Saturday, October 6, 2018

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सेंट्रल काउंसिल की उम्मीदवार पूजा बंसल की उपलब्धियों और सक्रियताओं से प्रभावित होकर दुनिया के नामी बिजनेस एक्जीक्यूटिव्स, उद्यमी, बिजनेस राईटर्स और बिजनेस सलाहकारों ने उन्हें स्टेवी अवॉर्ड के लिए नोमीनेट करने का फैसला किया

नई दिल्ली । चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इंस्टीट्यूट की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल की सेक्रेटरी और इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत कर चुकीं पूजा बंसल को प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस अवॉर्ड - स्टेवी अवॉर्ड के लिए नोमीनेट किया गया है, जिसके फाइनल नतीजे की घोषणा 16 नवंबर को न्यूयॉर्क में एक भव्य कार्यक्रम में होगी । पूजा बंसल को 'वुमेन इन बिजनेस' की 'फीमेल एक्जीक्यूटिव ऑफ द ईयर' कैटेगरी में चुना गया है । इस कैटेगरी में उनके अलावा ग्यारह और महिलाएँ चुनी गईं हैं - जो अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड व सिंगापुर से हैं । भारत से एक अकेले पूजा बंसल को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया है । दुनिया भर के वर्किंग प्रोफेशनल्स तथा संस्थाओं को उपलब्धियों व उनके सकारात्मक योगदान के लिए रेखांकित करने और सार्वजनिक रूप से उनका अभिनंदन करने के उद्देश्य से वर्ष 2002 में स्टेवी अवॉर्ड की स्थापना की गई थी, जो जल्दी ही अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस अवॉर्ड के रूप में प्रख्यात हो गए हैं । दरअसल स्टेवी अवॉर्ड के लिए नोमीनेट होने वाले प्रतिभागियों के चयन की प्रक्रिया काफी कठिन है, और उन्हें जजों के पैनल की गंभीर पड़ताल से गुजरना पड़ता है । स्टेवी अवॉर्ड के जजों में दुनिया के नामी बिजनेस एक्जीक्यूटिव्स, उद्यमी, बिजनेस राईटर्स और बिजनेस सलाहकार होते हैं - जो नोमीनेशन के लिए प्रतिभागियों का चयन व्यापक और विविधतापूर्ण मापदंडों के आधार पर करते हैं । स्टेवी अवॉर्ड प्रत्येक वर्ष सात कैटेगरीज में दिया जाता है । इन सात कैटेगरीज में वर्ष 2018 के अवॉर्ड के लिए भारत से अकेली पूजा बंसल नोमीनेट हुई हैं । अन्य कैटेगरीज में हालाँकि कुछेक भारतीय मूल के लोग नोमीनेट हुए हैं, लेकिन वह भारतीय मूल के ऐसे लोग हैं जो अब विदेशों में जा बसे हैं और जो वहाँ काम कर रहे हैं । नोमीनेट होने वाले लोगों का जो परिचय स्टेवी अवॉर्ड की वेबसाईट पर है, उससे पता चलता है कि पूजा बंसल अकेली चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं - जिन्हें स्टेवी अवॉर्ड के लिए नोमीनेट किया गया है । पूजा बंसल 'इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' की पहली सदस्य हैं, जो स्टेवी अवॉर्ड के लिए नोमीनेट हुई हैं । इस लिहाज से कहा जा सकता है कि पूजा बंसल ने सिर्फ देश का ही नहीं, बल्कि देश की एक प्रमुख संस्था 'इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया' का भी दुनिया भर में नाम रोशन किया है ।  
एक चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रोफेशनल के रूप में पूजा बंसल के कामकाज और उनकी उपलब्धियों का ब्यौरा यदि अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के बिजनेस अवॉर्ड के निर्णायकों को महत्त्वपूर्ण व रेखांकित करने योग्य लगा है, तो विभिन्न और विविधतापूर्ण मापदंडों के आधार पर उनका कामकाज और उनकी उपलब्धियाँ निश्चित ही महत्त्वपूर्ण होंगी हीं । 22 वर्ष की उम्र में चार्टर्ड एकाउंटेंट बन कर पूजा बंसल ने अपनी प्रैक्टिस शुरू करने से पहले आईसीआईसीआई बैंक व कोटक महिंद्रा बैंक में काम किया और अपने अनुभव का विस्तार किया । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में एक सदस्य और पदाधिकारी के रूप में भी पूजा बंसल की सक्रियता के विभिन्न और विविधता भरे रूप देखने को मिले हैं - एक तरफ उन्होंने ई-लर्निंग मॉड्यूल ऑफ बैंकिंग सॉफ्टवेयर के डेवलपमेंट में, रीजनल काउंसिल में उत्तरदायित्व को बढ़ाने के लिए डॉक्युमेंट्स में डिजिटल साईनिंग की व्यवस्था करने, आर्टिकल्स के लिए बारकोडिंग व हाइपरलिंकिंग की अवधारणा को प्रस्तुत करने जैसे कामों में दिलचस्पी ली और उन्हें क्रियान्वित करने में पहल की; तथा दूसरी तरफ काउंसिल के कामकाज में पारदर्शिता लाने और मनमाने व बेईमानीभरे फैसलों के खिलाफ आवाज उठाई और तीसरी तरफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स छात्रों व काउंसिल के स्टॉफ को न्याय व सुविधाएँ दिलवाने के लिए निर्णायक कदम उठाए । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के सदस्य और पदाधिकारी के रूप में पूजा बंसल ने अपना काम कितनी ईमानदारी से किया है, इसका सबसे बड़ा सुबूत और उदाहरण यह है कि उन्होंने काउंसिल से खर्चे के नाम पर किसी भी मद में इकन्नी भी नहीं ली है । इस तरह, इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल तथा विभिन्न रीजनल काउंसिल्स के सदस्यों और पदाधिकारियों में पूजा बंसल ने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के हितों व सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को अपनी सक्रियता व फैसलों के जरिये उठा कर एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है । 
यही कारण रहा कि पूजा बंसल ने जब इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल की सदस्यता के लिए अपनी उम्मीदवारी का नामांकन भरा, तो उनके नामांकन को बड़े व प्रतिष्ठित चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के साथ-साथ अत्यंत सक्रिय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का भी सहयोग तथा समर्थन मिला - और उन्होंने पूजा बंसल की उम्मीदवारी के नामांकन को प्रस्तावित किया । सेंट्रल काउंसिल सदस्य के रूप में पूजा बंसल ने जिन कार्यों को करने में दिलचस्पी 'दिखाई' है, उन्हें चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच महत्त्वपूर्ण और जरूरी माना/पहचाना गया है । पूजा बंसल ने सेंट्रल काउंसिल की सभी मीटिंग्स को वेबकास्ट करने की व्यवस्था करने की बात कही है । उनका कहना है कि जब देश की लोकसभा और राज्यसभा तक की मीटिंग्स का सीधा प्रसारण हो रहा है, तब इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल की मीटिंग्स को गोपनीय बनाए रखने तथा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स सदस्यों से उसमें हुई कार्रवाइयों व बातों को छिपा कर रखने के पीछे आखिर कौन सा स्वार्थ काम कर रहा है ? पूजा बंसल का कहना है कि सेंट्रल काउंसिल की मीटिंग्स का यदि सीधा प्रसारण होगा, तो एक तरफ तो चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को यह जानने का मौका मिलेगा कि सेंट्रल काउंसिल सदस्य करते क्या हैं और मीटिंग्स में होता क्या है - तथा दूसरी तरफ सेंट्रल काउंसिल सदस्यों पर भी दबाव होगा कि वह प्रोफेशन और उससे जुड़े लोगों की समस्यायों व जरूरतों पर ध्यान दें । पूजा बंसल की इस बात को चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच व्यापक समर्थन मिला है, और इस बात ने सेंट्रल काउंसिल के दूसरे उम्मीदवारों को खासा परेशान किया हुआ है । वर्ष 2010-11 में खरीद कर भुला दिए गए रोहिणी प्लाट पर इंस्टीट्यूट भवन बनवाने की पूजा बंसल की योजना/घोषणा को भी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के बीच अच्छी चर्चा मिली है - इस मामले में वर्ष 2010-11 में उक्त प्लाट की खरीद से जुड़े पदाधिकारियों को फजीहत का शिकार होना पड़ रहा है; लोग सवाल कर रहे हैं कि प्लाट पर जब कुछ करना ही नहीं था तो इसे खरीदा क्यों था - क्या कमीशन पाने के लिए ? बाद के वर्षों में भी पदाधिकारियों ने इसके उपयोग के बारे में नहीं सोचा । उक्त प्लाट को लेकर पूजा बंसल ने सेंट्रल काउंसिल सदस्य के रूप में अपनी जो योजना बनाई/बताई है, उसने इंस्टीट्यूट के संसाधनों के प्रति उनकी जिम्मेदारी - और साथ ही प्रोफेशन व उससे जुड़े लोगों की मुश्किलों व जरूरतों के प्रति उनकी सोच को भी प्रकट किया है । 
पूजा बंसल की उपलब्धियों और सक्रियताओं के विविधताभरे आयाम देख/परख कर ही स्टेवी अवॉर्ड के जजों ने उन्हें 'फीमेल एक्जीक्यूटिव ऑफ द ईयर' कैटेगरी के लिए नोमीनेट करने का फैसला किया होगा ।दिल्ली से करीब 12 हजार किलोमीटर दूर बैठे स्टेवी अवॉर्ड के लिए प्रतिभागियों का चयन करने बैठे दुनिया के नामी बिजनेस एक्जीक्यूटिव्स, उद्यमी, बिजनेस राईटर्स और बिजनेस सलाहकारों को तो पूजा बंसल की उपलब्धियों व सक्रियताओं ने प्रभावित किया है - यह देखना दिलचस्प होगा कि सेंट्रल काउंसिल की पूजा बंसल की उम्मीदवारी को लेकर नॉर्दर्न रीजन के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स उनकी उपलब्धियों व सक्रियताओं पर किस तरह से रिएक्ट करते हैं ?