Saturday, January 13, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में रवि चौधरी द्वारा की गई पक्षपातपूर्ण बेईमानी की शिकायत न करने के लिए अनूप मित्तल को राजी करने वाले पूर्व गवर्नर्स विनय भाटिया के गवर्नर-काल में भी क्या चुपचाप बैठे घटिया हरकतों का तमाशा देखते रहेंगे ?

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में हुई बेईमानी के आरोपों को लेकर रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत न करने के लिए अनूप मित्तल को राजी कर लेने में पूर्व गवर्नर्स नेताओं को जो सफलता मिली है, उसने विजेता बने संजीव राय मेहरा के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी को भी बड़ी राहत पहुँचाई है । दरअसल चुनाव में हुई बेईमानी के आरोप और सुबूत इतने पुख्ता थे कि जाँच-पड़ताल में संजीव राय मेहरा को मिली जीत तो छिन ही जाती, रवि चौधरी के लिए भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद बचाना मुश्किल हो जाता - और वह भी डिस्ट्रिक्ट 3100 के सुनील गुप्ता की दशा को प्राप्त होते । उल्लेखनीय है कि जैसे आरोप रवि चौधरी पर रहे हैं, लगभग वैसे ही आरोप डिस्ट्रिक्ट 3100 के गवर्नर सुनील गुप्ता पर थे - जिनकी रोटरी इंटरनेशल में शिकायत हुई; रोटरी इंटरनेशनल ने आरोपों को सही पाया और सुनील गुप्ता को तुरंत गवर्नर पद से इस्तीफा देने को कहा । उन्हें बता दिया गया कि उन्होंने यदि तुरंत इस्तीफा नहीं दिया, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा । सुनील गुप्ता को पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का स्टेटस भी नहीं मिला । रवि चौधरी की हरकतों से परिचित लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रवि चौधरी की हरकतें तो और भी घटिया व निर्लज्ज किस्म की रही हैं; ऐसे में, अनूप मित्तल ने यदि रोटरी इंटरनेशनल में औपचारिक रूप से शिकायत कर दी होती, तो रवि चौधरी का भी सुनील गुप्ता जैसा ही हाल होता । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि अनूप मित्तल को शिकायत न करने के लिए राजी करके, उन्होंने रवि चौधरी को नहीं - बल्कि डिस्ट्रिक्ट को बचाया है । उनका कहना है कि शिकायत होती तो जाँच बैठती और फिर आरोपों का पिटारा खुलता, जिसमें कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की रवि चौधरी के साथ मिली भगत के तथ्य भी मिलते - और फिर हो सकता था कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में की गईं रवि चौधरी की करतूतों की सजा उनके साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट को भी मिलती, जैसा डिस्ट्रिक्ट 3100 के साथ हुआ ।
रवि चौधरी की करतूतों को नजरअंदाज करने के मामले में पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता खासतौर से लोगों के निशाने पर हैं । लोगों का कहना है कि अपने निजी स्वार्थ में वह रवि चौधरी की हरकतों पर आँख मूँदे रहे, जिससे रवि चौधरी को मनमानी बेवकूफियाँ और बद्तमीज़ियाँ करने का हौंसला मिलता रहा । आभा झा चौधरी की शिकायत के मामले में सुशील गुप्ता के सामने पूरा मौका था, जबकि वह रवि चौधरी को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की गरिमा को बनाए रखने के बारे में आगाह कर सकते थे, उन्हें समझा सकते थे - लेकिन उन्होंने कुछ भी करने की जरूरत तो नहीं ही समझी; संकेतों व रवैये से रवि चौधरी को शह और दी, जिससे रवि चौधरी को अपनी बद्तमीज़ियाँ जारी रखने के लिए और बल मिला । कुछेक लोगों को लगता है कि सुशील गुप्ता दरअसल रवि चौधरी से डर गए; सुशील गुप्ता जान/समझ रहे हैं कि रवि चौधरी एक बद्तमीज किस्म के व्यक्ति हैं, लिहाजा सुशील गुप्ता को डर रहा कि वह कुछ कहेंगे तो रवि चौधरी उनके साथ भी बद्तमीजी कर सकते हैं - इसलिए उन्होंने चुप रहने में ही अपनी भलाई देखी । कुछेक पूर्व गवर्नर्स का कहना रहा भी कि वह चाहते और कोशिश करते तो रवि चौधरी की अक्ल ठिकाने लगा/लगवा सकते थे, लेकिन तब डिस्ट्रिक्ट की भी बदनामी होती - और यह ऐसा ही मामला होता जैसे घर में गंदगी फैला रहे चूहों से निपटने के लिए कोई घर में ही आग लगा ले । उनका कहना है कि रवि चौधरी के चक्कर में डिस्ट्रिक्ट की बदनामी तो हालाँकि हो रही है, लेकिन अभी मामला अधिकृत बदनामी की स्थिति में नहीं है - डिस्ट्रिक्ट को उस स्थिति में फँसने से बचाए रखने के लिए रवि चौधरी की बदतमीजियों को कुछ और दिन बर्दाश्त कर लेना अच्छा है । उनका कहना है कि कुछेक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की हरकतों के चलते डिस्ट्रिक्ट वैसे ही रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों के 'निशाने' पर है, ऐसे में रवि चौधरी की हरकतों की शिकायत होने पर डिस्ट्रिक्ट मुसीबत में फँस जा सकता है ।
डिस्ट्रिक्ट को मुसीबत में फँसने से बचाने के लिए पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स नेताओं ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी की पक्षपातपूर्ण बेईमानी की शिकायत करने से अनूप मित्तल को रोक तो लिया है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच यह सवाल चर्चा में है कि क्या यह पूर्व गवर्नर्स अनूप मित्तल को अगले रोटरी वर्ष के गवर्नर विनय भाटिया के पक्षपातपूर्ण रवैये का शिकार होने से बचा सकेंगे ? विनय भाटिया के नजदीकी और उनके गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बने पूर्व गवर्नर विनोद बंसल ने आश्वासन तो दिया है कि अगले वर्ष के चुनाव में विनय भाटिया तटस्थ रहेंगे और किसी भी उम्मीदवार के पक्ष में बेईमानी नहीं करेंगे, लेकिन विनय भाटिया ने जिस तरह से अगले रोटरी वर्ष के लिए घोषित उम्मीदवार अशोक कंतूर को प्रमोट करने का काम शुरू किया हुआ है - उसे देखते हुए विनोद बंसल का आश्वासन पूरा होता हुआ तो नहीं लग रहा है । कई मामलों में दरअसल विनय भाटिया को रवि चौधरी के ही 'छोटे भाई' के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है - और लोगों को आशंका है कि विनय भाटिया का गवर्नर-काल भी रवि चौधरी के गवर्नर-काल की तरह घटिया किस्म की हरकतों के कारण बदनाम रहेगा । इसी आधार पर लोगों को लग रहा है कि अनूप मित्तल को रवि चौधरी द्वारा की गई पक्षपातपूर्ण बेईमानी की शिकायत न करने के लिए राजी करने वाले पूर्व गवर्नर्स जैसे इस वर्ष रवि चौधरी की हरकतों को चुपचाप बैठे देखते रहे, वैसे ही वह विनय भाटिया के गवर्नर-काल में भी चुपचाप बैठे तमाशा ही देखते रहेंगे - और डिस्ट्रिक्ट की बदनामी में सहयोग करते रहेंगे ।