गाजियाबाद । स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के हाथों स्वाति गुप्ता के पुरुस्कृत होने की खबर - बाद की रोटरी की कुछेक अन्य
सकारात्मक घटनाओं के चलते जिस तरह पुनः चर्चा में आ गई है, उसने स्वाति
गुप्ता और उनके पति अमित गुप्ता के रोटरी को वास्तविक अर्थों में पहचान
देने और उसके लिए सक्रिय होने के तथ्य को एक बार फिर स्थापित किया है । उल्लेखनीय
है कि रोटेरियन के रूप में स्वाति गुप्ता जिस समय लखनऊ में उत्तर प्रदेश
के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के हाथों पुरुस्कार प्राप्त कर रही थीं, लगभग
उसी समय इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी घोषित होने के बाद सुशील गुप्ता
चेन्नई में आयोजित इंस्टीट्यूट में सम्मानित हो रहे थे । उसके बाद दिल्ली
और जयपुर में सुशील गुप्ता के स्वागत-सम्मान की और दिल्ली में कार रैली की
तैयारी की चर्चा शुरू हो गई । दिल्ली में सुशील गुप्ता के स्वागत-सम्मान
और कार रैली के आयोजन की धूम रही - और इस धूम में रोटेरियंस ने मौजूदा
पखवाड़े को रोटरी के लिहाज से उल्लेखनीय व महत्त्वपूर्ण माना और रेखांकित
किया ।
इसी रेखांकन में यह तथ्य उभर का सामने आया कि रोटरी के लिए महत्त्वपूर्ण बने मौजूदा पखवाड़े की शुरुआत लखनऊ में स्वाति गुप्ता के पुरुस्कार प्राप्त करने से हुई थी । स्वाति गुप्ता यूँ तो निरंतर व विविधतापूर्ण सक्रियता के कारण डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस के बीच खुद की व्यापक पहचान व सम्मान रखती हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के संदर्भ में इस वर्ष उनकी पहचान अमित गुप्ता की पत्नी के रूप में भी सहज रूप में उल्लेखनीय हो जाती है । अमित गुप्ता इस वर्ष चूँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार हैं, इसलिए उनके साथ-साथ स्वाति गुप्ता की सक्रियता व उपलब्धियों को उनकी उम्मीदवारी के 'चश्मे' से भी लोग देखने लगते हैं । यूँ भी अमित गुप्ता और स्वाति गुप्ता का रोटरी में भागीदारी और सक्रियता का जो स्तर है, वह उन्हें डिस्ट्रिक्ट में अकेले ऐसे दंपति की पहचान देता है, जो रोटरी में समान रूप से सक्रिय हैं और रोटरी के कामों में समान रूप से बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं । ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि स्वाति गुप्ता की सक्रियता व उपलब्धि की व्यापक तस्वीर अमित गुप्ता की उम्मीदवारी के पक्ष में डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच एक व्यापक सकारात्मक अपील पैदा करती है और उसे विश्वसनीय रूप देती है - और इस तरह से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी परिदृश्य में अमित गुप्ता की उम्मीदवारी को दिलचस्प बनाती है ।
स्वाति गुप्ता ने लखनऊ में जो पुरुस्कार प्राप्त किया, उसकी जानकारी एक सामान्य घटना के रूप में 'आई' और 'गई' खबर बन कर रह जाती - यदि कुछेक अन्य बड़ी 'बातों' के कारण मौजूदा पखवाड़ा रोटरी के लिए उल्लेखनीय व महत्त्वपूर्ण न बन गया होता । मौजूदा पखवाड़ा उल्लेखनीय व महत्त्वपूर्ण बना तो उसके प्रस्थान बिंदु के रूप में स्वाति गुप्ता का पुरुस्कार प्राप्त करना स्वतः चर्चा में आ गया - और रोटरी व डिस्ट्रिक्ट 3012 की पहचान के संदर्भ में एक प्रमुख और बड़ी घटना बन गया । उक्त पुरुस्कार के लिए स्वाति गुप्ता ने जिस तरह से अपने क्लब - रोटरी क्लब गाजियाबाद सेंट्रल के पदाधिकारियों व सदस्यों तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सहित डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख पदाधिकारियों से मिले सहयोग को श्रेय दिया है, तथा इस पुरुस्कार पर डिस्ट्रिक्ट के सभी लोगों का हक बताया है - उसके जरिए वास्तव में उन्होंने रोटरी की सामूहिक भावना व शक्ति को ही अभिव्यक्ति दी है । स्वाति गुप्ता को मिले पुरुस्कार के वाकये को जिस तरह से रोटरी में घटने वाली बड़ी घटनाओं के समकक्ष रखा गया है, और उसके चलते वह जिस तरह से अमित गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के संदर्भ में माहौल बनाता सा दिखने लगा है - उससे डिस्ट्रिक्ट का चुनावी परिदृश्य रोमांचपूर्ण हो उठा है ।
इसी रेखांकन में यह तथ्य उभर का सामने आया कि रोटरी के लिए महत्त्वपूर्ण बने मौजूदा पखवाड़े की शुरुआत लखनऊ में स्वाति गुप्ता के पुरुस्कार प्राप्त करने से हुई थी । स्वाति गुप्ता यूँ तो निरंतर व विविधतापूर्ण सक्रियता के कारण डिस्ट्रिक्ट के रोटेरियंस के बीच खुद की व्यापक पहचान व सम्मान रखती हैं, लेकिन डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के संदर्भ में इस वर्ष उनकी पहचान अमित गुप्ता की पत्नी के रूप में भी सहज रूप में उल्लेखनीय हो जाती है । अमित गुप्ता इस वर्ष चूँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार हैं, इसलिए उनके साथ-साथ स्वाति गुप्ता की सक्रियता व उपलब्धियों को उनकी उम्मीदवारी के 'चश्मे' से भी लोग देखने लगते हैं । यूँ भी अमित गुप्ता और स्वाति गुप्ता का रोटरी में भागीदारी और सक्रियता का जो स्तर है, वह उन्हें डिस्ट्रिक्ट में अकेले ऐसे दंपति की पहचान देता है, जो रोटरी में समान रूप से सक्रिय हैं और रोटरी के कामों में समान रूप से बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं । ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि स्वाति गुप्ता की सक्रियता व उपलब्धि की व्यापक तस्वीर अमित गुप्ता की उम्मीदवारी के पक्ष में डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच एक व्यापक सकारात्मक अपील पैदा करती है और उसे विश्वसनीय रूप देती है - और इस तरह से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनावी परिदृश्य में अमित गुप्ता की उम्मीदवारी को दिलचस्प बनाती है ।
स्वाति गुप्ता ने लखनऊ में जो पुरुस्कार प्राप्त किया, उसकी जानकारी एक सामान्य घटना के रूप में 'आई' और 'गई' खबर बन कर रह जाती - यदि कुछेक अन्य बड़ी 'बातों' के कारण मौजूदा पखवाड़ा रोटरी के लिए उल्लेखनीय व महत्त्वपूर्ण न बन गया होता । मौजूदा पखवाड़ा उल्लेखनीय व महत्त्वपूर्ण बना तो उसके प्रस्थान बिंदु के रूप में स्वाति गुप्ता का पुरुस्कार प्राप्त करना स्वतः चर्चा में आ गया - और रोटरी व डिस्ट्रिक्ट 3012 की पहचान के संदर्भ में एक प्रमुख और बड़ी घटना बन गया । उक्त पुरुस्कार के लिए स्वाति गुप्ता ने जिस तरह से अपने क्लब - रोटरी क्लब गाजियाबाद सेंट्रल के पदाधिकारियों व सदस्यों तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सहित डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख पदाधिकारियों से मिले सहयोग को श्रेय दिया है, तथा इस पुरुस्कार पर डिस्ट्रिक्ट के सभी लोगों का हक बताया है - उसके जरिए वास्तव में उन्होंने रोटरी की सामूहिक भावना व शक्ति को ही अभिव्यक्ति दी है । स्वाति गुप्ता को मिले पुरुस्कार के वाकये को जिस तरह से रोटरी में घटने वाली बड़ी घटनाओं के समकक्ष रखा गया है, और उसके चलते वह जिस तरह से अमित गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की उम्मीदवारी के संदर्भ में माहौल बनाता सा दिखने लगा है - उससे डिस्ट्रिक्ट का चुनावी परिदृश्य रोमांचपूर्ण हो उठा है ।