नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ ईस्ट की प्रेसीडेंट सारिका यादव ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से अवॉर्ड प्राप्त करने
के चक्कर में क्लब की और क्लब के वरिष्ठ सदस्यों की पहचान व प्रतिष्ठा के
साथ जो खिलवाड़ किया है, उसे लेकर क्लब में खासा बबाल पैदा हो गया है । सारिका
यादव ने प्रेसीडेंट पद से इस्तीफा देने के ऑफर का नाटक करके इस बबाल को और
भड़का दिया है । क्लब के कई सदस्यों का कहना है कि सारिका यादव को यदि
सचमुच इस्तीफा देना है, तो वह इस्तीफा देती क्यों नहीं हैं - इस्तीफा देने
के ऑफर का नाटक क्यों कर रही हैं ? क्लब के कुछेक वरिष्ठ सदस्य हालाँकि
बीच-बचाव करने के प्रयासों में भी लगे हैं, और उन सदस्यों को समझाने में
लगे हैं जो प्रेसीडेंट के रूप में सारिका यादव के रवैये व व्यवहार से
नाराज हैं । क्लब के कुछेक सदस्य यह भी कहने लगे हैं कि इस बार के
घटनाचक्र से सबक लेकर क्लब के प्रेसीडेंट के चुनाव में सावधानी रखने की
जरूरत है, ताकि सारिका यादव जैसे छोटी सोच के स्वार्थी लोग अध्यक्ष न बन
सकें और क्लब की पहचान व प्रतिष्ठा को कलंकित न कर सकें ।
प्रेसीडेंट के रूप में सारिका यादव के रवैये व व्यवहार से नाराज क्लब के
सदस्यों का कहना है कि क्लब की गतिविधियों के संचालन में तो सारिका यादव को
क्लब के सदस्यों का सहयोग व समर्थन चाहिए होता है, लेकिन अपने लिए अवॉर्ड
के लालच में वह क्लब के साथ-साथ क्लब के वरिष्ठ सदस्यों की साख व प्रतिष्ठा
को भी अपने व्यवहार और रवैये से दाँव पर लगाती रही हैं ।
क्लब के सदस्यों के अनुसार, सारिका यादव के क्लब विरोधी रवैये की इंतहा का नजारा डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उस समय देखने को मिला, जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश जैन के खिलाफ बकवासबाजी करने लगे, और सारिका यादव उनकी हाँ में हाँ मिलाने लगीं । सुरेश जैन रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ ईस्ट के सदस्य हैं, और रोटरी के लिए उन्होंने जितना किया है - किसी दूसरे रोटेरियन ने नहीं किया है । सुरेश जैन ने रोटरी में अपना पैसा तो लगाया ही है, अपनी पहल और सक्रियता से रोटरी के कई एक महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स भी संभव किए हैं । रवि चौधरी लेकिन उन्हें एक बेईमान पूर्व गवर्नर के रूप में चित्रित कर रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि सुरेश जैन ने रोटरी फाउंडेशन में जितने पैसे दिए हैं, उससे कहीं ज्यादा उन्होंने रोटरी फाउंडेशन से पैसे लिए हैं । यह बात अपने आप में रवि चौधरी की मूर्खता को ही जाहिर कर रही थी - सुरेश जैन के नाम पर रोटरी फाउंडेशन से जो पैसे मिले हैं, वह विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए ही तो मिले हैं; तो उसमें आरोप जैसी भला क्या बात है ? यह सामान्य सी बात लेकिन रवि चौधरी की समझ में नहीं आएगी - क्योंकि उन्होंने तो रोटरी के लिए कुछ किया नहीं है । अपने 'कुछ न करने' को, अपने 'छोटेपन' को छिपाने का उन्हें यही तरीका आता है कि जिन्होंने कुछ किया है, उन्हें लांछित करो । अपने इसी फार्मूले को अपनाते हुए रवि चौधरी विभिन्न मौकों पर विनोद बंसल को तरह तरह से लांछित करते रहे; और डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सुरेश जैन को लपेट लिया । सुरेश जैन के खिलाफ रवि चौधरी की बकवासबाजी को सुनने वाले लोगों को रवि चौधरी के व्यवहार पर तो कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि रवि चौधरी के घटिया स्वभाव से सभी परिचित हैं - किंतु सुरेश जैन के क्लब की प्रेसीडेंट सारिका यादव को रवि चौधरी की हाँ में हाँ मिलाते और उनकी बकवासबाजी का समर्थन करते देख लोगों को जरूर हैरानी हुई ।
सारिका यादव के इस व्यवहार में इंतहा की भी इंतहा तब हुई, जब मौके पर मौजूद उनके क्लब के वरिष्ठ सदस्य नीरज भटनागर ने सुरेश जैन के खिलाफ बकवास करते रवि चौधरी को टोका और उनसे कहा कि सुरेश जैन जैसे व्यक्ति के लिए उन्हें इस तरह की बातें नहीं कहना/करना चाहिए - जिसे सुनकर रवि चौधरी, नीरज भटनागर पर ही भड़कने लगे और उस दौरान भी सारिका यादव ने रवि चौधरी की ही बातों के प्रति समर्थन दिखाया/जताया । सारिका यादव के इस व्यवहार की जानकारी जब क्लब के अन्य सदस्यों को मिली, तब अधिकतर सदस्य भड़क उठे । सदस्यों का कहना रहा कि सारिका यादव को अवॉर्ड मिलेगा, तो यह क्लब के सदस्यों के लिए भी गर्व करने की बात होगी - लेकिन अवॉर्ड पाने के लिए सारिका यादव इस स्तर तक चली जायेंगी कि रवि चौधरी द्वारा क्लब के वरिष्ठ सदस्यों को अपमानित किए जाने को भी समर्थन देने लगेंगी, तो यह क्लब और क्लब के सदस्यों के लिए नितांत शर्म की ही बात है । सारिका यादव की खुशकिस्मती रही कि क्लब के अधिकतर सदस्यों को इस बात का पता भी नहीं रहा/चला कि सारिका यादव अपने अवॉर्ड के चक्कर में किस किस तरह से क्लब का नाम खराब करती रही हैं और क्लब के वरिष्ठ सदस्यों के लिए अपमानजनक स्थितियाँ पैदा करती रही हैं - लेकिन सुरेश जैन के प्रति और नीरज भटनागर के साथ रवि चौधरी द्वारा की गई बदतमीजी का उनके द्वारा किए गए समर्थन की बात ने पिछली बातों को भी उद्घाटित कर दिया । इसके बाद ही क्लब में चर्चा चली कि सारिका यादव क्लब की प्रेसीडेंट बने रहने लायक नहीं हैं और उन्हें क्लब के प्रेसीडेंट पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए ।
क्लब में अपने खिलाफ बने माहौल की भनक लगते ही सारिका यादव ने चाल चली और प्रेसीडेंट पद से इस्तीफा दे देने का ऑफर दिया । उनका कहना रहा कि उनके व्यवहार और रवैये को लेकर क्लब के सदस्यों के बीच यदि नाराजगी है, तो फिर वह प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे देती हैं । उनके इस ऑफर पर क्लब के कुछेक सदस्य बीच-बचाव की कोशिशों में जुट गए हैं । उनका कहना है कि रोटरी में और डिस्ट्रिक्ट में इस तरह की बातें होती ही रहती हैं; रवि चौधरी ने सुरेश जैन से सीधे सीधे तो कुछ नहीं कहा है - सुरेश जैन की पीठ के पीछे उन्होंने जो कुछ भी कहा है, उसके लिए क्लब की प्रेसीडेंट को दोषी क्यों ठहराना चाहिए ? क्लब के कुछेक सदस्य सारिका यादव के प्रेसीडेंट पद को बचाने की कोशिशों में भले ही