नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी अपनी
हरकतों के चलते डिस्ट्रिक्ट में दुत्कारे जायेंगे, यह बात तो कई लोग बार
बार कह रहे थे - लेकिन उनको दुत्कारे जाने की स्थिति इतनी जल्दी आ जाएगी,
इसका किसी को अनुमान नहीं था । कल रात पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर
रवींद्रन के स्वागत में आयोजित टॉक-शो व रात्रि-भोज के कार्यक्रम में रवि
चौधरी के साथ जो हुआ, उसे लेकर वह आग-बबूला हुए और फिर उन्होंने कार्यक्रम
में खासा तमाशा किया । पूरे वर्ष अपने व्यवहार और अपनी हरकतों से क्लब
प्रेसीडेंट्स से लेकर पूर्व गवर्नर्स तक को तथा मेहनती व प्रतिभाशाली
वरिष्ठ रोटेरियंस तक को अपमानित करते रहे रवि चौधरी ने कार्यक्रम में अपने
अपमान का मुद्दा उठा कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय भाटिया और पूर्व
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनोद बंसल के साथ जमकर बदतमीजी की । विडंबनापूर्ण
नजारा यह देखने को मिला कि रवि चौधरी जब दूसरे लोगों के साथ बदतमीजी करते
थे, तब विनय भाटिया और विनोद बंसल मजे लेते थे; लेकिन कल जब रवि चौधरी इन
दोनों के साथ बदतमीजी कर रहे थे, तब दूसरे लोग मजे ले रहे थे । कुछेक लोग
कहते हुए सुने भी गए कि विनय भाटिया और विनोद बंसल ने सोचा होगा कि दूसरों
के साथ बदतमीजी करने वाले रवि चौधरी उनके साथ कभी बदतमीजी नहीं करेंगे; पर
उन्हें यह सोचना चाहिए था कि एक बदतमीज व्यक्ति किसी का लिहाज नहीं करता और
वह हर किसी के साथ बदतमीजी कर सकता है । रवि चौधरी अभी करीब 47/48 दिन
और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रहेंगे, लेकिन उनके बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का
पदभार सँभालने की तैयारी कर रहे विनय भाटिया ने उनके साथ जो सुलूक किया -
वैसा इससे पहले शायद ही किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के साथ हुआ होगा ।
डिस्ट्रिक्ट असेम्बली कार्यक्रम से पिछली रात पूर्व इंटरनेशनल
प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन की मौजूदगी में हुए टॉक-शो व रात्रि-भोज
कार्यक्रम को संयोजित करते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय भाटिया ने
केआर रवींद्रन और पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता का तो नाम लिया
और उनका स्वागत किया, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी का
स्वागत करना तो दूर - विनय भाटिया ने उनका नाम तक नहीं लिया । पूरे वर्ष
तरह तरह से दूसरों को अपमानित करते रहे रवि चौधरी ने विनय भाटिया के इस
रवैये को अपना अपमान माना । वरिष्ठ पूर्व गवर्नर्स का भी मानना/कहना है कि
विनय भाटिया ने कार्यक्रम में जिस तरह से रवि चौधरी को रिकॉग्नाइज तक नहीं
किया, वह प्रोटोकॉल का उल्लंघन भी है और रवि चौधरी का अपमान भी है, लिहाजा
रवि चौधरी का नाराज होना जायज ही है । कार्यक्रम में जब तक केआर रवींद्रन
मौजूद रहे तब तक तो रवि चौधरी ने किसी तरह अपने गुस्से पर काबू बनाये रखा,
लेकिन केआर रवींद्रन के जाते ही रवि चौधरी फिर अपनी असलियत पर आ गए ।
विनय भाटिया के खिलाफ उन्होंने जमकर अपनी भड़ास निकाली; रवि चौधरी ने विनोद
बंसल को भी यह कहते हुए लपेटे में ले लिया कि विनोद बंसल के कहने पर ही
