Monday, January 29, 2018

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन की तीसरी कैबिनेट मीटिंग में कमल शेखर के शो को फ्लॉप हुआ देख तथा इसे लेकर विशाल सिन्हा और प्रमोद चंद्र सेठ के बीच शुरू हुई तू तू मैं मैं को सुन कर हताश हुए गुरनाम सिंह के कार्यक्रम के बीच से ही वापस लौटने से कमल शेखर की हालत और पतली हुई

शाहजहाँपुर । शाहजहाँपुर में आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग में कमल शेखर और उनके समर्थक नेताओं ने अपनी 'ताकत' दिखाने की योजना तो बहुत बनाई थी, लेकिन उस योजना के बुरी तरह से पिट जाने के कारण अब उनके बीच आपस में ही तू तू मैं मैं शुरू हो गई है । विशाल सिन्हा ने योजना के पिट जाने के लिए प्रमोद चंद्र सेठ को यह कहते हुए जिम्मेदार ठहराया कि प्रमोद चंद्र सेठ ने बातें तो बड़ी बड़ी की थीं, लेकिन देखने में आया कि उन्होंने रिजल्ट कुछ नहीं दिया । प्रमोद चंद्र सेठ ने यह कहते/बताते हुए विशाल सिन्हा को जिम्मेदार ठहराया कि विशाल सिन्हा ने सारी जिम्मेदारी तो उन्हें सौंप दी, किंतु तालमेल बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली । योजना को बुरी तरह पिटा देख और इसके लिए विशाल सिन्हा व प्रमोद चंद्र सेठ को आपस में भिड़ा देख गुरनाम सिंह इतने निराश हुए कि वह कार्यक्रम के बीच से ही वापस लौट गए । हालात से निराश और हताश विशाल सिन्हा ने अपनी नाराजगी 'जय हो' शीर्षक फिल्मी गीत पर निकाली और उसे बजने से रुकवा दिया । इस सारे तमाशे को देख कमल शेखर के नजदीकियों ने समझ लिया कि कमल शेखर को उनके समर्थक नेता एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते हुए किस तरह बेवकूफ बना रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि शाहजहाँपुर में आयोजित हुई तीसरी कैबिनेट मीटिंग को लेकर कमल शेखर के समर्थक नेता खासे उत्साहित थे । उनकी योजना थी कि इस मीटिंग में वह अपने समर्थकों का बड़ा जमावड़ा इकट्ठा करेंगे, जिसके जरिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच हवा बनायेंगे कि कमल शेखर को भारी समर्थन हैं । योजना के अनुसार, शाहजहाँपुर के ज्यादा से ज्यादा क्लब्स के पदाधिकारियों को कमल शेखर के इर्द-गिर्द इकट्ठा करने और 'दिखाने' की तैयारी की जा रही थी, जिससे संदेश दिया जा सके कि अशोक अग्रवाल को तो अपने शहर में ही समर्थन नहीं मिल रहा है, और उनके शहर में उनसे ज्यादा समर्थन तो कमल शेखर के साथ है । इस योजना को क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी प्रमोद चंद्र सेठ को सौंपी गई थी । प्रमोद चंद्र सेठ यूँ भी दावा करते रहे हैं कि शाहजहाँपुर में एक अशोक अग्रवाल के क्लब को छोड़ कर सभी क्लब्स के वोट उनके कहने से पड़ेंगे । उनके इसी दावे को ध्यान में रखते हुए तीसरी कैबिनेट मीटिंग में कमल शेखर के कैम्प में शाहजहाँपुर के ज्यादातर क्लब्स के पदाधिकारियों को जुटाने की जिम्मेदारी प्रमोद चंद्र सेठ को सौंपी गई थी । मीटिंग के दौरान लेकिन नजारा बिलकुल उल्टा दिखाई दिया । शाहजहाँपुर के अधिकतर क्लब्स के पदाधिकारी अशोक अग्रवाल के कैम्प में और उनके इर्द-गिर्द ही दिखाई पड़े । यहाँ तक कि प्रमोद चंद्र सेठ और संजय चोपड़ा के क्लब्स के कई एक प्रमुख सदस्य तक अशोक अग्रवाल के कैम्प में नजर आए ।