जुट गए हों, लेकिन क्लब के अधिकतर सदस्यों का मानना और कहना है कि सारिका यादव अवॉर्ड के लिए रवि चौधरी की चाटुकारिता में इस हद तक चली गईं हैं कि क्लब के वरिष्ठ सदस्यों के किए जा रहे अपमान तक का समर्थन करने लगीं हैं - तो उन्हें प्रेसीडेंट के पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं है । ऐसा मानने और कहने वाले सदस्यों का यह भी कहना है कि सारिका यादव को इस्तीफे का ऑफर देने की बजाए प्रेसीडेंट पद से इस्तीफा देना चाहिए । ऑफर से ऐसा लग रहा है जैसे कि वह प्रेसीडेंट पद पर बने रहना चाहती हैं, और इस्तीफे का सिर्फ नाटक कर रही हैं । मजे की बात यह है कि ऐसा कहने वाले सदस्यों में ही कुछेक को यह भी लग रहा है कि इस्तीफे के ऑफर के नाटक के जरिए सारिका यादव प्रेसीडेंट का पद बहुत संभव है कि बचा भी लें ।
क्लब के सदस्यों के अनुसार, सारिका यादव के क्लब विरोधी रवैये की इंतहा का नजारा डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उस समय देखने को मिला, जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश जैन के खिलाफ बकवासबाजी करने लगे, और सारिका यादव उनकी हाँ में हाँ मिलाने लगीं । सुरेश जैन रोटरी क्लब दिल्ली साऊथ ईस्ट के सदस्य हैं, और रोटरी के लिए उन्होंने जितना किया है - किसी दूसरे रोटेरियन ने नहीं किया है । सुरेश जैन ने रोटरी में अपना पैसा तो लगाया ही है, अपनी पहल और सक्रियता से रोटरी के कई एक महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स भी संभव किए हैं । रवि चौधरी लेकिन उन्हें एक बेईमान पूर्व गवर्नर के रूप में चित्रित कर रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि सुरेश जैन ने रोटरी फाउंडेशन में जितने पैसे दिए हैं, उससे कहीं ज्यादा उन्होंने रोटरी फाउंडेशन से पैसे लिए हैं । यह बात अपने आप में रवि चौधरी की मूर्खता को ही जाहिर कर रही थी - सुरेश जैन के नाम पर रोटरी फाउंडेशन से जो पैसे मिले हैं, वह विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए ही तो मिले हैं; तो उसमें आरोप जैसी भला क्या बात है ? यह सामान्य सी बात लेकिन रवि चौधरी की समझ में नहीं आएगी - क्योंकि उन्होंने तो रोटरी के लिए कुछ किया नहीं है । अपने 'कुछ न करने' को, अपने 'छोटेपन' को छिपाने का उन्हें यही तरीका आता है कि जिन्होंने कुछ किया है, उन्हें लांछित करो । अपने इसी फार्मूले को अपनाते हुए रवि चौधरी विभिन्न मौकों पर विनोद बंसल को तरह तरह से लांछित करते रहे; और डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सुरेश जैन को लपेट लिया । सुरेश जैन के खिलाफ रवि चौधरी की बकवासबाजी को सुनने वाले लोगों को रवि चौधरी के व्यवहार पर तो कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि रवि चौधरी के घटिया स्वभाव से सभी परिचित हैं - किंतु सुरेश जैन के क्लब की प्रेसीडेंट सारिका यादव को रवि चौधरी की हाँ में हाँ मिलाते और उनकी बकवासबाजी का समर्थन करते देख लोगों को जरूर हैरानी हुई ।
सारिका यादव के इस व्यवहार में इंतहा की भी इंतहा तब हुई, जब मौके पर मौजूद उनके क्लब के वरिष्ठ सदस्य नीरज भटनागर ने सुरेश जैन के खिलाफ बकवास करते रवि चौधरी को टोका और उनसे कहा कि सुरेश जैन जैसे व्यक्ति के लिए उन्हें इस तरह की बातें नहीं कहना/करना चाहिए - जिसे सुनकर रवि चौधरी, नीरज भटनागर पर ही भड़कने लगे और उस दौरान भी सारिका यादव ने रवि चौधरी की ही बातों के प्रति समर्थन दिखाया/जताया । सारिका यादव के इस व्यवहार की जानकारी जब क्लब के अन्य सदस्यों को मिली, तब अधिकतर सदस्य भड़क उठे । सदस्यों का कहना रहा कि सारिका यादव को अवॉर्ड मिलेगा, तो यह क्लब के सदस्यों के लिए भी गर्व करने की बात होगी - लेकिन अवॉर्ड पाने के लिए सारिका यादव इस स्तर तक चली जायेंगी कि रवि चौधरी द्वारा क्लब के वरिष्ठ सदस्यों को अपमानित किए जाने को भी समर्थन देने लगेंगी, तो यह क्लब और क्लब के सदस्यों के लिए नितांत शर्म की ही बात है । सारिका यादव की खुशकिस्मती रही कि क्लब के अधिकतर सदस्यों को इस बात का पता भी नहीं रहा/चला कि सारिका यादव अपने अवॉर्ड के चक्कर में किस किस तरह से क्लब का नाम खराब करती रही हैं और क्लब के वरिष्ठ सदस्यों के लिए अपमानजनक स्थितियाँ पैदा करती रही हैं - लेकिन सुरेश जैन के प्रति और नीरज भटनागर के साथ रवि चौधरी द्वारा की गई बदतमीजी का उनके द्वारा किए गए समर्थन की बात ने पिछली बातों को भी उद्घाटित कर दिया । इसके बाद ही क्लब में चर्चा चली कि सारिका यादव क्लब की प्रेसीडेंट बने रहने लायक नहीं हैं और उन्हें क्लब के प्रेसीडेंट पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए ।
क्लब में अपने खिलाफ बने माहौल की भनक लगते ही सारिका यादव ने चाल चली और प्रेसीडेंट पद से इस्तीफा दे देने का ऑफर दिया । उनका कहना रहा कि उनके व्यवहार और रवैये को लेकर क्लब के सदस्यों के बीच यदि नाराजगी है, तो फिर वह प्रेसिडेंट पद से इस्तीफा दे देती हैं । उनके इस ऑफर पर क्लब के कुछेक सदस्य बीच-बचाव की कोशिशों में जुट गए हैं । उनका कहना है कि रोटरी में और डिस्ट्रिक्ट में इस तरह की बातें होती ही रहती हैं; रवि चौधरी ने सुरेश जैन से सीधे सीधे तो कुछ नहीं कहा है - सुरेश जैन की पीठ के पीछे उन्होंने जो कुछ भी कहा है, उसके लिए क्लब की प्रेसीडेंट को दोषी क्यों ठहराना चाहिए ? क्लब के कुछेक सदस्य सारिका यादव के प्रेसीडेंट पद को बचाने की कोशिशों में भले ही जुट गए हों, लेकिन क्लब के अधिकतर सदस्यों का मानना और कहना है कि सारिका यादव अवॉर्ड के लिए रवि चौधरी की चाटुकारिता में इस हद तक चली गईं हैं कि क्लब के वरिष्ठ सदस्यों के किए जा रहे अपमान तक का समर्थन करने लगीं हैं - तो उन्हें प्रेसीडेंट के पद पर बने रहने का कोई नैतिक हक नहीं है । ऐसा मानने और कहने वाले सदस्यों का यह भी कहना है कि सारिका यादव को इस्तीफे का ऑफर देने की बजाए प्रेसीडेंट पद से इस्तीफा देना चाहिए । ऑफर से ऐसा लग रहा है जैसे कि वह प्रेसीडेंट पद पर बने रहना चाहती हैं, और इस्तीफे का सिर्फ नाटक कर रही हैं । मजे की बात यह है कि ऐसा कहने वाले सदस्यों में ही कुछेक को यह भी लग रहा है कि इस्तीफे के ऑफर के नाटक के जरिए सारिका यादव प्रेसीडेंट का पद बहुत संभव है कि बचा भी लें ।