Wednesday, May 16, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में राकेश मक्कड़ व दीपक गर्ग के पंकज पेरिवाल को घेरने व बदनाम करने की जुगत में होने के कारण उम्मीद की जा रही है कि इंटरनेशनल स्टडी टूर को लेकर उनकी कीचड़-उछाल कोशिशों का कीचड़ अभी और देखने/सुनने को मिलेगा

नई दिल्ली । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में पिछले दो वर्षों में चेयरमैन रहे दीपक गर्ग और राकेश मक्कड़ जिस तरह से इस वर्ष प्लान किए गए इंटरनेशनल स्टडी टूर को फेल करने की कोशिशों में जुटे सुने जा रहे हैं, उससे नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में एक नया घमासान शुरू होता दिख रहा है । दरअसल इस वर्ष प्लान किए गए इंटरनेशनल स्टडी टूर को लेकर दीपक गर्ग और राकेश मक्कड़ की खुन्नस इसलिए है, क्योंकि इससे चेयरमैन के रूप में उनका निकम्मापन एकदम से जाहिर हो रहा है । उन्हें लग रहा है कि रीजन के आम और खास लोग आकलन करेंगे ही कि चेयरमैन के रूप में वह दोनों तो इस तरह का कार्यक्रम नहीं बना सके, और पंकज पेरिवाल ने चेयरमैन का पदभार संभालते ही इंटरनेशनल स्टडी टूर के बारे में सोच भी लिया और प्लान भी फाइनलाइज कर लिया । अब लोग तुलना तो करते ही हैं, और इस तुलना में पंकज पेरिवाल का पलड़ा उनसे पहले चेयरमैन रहे राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग से भारी पड़/दिख रहा है, तो यह बात राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग के लिए शर्म की तो है ही । उनके लिए ज्यादा शर्म की बात इसलिए भी है, क्योंकि पंकज पेरिवाल को चेयरमैन का पदभार सँभाले अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं, और रीजन में लोग महसूस करने के साथ-साथ बातें भी करने लगे हैं कि उनसे पहले के दोनों चेयरमैन किस हद तक नाकारा और निकम्मे किस्म के थे । दीपक गर्ग के साथ तो मुसीबत की बात यह भी हुई कि उन्हें तो अपना कार्यकाल ही पूरा करने का मौका नहीं मिला; और करीब छह महीने में ही उन्हें पता चल गया था कि चेयरमैन का पद उन्होंने जुगाड़ तो लिया है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी निभाना उनके बस की बात नहीं है - लिहाजा उन्होंने इस्तीफा देकर किनारे हो लेने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी । राकेश मक्कड़ ने चेयरमैन बनते ही लूट-खसोट पर ध्यान देना शुरू किया, जिसके चलते उनका चेयरमैन-काल आरोपों का ही शिकार रहा और वह पहले ऐसे चेयरमैन बने जिनकी हरकतों और कारस्तानियों के खिलाफ इंस्टीट्यूट की डिसिप्लिनरी कमेटी में शिकायत दर्ज हुई ।
 ऐसे में, राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग को जब चेयरमैन के रूप में पंकज पेरिवाल के कामकाज की तारीफ होती सुनाई पड़ी, तो उनका माथा और भन्नाया । इसलिए दोनों ने पंकज पेरिवाल के चेयरमैन-काल को फेल करने की तैयारी शुरू कर दी । इस तैयारी में उन्होंने पंकज पेरिवाल के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम के रूप में देखे जा रहे इंटरनेशनल स्टडी टूर पर अपनी निगाह लगाई है । उन्हें लगता है कि वह यदि इस स्टडी टूर को किसी भी तरह से फेल कर दें, तो पंकज पेरिवाल की बड़ी बदनामी होगी - और पंकज पेरिवाल की इस बदनामी में उनकी बदनामी