Monday, May 14, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में दीपक गुप्ता के गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद जेके गौड़ से छीनने की मुकेश अरनेजा की कोशिश की सफलता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव अभियान को भी रोमांचक बनायेगी

गाजियाबाद । दीपक गुप्ता की तरफ से जेके गौड़ की बजाये मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाये जाने के मिल रहे संकेतों ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के समीकरणों में हलचल पैदा करने का काम किया है, और इस हलचल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में अशोक अग्रवाल की स्थिति को झटका देने का काम किया है । अशोक अग्रवाल को जेके गौड़ के 'आदमी' के रूप में देखा/पहचाना जाता है, ऐसे में जेके गौड़ को यदि आश्वस्त करने के बाद भी दीपक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर नहीं बनाते हैं - तो यह जेके गौड़ के साथ-साथ अशोक अग्रवाल के लिए भी झटके वाली बात तो है ही । जेके गौड़ अपने समर्थकों से हालाँकि दीपक गुप्ता पर दबाव डलवा रहे हैं कि वह जेके गौड़ को ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाएँ; और उन्हें विश्वास भी है कि उनके समर्थक उन्हें ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने के लिए दीपक गुप्ता को राजी कर लेंगे । हालाँकि मुकेश अरनेजा को भी कम नहीं समझा जा रहा है । लोगों को लग रहा है कि वह एक बार जब डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद जेके गौड़ से छीनने में कामयाब हो गए हैं, तो अब वह उसे आसानी से वापस तो नहीं ही जाने देंगे । दीपक गुप्ता के गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद को लेकर जेके गौड़ और मुकेश अरनेजा के बीच छिड़ी यह लड़ाई वास्तव में इसलिए भी दिलचस्प हो गई है, क्योंकि इससे डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के अभी बने हुए समीकरणों पर भी सीधा असर पड़ेगा - और यह लड़ाई डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी सीन को विभाजित करके दो पक्षीय बनाने का काम करेगी ।
जेके गौड़ बेचारे दीपक गुप्ता के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर की जिम्मेदारी संभालने की तैयारी कर चुके थे, इसलिए उन्हें जब संकेत मिले कि दीपक गुप्ता उनकी बजाये मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने जा रहे हैं - तो उनके तो तोते ही उड़ गए । यह संकेत उन्हें इस बात से मिले कि दीपक गुप्ता ने अपनी पेम वन की तैयारी शुरू कर दी, और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगने दी; उन्हें तो भनक भी नहीं लगी, जबकि मुकेश अरनेजा उनकी तैयारी में मदद करते सुने/देखे गए । दरअसल दीपक गुप्ता ने पेम वन के स्पॉन्सर्स के रूप में जब कुछेक क्लब्स के पदाधिकारियों से बात करना शुरू की, और क्लब्स के पदाधिकारी बचते व पीछे हटते दिखे, तो वह परेशान हुए - और उनकी परेशानी को हल करने के लिए मुकेश अरनेजा आगे आए । मुकेश अरनेजा ने उन्हें आश्वस्त किया कि पेम वन की स्पॉन्सरिंग के लिए क्लब्स वह उन्हें दिलवायेंगे । मुकेश अरनेजा रोटरी में कुशल 'सौदेबाज' और 'व्यापारी' रोटेरियन हैं, समझा जाता है कि इस आश्वासन के बदले उन्होंने दीपक गुप्ता से डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद के लिए सौदा कर लिया । मुकेश अरनेजा की बदकिस्मती दरअसल यह रही है कि उन्होंने सौदेबाजी करके दो बार डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद तो पाया, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए । अमित जैन ने उन्हें अपने गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया था, लेकिन करीब महीने/डेढ़ महीने में ही उनकी हरकतों से तंग आकर उन्हें डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद से हटा दिया था । रोटरी के इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा, जब किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ने एक-डेढ़ महीने में ही अपने डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर को पद से हटा दिया हो । मौजूदा रोटरी वर्ष में भी वह सतीश सिंघल द्वारा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाए गए थे, लेकिन ब्लड बैंक में घपलेबाजी के आरोपों के चलते सतीश सिंघल की गवर्नरी गई, तो साथ-साथ मुकेश अरनेजा की ड्रिस्ट्रिक्ट ट्रेनरी भी चली गयी । 
मुकेश अरनेजा जब दूसरी बार भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके, तो उनकी नजर दीपक गुप्ता के गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर पद पर पड़ी । दीपक गुप्ता हालाँकि जेके गौड़ को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाने का संकेत दे चुके थे, लेकिन फिर भी मुकेश अरनेजा को विश्वास रहा कि अपनी चालबाजी से वह डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद जेके गौड़ से छीन लेंगे । पेम वन की तैयारी में मुकेश अरनेजा पर दीपक गुप्ता की निर्भरता देख कर लोगों को ऐसा लग रहा है कि मुकेश अरनेजा अपनी चालबाजी में सफल हो गए हैं । अभी लेकिन चूँकि आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद अपने पास ही बनाए रखने के लिए जेके गौड़ ने भी कमर कस ली है । इस होड़ में हालाँकि लोगों को मुकेश अरनेजा का पलड़ा ही भारी दिख रहा है । दरअसल दीपक गुप्ता ढीले ढाले से व्यक्ति हैं, और उनके साथ कोई काम करने वाला व्यक्ति भी नहीं है; इसलिए लोगों को भी लग रहा है - और शायद उन्हें भी लग रहा होगा कि एक तेज-तर्रार व्यक्ति का संग-साथ ही उनकी गवर्नरी की नैय्या को पार लगा सकेगा; और इस नाते जेके गौड़ की बजाए मुकेश अरनेजा ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में उनके सही मददगार साबित होंगे । सतीश सिंघल के साथ मिल कर मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति पर काबिज होने की जो कोशिश कर रहे थे, उसे सतीश सिंघल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद से निलंबित होने से तगड़ा झटका लगा है । इस झटके से उबरने के लिए मुकेश अरनेजा को दीपक गुप्ता के गवर्नर काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने की जरूरत महसूस हो रही है । अपनी अपनी जरूरतों के चलते मुकेश अरनेजा और दीपक गुप्ता यदि सचमुच साथ आए, तो यह साथ डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में नए समीकरण बनने का प्रस्थान बिंदु भी बन सकता है । लोगों को लग रहा है कि यह स्थिति डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में अभी तक अशोक अग्रवाल के लिए आसान दिख रहे माहौल में अड़चन डालने का काम कर सकती है । इस लिहाज से माना जा रहा है कि दीपक गुप्ता के गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर का पद जेके गौड़ से छीनने में मुकेश अरनेजा यदि सचमुच सफल रहे, तो इससे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का अभी तक ठंडा-ठंडा सा चल रहा चुनाव अभियान रोमांचक हो उठेगा ।