कानपुर
। फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनने' की
प्रक्रिया में उलझी/फँसी वंदना निगम ने झूठ पर झूठ बोल कर लोगों को
बताने/समझाने का प्रयास तो खूब किया कि लायंस इंटरनेशनल ने उनकी
डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी क्लियर कर दी है, लेकिन लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के
पदाधिकारियों ने उनके झूठ को स्वीकार करने से इंकार करके उनके खेल को बिगाड़
दिया है । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के पदाधिकारियों ने हाल ही
में हुए अपने क्लब के चार्टर्ड दिवस कार्यक्रम में वंदना निगम को आमंत्रित
करने से इंकार कर दिया । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस डिस्ट्रिक्ट का एक
प्रमुख क्लब है, जिसमें आठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सदस्य हैं । वंदना
निगम ने इस क्लब के चार्टर दिवस कार्यक्रम का निमंत्रण पाने के लिए प्रयास
तो खूब किया, और इसके लिए कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से सिफारिश भी
की/करवाई - लेकिन क्लब के पदाधिकारियों की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया कि
लायंस इंटरनेशनल के रिकॉर्ड में चूँकि उनकी कोई आधिकारिक/वैधानिक स्थिति
नहीं है, इसलिए कार्यक्रम में उन्हें मंच नहीं दिया जा सकेगा; और इसलिए
उचित यही होगा कि उन्हें आमंत्रित ही न किया जाए । वंदना निगम ने यह
कोशिश भी की कि भले ही उन्हें मंच न दिया जाए, पर कार्यक्रम में उन्हें
आमंत्रित कर लिया जाए । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के पदाधिकारी लेकिन इसके लिए भी राजी नहीं हुए
।
वंदना निगम को लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के चार्टर दिवस कार्यक्रम में शामिल होना इसलिए जरूरी लगा, ताकि वह अपने द्वारा फैलाये जा रहे झूठ को लोगों के बीच सच 'बना' कर पेश कर सकें और अपने दावे को विश्वसनीय आधार दे सकें । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के चार्टर दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका यदि उन्हें मिल जाता, तो वह यह बताने और दावा करने की स्थिति में हो जातीं कि डिस्ट्रिक्ट के आठ पूर्व गवर्नर्स जब उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट मान रहे हैं - तो इससे स्वतः ही साबित हो जाता है कि लायंस इंटरनेशनल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में उन्हें मान्यता दे दी है । वंदना निगम झूठा दावा करने के मामले में इस हद तक भी गईं हैं कि उन्होंने लोगों को बताया कि जिस किसी को उनके दावे पर भरोसा न हो, वह लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट पर जाकर उनका नाम डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट की सूची में देख सकता है । उनके नजदीकियों ने ही कहा/बताया है कि ऐसा झूठा दावा उन्होंने दरअसल यह सोच कर किया है कि लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट पर जाकर आखिर कौन उनका नाम देखने का प्रयास करेगा; और अधिकतर लोग वैसे ही उनके दावे को यह सोच कर सच मान लेंगे - कि जब वह ऐसा कह रही हैं, तो सच ही कह रही होंगी । वंदना निगम ने इस नकली कॉन्फिडेंस का सहारा लेते हुए सिर्फ अपने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को ही नहीं, बल्कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के गवर्नर्स तक को भरमाने का प्रयास किया है । कुछेक डिस्ट्रिक्ट्स के गवर्नर इलेक्ट ने इन पंक्तियों के लेखक से कहा/बताया है कि वंदना निगम की तरफ से गवर्नर इलेक्ट के रूप में उनका नाम लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट में चढ़ जाने की बात कही तो गई है, लेकिन लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट में उन्होंने गवर्नर इलेक्ट के रूप में वंदना निगम का नाम देखा नहीं है ।
वंदना निगम के लिए मुसीबत की बात दरअसल यह हुई है कि उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोग यह माने बैठे हैं कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बन सकेंगी और इस कारण से डिस्ट्रिक्ट टीम में पद पाने की इच्छा रखने वाले लोग उनसे बच रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में झमेला होने से पहले कई लोग पदाधिकारी बनने के लिए वंदना निगम से सिफारिश कर रहे थे, और पद के बदले में अच्छी-खासी रकम देने के लिए तैयार दिख रहे थे; लेकिन बदली परिस्थिति में वही लोग अब वंदना निगम से बात करना भी पसंद नहीं कर रहे हैं । लायनिज्म में डिस्ट्रिक्ट्स में जो सेटअप है, उसकी व्यवस्था के अनुसार - इन दिनों डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अपनी टीम बनाने के काम में लगा होता है और टीम में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोगों से मनमाने पैसे वसूल रहा होता है । वंदना निगम के नजदीकियों के अनुसार, वंदना निगम ने भी 'इन दिनों' के लिए जोरदार तैयारी की हुई थी; किस किस को क्या क्या पद देना है, और किस किस पद के ऐवज में किस किस से कितनी कितनी रकम वसूलनी है - इसका पूरा पूरा हिसाब उन्होंने लगाया हुआ था; लेकिन बदली परिस्थिति में उनका सारा गुड़ गोबर हो गया है । लोगों का कहना है कि इस स्थिति से उबरने के लिए ही उन्होंने यह झूठ फैलाया कि लायंस इंटरनेशनल ने उनका नाम गवर्नर इलेक्ट के रूप में क्लियर कर दिया है । उन्हें उम्मीद है कि इससे भ्रमित होकर लोग पद पाने के लिए उनसे सिफारिश करने लगेंगे और वह पदों के ऐवज में उनसे मनमाने दाम बसूल कर सकेंगी । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के पदाधिकारियों ने लेकिन चार्टर्ड दिवस के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित न करके उनकी चाल को फेल ही कर दिया है । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस चूँकि एक प्रमुख क्लब है और आठ पूर्व गवर्नर्स इसके सदस्य हैं, इसलिए इसके 'फैसले' को लोग गंभीरता से ही ले रहे हैं और वंदना निगम को भी लग रहा है कि इससे गवर्नरी की 'दुकान' सजाने की उनकी कोशिश को सचमुच धक्का लगा है ।
वंदना निगम को लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के चार्टर दिवस कार्यक्रम में शामिल होना इसलिए जरूरी लगा, ताकि वह अपने द्वारा फैलाये जा रहे झूठ को लोगों के बीच सच 'बना' कर पेश कर सकें और अपने दावे को विश्वसनीय आधार दे सकें । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के चार्टर दिवस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका यदि उन्हें मिल जाता, तो वह यह बताने और दावा करने की स्थिति में हो जातीं कि डिस्ट्रिक्ट के आठ पूर्व गवर्नर्स जब उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट मान रहे हैं - तो इससे स्वतः ही साबित हो जाता है कि लायंस इंटरनेशनल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में उन्हें मान्यता दे दी है । वंदना निगम झूठा दावा करने के मामले में इस हद तक भी गईं हैं कि उन्होंने लोगों को बताया कि जिस किसी को उनके दावे पर भरोसा न हो, वह लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट पर जाकर उनका नाम डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट की सूची में देख सकता है । उनके नजदीकियों ने ही कहा/बताया है कि ऐसा झूठा दावा उन्होंने दरअसल यह सोच कर किया है कि लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट पर जाकर आखिर कौन उनका नाम देखने का प्रयास करेगा; और अधिकतर लोग वैसे ही उनके दावे को यह सोच कर सच मान लेंगे - कि जब वह ऐसा कह रही हैं, तो सच ही कह रही होंगी । वंदना निगम ने इस नकली कॉन्फिडेंस का सहारा लेते हुए सिर्फ अपने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को ही नहीं, बल्कि दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के गवर्नर्स तक को भरमाने का प्रयास किया है । कुछेक डिस्ट्रिक्ट्स के गवर्नर इलेक्ट ने इन पंक्तियों के लेखक से कहा/बताया है कि वंदना निगम की तरफ से गवर्नर इलेक्ट के रूप में उनका नाम लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट में चढ़ जाने की बात कही तो गई है, लेकिन लायंस इंटरनेशनल की वेबसाइट में उन्होंने गवर्नर इलेक्ट के रूप में वंदना निगम का नाम देखा नहीं है ।
वंदना निगम के लिए मुसीबत की बात दरअसल यह हुई है कि उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोग यह माने बैठे हैं कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नहीं बन सकेंगी और इस कारण से डिस्ट्रिक्ट टीम में पद पाने की इच्छा रखने वाले लोग उनसे बच रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में झमेला होने से पहले कई लोग पदाधिकारी बनने के लिए वंदना निगम से सिफारिश कर रहे थे, और पद के बदले में अच्छी-खासी रकम देने के लिए तैयार दिख रहे थे; लेकिन बदली परिस्थिति में वही लोग अब वंदना निगम से बात करना भी पसंद नहीं कर रहे हैं । लायनिज्म में डिस्ट्रिक्ट्स में जो सेटअप है, उसकी व्यवस्था के अनुसार - इन दिनों डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट अपनी टीम बनाने के काम में लगा होता है और टीम में शामिल होने की इच्छा रखने वाले लोगों से मनमाने पैसे वसूल रहा होता है । वंदना निगम के नजदीकियों के अनुसार, वंदना निगम ने भी 'इन दिनों' के लिए जोरदार तैयारी की हुई थी; किस किस को क्या क्या पद देना है, और किस किस पद के ऐवज में किस किस से कितनी कितनी रकम वसूलनी है - इसका पूरा पूरा हिसाब उन्होंने लगाया हुआ था; लेकिन बदली परिस्थिति में उनका सारा गुड़ गोबर हो गया है । लोगों का कहना है कि इस स्थिति से उबरने के लिए ही उन्होंने यह झूठ फैलाया कि लायंस इंटरनेशनल ने उनका नाम गवर्नर इलेक्ट के रूप में क्लियर कर दिया है । उन्हें उम्मीद है कि इससे भ्रमित होकर लोग पद पाने के लिए उनसे सिफारिश करने लगेंगे और वह पदों के ऐवज में उनसे मनमाने दाम बसूल कर सकेंगी । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस के पदाधिकारियों ने लेकिन चार्टर्ड दिवस के कार्यक्रम में उन्हें आमंत्रित न करके उनकी चाल को फेल ही कर दिया है । लायंस क्लब कानपुर गैंजेस चूँकि एक प्रमुख क्लब है और आठ पूर्व गवर्नर्स इसके सदस्य हैं, इसलिए इसके 'फैसले' को लोग गंभीरता से ही ले रहे हैं और वंदना निगम को भी लग रहा है कि इससे गवर्नरी की 'दुकान' सजाने की उनकी कोशिश को सचमुच धक्का लगा है ।