छिप जाएगी । राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग ने पहले तो इस टूर के महँगे होने का आरोप लगते हुए लोगों को भड़काने की कोशिश की । यह आरोप लेकिन ज्यादा चला नहीं; क्योंकि पता चला कि टूर ऑफर को लोगों ने आकर्षक माना और जल्दी ही काफी बुकिंग हो गई है । पंकज पेरिवाल के नजदीकियों का तो दावा है कि टूर के लिए जितनी सीटें तय की गईं थीं, वह सभी बुक हो चुकी हैं । इससे जाहिर है कि लोगों को टूर ऑफर महँगा नहीं लगा है, और उन्होंने इस ऑफर को हाथोंहाथ लिया । टूर ऑफर को महँगा बताने की कोशिश पर राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग को कुछेक लोगों से यह तक सुनना पड़ा है कि तुम्हारे बस की तो कुछ करना था नहीं, अब इस वर्ष कुछ हो रहा है तो उसमें कमी निकालने की कोशिश कर रहे हो । कुछेक लोगों ने उन्हें चेलैंज भी किया कि तुम्हारे बस की हो, तो इससे सस्ता टूर प्रोग्राम आयोजित करके दिखाओ न ! लोगों की इस प्रतिक्रिया से राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग को अपनी ही फजीहत होती दिखी, तो उन्होंने पैंतरा बदल कर आरोप लगाना शुरू किया है कि यह स्टडी टूर नहीं, बल्कि पिकनिक टूर है - क्योंकि इसमें परिवार के सदस्यों को भी साथ ले जाने की सुविधा दी गई है ।
राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग को इस आरोप पर कुछेक लोगों का समर्थन मिलता नजर आ रहा है । कुछेक लोगों ने माना/कहा है कि छह दिन के पेरिस और स्विट्जरलैंड के टूर में परिवार के साथ जाने वाला चार्टर्ड एकाउंटेंट स्टडी तो क्या ही करेगा ? स्टडी का रूप और तरीका और माध्यम क्या होगा, चूँकि इसका भी खुलासा नहीं किया गया है - इसलिए इस स्टडी टूर के वास्तव में पिकनिक टूर होने की बात ही लोगों के बीच स्वीकार्य हो रही है । लोगों का कहना/पूछना है कि वास्तव में यह यदि स्टडी टूर ही है, तो प्रोग्राम के साथ यह भी तो बताना चाहिए कि टूर में किस तरह की स्टडी होगी, स्टडी करवायेगा कौन तथा कहाँ और कैसे उसका मौका मिलेगा ? जाहिर तौर पर, स्टडी टूर के नाम पर पिकनिक करने के राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग के आरोप को कुछेक लोगों के बीच स्वीकार्यता तो मिल गई है, लेकिन यह देख कर इन दोनों को निराशा भी हुई है कि इस स्वीकार्यता के बावजूद लोगों का रवैया आक्रामक व आरोपपूर्ण नहीं है । दरअसल प्रोफेशन के लोगों ने यह मान लिया हुआ है कि इंस्टीट्यूट में स्टडी के नाम पर अधिकतर तफरीह, राजनीति और पिकनिक ही होती है - इसलिए यह बात प्रायः किसी आरोप की शक्ल में नहीं आती है । इस बात को इंस्टीट्यूट और प्रोफेशन के लोगों के बीच एक आवश्यक और स्वीकार्य बुराई के रूप में अपना लिया गया है । इसी के चलते राकेश मक्कड़ और दीपक गर्ग की इंटरनेशनल स्टडी टूर को पिकनिक टूर बताने के जरिये बदनाम व आरोपित करने की कोशिश फेल हो गई है । इंटरनेशनल स्टडी टूर जाने में अभी चूँकि करीब ढाई महीने का समय है, और राकेश मक्कड़ व दीपक गर्ग इसके बहाने पंकज पेरिवाल को घेरने व बदनाम करने की जुगत में हैं - इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इंटरनेशनल स्टडी टूर को लेकर राकेश मक्कड़ व दीपक गर्ग की कीचड़-उछाल कोशिशों का कीचड़ अभी और देखने/सुनने को मिलेगा ।