Friday, January 9, 2015

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में जेके गौड़, रमेश अग्रवाल, मुकेश अरनेजा की तिकड़ी को विश्वास है कि पीटी प्रभाकर एक जैसे 'अपराध' के बावजूद शरत जैन के साथ वैसा कुछ नहीं करेंगे, जैसा कि उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3100 के दीपक बाबू के साथ किया है; क्योंकि उनके पास सुशील गुप्ता और मनोज देसाई का समर्थन है

नई दिल्ली । पीटी प्रभाकर - इंटरनेशनल डायरेक्टर पीटी प्रभाकर ने दिल्ली में डिस्ट्रिक्ट 3100 की काउंसिल (ऑफ गवर्नर्स) के साथ हुई बातचीत में दीपक बाबू की अपील पर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड द्धारा 26 से 29 जनवरी के बीच होने वाली वर्ष 2014-15 की तीसरी बोर्ड मीटिंग में 'लिए जाने वाले' फैसले को आज ही सुना दिया । इस तरह पीटी प्रभाकर ने एकबार फिर साबित कर दिया कि फैसलों के लिए बोर्ड मीटिंग का इंतजार करना बेवकूफी है, फैसले तो पहले ही कर लिए जाते हैं । मीटिंग में तो फैसलों पर सिर्फ मोहर लगती है । पीटी प्रभाकर आज दोपहर दिल्ली में डिस्ट्रिक्ट 3100 की काउंसिल (ऑफ गवर्नर्स) की उस मीटिंग में अचानक शामिल होने के लिए आ पहुँचे, जिसे पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता ने बुलाया था । इस मीटिंग में मुख्य तौर पर पिछले रोटरी वर्ष में हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव से जुड़े झगड़े/झंझट पर ही चर्चा हुई । पीटी प्रभाकर इस मीटिंग में शायद इसीलिए शामिल हुए, ताकि वह उक्त झगड़े/झंझट को लेकर डिस्ट्रिक्ट 3100 के लोगों को 'अपनी' राय से अवगत करा दें । इसीलिए कल सायं जब अचानक से पीटी प्रभाकर का इस मीटिंग में शामिल होना निश्चित हुआ, उसके बाद ही डिस्ट्रिक्ट 3100 में पिछले वर्ष हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के दोनों उम्मीदवारों - दीपक बाबू और दिवाकर अग्रवाल को भी मीटिंग में पहुँचने का नोटिस मिला । रोटरी इंटरनेशनल साऊथ एशिया ऑफिस में क्लब एवं डिस्ट्रिक्ट सपोर्ट मैनेजर जतिंदर सिंह को भी उक्त झगड़े/झंझट से जुड़े तथ्यों/सुबूतों के साथ मीटिंग स्थल पर मौजूद रहने का आदेश मिला ।
पीटी प्रभाकर ने डिस्ट्रिक्ट 3100 में पिछले रोटरी वर्ष में हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में दीपक बाबू को पक्षपातपूर्ण व धॉँधलीपूर्ण तरीके से चुनाव जितवाने को लेकर अपनी गहरी नाराजगी दिखाई । जिस किसी पूर्व गवर्नर ने कुछ सफाई देने की कोशिश की, उसे पीटी प्रभाकर से लताड़ ही सुनने को मिली । पीटी प्रभाकर की नाराजगी का सबसे ज्यादा शिकार तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल बने । राकेश सिंघल को कई प्रसंगों में पीटी प्रभाकर की लताड़ सुनने को मिली । पीटी प्रभाकर ने अपनी तरफ से यह स्पष्ट कर दिया कि दीपक बाबू ने भले ही अपनी जीत को अमान्य करार दिए जाने के फैसले के खिलाफ रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में अपील की हुई है, लेकिन बोर्ड पहले लिए जा चुके फैसले को बदलने का काम नहीं करेगा । इस तरह पीटी प्रभाकर ने दीपक बाबू और उनके समर्थकों को तगड़ा झटका दिया, क्योंकि दीपक बाबू एण्ड पार्टी रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड की 26 से 29 जनवरी के बीच होने वाली मीटिंग से अपनी चुनावी जीत के बहाल होने की उम्मीद लगाये हुए थे । पीटी प्रभाकर ने इससे भी बड़ा झटका यह कह कर दिया कि वर्ष 2016-17 के गवर्नर पद के लिए अब जो दोबारा चुनाव होगा, उसमें दीपक बाबू और दिवाकर अग्रवाल उम्मीदवार नहीं बनेंगे ।
