Saturday, January 24, 2015

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की सेंट्रल काउंसिल के लिए कभी चुनाव न लड़ने का ऐलान करने के बावजूद चुनावी तैयारी करते दिख रहे अमरेश वशिष्ठ सेंट्रल इंडिया रीजन में अपनी उम्मीदवारी को सचमुच प्रस्तुत करेंगे या समर्थकों की सलाह को मानते हुए चुनाव से दूर रहेंगे

मेरठ । अमरेश वशिष्ठ द्धारा इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के लिए अपनी संभावित उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस बनाये रखने के कारण उनके नजदीकियों व शुभचिंतकों के लिए खासी दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है । अपनी उम्मीदवारी को लेकर असमंजसता में चल रहे अमरेश वशिष्ठ के नजदीकियों व शुभचिंतकों के लिए समस्या की बात यह हुई है कि सेंट्रल इंडिया रीजन क्षेत्र से सेंट्रल काउंसिल के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने वाले दूसरे उम्मीदवार उनसे अपने साथ जुड़ने के लिए संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए उन्हें जबाव देना मुश्किल हो रहा है । नजदीकियों व शुभचिंतकों का कहना है कि अमरेश वशिष्ठ को यदि उम्मीदवार नहीं होना है, तो साफ साफ कहें ताकि वह दूसरे उम्मीदवारों के साथ जुड़ सकें । अमरेश वशिष्ठ के असमंजस के चक्कर में उनके नजदीकी और शुभचिंतक खुद को फँसा हुआ पा रहे हैं । नजदीकियों व शुभचिंतकों का कहना है कि अमरेश वशिष्ठ अपनी उम्मीदवारी को लेकर किसी से 'हाँ' तो किसी से 'अभी देखते हैं' जैसे जबाव देते हैं ।
अमरेश वशिष्ठ के कुछेक नजदीकियों का हालाँकि कहना है कि अमरेश वशिष्ठ ने लगता है कि अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने का मन बना लिया है; और इसीलिए अपनी हर छोटी-बड़ी गतिविधियों की तस्वीरें फेसबुक पर लगाते रहते हैं और प्रत्येक शुभ अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ बाँटते रहते हैं । उनका कहना है कि अमरेश वशिष्ठ जब लोहिड़ी, वसंत पंचमी जैसे मौकों पर लोगों को शुभकामनाएँ दे रहे हों, तो लोगों को उम्मीद करना चाहिए कि वह जल्दी ही सेंट्रल काउंसिल के लिए वोट माँगने आ रहे हैं । इस तर्क में दम तो है, लेकिन फिर सवाल यह है कि अमरेश वशिष्ठ तब अपनी उम्मीदवारी के लिए साफ घोषणा करने से बच क्यों रहे हैं ? उनके नजदीकियों के पास इसका भी बड़ा कन्विन्सिंग जबाव है । उनका कहना है कि अमरेश वशिष्ठ ने खुद तो उम्मीदवारी प्रस्तुत करने का मन बना लिया है, लेकिन इसके लिए अपने समर्थकों को वह राजी नहीं कर पाए हैं । नजदीकियों का दावा है कि उनके कई समर्थक उन्हें चुनावी पचड़े से दूर रहने की ही सलाह दे रहे हैं । अमरेश वशिष्ठ अपने ऐसे समर्थकों को राजी कर लेने के बाद ही अपनी उम्मीदवारी की विधिवत घोषणा करना चाहते हैं ।
अमरेश वशिष्ठ के जो समर्थक उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ हैं, उनका कहना है कि पिछली बार के चुनाव में मिली हार के बाद अमरेश वशिष्ठ ने आगे चुनाव न लड़ने की सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी - ऐसे में अब वह किस मुँह से अपनी उम्मीदवारी लेकर लोगों के पास जायेंगे । इसके अलावा भी, उनके समर्थकों का कहना है कि पिछले दो चुनावों में अमरेश वशिष्ठ ने उम्मीदवार बन कर नतीजा देख लिया है - दोनों ही चुनावों में उनकी खासी बुरी गत बनी । समर्थकों का कहना है कि अगले चुनाव में भी उन्हें किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं करना चाहिए और इसलिए चुनाव के झमेले से दूर ही रहना चाहिए । उल्लेखनीय है कि अमरेश वशिष्ठ ने वर्ष 2009 और वर्ष 2012 में सेंट्रल काउंसिल का चुनाव लड़ा था और दोनों ही बार वह जीत से बहुत दूर ही रहे थे । वर्ष 2009 में सेंट्रल काउंसिल के लिए सेंट्रल इंडिया रीजन में चार सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें 13 उम्मीदवार थे । अमरेश वशिष्ठ उस चुनाव में 10वें नंबर पर रहे थे । वर्ष 2012 में सेंट्रल काउंसिल के लिए सेंट्रल इंडिया रीजन में पाँच सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें 14 उम्मीदवार थे । इस बार अमरेश वशिष्ठ को पिछली बार की तुलना में वोट तो कुछ ज्यादा मिले थे, लेकिन पोजीशन उनकी इस बार भी 10वीं ही थी । इस नतीजे से अमरेश वशिष्ठ को ऐसा झटका लगा था कि उन्होंने भविष्य में कभी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था ।
लेकिन जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे हैं, अमरेश वशिष्ठ के 'चुनावी कीटाणु' जोर मारते हुए दिख रहे हैं । उनके नजदीकियों का यह कहना उचित ही जान पड़ता है कि यह 'चुनावी कीटाणुओं' का ही असर है कि अमरेश वशिष्ठ लोहड़ी, वसंत पंचमी आदि की भी शुभकामनाएँ लोगों को दे रहे हैं और लोगों की नजरों में बने रहने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं । जो समर्थक उन्हें चुनाव से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं, उन्हें अमरेश वशिष्ठ यह कह कर समझाने/राजी करने का प्रयास कर रहे हैं कि इस बार सेंट्रल इंडिया रीजन में दो सीटें खाली हो रही हैं और इस कारण से उनके लिए सफल होने का अच्छा मौका है । समर्थकों का कहना लेकिन यही है कि मौका तो पिछली बार भी अच्छा था, जब यहाँ एक सीट बढ़ी थी - किंतु अमरेश वशिष्ठ उसका फायदा नहीं उठा पाए थे । पिछले नतीजों को देखते हुए अब की बार भी उनके सफल होने की कोई संभावना नहीं दिखती है । समर्थकों को संभावना भले ही न दिख रही हो, अमरेश वशिष्ठ को जरूर दिख रही है और इसीलिए वह अपनी उम्मीदवारी को प्रस्तुत करने की तैयारी करते नजर आ रहे हैं । वह अपनी उम्मीदवारी को सचमुच प्रस्तुत करेंगे या समर्थकों की सलाह को मानते हुए चुनाव से दूर रहेंगे - यह लेकिन अगले कुछ दिनों में साफ होगा ।