लखनऊ । संजय चोपड़ा द्धारा
डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की गुपचुप रूप से की जा रही तैयारी की खबरों ने
संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच हलचल मचाने का काम किया है । वाराणसी
में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस करवाने की संजय चोपड़ा की कोशिशों ने तो समर्थक
नेताओं के बीच के मतभेदों को भी मुखर बनाने का काम किया है; और इसीलिए
संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों को चिंता में ही डाल दिया है ।
संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक एक बड़े नेता ने आरोप लगाया की कि
वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस करवाने के तैयारी संजय चोपड़ा तथा अशोक
अग्रवाल की उम्मीदवारी के दूसरे समर्थक नेता यह सोच कर ही कर रहे हैं कि
संदीप सहगल के लिए तराई के अपने समर्थकों को वाराणसी तक ले जा पाना ही
मुश्किल होगा । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक एक दूसरे बड़े नेता
का कहना है कि समस्या यह नहीं है कि संदीप सहगल के समर्थक वाराणसी कैसे
पहुँचेंगे; समस्या यह है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में संजय चोपड़ा
कॉन्फ्रेंस की जगह को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, और साफ साफ यह
नहीं बता रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस वह कहाँ करवा रहे हैं ।
इनका कहना है कि संजय चोपड़ा से इस बारे में जब भी पूछो वह यह कह कर सीधा
जबाव देने से बच लेते हैं कि वह दो-तीन जगह देख रहे हैं और जल्दी ही कोई
अंतिम फैसला करेंगे ।
संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं के कान दरअसल अभी तब खड़े हुए, जब उन्हें पता चला कि संजय चोपड़ा, गुरनाम सिंह, विशाल सिन्हा, अनुपम बंसल और अशोक अग्रवाल वाराणसी गए हैं और वहाँ डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के लिए होटल आदि देख रहे हैं । यह पता लगते ही संदीप सहगल के कुछेक समर्थकों ने सुझाव दिया कि संदीप सहगल को भी तुरंत वाराणसी पहुँचना चाहिए और वहाँ होटल आदि में बुकिंग करा लेना चाहिए । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के दूसरे कुछेक समर्थकों का कहना रहा कि वाराणसी में बुकिंग कराने को लेकर संदीप सहगल को जल्दबाजी नहीं करना चाहिए और पहले यह कन्फर्म कर लेना चाहिए कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस वाराणसी में ही हो रही है न; या कहीं संजय चोपड़ा एंड कंपनी उन्हें फँसाने के उद्देश्य से तो वाराणसी में कॉन्फ्रेंस कराने की तैयारी का दिखावा नहीं कर रही है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में संजय चोपड़ा अभी इस बात को कन्फर्म नहीं कर रहे हैं । वाराणसी में बुकिंग करा लेने की वकालत करने वाले संदीप सहगल के समर्थकों का कहना है कि अशोक अग्रवाल जैसी/जितनी तैयारी कर रहे हैं, संदीप सहगल को भी उतनी तैयारी तो करनी ही चाहिए, अन्यथा वह अशोक अग्रवाल से पिछड़ते हुए दिखेंगे । ऐसे में, संदीप सहगल के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि वह क्या करें और किसकी सुनें, इसे लेकर उनके समर्थक नेताओं के बीच ही मतभेद पैदा हो गए हैं ।
वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस होने की स्थिति में संदीप सहगल के समर्थक नेताओं के सामने एक और समस्या को हल करने की जरूरत आ पड़ी है । समस्या यह कि उनके तराई क्षेत्र में जो समर्थक हैं, उन्हें वाराणसी तक कैसे ले जाया जायेगा ? संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं का मानना और कहना है कि लखनऊ में अशोक अग्रवाल के लिए अच्छा समर्थन है और तराई में संदीप सहगल के लिए ज्यादा समर्थन है; उन्हें डर हुआ है कि वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस हुई तो वहाँ अशोक अग्रवाल के समर्थक तो आसानी से पहुँच जायेंगे, जबकि संदीप सहगल के समर्थकों के लिए वहाँ पहुँचना मुसीबत होगा । इस मुसीबत को कैसे हल किया जाये, इसे लेकर उन्हें माथापच्ची करने की जरूरत महसूस हो रही है । यह समस्या इसलिए और भी ज्यादा गंभीर हो रही है क्योंकि संदीप सहगल की उम्मीदवारी के कई एक समर्थक नेता अभी इस समस्या को समस्या ही नहीं मान रहे हैं; उनका अभी यही कहना है कि पहले यह घोषित तो हो जाए कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस वाराणसी में ही हो रही है, उसके बाद ही सोचा जाये कि कैसे क्या करना है । इनका कहना है कि गुरनाम सिंह चूँकि भ्रम फैला कर विरोधियों को परेशान करने का हथकंडा अपनाते रहे हैं इसलिए कहीं ऐसा न हो कि वाराणसी में कॉन्फ्रेंस होने की बात भी उनका उसी तरह का कोई हथकंडा हो ?
वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की बात सच है या गुरनाम सिंह की भ्रम फैलाने की चाल है - दोनों ही स्थितियों में संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों के लिए मुसीबत के रूप में सामने आई है । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों का हालाँकि दावा है कि गुरनाम सिंह की चाल को विशाल सिन्हा और शिव कुमार गुप्ता के बीच हुए चुनाव में जिस तरह फेल किया गया था, उसी तरह अब की बार भी उनकी किसी भी चाल को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा । इस भरोसे के बावजूद संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच अभी इस बात को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है कि अशोक अग्रवाल की तरफ से वाराणसी में बुकिंग आदि यदि करा ली गई है, तो संदीप सहगल को भी वहाँ बुकिंग वगैरह करा लेना चाहिए और या अभी वाराणसी में कॉन्फ्रेंस होने की औपचारिक घोषणा का इंतजार करना चाहिए ?
संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं के कान दरअसल अभी तब खड़े हुए, जब उन्हें पता चला कि संजय चोपड़ा, गुरनाम सिंह, विशाल सिन्हा, अनुपम बंसल और अशोक अग्रवाल वाराणसी गए हैं और वहाँ डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस के लिए होटल आदि देख रहे हैं । यह पता लगते ही संदीप सहगल के कुछेक समर्थकों ने सुझाव दिया कि संदीप सहगल को भी तुरंत वाराणसी पहुँचना चाहिए और वहाँ होटल आदि में बुकिंग करा लेना चाहिए । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के दूसरे कुछेक समर्थकों का कहना रहा कि वाराणसी में बुकिंग कराने को लेकर संदीप सहगल को जल्दबाजी नहीं करना चाहिए और पहले यह कन्फर्म कर लेना चाहिए कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस वाराणसी में ही हो रही है न; या कहीं संजय चोपड़ा एंड कंपनी उन्हें फँसाने के उद्देश्य से तो वाराणसी में कॉन्फ्रेंस कराने की तैयारी का दिखावा नहीं कर रही है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में संजय चोपड़ा अभी इस बात को कन्फर्म नहीं कर रहे हैं । वाराणसी में बुकिंग करा लेने की वकालत करने वाले संदीप सहगल के समर्थकों का कहना है कि अशोक अग्रवाल जैसी/जितनी तैयारी कर रहे हैं, संदीप सहगल को भी उतनी तैयारी तो करनी ही चाहिए, अन्यथा वह अशोक अग्रवाल से पिछड़ते हुए दिखेंगे । ऐसे में, संदीप सहगल के लिए मुसीबत की बात यह हुई है कि वह क्या करें और किसकी सुनें, इसे लेकर उनके समर्थक नेताओं के बीच ही मतभेद पैदा हो गए हैं ।
वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस होने की स्थिति में संदीप सहगल के समर्थक नेताओं के सामने एक और समस्या को हल करने की जरूरत आ पड़ी है । समस्या यह कि उनके तराई क्षेत्र में जो समर्थक हैं, उन्हें वाराणसी तक कैसे ले जाया जायेगा ? संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थक नेताओं का मानना और कहना है कि लखनऊ में अशोक अग्रवाल के लिए अच्छा समर्थन है और तराई में संदीप सहगल के लिए ज्यादा समर्थन है; उन्हें डर हुआ है कि वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस हुई तो वहाँ अशोक अग्रवाल के समर्थक तो आसानी से पहुँच जायेंगे, जबकि संदीप सहगल के समर्थकों के लिए वहाँ पहुँचना मुसीबत होगा । इस मुसीबत को कैसे हल किया जाये, इसे लेकर उन्हें माथापच्ची करने की जरूरत महसूस हो रही है । यह समस्या इसलिए और भी ज्यादा गंभीर हो रही है क्योंकि संदीप सहगल की उम्मीदवारी के कई एक समर्थक नेता अभी इस समस्या को समस्या ही नहीं मान रहे हैं; उनका अभी यही कहना है कि पहले यह घोषित तो हो जाए कि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस वाराणसी में ही हो रही है, उसके बाद ही सोचा जाये कि कैसे क्या करना है । इनका कहना है कि गुरनाम सिंह चूँकि भ्रम फैला कर विरोधियों को परेशान करने का हथकंडा अपनाते रहे हैं इसलिए कहीं ऐसा न हो कि वाराणसी में कॉन्फ्रेंस होने की बात भी उनका उसी तरह का कोई हथकंडा हो ?
वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस की बात सच है या गुरनाम सिंह की भ्रम फैलाने की चाल है - दोनों ही स्थितियों में संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों के लिए मुसीबत के रूप में सामने आई है । संदीप सहगल की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों का हालाँकि दावा है कि गुरनाम सिंह की चाल को विशाल सिन्हा और शिव कुमार गुप्ता के बीच हुए चुनाव में जिस तरह फेल किया गया था, उसी तरह अब की बार भी उनकी किसी भी चाल को कामयाब नहीं होने दिया जायेगा । इस भरोसे के बावजूद संदीप सहगल की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच अभी इस बात को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है कि अशोक अग्रवाल की तरफ से वाराणसी में बुकिंग आदि यदि करा ली गई है, तो संदीप सहगल को भी वहाँ बुकिंग वगैरह करा लेना चाहिए और या अभी वाराणसी में कॉन्फ्रेंस होने की औपचारिक घोषणा का इंतजार करना चाहिए ?