Saturday, January 10, 2015

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री में विक्रम शर्मा के समर्थक नेताओं के मूर्खता और धूर्तता से रचे गए स्वांग को लायंस क्लब्स इंटरनेशनल के लीगल डिवीजन ने बेपर्दा कर दिया है; बेपर्दा हुए लोग जो हुआ है उसके लिए हर्ष बंसल की टुच्ची व ओछी कारस्तानियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं

नई दिल्ली । नरेश गुप्ता - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता को लायंस क्लब्स इंटरनेशनल के लीगल डिवीजन से जो फटकार मिली है, उसके बाद उनके लिए तो बस चुल्लू भर पानी जुटाने की औपचारिकता निभाना बाकी रह गया है । मजे की बात यह हुई है कि लायंस क्लब्स इंटरनेशनल के लीगल डिवीजन से मिली इस फटकार से सकते में आये नरेश गुप्ता तथा विक्रम शर्मा के दूसरे समर्थकों ने हर्ष बंसल को कोसना शुरू कर दिया है । लीगल डिवीजन की इस फटकार ने विक्रम शर्मा के समर्थकों के मंसूबों को तगड़ी चोट तो पहुँचाई ही है, लायंस बिरादरी में उन्हें मजाक का विषय भी बना दिया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता के लिए तो यह बहुत ही अपमानजनक है, क्योंकि लायंस क्लब्स इंटरनेशनल के इतिहास में इससे पहले किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को ऐसी खुली फटकार शायद ही मिली होगी । नरेश गुप्ता के साथ हुए इस हादसे ने एक फिर यह साबित किया कि अपनी टुच्ची हरकतों के लिए बुरी तरह बदनाम हर्ष बंसल के चक्कर में जो कोई भी पड़ा है, उसे बदनामी और जलालत का प्रसाद ही मिला है । नरेश गुप्ता यह प्रसाद पाने वाले नए उदाहरण हैं । नरेश गुप्ता लोगों को खुद ही बता रहे हैं कि लायंस क्लब्स इंटरनेशनल के लीगल डिवीजन से उन्हें यह फटकार उनकी तरफ से लिखी जिस चिट्ठी के जबाव में मिली है, वह उनके नाम से हर्ष बंसल ने लिखी थी ।
नरेश गुप्ता की तरफ से लीगल डिवीजन को लिखी गई चिट्ठी में चतुराई दिखाते हुए लीगल डिवीजन को मूर्ख बनाने की जो कोशिश की गई थी, वह उल्टी पड़ गई है । दरअसल पिछले दिनों अदालती टिप्पणी में बताया गया कि अदालत ने तीन अगस्त 2014 की मीटिंग के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई है । उल्लेखनीय है कि उक्त मीटिंग में विक्रम शर्मा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुना गया था । अदालती टिप्पणी से विक्रम शर्मा और उनके समर्थकों को लगा कि इस टिप्पणी से वह लायंस क्लब्स इंटरनेशनल के पदाधिकारियों को बरगला लेंगे और तीन अगस्त के उस फैसले को लागू करवा लेंगे । नरेश गुप्ता की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में यही तर्क दिया गया कि तीन अगस्त की मीटिंग के फैसले पर अदालत ने जब रोक लगाई ही नहीं है, तब फिर उस फैसले के अनुसार विक्रम शर्मा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर घोषित किया जाए । लीगल डिवीजन की तरफ से लेकिन जबाव मिला है कि जब तक अदालत में मामला है तब तक सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद खाली ही रहेगा । जबाव में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि तीन अगस्त की मीटिंग के फैसले को इंटरनेशनल ऑफिस ने न तो मान्यता दी है और न ही स्वीकार किया है ।
विक्रम शर्मा और उनके समर्थकों की उम्मीदों को पूरी तरह ध्वस्त करते हुए लीगल डिवीजन ने साफ कह दिया है कि अदालती मामला निपट जाने के बाद इंटरनेशनल ऑफिस के संबद्ध अधिकारी तय करेंगे तथा दिशा निर्देश देंगे कि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के खाली पद को भरने के लिए क्या करना है और कैसे करना है । लीगल डिवीजन ने नरेश गुप्ता को जो जबाव भेजा है, उसमें दो-टूक तरीके से कहा है कि विक्रम शर्मा के नाम के साथ 'सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर एन्डोर्सी' और/या 'सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी' जैसा परिचय नहीं लिखा जा सकता है । लीगल डिवीजन ने अपने जबाव में 'Please note' (कृपया ध्यान दें), 'Please understand' (कृपया समझें), 'As you have been previously advised' (जैसा कि आपको पहले भी बताया गया था) जैसे संबोधनों को इस्तेमाल किया है जिससे साबित होता है कि इंटरनेशनल ऑफिस पहले ही स्पष्ट कर चुका था कि तीन अगस्त की मीटिंग में विक्रम शर्मा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुने जाने के फैसले को उसने मंजूरी नहीं थी; लेकिन फिर भी विक्रम शर्मा और उनके समर्थक डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच भ्रम बनाए हुए थे और ऐसा जता रहे थे कि अदालती मामला निपटते ही विक्रम शर्मा स्वतः ही सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन जायेंगे । इंटरनेशनल ऑफिस के लीगल डिवीजन ने लेकिन मूर्खता और धूर्तता से रचे उनके स्वांग को बेपर्दा कर दिया है ।
इंटरनेशनल ऑफिस के लीगल डिवीजन के जबाव ने विक्रम शर्मा के समर्थकों के खेल को जिस तरह कतई चौपट कर दिया है, उससे समर्थक नेताओं के बीच खलबली मच गई है । नरेश गुप्ता सहित कुछेक समर्थक नेता जो हुआ है उसके लिए हर्ष बंसल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । नरेश गुप्ता के साथ साथ दूसरे कुछेक नेता भी महसूस कर रहे हैं कि हर्ष बंसल की बातों में आकर वह डिस्ट्रिक्ट के लोगों की निगाह में तो गिर ही गए हैं, लायंस बिरादरी में भी उन्होंने अपनी इज्जत गवाँ दी है । अपनी कारस्तानियों के कारण हर्ष बंसल तो लायंस बिरादरी में बदनाम हैं ही, जो कोई उनके साथ जुड़ता है वह अपनी करतूतों से उसकी भी फजीहत करा देते हैं । हर्ष बंसल लेकिन किस्मत के धनी हैं - एक घटिया व्यक्ति की पहचान रखने के बावजूद लोग उन्हें मिल भी जाते हैं; और फिर अपने आप को कोसते हैं कि हर्ष बंसल से वह क्यों मिले ?