Thursday, May 3, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम को मुसीबत से निकालने में नरेश अग्रवाल और उनके नेतृत्व वाला 'गैंग ऑफ फोर' मदद करेगा क्या, और वंदना निगम अपने स्वार्थ में अजय डैंग के साथ धोखा करने को तैयार हो जायेंगी क्या ?

कानपुर । नरेश अग्रवाल के प्रेसीडेंट-काल में उनकी शह पर उनके अपने मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 में नियम-कानूनों की ऐसीतैसी करते हुए मनमानी और लूट-खसोट का जो नंगा-नाच हो रहा है, उसमें डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू में हुए घटना-चक्र ने और 'चार-चाँद' जोड़ने का काम किया है । मजे की बात यह है कि शर्मनाक घटना-चक्र को अंजाम देने के लिए जिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद तथा फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम की लालची प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, उन्हीं दीपक राज आनंद व वंदना निगम को विश्वास है कि नरेश अग्रवाल और उनके गैंग के प्रमुख सदस्य जेपी सिंह, विनोद खन्ना और वीके लूथरा मौजूदा मुसीबत से उन्हें निकाल लेंगे । वंदना निगम के नजदीकियों के अनुसार, वंदना निगम के लिए तो मुसीबत और बड़ी हो गई है । मुसीबत यदि जल्दी हल नहीं हुई तो मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के उम्मीदवारों से मोटी रकम ऐंठने का उनका प्लान ही चौपट हो जायेगा । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के चुनाव के संदर्भ में उनका वोट बिकाऊ होने की जोरदार चर्चा है । यूँ तो मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में पैसों के लेनदेन की बात कोई दबी-छिपी बात नहीं है, लेकिन वंदना निगम के वोट के बिकाऊ होने की बात जिस तरह से चर्चा में है - वह जरूर थोड़ी अनोखी बात है । लोगों के बीच की चर्चाओं के अनुसार, इसका कारण यही है कि वंदना निगम की तरफ से अपने वोट की कीमत बसूलने के लिए बड़ी हार्ड बार्गेनिंग हो रही है । पिछले वर्ष दीपक राज आनंद ने भी यही खेल किया था; उन्हें जिस खेमे के साथ देखा/समझा जा रहा था, उस खेमे के लोगों ने ऐन मौके पर उन्हें दूसरे खेमे के नेताओं के साथ बैठे देखा/पाया । दीपक राज आनंद ने यह खेल फिर भी गुपचुप रूप से किया था, और उनके खेल की पोल बिलकुल अंत में ऐन मौके पर खुली थी । वंदना निगम की तरफ से लेकिन खुल्ला खेल फर्रुक्खावादी खेला जा रहा है, इसलिए उनका प्लान पहले से ही चर्चा में है - लेकिन फिलहाल जो मुसीबत में फँस गया दिख रहा है ।
यह मुसीबत डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद और फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम द्वारा ही आमंत्रित की गई है, और तरह तरह से पैसे बनाने/ऐंठने की उनकी कोशिशों के चलते ही बनी है । झगड़े की शुरुआत तब हुई जब दीपक राज आनंद व वंदना निगम ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवारों से पैसे ऐंठने के लिए डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की जगह ही बदल दी । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस पहले मनाली में करने की घोषणा की गई थी, लेकिन उम्मीदवारों के पैसे बचवा कर उसमें से हिस्सा लेने के इरादे से षड्यंत्रपूर्वक डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस रामनगर में करने की घोषणा कर दी गई । गुपचुप और षड्यंत्रपूर्वक की गई इस कार्रवाई पर कई लोगों की नाराजगी रही, लेकिन जैसे-तैसे करके मामला शांत हो गया । दीपक राज आनंद और वंदना निगम की पैसे की भूख लेकिन इतने पर ही शांत नहीं हुई । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में क्लब्स को क्रिडेंशियल देने के समय तरह तरह की बहानेबाजी करते हुए पैसे की माँग की गई । इस पर बबाल हो गया, और ऐसा बबाल हुआ कि होटल प्रबंधन ने पुलिस बुला ली और लायंस सदस्यों/पदाधिकारियों से तुरंत होटल से बाहर चले जाने के लिए कहा । पुलिस के पदाधिकारियों ने भी मजे लेते हुए कॉन्फ्रेंस के आयोजकों को धमकाया कि तुमलोग लड़ने के लिए इस छोटे से शहर में आ गए हो, हमारे यहाँ तो जेल में इतनी जगह नहीं है कि तुम्हें बंद कर सकें, इसलिए अच्छा होगा कि तुम लोग यहाँ से निकलो । होटल प्रबंधन और पुलिस का दबाव पड़ा, तो आनन-फानन में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस रद्द करके लोगों ने रामनगर से निकलने में ही भलाई देखी/पहचानी । कॉन्फ्रेंस चेयरमैन ने लायंस इंटरनेशनल को ईमेल लिख कर सूचित भी कर दिया कि न तो क्रिडेंशियल इश्यू किए जा सके हैं, और न ही डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस संपन्न हो सकी है । 
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद और फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर वंदना निगम के नेतृत्व में डिस्ट्रिक्ट के अन्य पदाधिकारी और सदस्य गिरफ्तारी से बचने के लिए रामनगर से भाग कर अपने अपने घर तो पहुँच गए, लेकिन घर पहुँच कर वंदना निगम को ध्यान आया कि अब वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट कैसे बनेंगी और कैसे उन्हें मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में वोट डालने का अधिकार मिलेगा । वंदना निगम को लाखों रुपए का लिफाफा हाथ से छिनता नजर आया तो आनन-फानन में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक राज आनंद से संपर्क किया गया, और चर्चा है कि लायंस इंटरनेशनल को झूठी रिपोर्ट भेजने का फैसला किया गया जिसमें वंदना निगम को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट, बलविंदर सिंह सैनी को फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट तथा अजय डैंग को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट घोषित बताया गया है । दीपक राज आनंद और वंदना निगम की इस फर्जी कार्रवाई का पता चलते ही डिस्ट्रिक्ट के अन्य लोग सक्रिय हुए और उन्होंने लायंस इंटरनेशनल को लिखा कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस होने के दावे को झूठा माना जाए । लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों के जानकारों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस रद्द होने के बाद अब दोबारा तो नहीं हो सकेगी, तथा वंदना निगम के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने का फैसला अब लायंस इंटरनेशनल में ही हो सकेगा - और जून के अंत तक हो सकेगा । वंदना निगम के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने में तो समस्या नहीं होगी, लेकिन मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के चुनाव में उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं मिलेगा, और अमेरिका के लास बेगास में होने वाली इंटरनेशनल कन्वेंशन में जाने का उनका मामला खटाई में पड़ सकता है । डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में ज्यादा से ज्यादा पैसे ऐंठने में दीपक राज आनंद की कार्रवाई में सहयोगी बनने का वंदना निगम को ऐसा फल मिलेगा, यह उन्होंने नहीं सोचा था ।
मुसीबत की इस घड़ी में वंदना निगम को अब नरेश अग्रवाल और उनकी गैंग के सदस्यों की मदद का ही सहारा है । दिल्ली में जेपी सिंह और विनोद खन्ना के नजदीकियों ने इन पंक्तियों के लेखक को बताया है कि वंदना निगम और उनके समर्थक कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने जेपी सिंह और विनोद खन्ना से मदद की गुहार लगाई है । इन दोनों ने अभी वंदना निगम और उनके समर्थकों को कोई ठोस आश्वासन तो नहीं दिया है, लेकिन वंदना निगम को भरोसा है कि नरेश अग्रवाल की गैंग के इन प्रमुख सदस्यों को मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद के अपने उम्मीदवार को उनके वोट की जरूरत है, इसलिए वह जरूर ही डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस होने की झूठी रिपोर्ट को लायंस इंटरनेशनल कार्यालय में सच मनवा लेंगे और उन्हें मौजूदा मुसीबत से निकलवायेंगे । इस बीच एक और विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है, और वह यह कि डिस्ट्रिक्ट के दोनों खेमों में समझौता हो जाए और दोनों ही खेमे यह 'स्वीकार' कर लें कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस हो गई है । पिछले लायन वर्ष में मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट की कॉन्फ्रेंस के झगड़े को इसी तरीके से निपटाया गया था । डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू में इस तरह के समझौते के लिए लेकिन सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव आड़े आयेगा । विरोधी खेमे के नेता चाहेंगे कि समझौते के चलते सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पर पर उनके उम्मीदवार नवीन गुप्ता को विजेता घोषित किया जाए । डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों को लगता है कि दीपक राज आनंद और वंदना निगम के लिए अजय डैंग के साथ धोखाधड़ी करना आसान नहीं होगा, लेकिन कुछेक लोगों को यह भी लगता है कि अपने स्वार्थ में यह दोनों अजय डैंग के साथ तो क्या - किसी के साथ भी धोखा कर सकते हैं । दिलचस्प तथ्य यह है कि अजय डैंग को भी इन दोनों पर भरोसा नहीं है, और इसीलिए वह कुछेक पूर्व गवर्नर्स पर दबाव बनाए हुए हैं कि वह दीपक राज आनंद व वंदना निगम को ऐसा कोई फैसला न करने दें - जिसमें उनके साथ नाइंसाफी और धोखा हो । डिस्ट्रिक्ट 321 बी टू की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में हुआ बबाल कई कारणों से एक बड़ी घटना बन गया है, जिसमें कई लोगों का बहुत कुछ दाँव पर लग गया है । इसलिए देखना दिलचस्प होगा कि उक्त बबाल किस दिशा में आगे बढ़ता है ।