विनय भाटिया ने कार्यक्रम में उन्हें रिकॉग्नीज तक नहीं किया । विनोद बंसल
ने सफाई देने की बहुत कोशिश की कि जो हुआ उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है;
रवि चौधरी लेकिन जब बकवास करने पर आते हैं, तब वह किसी की सुनते कहाँ हैं -
लिहाजा उन्होंने विनोद बंसल की भी नहीं सुनी, और वह लगातार विनय भाटिया और
विनोद बंसल को बुरा-भला कहते रहे । डिस्ट्रिक्ट के किसी बड़े कार्यक्रम
में, जो पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट के मुख्य आतिथ्य में हुआ हो - ऐसा
तमाशा पहले कभी हुआ हो, यह वरिष्ठ रोटेरियंस को भी याद नहीं है ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में विनय भाटिया, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी का इतना जल्दी बुरा हाल करेंगे - यह देख कर हर किसी को हैरानी हुई । दरअसल दोनों ही पदाधिकारी कुछ समय पहले तक जिस तरह से मिल-जुल कर 'रहते' थे, उससे लोगों को आभास मिलता था कि दोनों में बड़ी अटूट किस्म की दोस्ती रहेगी । रवि
चौधरी ने तो 'जताना/दिखाना' शुरू भी कर दिया था कि विनय भाटिया के
गवर्नर-काल में वही सुपर गवर्नर होंगे । हालाँकि पिछले कुछ दिनों से दोनों
के बीच कुछ दरारें पड़नी/दिखनी शुरू हो गईं थीं, जिनके हवाले से 'रचनात्मक
संकल्प' ने अपनी पिछली कुछेक रिपोर्ट्स में बताया था कि रवि चौधरी और विनय
भाटिया के बीच दोस्ती ज्यादा दिन नहीं चलेगी । पर वह दोस्ती गाली-गलौच में
बदल जाएगी और रवि चौधरी के गवर्नर रहते रहते बदल जाएगी - इसका अंदेशा
वास्तव में किसी को नहीं था । विनय भाटिया को उनके खिलाफ करने के लिए
रवि चौधरी ने सीधे सीधे विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहराया है । विनोद बंसल के
साथ रवि चौधरी के कभी नर्म तो कभी सर्द जैसे संबंध रहे हैं; कई मौकों पर
विनोद बंसल ने रवि चौधरी की बदतमीजियों को नजरअंदाज भी किया; कल रात विनोद
बंसल के साथ की गई रवि चौधरी की बदतमीजी के जो चश्मदीद गवाह हैं, उनका
मानना/कहना है कि विनोद बंसल ने रवि चौधरी के प्रति जो नर्म रवैया अपनाया,
उससे ही रवि चौधरी का साहस इतना बढ़ा कि वह उनके साथ सार्वजनिक रूप से इतनी
बदतमीजी कर सका । रवि चौधरी के लिए बदकिस्मती की बात यह रही कि जो लोग
प्रोटोकॉल का पालन न करने के लिए विनय भाटिया को जिम्मेदार ठहरा भी रहे
हैं, उन्हें भी रवि चौधरी के साथ कोई हमदर्दी नहीं है । उनका कहना है कि
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी ने ही कौन से प्रोटोकॉल
माने/अपनाए । इसलिए उनके साथ जैसे को तैसा वाला व्यवहार ही हुआ है, और ठीक
हुआ है । रवि चौधरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का कार्यकाल-काल पूरा होने से
पहले ही, कुछ दिन पहले तक अच्छे साथी व दोस्त माने जा रहे विनय भाटिया के
हाथों फजीहत का शिकार बनेंगे, यह उन्होंने तो क्या - अन्य किसी ने भी नहीं
सोचा था । पर अब जब यह जल्दी से हो ही गया है, तो डिस्ट्रिक्ट के लोगों का कहना है कि रवि चौधरी को वास्तव में यह अपनी करनी की ही सजा मिली है । कल
तक हर किसी को अपमानित करता रहा रवि चौधरी आज अपने अपमान की बात कर रहा है
- और मजा यह है कि किसी को उससे हमदर्दी भी नहीं हो रही है ।