चंडीगढ़
। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल की अगले रोटरी वर्ष की टीम का
'परिचय' शीर्षक से हो रहा पहला कार्यक्रम ग्लोबल ग्रांट के लिए प्रस्ताव
माँगने तथा निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा का मौजूदा
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी से पैसे ऐंठने की कोशिश के चलते विवाद में पड़
गया है । प्रवीन गोयल ने अपने पहले कार्यक्रम का निमंत्रण देते हुए
प्रेसीडेंट्स इलेक्ट को संबोधित जो पत्र लिखा है, उसमें ग्लोबल ग्रांट के
लिए आवेदन देने पर जिस तरह से जोर दिया है - उससे आभास मिला है कि
डिस्ट्रिक्ट में ग्लोबल ग्रांट्स के बल-बूते राजनीति, धंधा और मौज-मजा करने
वाले गिरोह ने प्रवीन गोयल को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और प्रवीन गोयल
ने उनके 'एजेंडे' पर अमल करना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि
डिस्ट्रिक्ट 3080 में पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू
की छत्रछाया में ग्लोबल ग्रांट्स 'हड़पने' के काम को संगठित रूप दे दिया गया
है । इसके तहत ग्लोबल ग्रांट 'बटोरने' और मनमाने तरीके से उसका इस्तेमाल
अपनी राजनीति करने में, अपने धंधे को बढ़ाने में और अपना मौज-मजा करने में
किया जाता रहा है । पिछले दिनों राजा साबू की छत्रछाया में चलने वाले इस
संगठित 'धंधे' के जो कुछ तथ्य सामने आये हैं, वह हैरान करने वाले हैं - और
जो ग्लोबल ग्रांट जैसे रोटरी इंटरनेशनल की महत्त्वपूर्ण योजना को रोटरी
इंटरनेशनल के ही एक पूर्व प्रेसीडेंट द्वारा मजाक और 'लूट' का जरिया बना
देने के उदाहरण और सुबूत पेश करते हैं । राजा साबू की छत्रछाया में चलने
वाले इस संगठित धंधे में यह कमाल भी हुआ कि खुद राजा साबू के क्लब में कई
कई ग्लोबल ग्रांट्स ली गईं, जिनके पैसों पर खुद राजा साबू दूसरे देशों में
बाज उड़ाते और मधुकर मल्होत्रा अपनी पत्नी के साथ दूसरे देशों में सैरसपाटा
करते देखे/पाए गए । कुछेक ग्लोबल ग्रांट्स में तो यहाँ तक हुआ कि क्लब
की तरफ से बिना इकन्नी दिए ही ग्रांट हड़प ली गई । यानि राजा साबू की
छत्रछाया में ग्लोबल ग्रांट के बलबूते 'हींग लगे न फिटकरी, रंग चोखा' का
पूरा इंतजाम कर लिया गया । इस सब की पोल खुलने के बाद उम्मीद की गई थी कि
राजा साबू की छत्रछाया में चलने वाले इस संगठित धंधे पर रोक लगेगी और
ग्लोबल ग्रांट्स का नियमानुसार बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा ।
डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल ने लेकिन अपने पहले ही कार्यक्रम में जिस तरह
से ग्लोबल ग्रांट के लिए प्रस्ताव माँगे हैं, उससे संकेत मिले हैं कि राजा
साबू की छत्रछाया में ग्लोबल ग्रांट हड़पने का खेल अभी बंद नहीं हुआ है -
बल्कि प्रवीन गोयल के जरिए ग्लोबल ग्रांट को हड़पने के खेल को तेज और कर
दिया गया है । यहाँ ध्यान में रखने की बात यह है कि प्रवीन गोयल, राजा
साबू के क्लब के ही सदस्य हैं । अपने पहले कार्यक्रम का निमंत्रण देते हुए,
प्रेसीडेंट्स इलेक्ट को संबोधित पत्र में प्रवीन गोयल ने कहा है कि वह 14
जनवरी को इंटरनेशनल असेंबली के लिए रवाना हो रहे हैं, इसलिए 'जरूरी' है
कि ग्लोबल ग्रांट के लिए प्रस्ताव 6 जनवरी के उक्त कार्यक्रम में सौंप दिए
जाएँ । अपने पत्र में प्रवीन गोयल का यह कहना इस बात का सुबूत है कि
ग्लोबल ग्रांट के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया का खुद उन्हें भी कोई ज्ञान
नहीं है, और वह 'किसी और के' निर्देश पर ग्लोबल ग्रांट के प्रस्ताव
लेने की खानापूरी करने की हड़बड़ी में हैं ।
डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर इलेक्ट प्रवीन गोयल ग्लोबल ग्रांट के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया
का यदि प्रारंभिक ज्ञान भी प्राप्त कर लेते तो उन्हें इतना तो पता हो ही