दीपक बाबू और उनके समर्थकों की तैयारी थी कि बोर्ड मीटिंग में उनकी चुनावी जीत यदि नहीं भी बहाल हुई, तो वर्ष 2016-17 के गवर्नर पद के लिए दोबारा होने वाले चुनाव में अकेले वही उम्मीदवार होंगे - क्योंकि दिवाकर अग्रवाल को तो रोटरी इंटरनेशनल पहले ही उनके रास्ते से हटा चुका है । किंतु पीटी प्रभाकर ने आज उनकी इस तैयारी पर भी पानी फेर दिया है । दीपक बाबू ने हालाँकि प्रतिरोध करने का विकल्प अभी बचा कर रखा हुआ है । उन्होंने पीटी प्रभाकर को यह भरोसा देने से आज तो इंकार कर दिया है कि वर्ष 2016-17 के गवर्नर पद के लिए दोबारा होने वाले चुनाव में वह उम्मीदवार नहीं बनेंगे । उन्होंने इंकार भले ही कर दिया है, लेकिन पीटी प्रभाकर के तेवर देख कर यह भी लगता है कि दीपक बाबू इस इंकार के बाद भी हासिल कुछ नहीं कर पायेंगे । दीपक बाबू का साथ देने के लिए पिछले वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल को जैसी झाड़ पड़ी है, उसे देखते हुए दीपक बाबू को किसी का समर्थन मिल सकेगा - इसमें संदेह है । पिछले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल को उस एक तस्वीर के लिए पीटी प्रभाकर का बुरी तरह कोपभाजन बनना पड़ा, जिसमें वह मंच पर दीपक बाबू को अपने साथ बैठाए हुए हैं । इस तस्वीर के साथ-साथ, रोटरी इंटरनेशनल साऊथ एशिया ऑफिस में क्लब एवं डिस्ट्रिक्ट सपोर्ट मैनेजर जतिंदर सिंह द्धारा दिखाए जा रहे दूसरे तथ्यों/सुबूतों को देखते हुए पीटी प्रभाकर ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिस पक्षपातपूर्ण और धाँधलीपूर्ण तरीके से दीपक बाबू को चुनाव जितवाया गया, उसे जानने/पहचानने के बाद दीपक बाबू को वर्ष 2016-17 में तो गवर्नर नहीं बनने दिया जायेगा ।
पीटी प्रभाकर के दिल्ली में दिखाए गए इन तेवरों से दिल्ली में होने जा रहे डिस्ट्रिक्ट 3012 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट पद के चुनाव पर नजरें आ पड़ी हैं, जहाँ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट जेके गौड़, उनके डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रमेश अग्रवाल और उनके डीआरएफसी मुकेश अरनेजा खुलेआम शरत जैन को जितवाने का बीड़ा उठाए हुए हैं । पीटी प्रभाकर को दीपक बाबू के साथ राकेश सिंघल की एक तस्वीर मिली; शरत जैन के साथ जेके गौड़-रमेश अग्रवाल-मुकेश अरनेजा की तस्वीरों का तो पूरा अल्बम है । पक्षपातपूर्ण और धाँधलीपूर्ण तरीके से दीपक बाबू को चुनाव जितवाने की जिस बात पर पीटी प्रभाकर उखड़े हुए हैं; शरत जैन के मामले में तो उससे कहीं ज्यादा पक्षपातपूर्ण व धाँधलीपूर्ण तरीकों को अपनाया जा रहा है । डिस्ट्रिक्ट 3012 में शरत जैन को चुनाव जितवाने के लिए जेके गौड़, रमेश अग्रवाल, मुकेश अरनेजा की तिकड़ी तो रोटरी और डिस्ट्रिक्ट ही 'बेचे' दे रही है । ऐसे में सवाल यही उठ रहा है कि पीटी प्रभाकर ने यदि डिस्ट्रिक्ट 3100 के दीपक बाबू के साथ कोई निजी खुंदक नहीं निकाली है, और सचमुच में रोटरी के हितों का ध्यान रखते हुए फैसला किया है - तो फिर वह डिस्ट्रिक्ट 3012 में शरत जैन के साथ वैसा ही फैसला क्यों नहीं करेंगे ?
पीटी प्रभाकर एक जैसे 'अपराध' के बावजूद शरत जैन के साथ वैसा कुछ नहीं करेंगे, जैसा कि उन्होंने दीपक बाबू के साथ किया है; क्यों नहीं करेंगे - शरत जैन, जेके गौड़, रमेश अग्रवाल, मुकेश अरनेजा के पास इसका एक बड़ा ठोस जबाव है; उनका जबाव है कि - क्योंकि उनके पास सुशील गुप्ता और मनोज देसाई हैं । उनका विश्वास है कि उनके पास जब तक सुशील गुप्ता और मनोज देसाई का समर्थन है, तब तक वह कुछ भी करते रह सकते हैं और कोई पीटी/बीटी/सीटी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता ।