Saturday, January 3, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 के विभाजित डिस्ट्रिक्ट 3011 में पायलट प्रोजेक्ट की बजाए सीधा चुनाव होने की स्थिति में डिस्ट्रिक्ट 3012 में शरत जैन की उम्मीदवारी को होने वाली मुसीबत से बचाने के लिए ही रूपक जैन, सुरेश भसीन की उम्मीदवारी की बलि चढ़ाने के लिए तैयार हैं क्या ?

नई दिल्ली । सुरेश भसीन अपने ही समर्थकों व शुभचिंतकों की राजनीति का शिकार होकर पराजय की तरफ बढ़ रहे हैं क्या ? सुरेश भसीन के साथ हमदर्दी रखने वाले तथा उनकी उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव रखने वाले लोगों का ही कहना है कि सुरेश भसीन की राह में उनके शुभचिंतक-सलाहकार ही रोड़ा डाल रहे हैं । चुनावी प्रक्रिया को किस तरीके से पूरा किया जाये - इसे लेकर सुरेश भसीन के समर्थक बुरी तरह बँटे हुए हैं । सुरेश भसीन के समर्थकों का एक बड़ा तबका चाहता है कि एक उम्मीदवार के रूप में सुरेश भसीन को सीधे चुनाव करवाने की माँग करना चाहिए । सीधे चुनाव की स्थिति में ही वह डॉक्टर सुब्रमणियन से आगे निकल सकते हैं । खुद डॉक्टर सुब्रमणियन के समर्थक भी मानते और स्वीकार करते हैं कि सीधे चुनाव की स्थिति में डॉक्टर सुब्रमणियन के लिए सुरेश भसीन की सक्रियता का मुकाबला करना मुश्किल होगा ।
उल्लेखनीय है कि नए बने डिस्ट्रिक्ट 3011 में, डिस्ट्रिक्ट 3010 के लिए बने पायलट प्रोजेक्ट के तरीके से चुनाव कराने का फैसला चूँकि आरोपों में घिर कर विवादास्पद होता जा रहा है; इसलिए सुरेश भसीन के कई एक समर्थकों को लग रहा है कि उन्हें भी पायलट प्रोजेक्ट के तरीके के बजाये सीधे तरीके से चुनाव कराये जाने की माँग करना चाहिए । ऐसा सोचने/कहने वाले सुरेश भसीन के समर्थकों का आरोप है कि सुरेश भसीन के वीरेंद्र 'बॉबी' जैन और रूपक जैन जैसे सलाहकार सुरेश भसीन को लेकिन उल्टी पट्टी पढ़ा रहे हैं और उन्हें समझा रहे हैं कि जैसे जो हो रहा वैसे ही होने दो - और इस तरह वास्तव में डॉक्टर सुब्रमणियम का काम आसान कर रहे हैं ।
डॉक्टर सुब्रमणियन और उनके समर्थक व शुभचिंतक अपने आपको खुशकिस्मत समझ रहे हैं और खुश हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट पद के लिए उनके प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार सुरेश भसीन को उनके अपने ही समर्थक व सलाहकार नुकसान पहुँचा रहे हैं । डॉक्टर सुब्रमणियन और उनके समर्थक व शुभचिंतक आश्वस्त हैं कि उनकी जीत का मार्ग सुरेश भसीन के सलाहकार समर्थक ही प्रशस्त किए दे रहे हैं, और इसलिए उन्हें ज्यादा कुछ करने की जरूरत ही नहीं है । मजे की बात यह है कि डॉक्टर सुब्रमणियन के समर्थक व शुभचिंतक ही मान/समझ रहे हैं और कह रहे हैं कि एक उम्मीदवार के रूप में डॉक्टर सुब्रमणियन के मुकाबले सुरेश भसीन ज्यादा सक्रिय हैं; लेकिन जीत के नतीजे के मामले में उनके साथ-साथ सुरेश भसीन के साथ हमदर्दी रखने वाले लोगों के बीच भी डॉक्टर सुब्रमणियन का पलड़ा भारी है । डॉक्टर सुब्रमणियन के समर्थकों के साथ साथ सुरेश भसीन के समर्थक भी मान रहे हैं और कह रहे हैं कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत होने वाले चुनाव में डॉक्टर सुब्रमणियन को ही फायदा होगा; और जो कोई भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुनाव कराने का समर्थन कर रहा है वह वास्तव में डॉक्टर सुब्रमणियन की उम्मीदवारी का शुभचिंतक है ।
इस हिसाब से, जिन रूपक जैन और वीरेंद्र 'बॉबी' जैन को सुरेश भसीन के शुभचिंतक-सलाहकार के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है; उन्हें 'काम' लेकिन डॉक्टर सुब्रमणियन का 'करते' हुए पाया जा रहा है । कई एक लोगों ने सुरेश भसीन से कहा भी कि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता के साथ रूपक जैन के अच्छे संबंध हैं, इसलिए रूपक जैन के जरिए सुशील गुप्ता को राजी किया जाए कि वह सीधे चुनाव कराने की व्यवस्था करवायें । सुरेश भसीन के नजदीकियों के अनुसार, सुरेश भसीन को यह बात समझ में आई भी; लेकिन उनके शुभचिंतक बने 'दिख' रहे रूपक जैन ने उन्हें पट्टी पढ़ाई कि जैसे जो हो रहा है उसे वैसे ही होने दो ।
सुरेश भसीन के कई एक समर्थकों को लग रहा है कि रूपक जैन कहने को तो सुरेश भसीन के शुभचिंतक बने हुए हैं, लेकिन वास्तव में उन्हें सुरेश भसीन से ज्यादा डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट पद के उम्मीदवार शरत जैन की चिंता है । रूपक जैन जान/समझ रहे हैं कि सीधा चुनाव होने की स्थिति में डिस्ट्रिक्ट 3011 में सुरेश जैन को भले ही फायदा हो, किंतु डिस्ट्रिक्ट 3012 में शरत जैन की उम्मीदवारी का तो कबाड़ा ही बैठ जायेगा । शरत जैन के लिए अपने प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार दीपक गुप्ता का चुनावी मुकाबला करना वैसे भी मुश्किल बना हुआ है, सीधा चुनाव होने की स्थिति में तो शरत जैन के लिए बहुत ही मुसीबत हो जाएगी । शरत जैन को समस्या न हो, रूपक जैन इसके लिए सुरेश भसीन की उम्मीदवारी की बलि चढ़ाने के लिए तैयार हैं ।
सुरेश भसीन को इस मामले में वीरेंद्र 'बॉबी' जैन से भी आवश्यक मदद नहीं मिल रही है । डॉक्टर सुब्रमणियन और उनके समर्थक यह सब देख/जान कर खुश हैं । उनका खुश होना बनता भी है । उनका 'काम' जब उनके प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार सुरेश भसीन के समर्थक व शुभचिंतक ही करे दे रहे हैं, तो उनका खुश होना और आश्वस्त होना तो लाजिमी ही है ।