में मौजूद डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स के प्रतिनिधियों का उत्साह देखने लायक था । वरिष्ठ रोटेरियंस का कहना रहा कि इस तरह का स्वागत समारोह तो टीके रूबी और जितेंद्र ढींगरा का भी नहीं हो सका था । टीके रूबी की जीत में तो राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स ने मट्ठा डालने की हर संभव कोशिश की ही थी, जितेंद्र ढींगरा और रमेश बजाज की जीत को भी वह आसानी से हजम नहीं कर सके - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों का इन्हें जो समर्थन और सहयोग मिला है, वह राजा साबू गिरोह के पूर्व गवर्नर्स के लिए एक कड़ा संदेश है । इस संदेश को और कड़ा करने का काम डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने अजय मदान को अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाने की माँग करके किया है । अजय मदान के अगले रोटरी वर्ष में उम्मीदवार हो सकने की चर्चा तो हालाँकि पहले से थी, लेकिन अजय मदान अपनी निजी व्यस्तता का वास्ता देकर 'बचने' की कोशिश करते सुने जा रहे थे । पर अब जब डिस्ट्रिक्ट के लोगों की तरफ से ही माँग उठी है, तो माना/समझा जा रहा है कि अजय मदान को उम्मीदवार बनने के लिए राजी कर ही लिया जायेगा । इन घटनाओं से जाहिर है कि राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स डिस्ट्रिक्ट में पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए हैं, और डिस्ट्रिक्ट में उनकी भूमिका नकारात्मक किस्म के टुच्चे षड्यंत्र करने और उनमें फेल होते रहने तक ही बची रह गई है । इसी से जुड़ी एक खास बात आज पानीपत में हुए रमेश बजाज के फेलिसिटेशन कार्यक्रम में देखने को मिली, और वह यह कि पानीपत में रह रहे तीन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रंजीत भाटिया, प्रमोद विज और रमन अनेजा निमंत्रण पाने के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होने का साहस नहीं दिखा सके ।