जाता कि इंटरनेशनल असेंबली में शामिल होने जा रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
इलेक्ट को अपने साथ ग्लोबल ग्रांट्स के प्रस्ताव ले जाना कतई 'जरूरी' नहीं
है । दो व्यावहारिक बातें भी हैं : पहली यह कि अभी खुद प्रवीन गोयल की और
'उनके' प्रेसीडेंट्स की ट्रेनिंग होनी है, प्रेसीडेंट इलेक्ट से यह
उम्मीद करना कि वह अपने 'परिचय' कार्यक्रम में ग्लोबल ग्रांट का प्रस्ताव
तैयार करके ले आएगा - बताता/दिखाता है कि प्रवीन गोयल को अभी बहुत ट्रेनिंग
की जरूरत है; दूसरी बात यह कि रोटरी की व्यवस्था और नियमों के अनुसार किसी
भी वर्ष रोटरी का अधिकृत काम उस वर्ष के क्लब-प्रेसीडेंट तथा उस वर्ष के
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के मार्फ़त ही हो सकता है, प्रवीन गोयल लेकिन दोनों को
ही किनारे करके ग्लोबल ग्रांट के प्रस्ताव माँगने को जिस तरह जरूरी बता रहे
हैं उससे साबित कर रहे हैं कि उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार
संभालने के लिए तैयारी भले ही शुरू कर दी है - लेकिन वह रोटरी का बुनियादी
ज्ञान और समझ अभी तक भी प्राप्त नहीं कर सके हैं । रोटरी इंटरनेशनल की
व्यवस्था और उसके नियमों की अनदेखी करते हुए प्रवीन गोयल ने प्रेसीडेंट्स
इलेक्ट के लिए 6 जनवरी के कार्यक्रम में ग्लोबल ग्रांट के प्रस्ताव देने को
जिस हड़बड़ी के साथ 'जरूरी' करार दिया है, उसके पीछे राजा साबू की छत्रछाया
में ग्लोबल ग्रांट हड़पने की संगठित योजना को पूरा करने की तरकीब को छिपा
देखा/पहचाना जा रहा है ।
प्रवीन गोयल के 6 जनवरी के
कार्यक्रम की आड़ में निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा ने मौजूदा
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी से करीब 80 हजार रुपए ऐंठने की जो कोशिश की
है, वह और भी मजेदार किस्सा है । उल्लेखनीय है डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप
में रमन अनेजा ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में टीके रूबी द्वारा
किए गए पेट्स के आयोजन में तो एक नए पैसे का सहयोग नहीं दिया - डिस्ट्रिक्ट
की व्यवस्था के अनुसार जो उन्हें देना चाहिए था, लेकिन अब रमन अनेजा माँग
कर रहे हैं कि प्रवीन गोयल के कार्यक्रम के लिए दिया जाने वाला पैसा टीके
रूबी उन्हें दे दें । टीके रूबी का कहना रहा है कि जिस तरह से उन्होंने
अपने खर्चे स्वयं वहन किए हैं, उसी तरह से प्रवीन गोयल को भी अपने खर्चे
स्वयं करने चाहिएँ - प्रवीन गोयल ने 1300 रुपए और 2250 रुपए का रजिस्ट्रेशन
चार्ज बसूल करके अपने कार्यक्रम के खर्चे की व्यवस्था कर भी ली है, लेकिन
रमन अनेजा को फिर भी टीके रूबी से करीब 80 हजार रुपए चाहिए हीं । दरअसल रमन
अनेजा ने पिछले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में
प्रवीन गोयल द्वारा किए गए कार्यक्रम के खर्च के लिए कुछ पैसे खर्च किए थे,
लेकिन डिस्ट्रिक्ट में हुए उलटफेर के चलते फिर वह कार्यक्रम हुआ ही नहीं,
जिसके चलते रमन अनेजा के करीब 80 हजार रुपए फँसे । रमन अनेजा को वह रकम
प्रवीन गोयल से माँगनी चाहिए, जो अपने कार्यक्रम का खर्च पूरा करने के लिए
रजिस्ट्रेशन चार्ज बसूल रहे हैं - और लोगों के कहे अनुसार ज्यादा ही बसूल
रहे हैं; रमन अनेजा उक्त रकम लेकिन टीके रूबी से झटकने की कोशिश कर रहे
हैं ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के रूप में प्रवीन
गोयल द्वारा ग्लोबल ग्रांट के प्रस्ताव सौंपने को जरूरी बताने तथा
निवर्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमन अनेजा द्वारा मौजूदा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर
टीके रूबी से रकम ऐंठने की कोशिश ने प्रवीन गोयल के पहले ही कार्यक्रम को
विवादस्पद बना दिया है । इन बातों से लगता है कि प्रवीन गोयल के
गवर्नर-काल में रोटरी की व्यवस्थाओं और नियम-कानूनों का मजाक बनना देखने के
मजेदार मौके मिलते रहेंगे ।