नई दिल्ली । छह जून को हो रही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स
की मीटिंग में अपने अपमान के 'मुद्दे' के पक्ष में समर्थन जुटाने की
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रवि चौधरी की कोशिशों का जिस तरह उल्टा ही असर होता हुआ
दिख रहा है, उसके कारण लग रहा है कि रवि चौधरी को मीटिंग में खुद ही फजीहत का ही
शिकार होना पड़ेगा । उल्लेखनीय है कि छह जून को हो रही काउंसिल ऑफ
गवर्नर्स की मीटिंग पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय अग्रवाल की माँग पर
बुलाई जा रही है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय भाटिया के
डिस्ट्रिक्ट असेम्बली कार्यक्रम में रवि चौधरी के हुए अपमान को मुख्य
विषय/मुद्दे के रूप में तय किया गया है । समझा जाता है कि विनय अग्रवाल ने
यह 'माँग' रवि चौधरी के कहने पर ही की है, ताकि उन्हें काउंसिल ऑफ गवर्नर्स
की मीटिंग में विनय भाटिया और उनके गवर्नर-काल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर
विनोद बंसल की किरकिरी करवाने का मौका मिले । दरअसल रवि चौधरी ने पाया और
महसूस किया कि डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में विनय भाटिया और विनोद बंसल की जोड़ी
ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके साथ जो और जैसा व्यवहार किया, उसे
अधिकतर पूर्व गवर्नर्स ने उचित नहीं माना और इसके लिए विनय भाटिया और विनोद
बंसल की आलोचना ही की । यह देख कर रवि चौधरी खासे उत्साहित हुए और
उन्हें लगा कि इस मुद्दे पर वह विनय भाटिया और विनोद बंसल की किरकिरी करवा
सकते हैं । कई पूर्व गवर्नर्स अलग अलग कारणों से विनय भाटिया और विनोद बंसल
से चूँकि खफा भी हैं, लिहाजा उन्हें यदि 'मौका' मिलेगा, तो वह उनके प्रति
अपनी नाराजगी का नजला उतारने से चूकेंगे नहीं । इस तरह, रवि चौधरी को विनय
भाटिया और विनोद बंसल से हिसाब 'बराबर' करने का अच्छा मौका जान पड़ा, और
उन्होंने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय अग्रवाल के जरिये कुछेक और शिकायतों को मुद्दा बनाते हुए
काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने की माँग करवा दी - काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग बुलाने से अभी तक बचते रहने वाले रवि चौधरी ने
आश्चर्यजनक रूप से
तुरंत ही विनय अग्रवाल की माँग 'स्वीकार' भी कर ली ।
रवि चौधरी
लेकिन यह देख कर सकते में हैं कि जिस मीटिंग को उन्होंने विनय भाटिया और
विनोद बंसल की किरकिरी करने/करवाने के लिए बुलाया/बुलवाया है, उसमें उल्टे
उन्हीं की फजीहत होने के हालात बन रहे हैं । दरअसल अधिकतर पूर्व गवर्नर्स
विनय भाटिया और विनोद बंसल के कार्यकलापों से नाखुश हैं, तो वह रवि चौधरी
की कारस्तानियों से तो और भी ज्यादा खफा हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के
रूप में रवि चौधरी के कार्यकलापों से तो पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स नाराज
हैं ही, डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में अपने तथाकथित अपमान को लेकर उन्होंने जो
तमाशा किया, उसे भी अधिकतर पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने बेहूदेपन और
लफंगेपन के सुबूत के रूप में देखा/पहचाना है । अधिकतर पूर्व डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर्स का मानना और कहना है कि विनय भाटिया और विनोद बंसल की जोड़ी ने जो
किया है, वह तो आपत्तिजनक है ही; लेकिन उसकी प्रतिक्रिया में रवि चौधरी ने
जो उत्पात मचाया और गाली-गलौच भरी भाषा का जैसा जो इस्तेमाल किया, वह तो और
भी ज्यादा शर्मनाक है । रवि चौधरी को आभास हो चला है कि कॉलिज ऑफ
गवर्नर्स की मीटिंग में विनय भाटिया की डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में हुई
'घटना' को लेकर विनय भाटिया और विनोद बंसल के रवैये की आलोचना होगी, तो
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके व्यवहार को भी पूर्व डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर्स की आलोचना का शिकार होना पड़ेगा । इस तरह रवि चौधरी को
डिस्ट्रिक्ट असेम्बली में हुई घटना में विनय भाटिया और विनोद बंसल की
किरकिरी करने/करवाने का आपने दाँव उल्टा ही पड़ता नजर आ रहा है ।
उल्लेखनीय
है कि विनय भाटिया के डिस्ट्रिक्ट असेम्बली के अधिकृत कार्यक्रम से पिछली
शाम/रात हुए टॉक-शो व रात्रि-भोज के आयोजन में रवि चौधरी इस बात पर बुरी
तरह भड़के, कि कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया और
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें रिकॉग्नाइज तक नहीं किया गया । पूर्व
इंटरनेशनल प्रेसीडेंट केआर रवींद्रन के मुख्य आतिथ्य में हुए इस आयोजन
में सिर्फ केआर रवींद्रन तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता को ही
रिकॉग्नाइज किया गया और उन्हें ही बुके देकर सम्मानित किया गया । यह नजारा
देख कर रवि चौधरी के तो तन-बदन में आग ही लग गई; केआर रवींद्रन जब तक
कार्यक्रम में मौजूद रहे, तब तक तो रवि चौधरी ने किसी तरह तन-बदन में लगी
आग की जलन पर जैसे-तैसे काबू रखा - लेकिन केआर रवींद्रन के कार्यक्रम-स्थल
से जाते ही रवि चौधरी अपनी असली 'औकात' पर आ गए और फिर उन्होंने विनय
भाटिया और विनोद बंसल के साथ जमकर तू-तड़ाक किया । अपने अपमान के लिए रवि
चौधरी ने विनोद बंसल को जिम्मेदार ठहराया । विनोद बंसल ने सफाई देने की भी
कोशिश की कि यह कोई डिस्ट्रिक्ट असेम्बली का अधिकृत कार्यक्रम नहीं था, और
केआर रवींद्रन ने ज्यादा औपचारिकता निभाने से मना किया हुआ था - इसलिए
प्रोटोकॉल न अपनाए जाने का आरोप इसमें नहीं बनता है । इस तरह की बातें
और तर्क सुन कर रवि चौधरी और भड़क गए तथा फिर वह गाली-गलौच भरी भाषा का और
भी ज्यादा इस्तेमाल करने लगे । मामले को ज्यादा बढ़ता और बिगड़ता देख विनोद
बंसल ने रवि चौधरी से माफी माँगने की भी कोशिश की, लेकिन रवि चौधरी अपनी
'असलियत' दिखाने से बाज ही नहीं आए और तमाशा करते रहे ।
बाद
में रवि चौधरी को यह देख/जान कर और उत्साह मिला कि कई लोगों ने, खासकर
पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स ने रवि चौधरी की 'शिकायत' को उचित ही
माना/बताया और संदर्भित कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन न होने के लिए
विनय भाटिया और विनोद बंसल की आलोचना की । इससे रवि चौधरी को आईडिया आया
- या किसी ने उन्हें यह आईडिया दिया - कि मामले में काउंसिल ऑफ गवर्नर्स
की मीटिंग बुलवा कर वह विनय भाटिया और विनोद बंसल की लानत-मलानत कर/करवा
सकते हैं । सो, रवि चौधरी ने पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय अग्रवाल को काम पर लगाया और विनय अग्रवाल की माँग पर छह जून को काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग हो रही है । रवि चौधरी लेकिन यह देख/सुन/जान कर परेशान हो उठे हैं कि डिस्ट्रिक्ट असेम्बली से जुड़े एक कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का पालन न करने के लिए यदि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट विनय भाटिया और उनके डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर
विनोद बंसल की आलोचना होगी, तो काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में पूर्व
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स रवि चौधरी के व्यवहार को लेकर भी आपत्ति दर्ज करेंगे ।
दरअसल अधिकतर पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को एक तरफ यदि विनय भाटिया व विनोद बंसल के रवैये पर ऐतराज है, तो दूसरी तरफ रवि चौधरी के व्यवहार को भी वह शर्मनाक और आपत्तिजनक मानते हैं । जाहिर है कि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग के रूप में रवि चौधरी ने विनय भाटिया व विनोद बंसल के लिए जो गड्ढा खोदा है, उसमें उल्टे खुद वही गिरते नजर आ रहे हैं ।