तीसरी कैबिनेट मीटिंग के लिए तैयार की गई अपनी योजना को बुरी तरह से पिटता और मामले को उल्टा पड़ता देख कमल शेखर के समर्थक नेताओं के बीच गहरी निराशा छा गई और इस निराशा में विशाल सिन्हा तो बुरी तरह से बौखला गए । उनकी बौखलाहट का शिकार बने प्रमोद चंद्र सेठ । विशाल सिन्हा ने यह कहते हुए प्रमोद चंद्र सेठ को अपमानित किया कि प्रमोद चंद्र सेठ बातें तो बड़ी बड़ी कर रहे थे, लेकिन यहाँ दिख गया है कि उनके बस की कुछ है नहीं । प्रमोद चंद्र सेठ यूँ तो भले व्यक्ति हैं और प्रायः बहसबाजी में उलझते नहीं हैं, लेकिन विशाल सिन्हा की जलीकटी बातें सुनकर उनसे चुप रहा नहीं गया और उन्होंने पलटकर जबाव दिया कि विशाल सिन्हा यदि यह समझते हैं कि लोगों के साथ तालमेल बनाने के प्रयास करने की बजाए वह बद्तमीजीपूर्ण बातें करके ही कमल शेखर के लिए समर्थन जुटा लेंगे, तो भारी भ्रम में हैं । प्रमोद चंद्र सेठ का कहना रहा कि विशाल सिन्हा - और विशाल सिन्हा के कहने में आकर कमल शेखर ने शाहजहाँपुर में लोगों के साथ तालमेल बनाने का प्रयास ही नहीं किया, जिसका नतीजा रहा कि तीसरी कैबिनेट मीटिंग में कमल शेखर का 'शो' बुरी से पिट गया । कमल शेखर के शो को फ्लॉप हुआ देख तथा इसे लेकर विशाल सिन्हा और प्रमोद चंद्र सेठ के बीच शुरू हुई तू तू मैं मैं को सुन कर गुरनाम सिंह तो इतने हताश हुए कि कार्यक्रम के बीच में ही वापस लौट गए । वापस लौटते हुए उन्होंने कुछेक लोगों से कहा भी कि मैं यहाँ बहुत उत्साह और उम्मीद के साथ आया था, लेकिन मैं देख रहा हूँ कि कमल शेखर की उम्मीदवारी के लिए ज्यादा समर्थन जुट नहीं रहा है और अशोक अग्रवाल के मुकाबले वह बहुत ही कमजोर साबित हो रहे हैं ।  
गुरनाम सिंह को निराश और हताश होकर कार्यक्रम के बीच से ही वापस लौटता देख कमल शेखर के कैम्प में और मायूसी छा गई । इस मायूसी को देख विशाल सिन्हा का पारा और चढ़ गया - चढ़े पारे में वह लेकिन करते भी तो क्या करते ? विशाल सिन्हा ने फिर भी अपना गुस्सा एआर रहमान के 'जय हो' शीर्षक मशहूर फिल्मी गीत पर निकाला । उल्लेखनीय है कि अशोक अग्रवाल ने सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के रूप में 'जय हो' का उद्घोष किया हुआ है, जो एक तरह से उनका नारा ही बन गया है । कार्यक्रम के लगभग हो चुकने के बाद जब गाने आदि चल रहे थे, तब एआर रहमान का 'जय हो' शीर्षक गीत बजने पर विशाल सिन्हा बुरी तरह भड़क गए और आरोप लगाने लगे कि इस गाने के जरिये अशोक अग्रवाल की उम्मीदवारी का प्रचार किया जा रहा है । विशाल सिन्हा ने इस गीत को बजने से रोकने की माँग की । उनकी यह माँग सुनकर लोगों के बीच उनका बड़ा मजाक भी बना - और लोगों ने यही कहा कि अपने उम्मीदवार कमल शेखर की पतली हालत को देख कर विशाल सिन्हा दरअसल बुरी तरह बौखला गए हैं और इसी बौखलाहट में एक फिल्मी गीत से वह चिढ़ उठे हैं । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में अब एक महीने से भी कम समय रह गया है - जाहिर है कि अपनी पतली हालत को सुधारने का कमल शेखर के पास ज्यादा मौका नहीं बचा है । उनके समर्थक नेताओं की बौखलाहट को देख कर लग रहा है कि उन्हें भी हालत को सुधारने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है ।